मेरे ब्वॉयफ्रेंड से बहन और अम्मी भी चुदीं- 2

(Hard Sex With Boyfriend)

हार्ड सेक्स विद बॉयफ्रेंड का मजा मैंने अपनी क्लास के एक स्मार्ट लड़के को पटा कर लिया. फोन सेक्स से शुरू करके हम ओरल सेक्स तक तो पहुँच गये थे, पूरी चुदाई का मजा लेना बाकी था.

नमस्ते दोस्तो, मैं शहनाज़ एक बार फिर आपके सामने अपनी सेक्स कहानी का अगला भाग लेकर हाज़िर हूँ.

जैसा कि मैंने कहानी के पहले भाग
कॉलेज के स्मार्ट लड़के को बॉयफ्रेंड बनाया
में अब तक बताया था कि कुणाल और मैं कैसे एक-दूसरे के करीब आए. बारिश में हमने एक-दूसरे को गर्माहट देकर कैसे शांत किया.

अब हमारी बातें सेक्स पर भी होने लगी थीं, लेकिन सिर्फ़ बातें ही थीं.

हमारे कॉलेज में बायोलॉजी का एक भी छात्र नहीं था इसलिए ये विषय अब बंद हो चुका था.
बायो की लैब पूरी तरह खाली थी और कोई वहां जाता भी नहीं था.
यही वजह थी कि वहीँ हमारा प्यार भरा मिलन होता था.

हम दोनों एक-दूसरे से खूब प्यार करते थे.
वह मेरे बूब्स के साथ खेलता, उन्हें चूसता, कभी मेरी चूत चाटता और मुझे पूरी तरह शांत कर देता.

अब आगे हार्ड सेक्स विद बॉयफ्रेंड:

एक बार मेरे मामू के बेटे का एक्सीडेंट हो गया.
वह ज़्यादा घायल तो नहीं था लेकिन हॉस्पिटल में भर्ती था.

सभी लोग उसे देखने जा रहे थे.
मैंने अम्मी से कहा- मेरे एग्ज़ाम नज़दीक हैं और मुझे प्रोजेक्ट भी पूरा करना है.

इस पर मेरी आपा मुमताज ने भी मेरा साथ दिया और मैं नहीं गई.
सभी लोग सुबह निकल गए.

उसी समय मैंने कुणाल को फोन किया और कहा- जल्दी से घर आ जाओ, हमें प्रोजेक्ट पूरा करना है.
वह समझ गया कि मैं किस प्रोजेक्ट की बात कर रही हूँ.

अम्मी-अब्बू के जाने के बाद मैं नहाकर तैयार हो गई.
मैंने चाँदनी रंग का लहंगा पहना, थोड़ा मेकअप किया और पर्पल नेल पॉलिश लगाकर तैयार बैठी थी.

ठीक ढाई बजे कुणाल घर आया.
मैंने दरवाज़ा खोला तो वह मुझे देखता ही रह गया.

मैंने मज़ाक में कहा- बाहर ही खड़े रहोगे क्या?
कुणाल ने अन्दर आकर मेरा हाथ पकड़ा और बोला- मुझे नहीं मालूम था कि कोई दुल्हन मेरा इंतज़ार कर रही है!

मैंने हंसते हुए कहा- तो क्या … बारात लेकर आते आज?
मेरे माथे पर चूमते हुए उसने कहा- सुहाग की सेज़ लाता.

हम दोनों ने एक-दूसरे को बांहों में भर लिया और एक-दूसरे में समा गए.
फिर मैंने पूछा- कुछ नाश्ता करोगे?

कुणाल ने मेरी उंगली दबाते हुए कहा- ये नाश्ता करने का समय है क्या?
हम दोनों हंस पड़े.

इसके बाद मैं उसे अपने कमरे में ले गई, जो दूसरी मंज़िल पर था.
वहां हम दोनों एक-दूसरे को चूमने लगे.

वह मेरी पीठ सहलाते हुए नीचे मेरी गांड दबाने लगा, साथ ही मेरे होंठ चूस रहा था.

हम दोनों एक-दूसरे की जीभ चूस रहे थे.
तभी उसने मेरा ब्लाउज़ खोलकर मुझे ऊपर से नंगी कर दिया.

अब वह मेरे बूब्स पीने लगा और एक को मसल रहा था.
वह मेरे चूचे ऐसे चूसता जैसे कोई छोटा बच्चा दूध पीता है.
मैं भी उसका साथ दे रही थी और उसके सिर को सहला रही थी.

उसके चूमने और चूसने से मेरी चूत लगातार पानी छोड़ रही थी.
ये मेरे लिए एक नया और अनोखा अनुभव था.

अचानक उसने मेरा लहंगा उठाकर मेरी चड्डी उतार दी.
मैं कुछ समझ पाती, उससे पहले ही उसने अपनी उंगली मेरी चूत में घुसा दी और चोदने लगा.

मेरी मदभरी सिसकारियां निकल रही थीं और मेरी चूत से फव्वारा-सा बहने लगा था.

कुछ देर बाद वह लहंगे में घुस गया और मेरी चूत चाटने लगा.
वह कभी दांत गड़ा देता, तो कभी जीभ अन्दर तक घुसा देता.

मैं एकदम से सातवें आसमान पर थी और उसके मुँह में ही झड़ गई.

फिर वह मेरे पास आया और मेरे बूब्स पीने लगा.
मैं उसे किसी छोटे बेबी की तरह अपने सीने से लगा कर दूध पिलाने लगी.
वह भी खींच खींच कर मेरे निप्पलों का रस चूस रहा था.

मैं भी उसके लंड को सहला रही थी, जो धीरे-धीरे कड़क हो गया था.

अब कुणाल ने मुझे सीधा लिटा दिया और खुद मेरे ऊपर आ गया.
उसका लंड मेरी चूत पर था और वह मुझे चूम रहा था.

अचानक से उसने एक झटका मारा और उसका टोपा मेरी चूत में घुस गया.
मैं चीखने वाली थी लेकिन उसने मेरे होंठ दबा दिए.

वह धीरे-धीरे लंड को अन्दर-बाहर करने लगा.
जब उसने देखा कि मैं शांत हूँ तो एक ज़ोरदार झटके के साथ आधा लंड घुसा दिया.

मैं जोर से चीख पड़ी.
उसका लंड मेरी झिल्ली को फाड़ते हुए अन्दर घुस चुका था.

मेरी आंखों से आंसू बहने लगे.
वह मुझे चूमने लगा और मेरे बूब्स दबाने लगा.

मैं उतने ही ज़ोर से चीख रही थी- आह … ओह … अम्मी… उई … मर गई … इई … आई … ओह!

मेरी चूत से खून निकल रहा था लेकिन वह बिना रुके मुझे चोद रहा था.

उसका लंड सीधे मेरी बच्चेदानी पर लग रहा था.
अब मुझे भी मज़ा आने लगा और मैं उसका साथ देने लगी- आह … ओह … येस … आह … फक मी… हार्ड… आह … जानू… आह … और ज़ोर से … आज से ये चूत तुम्हारी है… पूरा खोल दो इसे … आह … और तेज़… और चोदो मुझे … आह!

फिर उसने मुझे कुतिया बनाकर चोदा.
करीब 20-25 मिनट चोदने के बाद वह झड़ गया.

इस बीच मैं भी दो बार झड़ चुकी थी.

फिर कुणाल वैसे ही बिना कपड़ों के बाहर हॉल में आकर बैठ गया सोफे पर!
मैं भी कुछ देर बाद आ गई.

थोड़ी देर बाद मैं उसका लंड फिर से चूसने लगी.
वह मदहोश हो गया.

उसके मुँह से सिर्फ़ ‘आह … ओह … मेरी जान … आह चूसो इसे … आह.’ निकल रहा था और वह मेरे बालों को सहला रहा था.

मैंने करीब बीस मिनट तक उसके लंड को चूसा और चाटा.

उसने मुझे गोद में बिठाकर चूमना शुरू किया. मैं भी मदहोशी में आ गई थी.

मेरे गालों को सहलाते हुए वह बोला- जान, मुझे तुम्हारी गांड भी चाहिए.
पहले तो मैं सोच में पड़ गई, फिर हां बोल दिया.
क्योंकि मैं अब सचमुच उससे प्यार करने लगी थी और उसके लिए सब कुछ करने को तैयार थी.

इस पर वह खुशी से मुझे चूमने लगा और उसने मुझे सोफे पर झुकाकर खड़ा कर दिया.

वहां मेरी चुनरी थी, उसी से मेरे हाथ सोफे से बांध दिए और मेरे मुँह में कपड़ा ठूंस दिया.
इसके बाद वह किचन से तेल लेकर आया और मेरी गांड में लगाने लगा.

उसने ढेर सारा तेल मेरी गांड में लगाया और अपने लंड पर भी.

मेरे थूक और तेल से चिकना होने के कारण उसका लंड मेरी गांड में डंडे की तरह धंसने लगा.
मुझे बहुत दर्द हो रहा था, पर मुँह में कपड़ा होने के कारण मैं कुछ बोल न सकी.

वह जोर-जोर से चोदने लगा और मेरी गांड फाड़ दी. मेरी गांड से खू.न भी बहने लगा.
उसने अपना लंड बाहर निकाला और मेरी गांड के खू.न को साफ किया.

फिर उसने मेरे मुँह से कपड़ा हटाया और दोबारा अपना लंड मेरी गांड में घुसाकर चोदने लगा.
इस बार मुझे कम दर्द हुआ और मैं भी अपनी गांड उछाल उछाल कर उसका साथ देने लगी.

करीब आधा घंटा तक हार्ड सेक्स विद बॉयफ्रेंड हुआ, उसने मेरी गांड मारी और ढेर सारे चांटे भी मेरी गांड पर जड़े, जिससे मेरी गांड अन्दर और बाहर दोनों तरफ से लाल हो गई.

मेरी हालत इतनी खराब हो गई थी कि मैं ठीक से चल भी नहीं पा रही थी.
कुणाल मुझे गोद में उठाकर कमरे में ले आया.
वहां हम दोनों एक-दूसरे की बांहों में नंगे ही सो गए.

शाम को आठ बजे मेरी नींद खुली तो देखा कि कुणाल अभी भी सो रहा था.

मेरे फोन पर आपा के चार मिस्ड कॉल थे.
मैंने कॉल करके पूछा तो आपा ने कहा- कहां थी?

मैंने बताया कि फोन साइलेंट था, इसलिए मुझे पता नहीं चला.

फिर उन्होंने खाने के बारे में पूछा और फोन रख दिया.

मैंने फ्रेश होकर हम दोनों के लिए खाना बनाया और साथ में खाया.

हम दोनों बिना कपड़ों के ही बैठकर टीवी देख रहे थे.

इसके बाद रात साढ़े दस बजे से मेरी चुदाई दोबारा शुरू हो गई.

उस रात कुणाल ने मेरी चूत और गांड को बुरी तरह रौंदा.
अगली सुबह वह अपने घर चला गया.

उसने मेरी हालत इतनी खराब कर दी थी कि अगले दो दिनों तक मैं कॉलेज नहीं जा सकी.

कुणाल ने अपनी पढ़ाई के लिए एक अलग कमरा भी ले रखा था.
क्योंकि उसके डैड आर्मी में थे, जब वे आते तो पार्टी होती थी या कई लोग उनसे मिलने आते, जिससे उसे पढ़ाई में डिस्टर्बेंस होता था.

अब हमारा हर रोज़ मिलना होता, कभी किसी क्लास में, तो कभी बायो लैब में.

जब ज्यादा मन करता, तो कुणाल मुझे उसी कमरे में ले जाकर घंटों पेलता.

एक बार मैंने उसे घर बुलाकर अपने परिवार से मिलवाया.
मेरे अब्बू उससे बहुत प्रभावित हुए.

फिर वह भी मुझे एक दिन अपने घर ले गया.
उसकी मां बहुत अच्छी थीं वह मुझसे ऐसे बात कर रही थीं जैसे मुझे पहले से ही जानती हों.

मुझे भी उनसे मिलकर बहुत अच्छा लगा.

हमारा यह मिलना ऐसे ही चल रहा था कि एक दिन मैंने देखा कि आपा कॉलेज में आई थीं.

वहां वह अक्सर पुराने साथियों या टीचर्स से मिलती थीं लेकिन आज वह बायो लैब की तरफ जा रही थीं.

मैं भी उनके पीछे चलने लगी, तभी मेरे कुछ दोस्त आ गए और मैं उनके पीछे न जा सकी.

जब मैं घर लौटी, तो आपा अभी भी नहीं आई थीं.
वे मुझसे थोड़ी देर बाद पहुंचीं.

मुझे कुछ शक हुआ क्योंकि आपा इतनी देर बाहर नहीं रहती थीं.
जब उन्होंने अपना बुर्का उतारा, तो उनके कुर्ते और सलवार खराब हो गए थे, जैसे किसी ने बुरी तरह मसल दिया हो.

पर मैंने उस दिन उनसे कुछ नहीं पूछा.

इसी तरह वे अब हर दूसरे दिन जाने लगीं.
मुझे शक हुआ कि उनका किसी से चक्कर है. पर वह कौन है, यह जानना बाकी था.

एक रात मैंने देखा कि वह किसी से चैटिंग कर रही थीं.
रात में मैंने उनका फोन चेक किया, तो किसी से बहुत ही हॉट और सेक्सी बातें हो रही थीं.

मैंने देखा कि नंबर ‘जालिम’ के नाम से सेव था.
अब बात यहां तक आ गई थी कि आपा उससे चुदने के लिए तड़प रही थीं.

वह जालिम कौन था, इसे जानने को मैं भी बेचैन थी.

अगले दिन मैं कॉलेज के लिए तैयार हुई और आपा से कहने लगी- आज मुझे कॉलेज से बाहर भी कुछ काम है तो मैं पहले बाहर का काम खत्म करूंगी, उसके बाद यदि समय मिला तो ही कॉलेज जाऊंगी वर्ना सीधी घर आ जाऊंगी.
आपा ने ओके कह दिया और वे अपने फोन को लेकर कमरे में चली गईं.

मैं समझ गई कि आपा अपने आशिक को फोन लगाने गई हैं.

मैं अपने काम का बहाना बना कर सीधे कॉलेज गई और बायो लैब में जाकर बैठ गई.

आज मैंने अपने आशिक को भी कुछ नहीं बताया था.

कुछ आधा घंटा बाद मुझे कुणाल की आवाज आई और उसके साथ आपा की खिलखिलाने की आवाज आई तो मैं समझ गई कि कुणाल ही जालिम है.
पहले तो मन हुआ कि इधर से चली जाऊं, पर अब वे दोनों नजदीक आ गए थे, तो मैं यूं ही छिपी बैठी रही.

बायो लैब में आने के बाद आपा ने अपने बुर्के को उतारा और कुणाल के सीने से लग गईं.
मैं अवाक थी.

कुछ ही देर बाद बिना पूरे कपड़े उतारे कुणाल ने मेरी आपा को चोदना चालू कर दिया और कुछ बीस मिनट बाद वे दोनों फारिग हो गए.

इस दौरान मैंने महसूस किया कि आपा कुणाल से चुदवा कर काफी खुश नजर आ रही थीं जबकि कुणाल शांत रहा था.

इसके बाद की सेक्स कहानी को अगले भाग में बताउंगी कि हमारी शादी कैसे हुई.
तब तक के लिए विदा दोस्तो!

मुझे अपने कमेंट्स व मेल से अवगत कराएं कि आपको मेरी हार्ड सेक्स विद बॉयफ्रेंड कहानी कैसी लग रही है.
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हार्ड सेक्स विद बॉयफ्रेंड कहानी का अगला भाग:

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