Sex Stories Archive for January, 2008

हमारी किरायेदार

On 2008-01-31 Category: पड़ोसी Tags:

मेरा नाम राहुल है, बीस साल का हूँ, मैं महाराष्ट्र में कोल्हापुर में रहता हूँ और सांगली के कॉलेज में पढ़ता हूँ। मैं अन्तर्वासना का बहुत बड़ा प्रशंसक हूँ। मैं इसे पिछले एक साल से पढ़ रहा हूँ और जो कहानी मैं अब आपके सामने ला रहा हूँ वो एक सच्ची कहानी है और कुछ […]

अकेले मज़ा लोगे?

On 2008-01-30 Category: गे सेक्स स्टोरी Tags:

आप सभी को मेरा यानि अमित का नमस्कार ! मैं आप लोगों को अपनी जिंदगी की सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ कि कैसे मुझे चूत और गांड मारने का शौक लगा। हमारे ही घर में किराएदार रहते थे विक्रम और सुनयना। विक्रम कॉलेज में पढ़ता था और सुनयना एक कंप्यूटर कंपनी में जॉब करती […]

अकेली मत रहियो

भरी वर्षा में उसकी चुदाई मुझे आज तक याद आती है। काश आज पचास की उमर में भी ऐसा ही कोई हरा भरा जवान आ कर मुझे मस्त चोद डाले... मेरे मन की आग बुझा दे...

यौन क्षुधा यानि चूत चुदाई की प्यास

आज शाम को फ़िजां में थोड़ी ठण्डक हो गई। मैं अपना छोटा सा कुर्ता पहन कर छत पर आ गई। ऊपर ही मैंने ब्रा और चड्डी दोनों उतार दी और एक तरफ़ रख दी। मेरी टांगों के बीच ठण्डी हवा के झोंके टकराने लगे।

देखने-पढ़ने से मन नहीं भरता अब-8

On 2008-01-27 Category: पड़ोसी Tags:

प्रेषक : मुन्ना भाई एम बी ए किरण तो परम आन्न्द प्राप्त कर निढाल सी लेट गई थी, इधर मेरा लण्ड थोड़ा मुर्झाया सा लटक रहा था जैसे किसी बच्चे को बिना वजह डांटा गया हो और वो गर्दन झुकाए खड़ा हो। मैंने किरण से अपने लण्ड की तरफ इशारा करते हुए कहा- देखो इसे […]

देखने-पढ़ने से मन नहीं भरता अब-7

On 2008-01-26 Category: पड़ोसी Tags:

प्रेषक : मुन्ना भाई एम बी ए फिर वो अपने घुटने के बल मेरे लण्ड के सामने बैठ गई, उसने मेरे लण्ड को एक हाथ से हलके से पकड़ा। मैंने उससे कहा- जरा ताकत लगा कर पकड़ो इसे ! और ऊपर नीचे करो ! यही सब कुछ है। वो धीरे-धीरे मुठ मारने लगी। फिर मैंने […]

देखने-पढ़ने से मन नहीं भरता अब-6

On 2008-01-25 Category: पड़ोसी Tags:

प्रेषक : मुन्ना भाई एम बी ए आज मैं जल्दी ऑफिस आ गया क्योंकि कुछ फाइल्स लेकर मुझे मुम्बई जाना था। करीब 10-20 पर किरण का फोन आया, उसने बताया- भाभी-भैया अभी ऑफिस के लिए निकल चुके हैं, आप आ जाइए। मैंने उससे कहा- यार, मेरी भाभी भी तो हैं, मैं क्या बहाना बनाउंगा? तो […]

देखने-पढ़ने से मन नहीं भरता अब-5

On 2008-01-24 Category: पड़ोसी Tags:

प्रेषक : मुन्ना भाई एम बी ए लखनऊ 9-7-2010 समय: 10-30 सुबह आज ऑफिस आने में कुछ देर हो गई। आते ही मैंने अपने असिस्टेन्ट को बुला कर आज के काम की लिस्ट मंगाई, फिर मैंने काम के अनुसार असिस्टेन्ट को सब कुछ समझा दिया और कहा कि आज मुझे 1 बजे एक खास मीटिंग […]

देखने-पढ़ने से मन नहीं भरता अब-4

On 2008-01-23 Category: पड़ोसी Tags:

प्रेषक : मुन्ना भाई एम बी ए लखनऊ 8-7-2010 समय: 1-30 शाम आज मुझे अपनी गाड़ी की सर्विसिंग करानी थी इसलिए मैं ऑफिस से जल्दी ही निकल गया था। गाड़ी सर्विस कराने के बाद मैं घर पहुचा। मैं अभी लंच लेने के बाद सोने की सोच ही रहा था कि बाहर किसी ने दरवाज़ा खटखटाया। […]

देखने-पढ़ने से मन नहीं भरता अब-3

On 2008-01-22 Category: पड़ोसी Tags:

प्रेषक : मुन्ना भाई एम बी ए लखनऊ 2-7-2010, समय: 9-30 शाम आज सुबह मैं जल्दी ही तैयार हो गया, बाइक बाहर निकाली और किरण को बुलाने के लिए उसके घर की घंटी बजा दी। वो तैयार ही थी, तुरन्त बाहर आ गई और साथ में राधा भाभी भी ऑफिस के लिए तैयार हो कर […]

देखने-पढ़ने से मन नहीं भरता अब-2

On 2008-01-21 Category: पड़ोसी Tags:

प्रेषक : मुन्ना भाई एम बी ए सुरेश मुस्कराते हुए बोला- वाह… और फिर राधा भाभी सुरेश के होठों को चूमने लगीं और फिर अपने पीठ के बल चित्त लेट गई। इसके बाद सुरेश ने सामने से नाइटी खोल दी और एक चूची को चूसने लगा और अपने एक हाथ से उसकी चूत की खुजली […]

देखने-पढ़ने से मन नहीं भरता अब-1

On 2008-01-20 Category: पड़ोसी Tags:

प्रेषक : मुन्ना भाई एम बी ए(यह नाम पाठकों द्वारा सुझाया गया है) गुरू जी, यदि आपने मेरी कहानी स्पर्म थैरेपी न प्रकाशित की होती तो आज शोहरत के इस मुक़ाम पर शायद न होता जहाँ आपकी वजह से हूँ, आप को शत शत प्रणाम एवं धन्यवाद। सभी पाठकों को मुन्ना भाई एम बी ए […]

दो दोस्तों की प्रेम कहानी

On 2008-01-15 Category: गे सेक्स स्टोरी Tags:

प्रेषक : अजय शर्मा मेरा नाम अजय है, मैं २० साल का हूँ। अपने कंप्यूटर पर मैं बहुत की व्यस्क साईट देखता हूँ और अपने दोस्तों को भी बताता हूँ। कुछ समय पहले मैंने गे साईट भी देखना शुरू किए हैं। उन्हें देखने के बाद मैं जैसे गे बन गया हूँ पर मैं लड़कियों के […]

तीसरा कौन ?

On 2008-01-14 Category: रिश्तों में चुदाई Tags:

प्रेषक : किंजल पटेल सबसे पहले मेरे लंड की ओर से सभी भोसड़ों को सलाम। मेरा नाम विशाल मेरी उम्र 20 साल है। अन्तर्वासना में यह मेरी पहली कहानी है। मैं अन्तर्वासना को बहुत पसन्द करता हूँ इसलिये सोचा कि मैं भी अपनी सच्ची कहानी अन्तर्वासना में लिखूँ। आपका ज्यादा समय न लेते हुए कहानी […]

बारिश में बह गए मैडम के जज्बात-2

प्रेषक : आदित्य पटेल पर फिर मैंने तर्क दिया कि जब इतना कुछ हो गया है, आपने मेरा सामान भी हाथ में ले लिया तो गुरु-शिष्य वाली बात तो कब से ख़त्म हो गई, और इसमें बुरा क्या है? कुछ देर सोचने के बाद मैडम ने मुझे चूमना शुरू कर दिया… थोड़ी देर बाद मेरे […]

बारिश में बह गए मैडम के जज्बात-1

प्रेषक : आदित्य पटेल दोस्तो, जवानी के फेर में न चाहते हुए भी कई बार ऐसा हो जाता है जो कभी होना नहीं चाहिए या फिर यूँ कहें कि यह सभ्य समाज के लिए अच्छा नहीं है… बात उन दिनों की है जब मैंने जवानी की दहलीज पर पहला कदम ही रखा था और मुझे […]

चाची के घर में-2

On 2008-01-11 Category: चाची की चुदाई Tags:

प्रेषक : राजेश अय्यर मेरे प्यारे दोस्तो और देवियो व भाभियो, आपने पहला भाग पढ़ा तो शायद उसमे कुछ झूठ नहीं लगा होगा क्योंकि यह मेरे घर की ही सच्चाई है। अब चाची बिगड़ी हुई है तो बेटियां भी बिगड़ी ही होंगी न …. मैं अपनी दोनों बहनों की चूत का स्वाद ले ही चुका […]

दोस्ती का उपहार-3

On 2008-01-10 Category: कोई मिल गया Tags:

प्रेषक : विनय पाठक मैं आपको अपनी पिछली कहानी में बता चुका हूँ कि कैसे मैंने अपनी टीम की लड़की को गांव की चौपाल पर चोदा और फिर कैसे चौपाल के पीछे वाले घर में रहने वाली कजरी भाभी ने मुझे छत पर से चुदाई करते देखा और मुझे ब्लैकमेल कर अपनी चूत मरवाई। आज […]

दोस्ती का उपहार-2

On 2008-01-09 Category: कोई मिल गया Tags:

दोपहर बाद जब सब खाना खाने के लिये जाने लगे तो मैंने उसे छेड़ने के लिये कहा- तुम्हें कुछ याद है नीतू? उसने कहा- क्या सर? मैंने कहा- कल तुमने मुझे कुछ देने के लिये कहा था ! तो उसने नादान बनते हुये मुझे छेड़ते हुए कहने लगी- मुझे तो कुछ भी याद नहीं है […]

दोस्ती का उपहार-1

On 2008-01-08 Category: कोई मिल गया Tags:

दोस्तो, मेरा आप सभी को लण्ड हाथ में लेकर प्यार भरा नमस्कार। मैं पहले ही बता चुका हूँ कि मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। मै अपने बारे में फिर से बताना चाहूँगा क्योंकि मैं जानता हूँ कि हर रोज अन्तर्वासना के पाठक बढ़ रहे हैं और हो सकता है आज फिर कोई नया पाठक […]

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