दोस्त की अम्मी ने मुझे पटाकर अपनी चुत की प्यास बुझाई- 2

(Hot Sex With Aunty)

हॉट सेक्स विद आंटी का मजा मुझे दोया मेरे दोस्त की सेक्सी अम्मी ने. उन्होंने मुझे अपने घर बुलाया जब मेरा दोस्त कॉलेज में था. आंटी ने मेरे लंड से अपनी प्यास बुझाई.

फ्रेंड्स, मैं आयुष्मान सिंह उर्फ आयुष एक बार पुनः आपको अपनी सेक्स कहानी में स्वागत करता हूँ.

कहानी के पहले भाग
दोस्त की अम्मी मेरे सामने नंगी हुई
में अब तक आपने पढ़ा था कि मेरे दोस्त रियाज़ की अम्मी आयशा मेरे साथ चुदने के लिए मचल उठी थीं और नंगी होकर मेरे साथ फोरप्ले का मजा ले रही थीं.

अब आगे हॉट सेक्स विद आंटी:

वे बोल रही थीं- आह आह ओह … आयुष मेरी जान … आह और जोर से दबाओ!

मैं करीब बीस मिनट तक उनके बूब्स मसलता रहा.
उनके दोनों बूब्स लाल हो गए थे.

फिर मैंने आंटी को बेड पर लिटा दिया और उनकी चूत में उंगली करने लगा.
आंटी की मादक आवाजें निकलने लगीं- ओह येस … ओह माय गॉड … आयुष, आह … बहुत मज़ा आ रहा है … मेरी जान!

मैंने और तेजी से उनकी चूत में उंगली करना शुरू किया.
आंटी और जोर-जोर से चिल्लाने लगीं- आयुष ओह गॉड … बहुत मज़ा आ रहा है … आह ई उह आई!
करीब दस मिनट बाद उनकी चूत से पानी निकल गया.

आंटी बोलीं- आयुष, अब और मत तड़पाओ यार … मैं बहुत प्यासी हूँ, अपने लंड से मेरी प्यास बुझा दो!

मैंने अपना आठ इंच का खड़ा लंड हाथ से मुठिया कर उनकी गीली चूत में डालने के लिए तैयार किया.
आंटी को चित लिटाया और लौड़े को चुत पर रगड़ने लगा.

आंटी अपनी चुदास से परेशान होकर अपनी गांड उठा कर लंड अन्दर लेने की कोशिश कर रही थीं.

तभी मैंने एक जोर के धक्के में अपना पूरा लंड अन्दर ठेल दिया.

एकदम से लंड अन्दर घुसा तो आंटी जोर-जोर से चिल्लाने लगीं- आह अम्मी … मर गई आह आयुष … तुमने तो साले मेरी फाड़ ही दी.

मैंने कहा- क्या हुआ आंटी रुक जाऊं क्या?
वे बोलीं- आह नहीं रे तुमने तो एक ही शॉट में मुझे जन्नत की सैर करा दी मेरी जान! बस अब पेलना चालू करो!

मैंने यह सुनते ही और तेजी से धक्के मारने शुरू कर दिए.

आंटी की मदभरी चीखों से पूरा कमरा गूँज रहा था ‘आह ओह यस अम्मी … आयुष तुम बहुत अच्छे चोदू हो … आयुष मेरे लंड के राजा … आह मुझे ऐसे ही हचक कर चोदो आह मुझे अपनी रंडी बना कर चोदो आह मस्त लंड है तेरा!’

मैंने कहा- तो अब आपको मेरी रंडी बनना है … तो लो!
यह कह कर मैंने उनकी चुत को रेल बना दी.

वे एकदम के शॉट लगने से चिल्ला उठीं- आह साले माँ चोद दी तूने तो आह मैं तो सच में तेरी रंडी बन गई हूँ आह बजा दे मेरी चुत का बाजा … मुझे और जोर से चोद दे आह आह रगड़ साले!

मैंने कहा- साली माँ की लौड़ी कुतिया … तुझसे बड़ी रंडी मैंने आज तक नहीं देखी … आज तो तुझे ऐसा चोदूँगा कि तू मेरा नाम जपेगी!

वे अपनी दोनों टांगें उठा कर चुत का भोसड़ा बनवाने के लिए मरी जा रही थीं.

कुछ देर बाद मैंने आयशा आंटी को घोड़ी बनाया.
उनके खुले बालों को एक हाथ से समेट कर पकड़ा और अपना लंड उनकी लपलपाती चूत में डाल दिया.

आयशा आंटी की चुत में ठंडक पड़ गई थी तो वे अब धीरे-धीरे मस्ती से बोल रही थीं.

‘आह आयुष, तुम बहुत अच्छे मर्द हो … आह … साले प्यार से चोद न … मेरी चूत फट जाएगी … थोड़ा धीरे धीरे डालो ना … आयुष!’

मैंने कहा- पहले बोल साली रांड … मैं तेरा कौन लगता हूँ, जो मेरे लंड से इतने प्यार से चुद रही है?
वे हंस कर बोलीं- तुम मेरे हसबैंड लगते हो!

मैंने लंड की ठोल देते हुए कहा- अच्छा जी, तो अपने नए शौहर का लंड अपने मुँह में नहीं लोगी?
उन्होंने कहा- आह … मैंने आज तक मुँह में नहीं लिया है!

मैंने कहा- पर तुम्हें मेरा लंड तो मुँह में लेना ही पड़ेगा!
वे बोलीं- ठीक है, ले लूँगी … अभी तो चोदो!
मैंने कहा- ओके, अब तुमको आसन बदल कर पेलूँगा.

फिर मैंने आंटी को खड़ा किया, उनकी एक टांग उठाई और अपना लंड उनकी चूत में पेलना शुरू किया.
लंड के करारे झटकों से आंटी के बड़े-बड़े बूब्स खूब उछल रहे थे.

वे दीवार से अपनी गांड टिका कर खड़ी थीं और लंड की चोटों से बार बार चीख रही थीं ‘आह आयुष … सच में यार इस आसन में तो बहुत मज़ा आ रहा है मेरी जान! तू तो बड़ा चुदक्कड़ लंड है!’
मैंने कहा- साली, तू भी तो बहुत बड़ी वाली चुदक्कड़ रंडी है!

वे हंसने लगीं और कहने लगीं- क्या करूं यार … मुझे लंड मिलता ही नहीं है तो बस तुम्हारे लौड़े से चुदने में मजा आ गया, इसलिए खुल कर कह रही हूँ!

कुछ देर यूं ही चोदने के बाद मैंने उन्हें बेड पर लिटा दिया और उनकी चूत में अपना मोटा लंड डालना शुरू किया.
लंड की चोटें पड़ना शुरू हुईं और वे फिर से चिल्लाने लगीं- आह उह … ओह यस यस आयुष … आह बहुत मज़ा आ रहा है और जोर जोर से पेलो.

मैंने और जोर से धक्के देने शुरू किए.

करीब बीस मिनट बाद मैं आंटी की चूत में झड़ गया.
मैंने अपना सारा माल उनकी चूत में निकाल दिया.

फिर मैंने कुछ देर आराम किया और आंटी से एक और राउंड के लिए कहा.
वे बोलीं- आयुष, मैं अभी और नहीं चुद सकती. इतनी देर तो आज तक मेरे हसबैंड ने भी नहीं चोदा … और तुम एक और राउंड की बात कर रहे हो! प्लीज … किसी और दिन करेंगे!

मैंने आंटी की एक न सुनी और उन्हें फिर से गर्म करके घोड़ी बना दिया.
मैंने कहा- साली रांड … अब मैं तेरी गांड मारूँगा!
वे बोलीं- नहीं आयुष, उधर नहीं … बहुत दर्द होगा!

मैंने उनकी एक न सुनी और उनकी गांड पर अपना लंड सैट कर दिया.
वे घबरा रही थीं और कह रही थीं कि मैंने अभी तक सिर्फ एक बार ही गांड में लिया था और वह भी नकली लंड लिया था.

यह सुनते ही मैं समझ गया कि आंटी का पिछवाड़ा भी मस्त होगा.
मैंने गांड के छेद पर लंड टिका कर धक्के मारने लगा.

आंटी की गांड इतनी ज्यादा टाइट थी कि लंड अन्दर जा ही नहीं रहा था.

वे बोलीं- साले सूखा लंड नहीं जाएगा … गांड में से चिकनाई नहीं निकलती है … यह चुत नहीं है … गांड है, इसमें अलग से तेल लगा कर चोदना पड़ता है!
मैं किचन से तेल ले आया और आंटी की गांड और अपने लंड पर तेल लगा दिया.

आंटी बोलीं- आयुष प्लीज धीरे-धीरे डालना!
मैंने धीरे-धीरे लंड अन्दर डाला.

आयशा आंटी की चीखें निकल गईं ‘आह अम्मी मर गई … साले तूने फाड़ दी मेरी!’
आंटी की गांड आज तक किसी के लंड से नहीं चुदी थी.

मैंने उनकी गांड में जोर-जोर से धक्के देना शुरू किए.

वे और जोर से चिल्लाने लगीं- आयुष, बस कर … अब और नहीं मेरी जान … मैं मर जाऊंगी … आह उह मत करो रुक जाओ मादरचोद आह आयुष मेरी गांड फट जाएगी … आह आयुष मेरे राजा आह!

आंटी के बड़े-बड़े बूब्स जोर-जोर से हिल रहे थे.

करीब बीस मिनट तक मैंने आंटी की गांड चोदी.

उसके बाद वे बोलीं- अब और नहीं आयुष … मैं और नहीं चुद सकती! किसी और दिन करेंगे!
मैंने कहा- ठीक है मेरी जान!

फिर मैंने अपना लंड निकाला और उनके बड़े-बड़े मम्मों पर मुठ मारकर अपना सारा माल निकाल दिया.

हॉट सेक्स विद आंटी में झड़ने के बाद मैंने आंटी को किस करना शुरू किया.

वे बोलीं- आयुष, आज तुमने मेरी प्यास बुझा दी. आज तक मैं इतनी संतुष्ट नहीं हुई, तुम बहुत अच्छे हो!
मैं मुस्कुरा दिया.

उसने पूछा- क्या टाइम हो रहा है?
मैंने फोन में देखा तो तीन बज रहे थे.

वे बोली- तीन बज गए, रियाज़ के आने का टाइम हो गया है … तुम जाओ! मैं नहाने जा रही हूँ. रियाज़ आता ही होगा. उसने तुम्हें यहां देख लिया तो हमारी पोल खुल जाएगी.

मैंने अपने कपड़े पहने.
आंटी मुझे दरवाजे तक छोड़ने आईं.

मैंने उन्हें फिर से पकड़ लिया और उनके बूब्स दबाने लगा.

आयशा बोलीं- आयुष, अभी भी तुम्हारा मन नहीं भरा? जाओ … दूसरे दिन कर लेना!
मैंने कहा- ठीक है आंटी!

वे मुझे बाय बोलकर दरवाजा बंद करके अन्दर चली गईं.

मैं बाइक लेकर दूसरे रास्ते से चला गया क्योंकि रियाज़ बस से आता था और उसकी बस आ चुकी होगी.
इसीलिए मैं दूसरे रास्ते से अपने घर चला गया.

घर पहुंचकर मैं बहुत खुश था कि आज आयशा आंटी जैसी माल को चोदा है.

रात को 10 बजे आयशा आंटी का कॉल आया- आयुष, क्या कर रहे हो?
मैंने कहा- कुछ नहीं, सोने ही जा रहा हूँ आंटी. आप क्या कर रही हैं?

वे बोलीं- साले तुमने इतनी बेरहमी से चोदा है मुझे कि मेरा पूरा बदन दर्द कर रहा है … ठीक से चला भी नहीं जा रहा है.

मैंने कहा- दवा खा लीजिएगा, कल मैं दवा लेकर आ जाऊंगा!
वे बोलीं- मैं जानती हूँ, तू दवा लेकर आएगा और फिर मुझे चोदेगा.
मैं हंसने लगा.

वे बोलीं- अब कुछ दिन बाद मिलेंगे, मेरा पीरियड भी एक दो दिन में ही आने वाला है.
मैंने कहा- ठीक है.

फिर उन्होंने फोन रख दिया और मैं भी सो गया.

अगले दिन कॉलेज गया तो रियाज़ से मुलाकात हुई.

वह बोला- हॉस्पिटल से कब आया था?
मैंने कहा- एक बजे आ गया था.

वह बोला- तुझसे कुछ बातें करनी है.
मैं डर गया कि कहीं इसे पता तो नहीं चल गया कि मैं हॉस्पिटल नहीं, उसके घर गया था, उसकी अम्मी से मिलने!

वह बोला- एक बजे छुट्टी कर लेना.
मैंने कहा- ठीक है.

मैंने एक बजे छुट्टी की और हम एक होटल में गए.
उधर समोसे ऑर्डर किए.

मैं तो डर गया था, मेरी फटी पड़ी थी, अगर इसे सब पता है, तो मेरी दोस्ती खत्म और आयशा जैसी माल को चोदने का मौका भी नहीं मिलेगा!

रियाज़ बोला- जो पूछता हूँ, सच-सच बताना!
मैंने कहा- हां, पूछो?

वह बोला- मैंने तुझे करीब 3:30 बजे अपने घर से निकलते देखा था.
मैंने सोचा, बस इसने निकलते हुए देखा है, इसे और कुछ पता नहीं है शायद!

मैंने कहा- ओह, मैं तुझे बताना भूल गया … जब मैं तेरे घर पढ़ने आया था, तो अपनी बुक भूल गया था. वही लेने गया था. सोचा तू कॉलेज में होगा, तो फोन नहीं उठाएगा, इसीलिए कॉल नहीं किया.
वह बोला- अच्छा ठीक है!

मैंने कहा- तू क्या सोच रहा था?
वह बोला- कुछ नहीं!

मैंने कहा- बता ना, क्या सोच रहा था?
मुझे लगा रियाज़ कुछ छिपा रहा है.

मैंने काफी जोर दिया, तो उसने कहा- ये बात तेरे और मेरे बीच रहनी चाहिए.
मैंने कहा- ठीक है.

वह बोला- पिछले महीने मैंने अम्मी को अपने रूम में अपनी चूत में उंगली करते हुए देखा था.
मैंने कहा- तो ये बात है!

वह चुप रहा.
मैं बोला- आंटी भी क्या कर सकती हैं? तेरे अब्बू दुबई से 2 साल में आते हैं, तो 2 साल कोई औरत बिना चुदाई कैसे रह सकती है!
वह बोला- हां, बात तो ठीक है!

रियाज़ बोला- मुझे लगा जब तू मेरे घर से निकला, तो तेरे और मेरी अम्मी के बीच कुछ चल रहा है!

मैंने कहा- पागल है क्या तू? वह तेरी अम्मी हैं, मैं ऐसा कैसे सोच सकता हूँ? तू मेरा बेस्ट फ्रेंड है.

वह बोला- हां, तू वैसा नहीं है.
मैं समोसा खाने लगा.

वह बोला- मेरे लिए एक काम करेगा?
मैंने कहा- क्या?

वह बोला- वादा कर, ये बात तेरे और मेरे बीच रहेगी.
मैंने कहा- हां, वादा!

वह बोला- देख, जब से मैंने अम्मी को अपनी चूत में उंगली करते देखा, तब से उनका नंगा जिस्म मुझे बार-बार देखने का मन करता है. उनकी बड़ी-बड़ी चूचियां मुझे चूसने का मन करता है.
मैंने कहा- तो फिर?

वह बोला- तू मेरी अम्मी को पटा, वे चुदाई के लिए प्यासी हैं, वे पट जाएंगी.

मैं तो रियाज़ की अम्मी को पटा कर चोद चुका था, ये बात इससे कैसे कहूँ?

मैंने कहा- तू कहता है, तो करूँगा.
वह बोला- ठीक है, आज से मेरे घर पर ही ज्यादा टाइम बिताना. हो सके तो रात को कभी-कभी रुक भी जाना.

मैं समझ गया कि अब मुझे आयशा आंटी की चुत को उनके बेटे के लंड के साथ साझा करनी पड़ेगी.

मैं अगले भाग में बताऊंगा कि कैसे मैंने और रियाज़ ने मिलकर उसकी अम्मी को एक साथ चोदा.
उम्मीद करता हूँ, ये कहानी आपको पसंद आएगी.

मेरी इस हॉट सेक्स विद आंटी कहानी पर आप अपने कमेंट्स जरूर भेजना.
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