Sex Stories Archive for May, 2013

सलमा और इरफ़ान के चुटकुले-4

On 2013-05-05 Category: हास्य रस- चुटकुले Tags:

सलमा- तुम्हारे कितने भाई-बहन हैं? इरफ़ान- मैं अकेला ही हूँ। सलमा- क्यूँ? बाप में दम नहीं था क्या? इरफ़ान- तो तुम बताओ कि तुम्हारे कितने भाई-बहन हैं? सलमा- सात ! इरफ़ान- क्यूँ? तेरे बाप को और कोई काम नहीं था क्या? *** एक बार सलमा का ऐक्सीडेंट हो गया तो इरफ़ान ने उसे खून दिया। […]

कमाल की हसीना हूँ मैं-13

On 2013-05-05 Category: रिश्तों में चुदाई Tags:

दोनों भाइयों ने लगता है दूध की बोतलों का मुआयना करके ही निकाह के लिये पसंद किया था। नसरीन भाभी के निप्पल काफी लंबे और मोटे हैं, जबकि मेरे निप्पल कुछ छोटे हैं। अब हम चारों एक दूसरे की जोड़ी को निहार रहे थे। पता नहीं टीवी स्क्रीन पर क्या चल रहा था। सामने लाईव […]

कमाल की हसीना हूँ मैं-12

On 2013-05-04 Category: रिश्तों में चुदाई Tags:

मैं सैक्स की भूखी किसी चुदक्कड़ वेश्या की तरह छटपटा रही थी उनके लंड के लिये। “एक मिनट ठहरो।” कहकर उन्होंने मेरा गाउन उठाया और मेरी चूत को अच्छी तरह साफ़ करने लगे। यह जरूरी भी हो गया था, मेरी चूत में इतना रस निकला था कि पूरी चूत चिकनी हो गई थी। उनके इतने […]

सलमा और इरफ़ान के चुटकुले-3

On 2013-05-03 Category: हास्य रस- चुटकुले Tags:

सुहागरात सलमा और इरफ़ान की शादी हुई, पहली रात सुहागरात थी. सुहागरात के लिए सलमा अपनी आरामगाह में थी कि तभी इरफ़ान कमरे में दाखिल हुआ. उसके हाथ में कामसूत्र कंडोम का पैकेट था. कामसूत्र के पैकेट को देखते ही सलमा अचानक बोल उठी- अरे यह कामसूत्र क्यों ले आये, इससे तो मुझे एलर्जी है.. […]

कमाल की हसीना हूँ मैं-11

On 2013-05-03 Category: रिश्तों में चुदाई Tags:

मैं काफी उत्तेजित हो गई थी। जावेद इतना फोर-प्ले कभी नहीं करता था। उसको तो बस टाँगें चौड़ी करके अंदर डाल कर धक्के लगाने में ही मज़ा आता था। उन्होंने मेरी टाँगें पकड़ कर नीचे की ओर खींचा तो मैं बिस्तर पर लेट गई। अब उन्होंने मेरी दोनों टाँगें उठा कर उनके नीचे दो तकिये […]

समलैंगिक Homosexual Lesbian

On 2013-05-02 Category: हास्य रस- चुटकुले Tags:

एक आदमी की तीन बेटियाँ और एक बेटा था। एक दिन जब वह आदमी अपने घर के बगीचे में बैठा हुआ अखबार पढ़ रहा था। तो उसकी बड़ी बेटी उसके पास आई और बोली- पापा, मैं सोनिया से प्यार करती हूँ, और उसी से शादी करूँगी। पिता आश्चर्य से- मतलब तुम समलैंगिक (Lesbian) हो? चलो […]

कमाल की हसीना हूँ मैं-10

On 2013-05-02 Category: रिश्तों में चुदाई Tags:

मैं उनका हाथ थाम कर बिस्तर से उतरी। जैसे ही उनका सहारा छोड़ कर बाथरूम तक जाने के लिये दो कदम आगे बढ़ी तो अचानक सर बड़ी जोर से घूमा और मैं हाई-हील सैंडलों में लड़खड़ा कर गिरने लगी। इससे पहले कि मैं जमीन पर भरभरा कर गिर पड़ती, फिरोज़ भाईजान लपक कर आये और […]

कमाल की हसीना हूँ मैं -9

शुरू-शुरू में तो मुझे बहुत शर्म आती थी। लेकिन धीरे-धीरे मैं इस माहौल में ढल गई। कुछ तो मैं पहले से ही चंचल थी और पहले गैर मर्द, मेरे ननदोई ने मेरे शर्म के पर्दे को तार-तार कर दिया था। अब मुझे किसी भी गैर मर्द की बाँहों में जाने में ज्यादा झिझक महसूस नहीं […]

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