Sex Stories Archive for July, 2009

आकर्षण- 7

बीच बीच में वो मुझे प्रेम भरे चुम्बन देता… धीरे धीरे उसके धक्के तेज़ होने लगे … चूत में मुझे खिंचाव महसूस होने लगा… खुद ब खुद मैं उसके धक्कों से ताल से ताल मिला कर… उसका ज्यादा से ज्यादा लण्ड अपने भीतर लेने की कोशिश करने लगी… मेरी कोमल काया, उसके पसीने से भरे […]

सहपाठिका को बाज़ार में चोदा

नमस्कार दोस्तो, मैं हूँ अभिषेक और मैं 18 साल का लंबा, हट्टा-कट्टा पंजाबी लड़का हूँ। मैंने यहाँ काफ़ी कहानियाँ पढ़ीं हैं, पर अपना अनुभव आज पहली बार लिखने जा रहा हूँ। वैसे मैं कोई चुद्दकड़ तो नहीं हूँ… पर लड़कियाँ मुझ पर काफ़ी लट्टू रहती हैं… आगे बढ़ते हैं, मैं अपने स्कूल में सबसे फिट […]

एक के साथ दूसरी मुफ़्त-2

On 2009-07-11 Category: कोई मिल गया Tags:

प्रेषक : संजय शर्मा उसने मुझे कहा- अंदर अलमारी में मेरे बॉय फ्रेंड का सूट रखा है, वही पहन लो। यह कह कर वो दोनों अपने अगले पेग को ख़त्म करने में लग गई। मैं अंदर गया पर मुझे वो सूट नहीं मिला तो मैंने अपनी दोस्त को आवाज़ दी। थोड़ी देर में वो अंदर […]

एक के साथ दूसरी मुफ़्त-1

On 2009-07-10 Category: कोई मिल गया Tags:

दोस्तो, मेरी कहानियों को पढ़ कर आपने जो मेल किये उसके लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद। आप लोगों के प्रोत्साहन के कारण मैं आप लोगों के सामने अपनी नई कहानी लेकर आया हूँ, आशा करता हूँ कि मेरी पिछली कहानियों की तरह यह भी आपको संतुष्ट कर पायेगी। सेक्स मेरी कमजोरी है और सेक्स के […]

भाभी की ट्यूशन

On 2009-07-09 Category: पड़ोसी Tags:

प्रेषक : समीर रंजन मेरा नाम समीर है, मैं लखनऊ में रहता हूँ, 27 साल का हूँ ! मैं इससे पहले कई कहानियाँ अन्तर्वासना.कॉम पर लिख चुका हूं। मैं आज आपको अपनी जिंदगी की सबसे प्यारी घटना बताता हूँ जो आज से कुछ साल पहले गलती से हुई। यह बिल्कुल सच्ची घटना है, चाहे आप […]

सील तोड़ने का मजा

On 2009-07-08 Category: पड़ोसी Tags:

मैं संदीप पुणे का रहने वाला हूँ, मेरी उम्र 26 साल है, दिखने मे हट्टा-कट्टा हूँ, मैं एक सच्ची कहानी आपको बताने वाला हूँ। लेकिन उससे पहले मैं आपको अपने लण्ड के बारे में बताता हूँ, मेरा लण्ड 7 इंच लंबा है और खुदा की देन मानो वो नई कोरी चूत सील तोड़ने के लिए […]

गोवा में मज़ा

प्रेषक : अमन खान मैं हूँ आप सबका दोस्त अमन, आपके सामने मैं यह दूसरी कहानी लेकर आया हूँ। पिछले साल मैं गोवा घूमने के लिये गया। मैंने अपनी फलाइट जयपुर से ली और मैं दोपहर ठीक दो बजे गोवा पहुँच गया और अपने होटल की ओर चल दिया एअरपोर्ट कैब से। पहले दिन तो […]

चाहत का इन्तज़ार

हमारे गाँव में पवन के पिताजी की करियाने की दुकान थी। वह अपने पिताजी की तरह मोटू व अकड़ू था। मेरे पिताजी नगर की नगरपालिका में क्लर्क थे, रोज छः किलोमीटर साइकिल चला कर दफ़्तर जाते और शाम को घर लौटते। पवन के अतिरिक्त हमारे साथ में वह भी खेलती थी- पड़ोस की हमउम्र नाजुक-नरम […]

नफीसा का प्रेम

On 2009-07-05 Category: गुरु घण्टाल Tags:

प्रेषक : समीर दीक्षित दोस्तो, यह मेरी पहली कहानी है। आशा करता हूँ कि आप लोग इसे पसंद करेंगे। मेरा नाम समीर है, मैं हरियाणा का रहने वाला हूँ, मेरा कद 6 फ़ीट है। यौन इच्छाएँ मेरे अन्दर इतनी कू- कूट कर भरी हैं कि आज मैं उनकी वजह से सेक्स में बहुत प्रैक्टिकल हो […]

आकर्षण- 6

लेखिका : वृंदा मुझे अपने टांगों के बीच कुछ रिसता हुआ सा महसूस हो रहा था… मेरी अन्तर्वासना मुझे सारी हदें भूल जाने को कह रही थी.. मैं इसी उधेड़बुन में थी कि तभी वो आगे बढ़ा, उसने मुझे बिस्तर पर धकेल दिया और मेरे ऊपर चढ़कर.. मुझे ज़ोरदार चुम्बन करने लगा.. मैं उसके होंठों […]

आकर्षण-5

लेखिका : वृंदा वेदांत मेरे पास आया.. उसने मुझे गले लगा लिया.. उसकी तरफ देख कर बोला… : दोस्त है यह मेरी, प्यार करता हूँ इससे.. हाथ तो क्या आँख भी उठाई ना.. तो उस दिन के बाद किसी और को नहीं देख पायेगा तू…!!! मेरी आँखें भर आई थी… पर साथ साथ होंठों पर […]

तीन चुम्बन-5

तीसरा चुम्बन : मिक्की ने हिचकिचाते हुए पहले तो उसने अपनी नाज़ुक अंगुलियों से उसे प्यार से छुआ और फिर अन्डरवीयर नीचे खिसकाते हुए मेरे लण्ड को पूरा अपने हाथों में भर लिया और सहलाने लगी। मेरे लण्ड ने एक ठुमका लगते हुए उसे सलामी दी और पत्थर की तरह कठोर हो गया। अब मिक्की […]

आकर्षण-4

लेखिका : वृन्दा अब धीरे धीरे मेरे शरीर में भी बदलाव होने लगे.. झांघें जो पहले तिलियों सी पतली थी अब थोड़ी भर गई.. ऊपरी हिस्से में भी काफी बदलाव हुए… छाती.. स्तनों के रूप में उभरने लगी.. एक गोल्फ बाल जितना आकार लेने लगी… और मैं खुद को अच्छी लगने लगी.. घर में ज्यादातर […]

तीन चुम्बन-4

दोस्तों, आज दिन भर मैं ऑफिस में सिर्फ मिक्की के बारे में ही सोचता रहा। कल जिस तरह से खूबसूरत घटनाएँ हुई थी, मेरे रोमांच का पारावार ही नहीं था। इतना खुश तो मैं सुहागरात मना कर भी नहीं हुआ था। मैं दिन भर इसी उधेड़बुन में लगा रहा कि कैसे मिक्की और मैं एक […]

आकर्षण-3

लेखिका : वृन्दा बस इसी तरह समय बीतता रहा.. हम समय के साथ बड़े हो रहे थे.. हम दोनों ही यौवन द्वार पर खड़े थे… वो दिन मेरे लिए बेहद कठिन था.. मेरे जीवन की पहली माहवारी.. सुबह से ही टांगों और पेट में दर्द हो रहा था.. जैसे कोई आरी से काट रहा हो… […]

तीन चुम्बन-3

रति-द्वार दर्शन : जब मैं रमेश और सुधा को स्टेशन छोड़ कर वापस आया तो लगभग साढ़े ग्यारह बज चुके थे। मिक्की गेस्टरूम में सो चुकी थी। मैंने उस रात मधु को दो बार कस कस कर चोदा और एक बार उसकी गांड भी मारी। आज जिस तरीके से मैंने मधु को रगड़ा था मुझे […]

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