प्रेमिका से शादी के बाद सुहागरात का लम्बा इन्तजार- 2

(Wife Ass Fuck Story)

रॉकी पाटिल 2022-11-28 Comments

वाइफ ऐस फक स्टोरी में पढ़ें कि सुहागरात में चूत चुदाई के बाद मेरा मन बीवी की गांड मारने का किया तो मैंने उसे कहा. वो बोली दर्द होगा पर तुम कर लो.

दोस्तो, मैं राज आपको अपनी पत्नी की सुहागरात में हुई उसकी चूत गांड चुदाई की कहानी सुना रहा था.
कहानी के पहले भाग
कुंवारी दुल्हन के साथ पहला सेक्स
में अब तक आपने पढ़ा था कि मैंने रचना की चूत चुदाई का मजा उठा लिया था और अब हम दोनों नहाने के लिए बाथरूम में आ गए थे.

अब आगे वाइफ ऐस फक स्टोरी:

रचना की चूत से वीर्य टपक रहा था. मैंने उसे खींच कर शॉवर चालू कर दिया.

पानी की बूंदें रचना के जिस्म से टकरा कर उसके जिस्म से खिसकती हुई चूत और गांड से नीचे गिर रही थीं.
रचना ने मेरा और मैंने रचना का बदन साबुन के झाग से ढक दिया था.

फिर जैसे ही शॉवर चालू किया, उसके जिस्म से झाग निकल गया और पूरा नंगा बदन दिखने लगा.

ये नजारा कपड़े उतारने से भी गजब का सीन था.
हमने एक दूसरे का बदन पौंछ दिया.

रचना बेडरूम की तरफ गांड मटकाकर चलने लगी.
उसकी गांड देखकर मेरा मुरझाया हुआ लंड फिर से खड़ा हो गया.

कुछ जिद्दी किस्म की पानी की बूंदें उसके मम्मों के उभार पर, निप्पल पर और गांड पर चिपक कर अब भी बैठी थीं.
मैंने उन सबको चाट लिया.

रचना ने मेरा खड़ा लंड देखा- बेबी, लगता है मेरे बाबूराव को आज नींद नहीं आ रही है.
“जानू कैसे आएगी … इतना गदराया हुआ बदन सामने है.”

वो हंसी और मेरे लंड को पकड़ कर सहलाने लगी.
मैं- जानू, मेरा लंड कह रहा है कि इसका चूत से मन भर गया.

“तो फिर मेरे प्यारे बाबूराव का क्या फरमान है, जरा बताइए तो!” रचना लंड को हिलाते हुए कहने लगी.

“रचना, मुझे तुम्हारी गांड चोदनी है.”
वो चौंक गई और डर कर बोली- पागल हो गए हो क्या … ये लंड मेरी गांड को तहस नहस कर देगा.

“हम्म … याद है तुमने वादा किया था कि शादी के बाद सुहागरात के दिन तुम जो चाहो, जितना चाहो कर लेना. मैंने तो अपना वादा निभाया, अब वादा निभाने की बारी तुम्हारी है बेबी.”
रचना मेरे लंड की तरफ देख कर सोच रही थी.

मैंने कहा- जाने दो जानू, पहले तुम्हारी चूत की सील तोड़ी … और अब गांड को फाड़ना अच्छा नहीं. तुम्हें काफी दर्द होगा. गांड फिर कभी फाड़ेंगे, आज मैं चूत से ही काम चला लूंगा.

“नहीं जानू नहीं, मैंने तुमसे वादा किया था और मैं ये वादा निभाऊंगी. वादा नहीं भी किया होता, तो भी तुम जब भी बोलते, तब मेरे जिस्म का हर एक हिस्सा तुम्हारे लिए हाजिर है. मैं तुमसे जान से भी ज्यादा प्यार करती हूं. मेरी गांड आज फट भी जाए तो भी मैं सहन कर लूँगी.”

“जानू, मुझे पता है तुम मुझसे बहुत प्यार करती हो, पर मुझसे तेरा दर्द नहीं देखा जाएगा.”
“और बेबी अगर आज तुमने मेरी गांड नहीं मारी, तो मुझे बहुत बुरा लगेगा कि मैं तुम्हारी एक जरा सी इच्छा पूरी नहीं कर पाई. इसका मेरे मन में खेद रहेगा.”

“लेकिन जानू!”
“लेकिन वेकिन कुछ नहीं. ये लो मेरी गांड … और कर लो, जो कुछ करना है. ये रचना की गांड है, बहुत दम है इसमें बेबी!”

रचना पलट गई और मेरे मुँह के सामने गांड हिलाने लगी.
मैं बहुत खुश हो गया.

क्या मुलायम गदरायी हुई गांड थी उसकी!
मैंने रचना के दोनों कूल्हों को हाथ लगाया.
उसकी गांड तकिए की तरह मुलायम थी.

उसके कूल्हों को सहलाते सहलाते बीच में ही मैं मसल देता था.
इससे उसकी चीख निकल रही थी.

मैंने अपनी एक उंगली उसकी गांड की दरार में घुमाई, फिर अपनी जीभ घुमा दी.
पर उसकी गांड की गहराई इतनी थी कि मेरी जीभ नीचे तक नहीं पहुंच रही थी.

मैंने उसकी गांड पर दो कसके थप्पड़ मारे.
उसके दोनों कूल्हों को पकड़ कर फैलाया और ठीक बीच में हल्के से काला रंग का छोटा सा टाइट छेद नजर आ गया था.
इस छेद के आजू-बाजू में सूरज की किरणों की तरह रेखाएं थीं और उसकी गांड का छेद हल्का हल्का खुल बंद हो रहा था.

क्या मदमस्त कर देने वाला दृश्य था वो!
मैं उसकी गांड की खुशबू सूंघने लगा.

उसकी गांड की खुशबू ने मुझे पागल से बना दिया और मैं उसकी गांड को कुत्ते की तरह चाटने लगा.
कुछ मिनट तक मैं कभी गांड का छेद चाटता, तो कभी उसके कूल्हे जोर जोर से चाटने लगता था.

मैं उसकी गांड के छेद में जीभ डालने के कोशिश कर रहा था लेकिन छेद इतना टाइट था कि अन्दर ही जीभ नहीं जा रही थी.
रचना अब फिर से गर्म हो गयी थी.

मैंने एक उंगली उसकी गांड के छेद पर सैट की और गोल गोल घुमाते हुए अन्दर डालने की कोशिश की.
लेकिन छेद इतना टाइट था कि अन्दर डालने में बहुत तकलीफ हुई.
जैसे तैसे उंगली अन्दर चली गई.

उंगली से ही रचना की जान निकली जा रही थी.

कुछ मिनट तक मैंने उसकी गांड में उंगली डाल के रखी थी जिसे गांड ने उंगली को झेल लिया था.

अब मेरा लंड रचना की गांड में घुसने के लिए बेताब हो रहा था- जानू, तैयार हो गांड मरवाने के लिए?
रचना ने लम्बी सांस ली- हां, मैं तैयार हूँ.

मैंने अपना लंड उसके मुँह में डाल कर गीला करवाया और रचना की नर्म गांड के छेद पर सैट कर दिया.
धीरे धीरे मैंने लंड, गांड में दबाना शुरू किया.

जरा सा लंड अन्दर गया भी नहीं था कि रचना की चीखें निकलने लगी- बेबी, धीरे डालो, दर्द हो रहा है.
मैंने फिर से गांड में लंड पेलना चालू किया लेकिन गांड का छेद इतना छोटा था कि लंड जा ही नहीं पा रहा था.

मैंने कम से कम दस बार प्रयास किया लेकिन सिर्फ लंड का सुपारा ही अन्दर जा पा रहा था.

मुझसे रचना का दर्द बर्दाश्त नहीं हो रहा था- जानू अन्दर नहीं जा रहा है, मैं तुम्हारी चूत ही चोदता हूँ.
रचना झट से बोली- नहीं बेबी, आज कुछ भी हो जाए, मैं तुम्हारी इच्छा जरूर पूरी करूंगी. एक काम करो ना … तुम मेरे मम्मों को कसके पकड़ कर अपने लौड़े का सुपारा गांड में डाल दो और पूरे जोर से धक्के देना. जब तक गांड के अन्दर पूरा लौड़ा नहीं जाता, तब तक धक्के मारते रहना.

“जानू एक बार और सोच लो, काफी दर्द होगा.”
“बेबी तुम्हारे लिए कुछ भी करने के लिए तैयार हूं. मैं गांड का दर्द सह लूँगी.”

मैंने अपना लंड का सुपारा उसकी गांड पर सैट किया और उसके दोनों चूचे कस के पकड़ लिए.
एक के बाद एक मैंने कस कसके धक्के मारने शुरू कर दिए.

मेरा लंड उसकी गांड को चीरता हुआ गांड के छेद में फिट हो गया.
उसकी गांड के अन्दर की गर्मी और नर्मी ने मुझे उत्तेजित कर दिया था.

लेकिन रचना की हालत काफी खराब हो चुकी थी. उसके पांव, मम्मे और गांड काँप रही थी.

“जानू मैं अपना लंड निकालूँ क्या?”

उससे बोला नहीं जा रहा था, इतना दर्द हो रहा था.
उसने हाथ से ही इशारा किया और एक मिनट रुकने का कहा.

मैं चुपचाप उसके जिस्म पर लेटा रहा और उसे सहलाता रहा.

कुछ मिनट बाद उसने कमर को जुम्बिश दी.
मैंने समझ लिया और लंड को बाहर निकाल लिया.

जब मैंने उसका चेहरा देखा तो रचना रो रही थी, उसकी आंखें लाल हो गयी थीं.

मैंने उसके गाल और माथे को चूम लिया उसको थोड़ी देर बांहों में लिया और उसके आंसुओं को चाट कर पी लिया.

मैंने रचना से कहा- तुम बेड पर लेट जाओ, मैं अभी आता हूं.
“बेबी क्या हुआ, कहां जा रहे हो?”

मैं कुछ नहीं बोला और जाकर 4 रस्सी लेकर आ गया.
मैंने उसके हाथ और पैर बांध दिए.

“बेबी, क्या कर रहे ये तो बताओ?”
“जानू, तुम बस मजे लेना, तेरी गांड का दर्द मैं भुलाने वाला हूँ. तुम आंखें बंद करो.”

“ठीक है बेबी.”
उसने आंखें बंद कर लीं.

मैं अलमारी से वाइब्रेटर लाया.
पहले मैंने एक उंगली उसकी गांड में डाली, एक उंगली चूत में डाली और दोनों उंगली को अन्दर हिलाने लगा.
रचना गर्म होने लगी.

उसी मौके का फायदा उठाते हुए वाइब्रेटर उसकी चूत के दाने पर रखा और रगड़ने लगा.

उसके पूरे शरीर में एक सनसनी सी आ गयी, वो मछली की तरह तड़पने लगी.
रचना उसके बंधे हुए हाथ पैर से झटके देने लगी.

वो पूरी तरह से मचल रही थी- आह बेबी, ये क्या कर रहे हो आह उम उम आई मां … रुको यार इतना मत तड़पाओ.

रचना सातवें आसमान पर थी- बेबी रुको न … मेरा बदन इतनी कामुकता सहन नहीं कर पा रहा है.
वह बार बार अपनी गांड और चूत को उठा रही थी.

आखिर कुल दो मिनट में रचना ने पूरा पानी मेरे मुँह पर छोड़ दिया.

मैं थोड़ी देर रुक गया.
रचना का जिस्म शांत होने लगा.

तभी मैंने फिर से चूत में उंगली डाली, चूत के दाने को चाटने लगा और गांड में वाइब्रेटर डाल दिया.

रचना फिर से मचलने लगी.
इस बार उसने जोर से अपने हाथों को झटका दिया.
उसके हाथों की रस्सी छूट गयी और वो बैठ कर मेरे हाथों को पकड़ने लगी.

मैं बोला- जानू प्लीज, हाथ छोड़ दो.
मेरी विनती करने के बाद उसने हाथ छोड़ दिए.

मैं फिर से चालू हो गया.
रचना चुदाई की गर्मी से तड़फ रही थी.
वो अपने आपको बेड पर लिटाकर रखने की काफी कोशिश कर रही थी पर गांड और चूत का करंट उसके पूरे जिस्म में दौड़ रहा था.

उसकी गांड और चूत पूरी गीली हो चुकी थी.
पांच मिनट बाद रचना झड़ गयी और वो फिर से शांत हो गयी.

“बेबी अब बस करो, गांड में लंड डाल भी दो.”
मैंने उसके पैर छोड़ दिए और उसको बेड पर लिटा दिया.

मैं लंड धीरे धीरे अन्दर डालने लगा.
रचना की सांसें तेज़ होने लगीं.

उसे गांड में थोड़ा थोड़ा दर्द हो रहा था इसलिए सिसकारियों के साथ दर्द भरी आवाज भी निकल रही थी.
मैंने अपना पूरा लंड अन्दर डाल दिया और धीरे धीरे गांड चोदने लगा.

कुछ मिनट बाद मैंने अपनी चोदने की तेजी थोड़ी और बढ़ाई- जानू, क्या तुम पूरे तेज़ी के साथ चुदने के लिए तैयार हो?
“हां बेबी मैं तैयार हूँ. फाड़ दो आज मेरी गांड.”

अब मैं पूरी तेजी के साथ रचना की गांड को चोदने लगा.
हमारे कमरे में बस “फच फच फच …” और “आह उम आह आह बेबी और जोर से … और जोर से फाड़ दो गांड को …” की आवाजें आ रही थीं.

उस वक्त मैंने रचना की गांड को हर एक पोजीशन में चोद दिया.

लगभग 20 मिनट की वाइफ ऐस फक के बाद मैं उसकी गांड में ही झड़ गया.
उसकी गांड का छेद काफी बड़ा हो गया था.

चुदाई के बाद मैं उसकी गांड को प्यार से सहलाने लगा.
थोड़ी देर के लिए हम सो गए.

पर कुछ देर बाद मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.
रचना सोई थी, फिर भी मैं उसकी गांड को चोदने लगा.

चुदाई के कारण रचना जग गयी, पर उसने मुझे मना नहीं किया- बेबी तुम्हें जितना मन हो, उतना चोदो … जिस छेद को चाहो, उसे चोदो. आज से मेरा पूरा जिस्म तेरे लंड के नाम पर है.

उसकी इसी प्यार भरी बात को सुनकर मैं उसे बांहों में लेकर चोदने लगा.
इस चुदाई के बाद मैंने और 2 बार उसकी चूत और गांड को चोदा.

जब मैं सुबह उठा तो रचना सोई हुई थी.
उसके बालों से हाथ घुमाकर मैंने उसके गाल पर किस किया और उसे सोने दिया.

मैंने पूरा नाश्ता कॉफी रचना के लिए तैयार किया था.

थोड़ी देर बाद रचना जग गयी.
मैं अखबार पढ़ रहा था.

रचना नंगी ही रूम से बाहर आयी.
उसकी गांड और चूत पर मेरा सूखा वीर्य दिख रहा था और वो गांड के दर्द की वजह से ठीक से चल नहीं पा रही थी.

मैं झट से उसके पास चला गया, उसे गोद में उठाकर सोफे पर लेकर आ गया.

उसकी गांड और चूत को देखा. गांड और चूत दोनों में सूजन आयी थी.

उसके दर्द को देखकर मेरी आंखों में पानी आ गया- जानू इतना दर्द हो रहा था तो रात को क्यों नहीं बताया?
रचना ने पहले मेरे आंसू पौंछे और बोली- चलो फिर से चुदाई शुरू करते हैं.

“नहीं जानू, तुम्हारे दोनों छेद सूज गए हैं और ऐसे में मैं तुम्हें कैसे चोद सकता हूँ?”
“बेबी इसलिए मैंने तुम्हें अपने दर्द के बारे में नहीं बताया था … अगर मैं बता देती, तो तुम मुझे रात भर नहीं चोदते. रात में मैं तुम्हें बस खुश देखना चाहती थी और इस लंड की भूख मिटाने के लिए मैंने तुम्हें कुछ नहीं बताया था.”

मैं उसकी इस बात पर भावुक हो गया, मैंने फिर से उसको गले लगाया- कितनी प्यारी हो तुम रचना. चलो आज का तुम्हारा हर एक काम में करूँगा. तुम बस चुपचाप बैठी रहना.

मैंने उसे कॉफी पिलाई, नाश्ता खिलाया उसको नहलाया, उसके बदन को पौंछा.
उसे पौंछते पौंछते मेरा लंड खड़ा हो गया.
ये रचना ने देख लिया.

फिर रचना ने अपनी गांड आगे की और बोली- जिस छेद में लंड डालना चाहते हो, डाल दो.
“जानू मैं पागल नहीं हूँ कि इस हालत में तुम्हें चोदूँ.”

“बेबी मेरे इस प्यारे से लंड बाबू को भूख लगी है … और इसका खाना मेरी गांड और चूत के पास ही है. मैं इसे भूखा नहीं रख सकती.”
“रचना मैं तुम्हें नहीं चोदने वाला.”

“ठीक है मेरे पास इसका इलाज है.”
रचना अपने घुटनों पर बैठ गई और पूरा लंड उसने मुँह में ले लिया.

दस मिनट लंड चूसने के बाद मैं झड़ गया.
उस दिन रचना का मेरे प्रति प्रेम देखकर मैं बहुत खुश हुआ और मैंने उसे वचन दिया कि तुम्हें हर वक्त हर पल खुश रखूंगा.

उस दिन मैंने रचना की पूरी सेवा की.

दोस्तो, आपको मेरी वाइफ ऐस फक स्टोरी कैसी लगी … प्लीज़ मुझे मेल जरूर करें.
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