लेडी डेंटिस्ट की प्यासी जवानी- 5
(Horny Lady Fuck Stories)
हॉर्नी लेडी फक स्टोरीज में एक गर्म भाभी अपनी चुदाइयों की कहानियाँ बता रही है. एक रात उसके यार ने गांड मारने की फरमाइश रख दी. इसके पहले उसने कभी भी गांड नहीं मरवाई थी तो …
कहानी के पिछले भाग
प्यासी चूत को पहली बार शानदार लंड मिला
में आपने पढ़ा कि वासना की मारी एक भाभी ने अपने पति को धोखा देकर एक गैर मर्द से जिस्मानी ताल्लुकात कायम कर लिए थे.
अब आगे हॉर्नी लेडी फक स्टोरीज:
पाठको, मैं अपने यौन जीवन की सारी की सारी चुदाइयां याद करूं तो कहने को बहुत कुछ है; पर जो बातें मुझे ख़ास कहनी हैं वही बताऊंगी.
एक बार मैं और सुरेश पचमढ़ी गए एन्जॉय करने.
पचमढ़ी मध्य प्रदेश का हिल स्टेशन है और ऐश करने के हिसाब से शानदार प्लेस है.
अब आप सब तो मुझे समझ ही चुके हैं कि उन दिनों मुझे अपने पति की कोई परवाह बिल्कुल नहीं थी; अपने यार के साथ जगह जगह घूमना, होटलों में रुकना, बढ़िया खाना पीना और फिर रात रात भर चुदना यही मेरी जिंदगी थी उन दिनों.
बाईस साल की उमर थी मेरी उन दिनों और मेरी वासना चरम पर थी.
एक रात की बात है मैं सुरेश के साथ सारे दिन पचमढ़ी घूमते हुए थक कर चूर हो चुकी थी और सोना चाहती थी पर मेरा यार सुरेश मुझे चोदे बिना कहां सोने देता था.
उस दिन सुरेश ने मेरी गांड मारने की फरमाइश रख दी.
इसके पहले मैंने कभी भी गांड नहीं मरवाई थी; मैंने इसे लाख समझाया कि न मैंने कभी मरवाई है न मुझे मरवानी है.
पर ये अपनी के आगे किसी नहीं चलने देता कभी; पहले तो सुरेश ने मुझसे अपना लंड खूब चुसवाया, खैर मुझे लंड चूसने में कोई दिक्कत नहीं थी सो मैंने ख़ुशी ख़ुशी चूस दिया उसका लंड.
फिर उसने मुझे बेड पर डॉगी स्टाइल में झुका दिया और मेरे हिप्स पर चांटे मार मार कर अपना लंड मेरी गांड पर रगड़ने लगा, फिर उसने अपने लंड पर मेरा हेयर आयल लगा लिया और अपना सुपाड़ा मेरी गांड के छेद पर सटा दिया और मुझ पर झुक कर मेरी पीठ चूमने लगा; नीचे हाथ लेजाकर मेरे बूब्स मरोड़ने लगा और उसने मेरी कमर पकड़ कर एक जोरदार धक्का मार दिया जिससे उसका लंड आधे के करीब मेरी तंग गांड में चला गया.
मुझे दर्द तो हुआ पर उतना नहीं जितना मैं सोचे बैठी थी.
सुरेश कुछ देर मेरी पीठ सहलाता चूमता रहा फिर उसने मेरे सिर के खुले बाल पकड़ कर अपने हाथ में लपेट लिए और फिर एक ही धक्के में अपना समूचा लंड मेरी गांड में धकेल दिया.
मेरे बाल खिंच गए और मेरा मुंह ऊपर छत की ओर उठ गया.
इस बार भी मुझे पहले से ज्यादा दर्द हुआ पर मैं सह गयी.
लेकिन सुरेश के आगे झूठी हाय तौबा मचाती रही- हटो, निकालो अपना लंड मुझे नहीं मरवानी अपनी गांड.
लेकिन वो दुष्ट निकाले तब ना … आज सच बोलूं तो मुझे गांड में लंड अच्छा फील होने लगा था और मैं बेड पर अपनी हथेलियां जमाये, अपना सिर बिस्तर पर रखे हुए गांड धीरे धीरे हिलाने लगी थी.
मेरा संकेत समझ सुरेश ने फिर मेरी चूत में तीन उंगलियां घुसा कर लंड से मेरी गांड का वो बाजा बजाया कि मैं फुल मस्ता गयी और उस रात जाना कि गांड भी कोई चूत से कम मज़ा नहीं देती. तब से मुझे गांड मरवाने का शौक भी हो गया है.
ये तब की बात है जब मैं इसके साथ पहली बार पचमढ़ी गयी थी.
हां, एक दिलचस्प वाकया और याद आया.
जब मैं सुरेश के साथ दूसरी बार पचमढ़ी गयी थी और खूब एन्जॉय कर रही थी.
एक दिन की बात है कि हम दिन में मार्किट में घूम रहे थे, सड़क के किनारे सब्जियां बिक रहीं थीं.
सुरेश को न जाने क्या सूझा कि उसने एक मूली खरीद ली, हरे पत्तेदार मूली कोई नौ दस इंच के लगभग लम्बी रही होगी.
मैंने टोका- क्या करना है इस मूली का? डिनर तो हमें शाम को किसी रेस्टोरेंट में करना है.
तो वो बोला- आज ये मूली तेरी चूत में घुसाऊंगा.
मैं झट से बोली- हट्ट … मुझे नहीं घुसवानी … मैं तोड़ के फेंक दूंगी इसे, आप कोशिश भी मत करना कभी.
शाम को होटल पहुँच कर उसने वो मूली धोकर मेज पर रख दी और हम लोग फ्रेश होकर रेस्टोरेंट चले गए डिनर करने.
अब होटल लौट कर मेरी चुदाई तो पक्का होनी होनी ही थी और मेरे मन में उस लम्बी मूली का डर भी था क्योंकि मैं सुरेश से ज्यादा कुछ कह भी नहीं सकती थी.
होटल पहुँच कर चुदाई के लिए हम लोग तैयार हुए तो उसने मुझे घोड़ी बना कर, मेरे मना करते करते भी वो मूली मेरी चूत में धीरे धीरे पूरी घुसेड़ दी.

मुझे ताज्जुब हुआ कि दस इंच लम्बी मूली मेरी चूत बड़े आराम से ले गयी थी और मूली के पत्ते बाहर किसी पूंछ की तरह झूल रहे थे.
मुझे वो मेरा पोज़ इमेजिन करके बहुत बहुत शर्म महसूस हो रही थी कि मैं उस टाइम कैसी दिख रही होऊंगी; पर मैं कोई प्रतिवाद करने की स्थिति में थी ही नहीं; मूली घुसेड़ने के बाद सुरेश ने अपना लंड मेरी गांड में पेल दिया और मेरी गांड मारने लगा.
चूत में मूली फंसी होने के कारण पहली गांड मराई से ज्यादा इस बार मजा आ रहा था. लंड के धक्के गांड में लग रहे थे जिससे मूली हिल रही थी जिससे मेरी चूत में मस्त मस्त फीलिंग आ रही थी.
थोड़ी देर बाद सुरेश ने मुझे चित लिटा कर मूली गांड में घुसा दी और चूत में लंड पेल के मुझे दनादन चोदने लगा; मैं तो आनन्द के मारे जैसे हवा में उड़ने लगी.
मुझे थ्रीसम चुदाई का मज़ा मिल रहा था चुदने झड़ने के बाद मैं पूर्ण तृप्त हो गयी.
यह मेरी यादगार चुदाइयों में से एक है.
सुरेश से मेरे यौन सम्बन्ध सन 2014 के अंत तक लगभग चार वर्ष चले.
इसी दौरान मेरा पहला बेटा पैदा हुआ जो हो न हो सुरेश के वीर्य से ही है.
सुरेश की पढ़ाई होने के बाद वो चला गया और हम बिछड़ गए.
इसके बाद मेरे सेक्स रिलेशन एक स्टूडेंट से और बने, वरुण नाम था उसका!
वो मुझसे उम्र में बहुत छोटा था और हमारे यहां किराए से रह कर पोलीटेक्निक कर रहा था.
शुरुआत में जब वो हमारे यहां रहने आया तो मेरे भीतर कोई फीलिंग नहीं थी उसके प्रति.
धीरे धीरे वरुण और मेरे पति पुनीत आपस में दोस्त बन गए और जब मेरे पति सुबह जॉब पर जाने के लिए निकलते तो वरुण उन्हें स्टेशन छोड़ कर आता था.
इस तरह इन दोनों की दोस्ती गहरी होती चली गई.
एक बार की बात है मुझे जरूरी काम से भोपाल जाना था तो पति ने एक कैब अरेंज कर दी जिसमें मैं और वरुण दोनों साथ भोपाल गए.
वरुण मेरे बगल में ही बैठा था, उसके साथ बैठने से मुझे सेक्सी फीलिंग्स आने लगीं.
बस उसी दिन से मेरी नज़र वरुण के प्रति बदल गयी और मैं उससे भी चुदवाने की प्लानिंग बनाने लगी.
मेरे पति तो आपको बता ही चुकी हूं कि एक प्रकार से नपुंसक ही हैं सो मेरे मन में वरुण से चुदवाने की इच्छा ने जन्म ले लिया था.
कुछ दिनों बाद वरुण का सेमेस्टर ख़त्म होने पर उसे अपने घर जाना था तो ये उसे ट्रेन पर बैठा कर आये और मैंने वरुण को प्यार भरे, सेक्सी मैसेज भेजना शुरू किया.
शुरुआत में तो उसने कोई रिप्लाई नहीं दिया फिर कहने लगा कि भाभी का रिश्ता पवित्र होता है.
वो मुझे भाभी कहता था.
पर धीरे धीरे मैंने उसे अपनी प्यार भरी बातों से फंसा ही लिया और वो मुझसे प्यार करने को मान गया.
वरुण 8-10 दिनों के लिए अपने घर गया था पर वो 3-4 दिन में ही लौट आया सुबह सुबह.
फिर हम सुबह ही मिले और मैंने उसे गले लगा लिया, हम किस करने लगे.
और फिर मैं उसे बेडरूम में ले गयी और खुद आगे होकर उसका लंड निकाल कर चूसने लगी.
फिर मैंने खुद उसे नंगा किया और खुद भी नंगी हो गयी और उसे लिए बेड पर पसर गयी और उसे प्यार करने लगी.
वो भी जवान लड़का था भले ही उम्र में मुझसे छोटा था सो वो भी मुझ पर चढ़ बैठा और मेरी गीली चूत में अपना लंड पेल कर मुझे चोदने लगा.
इस तरह उसने मुझे उस दिन तीन बार चोदा और हॉर्नी लेडी फक में तृप्त हो गयी.
फिर हमारे रिश्ते और मजबूत होते गए.
वरुण को ड्रिंक करने का शौक था और मेरे पति भी पीते ही थे तो वरुण इन्हें अपने रूम पर ले जाकर ज्यादा पिला देता था और जब ये होश खोकर उसी के रूम पर सो जाते थे तो वो बाहर से दरवाजा बंद करके मेरे पास आकर मुझे रात भर चोदता था.
मुझे अपनी पति के बिस्तर पर उससे चुद कर और मज़ा आता था.
कभी कभी वरुण मुझे चोदते टाइम मेरे पति को खूब गंदी गंदी गालियां देता था जिससे मुझे पता नहीं क्यों बहुत ख़ुशी मिलती थी.
मैंने इस वरुण को सुरेश से भी ज्यादा एन्जॉय किया, इसने मेरी गांड भी कई कई बार मारी और नारी सुलभ शर्म लाज त्याग कर बेशर्म चुदाई की सारी हदें पार कर दीं मैंने इसके साथ.
यहां तक कि मुझे अपना लंड चुसवा कर वह कई बार मेरे मुंह में ही झड़ गया और मैं सारा वीर्य गटक गई.
एक बार तो इसने मुझे करवा चौथ की रात को ही चोदा जबकि मेरे पति दारु पीकर टुन्न होकर बेसुध पड़े थे.
ये सन 2016 की करवा चौथ थी.
सारे दिन व्रत था मेरा, सुबह से पानी भी नहीं पिया था.
शाम होते ही मैं तैयार होने लगी. नहा धो कर मैंने अपने सुहाग की साड़ी पहनी और सारे आभूषण पहन लिए और बढ़िया मेकप करके पूजा की थाली तैयार कर चन्द्रमा निकलने या उदय होने का इंतज़ार करने लगी.
वरुण और ये दोनों तो पीने में बिजी थे.
रात नौ बजे के करीब चन्द्रमा निकला तो मैंने उसकी विधिवत पूजा अर्चना की, उसे अर्ध्य दिया और अपनी पूजा समाप्त की. पूजा समाप्त कर छत से
नीचे उतरी तो मेरे पति तो होश में ही नहीं, न कुछ ढंग से बोल पा रहे थे न खड़े हो पा रहे थे.
मैं कैसे इनका मुंह देख कर पानी पीती या ये मुझे पिलाते.
जैसे तैसे मैंने व्रत समाप्त कर खाना खाया और वैसी ही सजी धजी सोने लगी.
तभी वरुण मेरे पास आकर लेट गया और मुझे अपनी बांहों में भर के किस करने लगा.
पति की व्यवहार से दुखी मैं भी वरुण के आगोश में समा गयी और उसे चुम्बन देने लगी.
वरुण ने पहले अपना लंड मुझसे चुसवाया फिर उसने मेरी साड़ी पेटीकोट ऊपर खिसका कर मेरी पैंटी उतार दी और मेरे पैर फैला कर मेरी चूत चाटने लगा जल्दी ही मैं भी गर्म हो गई और अपने घुटने मोड़ कर ऊपर कर लिए.
फिर वरुण ने अपना लंड मेरी चूत के छेद पर रखा और दन्न से भीतर पेल दिया और लगा दनादन चोदने.
उस रात पहली बार मैं बिना नंगी हुए चुदी.
यह वरुण की ही इच्छा थी कि वो मुझे उस सुहागन के वेश में ही चोदना चाहता था.
कसी अजीब सी मस्ती भरी फीलिंग थी उस चुदाई में. मैं पूरी सुहागन के वेश में करवा चौथ का व्रत रह कर अपने पति के बगल में ही खुद से उम्र में छोटे किसी दूसरे आदमी से अपनी चूत उछाल उछाल कर उससे चुदवा रही थी और मस्त हो रही थी.
ऐसे ऐसे कई सारे वाकये हैं मेरी चुदाई के.
एक और ख़ास बात याद आई तो चलते चलते वो भी आप से शेयर कर ही लेती हूं.
एक बार वरुण और मेरे पति दोनों मेरे ही बेडरूम में शराब पी रहे थे.
पीते पीते इसने मेरे पति को इतनी पिला दी कि वो बहकने लगे और वरुण के बारे में कहने लगे- मेरा भाई यहीं मेरे साथ बेड पर सोयेगा.
तो वरुण ने पूछा- फिर भाभी कहां सोयेंगी?
तो ये बोला- वो भी इसी बेड पर सो जायेगी.
इस तरह हम तीनों उसी बेड पर सोने लगे.
मैं नीचे की तरफ लेटी थी.
जब मेरे पति गहरी नींद में सो गए तो वरुण उठ कर बैठ गया और उसनें मुझे कम्बल के भीतर से अपनी गोद में खींच लिया.
मेरा सिर वरुण की गोद में था, उसने अपना शॉर्ट्स उतार दिया और मैंने उसका लंड मुंह में लिया और चूसने लगी.
फिर उसने मुझे मेरे पति के बगल में लिटा कर दो बार दम से बेरहमी से चोदा, पति के बगल में किसी गैर लड़के से चुदवा कर मैं शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से मस्त और संतुष्ट हो गयी इसके बाद मैं नीचे बिस्तर बिछा कर सो गयी.
इस तरह मेरा और वरुण का रिलेशन जुलाई 2018 तक लगभग ढाई साल चला.
इस बीच मेरा छोटा बेटा भी पैदा हुआ जो मुझे लगता है कि हो न हो वो वरुण की ही देन है.
और अब ये हाल है कि मैं और मेरी तन्हाई और ये सुलगती हुई मेरी प्यासी जवानी.
इसके बाद मेरे पति का ट्रान्सफर नोयडा हो गया सो अब हम नोयडा के एक फ़्लैट में रहते हैं.
बस.
इस हॉर्नी लेडी फक स्टोरीज पर अपनी राय रेगुलर कमेंट्स में लिखते रहें.
धन्यवाद.
हॉर्नी लेडी फक स्टोरीज का अगला भाग:
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