Sex Stories Archive for September, 2009

दोस्त से कराई बहन की चुदाई

प्रेषक : प्रतीक दोस्तो, मेरा नाम प्रतीक है, अन्तर्वासना का बहुत पुराना पाठक हूँ। बहुत दिनों से मैं अपने जीवन की कहानी आप सभी लोगो के सामने प्रस्तुत करना चाहता था पर डरता था। और लोगों की कहानियाँ सच्ची हैं या झूठी, मैं नहीं बता सकता पर मेरी कहानी सौ प्रतिशत सच है। बात उन […]

हेड गर्ल बनने के लिए-4

मैंने गहरी सांस ली जिससे मेरी छाती उभर कर आई- सब संभाल लूँगी सर! आप मौका दो, फिर देखना, मैं हर चीज़ को उसकी जगह रख कर आगे बढ़ने वालों में से हूँ।

हेड गर्ल बनने के लिए-2

'तेरी कातिल गाण्ड का दीवाना हो गया हूँ!' उसने दूसरी उंगली भी घुसा दी और फिर उसने मेरे मुँह में लण्ड घुसा कर कहा- पूरे गंदे तरीके से थूक थूक कर चाटो!

हेड गर्ल बनने के लिए-1

उसने मुझे सीधी लिटाया और बीच में बैठ सुपारे को दाने से रगड़ा तो मस्ती के मारे मेरी आँखें बंद हो गई और उसने मेरे होंठ अपने होंठों में लेते हुए झटका दिया।

बीच रात की बात-2

उसका लण्ड मेरी चूत में जहाँ तक घुस रहा था वहाँ तक आज तक किसी का लण्ड नहीं पहुँचा था.. ऐसा में महसूस कर सकती थी.. मेरी चूत तब तक दो बार झड़ चुकी थी... और बहुत चिकनी भी हो गई थी...इसलिए अब उसका लण्ड फच फच की आवाजें निकाल रहा था... मैं फिर से झड़ने वाली थी.. मगर उसका लण्ड तो जैसे कभी झड़ने वाला ही नहीं था...

बीच रात की बात-1

अब मैं आपके सामने अपनी एक और चुदाई का किस्सा पेश कर रही हूँ, यह बात तब की है जब हम अपने घर की मरम्मत करवा रहे थे, जिसके लिए बहुत सारे मजदूर लगे थे। उनमें से एक हमारे घर के पीछे बनी शेड के पास कमरे में रहता था। एक रात को नींद नहीं आ रही थी तो मैं अपने कमरे से बाहर आ गई। थोड़ी देर टहलने के बाद मैं उस शेड की तरफ आ गई जिस तरफ वो मजदूर रहता था..

चरित्र बदलाव-9

मैंने दरवाजा बंद कर दिया और सोनम की तरफ देखा तो सोनम के चेहरे पर एक शर्म थी जो मुझे अच्छी लगी. मैं सोनम के करीब गया और उसे कस कर बाहों में जकड़ लिया.

चरित्र बदलाव-8

मैंने बाथरूम के दरवाजे को धकेला तो मैं अंदर का नजारा देखता ही रह गया, अंदर मनीषा नहा रही थी और उसने उस वक्त कुछ भी नहीं पहना हुआ था.

भाभियों का दुःख

On 2009-09-02 Category: Hindi Sex Story Tags: इंडियन भाभी

सुनिये जी ! कल रात फिर आपसे भूल हो गई है । इतनी जल्दबाजी में क्यूं रहते हैं ? वैधानिक चेतावनी: अविवाहित व्यस्क इस व्यंग्य लेख को माँ-बाप से छिप कर पढ़ें (क्योंकि पढ़े बिना तो आप मानोगे नहीं) सवेरे-सवेरे अनुलोम-विलोम, कपालभाति आदि निबटा कर जब चाय के साथ दुनिया जहान की खबरें पढने बैठता […]

मेरे दोस्त की बीवी-4

प्रेषक : नवीन सिंह मैंने रात को ही रचित को फोन किया- लाइन साफ़ है, कल का कार्यक्रम तय है भाई ! और फोन सुजाता के कान में लगा दिया। वो बोला- ठीक है भाई, कल देख तू तेरे बीवी को कैसे चोदता हूँ। वो बोलेगी कि मजा आ गया, ऐसा कभी नवीन ने कभी […]

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