Sex Stories Archive for September, 2015

बहन की चूत चोद कर बना बहनचोद -3

वो तड़प उठी और बोली- भाई रहने दो ना प्लीज़.. अब और नहीं मैं मर जाऊँगी.. यह तो बहुत मोटा और बड़ा है.. मेरे अन्दर नहीं जाएगा.. मैंने लंड उसके होंठों के पास रखा

मतवाला देवर राजू और भाभी की चुदाई-2

हम दोनों दोस्तों ने न सिर्फ मेरी बीवी की चूत मारी, गांड भी छेदी, फिर दो-2 लंडों को पहले गांड में घुसेड़ा, फिर भी मन नहीं भरा तो चूत में भी दो-2 लौड़ों को ठूंस कर चुदाई की!!!

चूत एक पहेली -2

पूजा हॉस्टल में कमरे से अपनी किसी सहेली के साथ लेस्बीयन सेक्स के इरादे निकली की बत्ती गुल हो गई… तभी उसे एक मर्द ने दबोच लिया… पूजा की तो जान ही निकल गई।

एक भाई की वासना -45

जैसे ही फैजान की नज़र अपनी बहन की नंगी खूबसूरत चूचियों पर पड़ी तो उसने अपने दोनों हाथ मेरे सिर के दोनों तरफ रखे और मेरे सिर को पकड़ कर धक्के लगाते हुए मेरे मुँह को चोदना शुरू कर दिया।

पापा मम्मी की दूसरी सुहागरात -5

पापा का हाथ मम्मी की कमर से होता हुआ उनके पेटीकोट पर जा टिका, पापा ने एक झटके में ही मम्मी के पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया और मम्मी से बोले- सुरभि, थोड़ा कमर उठा ना!

बहन की चूत चोद कर बना बहनचोद -2

नहीं.. आज हम दोनों भाई-बहन नहीं.. एक लड़का और लड़की हैं और हम दोनों को अभी एक-दूसरे की ज़रूरत है.. हम दोनों ने एक-दूसरे का सब कुछ देख लिया है और अगर मैं तुम्हारा भाई नहीं होता.. तो क्या तुम वो सब नहीं करतीं?

मतवाला देवर राजू और भाभी की चुदाई-1

हम पति पत्नी के साथ घटी यह सत्य घटना है. सौभाग्य से मेरे दोस्त का लंड अति विशाल था और जब हमें इसके बारे में पता चला तो हमने उसके लंड से चुदाई की योजना बनाई !

चूत एक पहेली -1

सोचा था कि अब ‘बहन का लौड़ा’ ख़त्म हो गई है.. थोड़ा आराम करूँगी.. मगर आप सभी के इतने ईमेल आ रहे हैं कि नई कहानी लिखो.. तो मुझे दोस्तों की बात माननी ही पड़ी..

मेरा गुप्त जीवन-63

भाभी ने मेरे खड़े लंड को अपनी सफाचट चूत में डाल रखा था और वो ऊपर चढ़ कर मुझको बड़े मज़े से चोद रही थी। धीरे धीरे वो ऊपर नीचे हो रही थी और मेरे होटों को भी झुक कर चूस रही थी।

बहन की चूत चोद कर बना बहनचोद -1

वो आगे को घूम गई और कैमरा को अपनी चूत के सामने ले गई.. क्या हॉट और चिकनी चमेली चूत थी.. उसकी चूत को देख कर ही लग रहा था कि ये अब तक सच में ही कुँवारी है.. मानो मेरे लंड को बुला रही है.. कि आओ और मेरे अन्दर समा जाओ।

एक भाई की वासना -44

उसकी चूत के दोनों लबों को खोलते हुए मैं बोली- जाहिरा तुम्हारी चूत तो कल की बनिस्बत ज्यादा खुली हुई लग रही है.. जैसे किसी ने अपना मोटा लंड तुम्हारी चूत में डाल दिया हो?

अर्चना भाभी की चुदास और चूत चुदाई -2

भाभी के होंठ पर मैंने अपने होंठ रख दिए। अचानक भाभी ने अपने होंठ खोल दिए और मुझसे कसके किस करने लगी, उनका हाथ नीचे मेरे लंड पर आ गया था.. वो लौड़े को सहला रही थी।

मेरा गुप्त जीवन -62

सुमी मेरे ऊपर चढ़ी हुई थी और मेरे लंड को अपनी चूत के अंदर डाल कर हल्के हल्के ऊपर नीचे हो रही थी। सुमी एकदम नंगी थी और मैंने भी जब अपने को देखा तो मैं भी नंगा था। इधर उधर देखा तो कम्मो भी नंगी और साथ ही शांति भी पूरी नंगी थी।

गर्लफ़्रेंड और उसकी सहेली की चूत चुदाई

मेरी गर्लफ़्रेन्ड मुझे अपनी सहेली के जन्मदिन की पार्टी में ले गई, लेकिन वहां हम तीनों ही थे। वाइन पीकर हम तीनों बहक गए और दोनों सहेलियाँ आपस में फ़्रेंच किस करने लगी।

दोस्तों से करवाई प्यारी दीदी की चूत चुदाई -1

अमर उसकी चूत चाट रहा था, विजय उसके होंठों को चूमे जा रहा था, संतोष और पप्पू उसके दोनों चूचों के पीछे पड़े थे, मधुर और राहुल उसके चूतड़ दबा रहे थे।

पापा मम्मी की दूसरी सुहागरात -4

अब पापा ने फिर से मम्मी के गालों को, कभी कोमल अधरों को, कभी उरोजों की घाटी, कभी मम्मी की नरम बाँहों को चूमना चूसना शुरु कर दिया। मम्मी भी अब पापा के सुर सुर मिला रही थी और उनका पूरा साथ दे रही थी, कभी वो पापा के गालों को पुचकारती, तो कभी उनके माथे को चूम लेती।

एक भाई की वासना -43

जाहिरा अपनी आँखें बंद किए हुए पड़ी लंबी-लंबी साँसें ले रही थी। थोड़ी देर के बाद फैजान उठा और अपना पजामा उतार कर अपनी अकड़े हुए लंड को पकड़ कर उसकी चूत के सामने बैठ गया।

अर्चना भाभी की चुदास और चूत चुदाई -1

सबके जीवन में कुछ ना कुछ ऐसा होता है जो एक अच्छी कहानी का शक्ल ले सकता है। मेरे पड़ोस की एक भाभी के साथ मेरे यौन सम्बन्ध हुए, उसी घटना को इस कहानी में लिख रहा हूँ।

मेरा गुप्त जीवन -61

कम्मो ने पड़ोस वाली आंटी और उनकी जवान नौकरानी की चूत चुदाई के बारे में बात की और उनको बुला लिया. कहानी के इस भाग में उन दोनों की चूत चुदाई का विवरण है.

पापा मम्मी की दूसरी सुहागरात -3

जहाँ पापा मम्मी के गुलाबी अधरों का रस पान कर रहे थे, वहीं मम्मी पापा के मुँह का रस पी रही थी और रोमाँच के कारण उनके मुँह से केवल उम्म... उम्ह... उम्ह की सिसकारी रूपी आवाजें निकल रही थी। अब पापा के हाथ मम्मी के ब्लाउज पर आ गए, पापा अपने हाथ मम्मी के उरोजों पर ब्लाउज के ऊपर से ही फिराने लगे।

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