Sex Stories Archive for January, 2005

मेरा राज़ और चूत चुदाई

उसने तुरन्त उपने होन्ठ मेरी चूत से चिपका दिये। मेरे मुख से आह निकल गयी। मैंने अपनी पैन्ट नीचे से पूरी उतार दी। फिर अपना टोप भी उतार दिया। अपनी चूत को मैं अब जोर लगा कर उसके होंठो से रगड़ मार रही थी।

दिल्ली काल बोय की चुदाई-3

मुझे लेकर बेडरूम में आ गई और मेरी शर्ट उतारने लगी तो मैंने भी उसके ब्लाउज़ के हुक खोल कर उतार दिया और साड़ी भी उतार दी, तो मैंने देखा उसके शरीर की आकृति काफी शानदार थी 32 -38 -36। मैंने उसकी ब्रा उतार कर उसके भूरे चूचुक को जीभ से चाटा

जब मैंने उसकी कोख भरी

मेरा नाम अमित है. मैं 24 साल का कालबोय हूँ. मेरे लंड का साइज 8′, मोटाई 3′ है. मैं आपको अपनी एक सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ. एक बार मुझे एक मेल मिली. जिसमे एक महिला ने अपना फ़ोन नम्बर दिया हुआ था. मैंने उस नम्बर पर सम्पर्क किया तो उधर से एक भारी […]

चाची की प्यास बुझाई

मेरा नाम सुरेश है और मैं नोएडा में अपने परिवार समेत रहता हूँ। मेरे एक ही चाचा हैं और वो हमसे अलग घर में रहते हैं। उनकी शादी को लगभग पंद्रह साल हो चुके हैं और दो बच्चे भी हैं। पहले हमारी और चाचा जी की कोई खास बातचीत नहीं होती थी क्योंकि मेरे चाचा […]

मैं और मेरी भाभी गर्लफ्रेंड

वो मेरे करीब बैठ जाती थी लेकिन कभी भी ग़लत हरकत नहीं की। उसके बाद जब उसे लगा कि मैं कुछ समझ नहीं पा रहा हूँ, तो उसने खुलकर आई लव यू ! भी बोल दिया लेकिन मैं समझ नहीं पाया फिर उसने मुझे कई बार बाहर घूमने के लिए बुलाया और मैं भी चला गया।

मेरी प्यारी मामी की चूत में मेरा लंड

मैंने मामी को गले लगाया, तब मामी सिर्फ़ ब्रा और पेटीकोट में ही थी, मेरा लण्ड तना हुआ था, जैसे ही मैंने उनको गले लगाया तो मेरा लण्ड उनकी फुद्दी को छू रहा था।

शरण की लूँ तो कैसे

उसको पहले दर्द हुआ फ़िर मज़ा आने लगा। उसने भी अपनी गांड ऊपर उठा के झटके देने शुरू कर दिए। मैंने उसकी गांड को पकड़ लिया और जोर से अपना लंड उसकी बच्चेदानी तक ले गया। वो फिस फिस करने लगी।

कुंवारी पड़ोसन लड़की को चोदा

मैंने उसके चेहरे को पकड़ कर अपनी तरफ घुमाया तो उसने मेरा हाथ झटक दिया। मैंने फिर पूछा- हम दोनो ही कुंवारे हैं और आज अच्छा मौका है। तुम भी जवान हो और मैं भी। घर पर भी कोई नहीं है। हमें ट्राइ करना चाहिए।'

अतृप्त पड़ोसन की तृप्ति-2

On 2005-01-02 Category: पड़ोसी Tags: Oral Sex, गांड

कई दिनों तक उसकी चूत चोदने के बाद मुझे उसकी उभरी गाण्ड में लण्ड डालने की जबरदस्त इच्छा होने लगी। पर जब भी मैं उसकी गाण्ड में लण्ड डालने की बात करता, वो मुझे मना कर देती कि इसमें बहुत दर्द होगा। पर मैं भी कहाँ मानने वाला था।

अस्पताल में इलाज़

On 2005-01-01 Category: Office Sex Tags: गांड, चुदास, चुम्बन

मैं मुसकराती हुयी बाहर चली आयी। मुझे लगा आज काम फ़िट हो गया। मुझे उसके हाथों का स्पर्श अभी भी महसूस हो रह था। दिल में एक गुदगुदी सी उठ रही थी। मेरे जिस्म में वासना जागने लगी। मेरा दिल अब उस से अकेले में मिलने को आतुर हो उठा।

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