फाइवसम ग्रुप सेक्स में चुदाई की मस्ती- 2

(Wife Swap Story Hindi)

शिव राज 2021-04-05 Comments

वाइफ स्वैप स्टोरी मेरे नए बने दोस्त की बीवी की आगे पीछे की चुदाई की है. उन्होंने मुझे थ्रीसम सेक्स के लिए अपने घर बुलाया था. वहां क्या कैसे हुआ?

हैलो फ्रेंड्स, मैं शिवराज एक बार फिर से आपके बीच ग्रुप सेक्स कहानी का अगला भाग लेकर हाजिर हूँ.

वाइफ स्वैप स्टोरी के पिछले भाग
दो जोड़ों की अदल बदल चुदाई देखी
में आपने पढ़ा था कि दो कपल के साथ मैं अकेला मर्द था. चूंकि मेरी बीवी स्वैप करना पसंद नहीं करती थी. मगर मोहित और स्वाति भाभी ने मुझे थ्रीसम के लिए बुला लिया था.

मैंने मोहित के घर आए हुए एक और कपल आलोक और निधि के साथ भी जुड़कर मजा ले लिया था. निधि मुझसे चुदाई करवा कर ही गई थी. मोहित अब उन दोनों को स्टेशन छोड़ने गए थे.

अब आगे वाइफ स्वैप स्टोरी:

मोहित, निधि और आलोक के चले जाने के बाद घर में मैं और स्वाति भाभी ही बचे थे.

उनके जाते ही स्वाति भाभी मेरे पास आईं और अपने हाथ से मुझे पिज्जा खिलाने लगीं.
मैंने बड़ा सा बाईट काटा और उनको अपने मुँह से मुँह लगा कर खिलाने लगा.

भाभी ने उसमें सा आधा बाईट काट लिया और मेरे सीने से चिपक गईं.
मैंने उनको अपने लगे से लगा कर उनकी पीठ पर हाथ फेरने लगा.

भाभी सिर्फ नाइटी पहने हुए थीं. उनके चौतीस साइज के बूब्स मेरे सीने में गड़े जा रहे थे.

अब तक हमारे मुँह का पिज्जा खत्म हो चुका था … सो हम दोनों एक दूसरे के होंठों को चूसने लगे थे. करीब पांच मिनट तक चुसाई के बाद हम लोग अलग हुए.

मैंने भाभी से पूछा- आज कितनी बार चुदाई हुई?
भाभी बोलीं- वो लोग सुबह छह बजे के करीब आ गए थे. फ्रेश हुए चाय नाश्ते के बाद करीब आठ बजे हम लोगों ने स्टार्ट किया था. पहली बार एक बार चुदाई करने के बाद हम लोग थोड़ा रिलैक्स हुए. पहली बार में ज्यादा मजा नहीं आया क्योंकि सबका मूड था एक जल्दी वाला राउंड हो जाए, फिर दूसरी बार आराम से करेंगे. दूसरा राउंड करीब दस बजे से एक एक बियर के साथ शुरू हुआ. तब आलोक ने अच्छे से मेरी चूत चूसी और मैंने उसका लंड चूसा. बहुत मजे लेते हुए करीब बारह बजे तक हम चारों लोग चुदाई करते रहे. उसके बाद लंच बनाया … दारू पीते रहे.

मैं भाभी की मस्ती भरी चुदाई को सुन कर गर्म हुआ जा रहा था.

भाभी- फिर दो बजे हम लोगों ने लंच किया और चारों लोग नंगे होकर बेड पर एक दूसरे के अंगों से खेलते हुए आराम करने लगे. कभी वो हमारी चूत चूसते, कभी हम उन लोग का लंड चूसते. ऐसे ही गेम खेलते हुए चार बज गए. फिर एक राउंड और हुआ और चुदाई के बाद हम लोग सो गए. बस फिर सीधे आठ बजे उठे, चाय पी और बातें करने लगे. मैंने उन लोगों को तुम्हारे बारे में बताया कि तुम एक घंटे बाद आने वाले हो. वो भी तुमसे मिलने के इच्छुक थे. फिर हम लोग पीने लगे और एक दूसरे के साथ किसिंग लिकिंग करते रहे. उसके बाद तुम आ गए और उसके बाद का तो जो हुआ, वो तुम्हारे सामने ही हुआ.

मैंने कहा- आज तो आपकी चूत तृप्त हो गयी होगी?
भाभी आंख दबा कर बोलीं- अभी कहां … अभी तो तुम्हारे साथ भी करना है.

भाभी की इस बात पर हम दोनों ही हंसने लगे.

मैंने कहा- तो फिर चलो, हम लोग शुरू करते हैं.
भाभी बोलीं- मोहित को तो आ जाने दो यार.

मैंने कहा- यार मोहित ने मना किया है क्या कि जब मैं आ जाऊँ तभी करना!
भाभी बोलीं- ऐसा तो नहीं है.

मैंने कहा- चलो न यार … मेरा तुम्हारी चूत चाटने का बहुत मन कर रहा है.
भाभी बोलीं- ठीक है, जो हुकुम मेरे आका.

मैंने कहा- गुलाम मैं हूँ … और आप मेरी आका हो.
भाभी हंस दीं.

बस बेड में आते ही भाभी ने अपनी नाइटी उतार कर फेंक दी.
मैं भी नंगा हो गया.

वो टांगें फैला कर चित लेट गई और मैं भाभी की चूत चाटने लगा.

करीब पांच मिनट की चूत चुसाई में वो पागल होने लगीं और मुझे अपने ऊपर खींचने लगीं.
अब मैं नीचे लेट गया तो वो मेरे ऊपर 69 की पोजीशन में आ गईं.

अब भाभी मेरा लंड चूस रही थीं और मैं उनकी चूत चूस रहा था.

दोस्तो, चूत चाटना और चूसना दोनों अलग होते हैं. मैं चाट नहीं रहा था … चुत चूस रहा था.
अगर किसी औरत की अच्छे से चूत चूस दी जाए, तो वो पांच मिनट के अन्दर झड़ जाएगी.

हुआ भी यही, भाभी झड़ गईं और ऐसे झड़ी की, जैसे सुसु कर दी हो.

मेरा पूरा मुँह भाभी के कामरस से भीग गया था.
वो उठीं और मेरे भीगे होंठों को अपनी जीभ से चाटने लगीं. अपना काम रस खुद चाट कर साफ किया और मुझे थैंक्स कहा.

मैंने पूछा- ये किस लिए?
भाभी बोलीं- मुझे तृप्त करने के लिए.

मैंने कहा- अभी तो कुछ किया ही नहीं और आप अभी तृप्त हो गईं!
भाभी बोलीं- कर लो यार जो करना है … मुझमें तो अब जान बची नहीं है. पर मैं तुम्हें नहीं रोकूंगी.

मैंने कहा- ऐसे नहीं, आप लेट जाओ आंखें बंद करके, मुझे जो करना है … वो करने दो.
भाभी बोलीं- ठीक है करो.

मैं फिर से उनकी चूत चाटने और चूसने लगा. पांच मिनट बाद वो मेरा सर दबाने लगीं और मेरी जीभ के जादू से फिर से गर्म होने लगी थीं.

मेरी जीभ का जादू जिसने भी देखा है, वो मुझे कभी भूल नहीं सकती है, ये मेरा दावा है.

करीब आधा घंटा हो चुका था हम दोनों को एक दूसरे की चुसाई करते हुए. अब मेरा लंड चूत में जाने के लिए बेक़रार था.

मैंने पूछा कि क्या मैं शुरू करूं?
भाभी बोलीं- आओ न जानू … अब और मत तड़पाओ … डाल दो अपना लंड … मेरी चूत को फाड़ दो आज … साली इतनी बार चुद चुकी है, फिर भी इसकी गर्मी शांत नहीं हो रही है.

मैंने झट से लंड पर कंडोम चढ़ाया और भाभी की चूत के छेद पर रगड़ने लगा.

भाभी सर उठा कर बोलीं- डालो यार जल्दी … बहुत खुजली हो रही है अन्दर.
मैंने एक ही झटके में पूरा लंड अन्दर कर दिया.

भाभी ने अपनी टांगों का गोल घेरा बना कर मुझे कस लिया और गर्दन उठा कर मेरे होंठों से अपने होंठों लगा दिए.
अब मैंने धीरे धीरे चुदाई शुरू कर दी. भाभी आंखें बंद किए मजे ले रही थीं.

मैंने भाभी की गांड में तकिया लगाया हुआ था, तो उनकी चूत ऊपर उठ कर आ गयी थी. मेरा पूरा लंड भाभी की चूत में जा रहा था.
व बेहद थक चुकी थीं, तो ज्यादा हरकत नहीं कर रही थीं. जिस तरफ मोड़ दो, चूत खोल कर लेट जाती थीं.

मैंने भाभी को कभी घोड़ी बना कर चोदा, तो कभी बेड के नीचे खड़ा करके पेला. हमारी मस्त चुदाई चल रही थी. वो खुद भूल गयी थीं कि कितनी बार झड़ी होंगी.
करीब पौन घंटा होने वाला था. मैं भी थक चुका था, सो झड़ गया.

हम दोनों नंगे बेड पर लेटे थे. नशा और चुदाई की थकान दोनों थी … सो आंख लग गयी.

तभी बेल बजी तो मैं उठ कर गया.
मोहित भैया वापस आ चुके थे.

उन्होंने मुझे नंगा देख कर पूछा- क्या हो रहा है?
मैंने कहा- कुछ नहीं, भाभी जी की सेवा कर रहा था.
मोहित- अच्छा एक राउंड हो भी गया.

हम दोनों अन्दर आ गए. स्वाति अभी भी सो रही थी.

मोहित बोला- इसको क्या हुआ?
मैंने कहा- थक गयी हैं बेचारी. सुबह से चुद चुद कर हालत खराब हो गई है.

मोहित हंसने लगे और बोले- मैंने स्वाति से कहा था कि तुम्हारा प्रोग्राम कल का रखते हैं, लेकिन वो बोली कि नहीं आज ही बुला लो.
मैंने कहा- कोई बात नहीं, थोड़ा आराम कर लेंगी … तो फ्रेश हो जाएंगी.

मोहित बोले- ठीक है, तो आओ तब तक हम लोग एक दो पैग लेते हैं.
मैंने बोला- ठीक है.

हम दोनों पीने लगे.

तब मोहित ने बताया कि निधि काफी खुश थी तुमसे चुद कर. वो मुझसे बोली है कि आज तुम दोनों मिल कर स्वाति को एक साथ चोदना. एक आगे से … एक पीछे से. जब तुम दिल्ली जाओगे तो वो भी तुमसे और आलोक से एक साथ चुदवाएगी.

मैंने कहा- स्वाति भाभी करने देंगी पीछे से?
मोहित- अरे तैयार करेंगे. अभी उसे थोड़ा और पिला देंगे. जब नशे में होती है, तो उसे कहीं से भी कोई चोद ले … उसको कोई दिक्कत नहीं होती है. वैसे भी मैंने तुम्हारे लिए उसको बोल दिया था कि जब वो आएगा, तो हम दोनों एक साथ आगे पीछे से करेंगे, तो बोली थी कि ठीक है.

अब तक हम दोनों दो दो पैग पी चुके थे. करीब बारह बज रहे थे.
मोहित भी थके थे, सो बोले चलो- यार एक राउंड अच्छा वाला करते हैं.

फिर हमने स्वाति भाभी को जगाया. वो बड़ी मुश्किल में जगीं.

भाभी बोलीं- यार, बहुत थक गयी हूँ प्लीज सोने दो.
मोहित ने कहा- कल दिन भर सोना ही तो है … आज रात का मजा लो. चलो उठो फ्रेश हो जाओ.

भाभी उठीं और वाशरूम में घुस गईं.

दस मिनट बाद नहा कर निकलीं और बोलीं- अब थोड़ा अच्छा लग रहा है मोहित … यार कुछ पीने को दो.

मोहित ने फिर से तीन पैग बनाए.
मैंने कहा- यार, बहुत हो जाएगी.
मोहित बोले- हल्का सा है … कुछ नहीं होगा.

स्वाति भाभी अभी भी नंगी थीं. मैं टावल में था और मोहित भी अपने कपड़े उतारने लगे.

हम तीनों बेड पर आ गए थे.

भाभी ने एक बार में पूरा पैग खत्म करने को बोला, सबने एक ही बार में खत्म कर लिया.

मोहित बोले- जानेमन, कैसा लग रहा है? अपना वादा याद है न, तो तैयार हो जाओ.

भाभी हंस दीं और अपने दूध मसलते हुए बोलीं- आ जाओ.

फिर क्या था … हम दोनों ने भाभी का एक एक बूब पकड़ कर मुँह में लिया और चूसने लगे.
हम दोनों बारी बारी से भाभी की चूत सहला रहे थे.

भाभी की चूत लाल हो गयी थी. भाभी को पूरा दिन हो गया चुदवाते हुए.

अब माहौल फिर से गर्म होने लगा था. कमरे में फिर से चुदाई की आवाजें गूंजने लगी थीं. स्वाति भाभी की कामुक सिसकारियां हम दोनों को जोश दिला रही थीं.

मोहित ने मुझे नीचे लेटने के लिए बोला. मैं लंड पर कंडोम लगा कर लेट गया.
स्वाति भाभी मेरी सवारी करती हुई मेरे लंड पर बैठ गईं.

उधर मोहित ने क्रीम निकाली और भाभी को मेरे ऊपर पोज में करके उनकी गांड के छेद में उंगली से क्रीम लगाने लगे.
वो धीरे धीरे उंगली से अपनी वाइफ की गांड खोलने लगे.

अभी स्वाति भाभी की चुत में मेरा लंड घुसा हुआ था. मोहित भाभी की गांड में लंड डालने की तैयारी कर रहे थे. वो अपने कड़क लंड को भाभी की गांड के छेद में डालने लगे.

इस दौरान मैं चुपचाप नीचे लेटा रहा. धीरे धीरे मोहित ने पूरा लंड स्वाति भाभी की गांड में डाल दिया और ऊपर से धक्का लगाने लगे.

स्वाति भाभी के होंठ मेरे होंठों के बीच में थे. धीरे धीरे मोहित ने स्पीड बढ़ा दी उनके धक्के से मुझे धक्के लगाने की जरूरत नहीं पड़ रही थी. मस्त चुदाई चल रही थी.

मोहित भैया लम्बे लम्बे शॉट लगा रहे थे. स्वाति भाभी दर्द को बर्दाश्त कर रही थीं, पर कुछ कह नहीं रही थीं.

मैं तो कुछ कर ही नहीं पा रहा था. बस मेरा लंड स्वाति भाभी की चुत की गहराई में आ जा रहा था.

करीब दस मिनट की चुदाई में भाभी की कसी हुई गांड की चुदाई में मोहित झड़ गए और बगल में लेट गए.
उन्होंने बिना कंडोम के चुदाई की थी, उनका बीज स्वाति भाभी गांड से बहने लगा.

अब मैंने स्वाति भाभी को कुछ ऊपर उठाया और मैं नीचे से अपनी गांड उठा कर धक्के लगाने लगा.
अब तक मोहित सो चुके थे. उन्हें शायद नशा और थकान ज्यादा हो गयी थी.
लेकिन मैं और स्वाति भाभी अभी भी चुदाई में लगे हुए थे.

कुछ देर बाद मैंने स्वाति भाभी को नीचे लिटा दिया और मैंने उनके ऊपर चढ़कर चुदाई शुरू कर दी.
आज न जाने क्यों मेरा लंड भी झड़ने का नाम नहीं ले रहा था. मैं बस भाभी को चोदे जा रहा था.

एक बार फिर से मैंने स्वाति भाभी को अपने ऊपर बुलाया. वो मेरे ऊपर बैठ कर कमर चलाने लगीं, पर जल्दी ही थक गईं.

भाभी बोलीं- अब मुझसे नहीं होगा … तुम लोगों ने चोद चोद कर मेरी जान निकाल दी है.
मैंने कहा- भाभी डॉगी बन जाओ, मैं पीछे से करता हूँ.

भाभी कुतिया बन गईं.
मैं अब उनके पीछे से उनकी चुदी हुई चुत में जबरदस्त झटके लगा रहा था.
पर साला मेरा लंड झड़ने का नाम नहीं ले रहा था.

मैंने स्वाति भाभी से कहा- यार मेरा हो ही नहीं रहा है. थोड़ा पीछे से ट्राई करूं क्या … शायद हो जाए.
भाभी बोलीं- तुझे जो भी करना है, जल्दी करो … बस मुझे अब सो जाने दो. नहीं तो मैं मर जाऊंगी.
मैंने कहा- ओके.

उनकी गांड से बहते हुए कामरस की वजह से गांड में चिकनाई बहुत थी. मैंने चूत से लंड निकाल कर भाभी की गांड में डाल दिया और चोदने लगा.

दस मिनट तक पेलने से भाभी की कसी हुई गांड ने मेरे लंड के कस बल ढीले कर दिए थे.

भाभी की गांड मारने के बाद मैं झड़ गया. मैंने कंडोम निकाला और अलग हो गया.

फिर एक पैग दारू लगाई और उनकी तरफ देखा तो वो दोनों सो चुके थे.

मैंने दारू खत्म की और लाइट ऑफ करके स्वाति भाभी की गांड से चिपक कर सो गया.

अब करीब दो बजने वाले थे. पता नहीं कब मुझे नींद आ गयी.

सुबह नौ बजे मेरी आंख खुली, तो स्वाति भाभी अभी भी मेरे बगल में सोई हुई थीं.
मोहित वाशरूम में थे.

मैं भी आंख बंद किए हुआ लेटा रहा.

मोहित ने आकर स्वाति को हिलाया और बोला- मैं आ रहा हूँ, नीचे तक जा रहा हूँ. कुछ लाना है क्या?

भाभी ने लाने के लिए कुछ बोला.
फिर मोहित चले गए.

भाभी मेरे पास आ गईं और मुझे किस करने लगीं. भाभी बोलीं- उठो मेरे शेर.
मैंने आंखें खोल कर उनको अपने सीने से लगा लिया.

भाभी बोलीं- क्या हुआ … अभी तक मन नहीं भरा क्या?
मैंने कहा- इतनी सुंदर हसीना मेरे साथ में नंगी लेटी हो, तो किसका मन भरेगा.
भाभी हंस दीं.

मेरा लंड खड़ा हो चुका था. मैंने बिना कंडोम के ही भाभी की चूत पर रगड़ना चालू कर दिया.
भाभी ने भी मेरे लंड का स्वागत किया और अपनी चूत के दरवाजे खोल दिए.

एक बार फिर से हम दोनों चुदाई में लग गए.

भाभी बोलीं- थोड़ा जल्दी करना यार … मोहित आ जाएगा, तो उसको बुरा लगेगा.
मैंने कहा- ठीक है.

हम दोनों ने करीब दस मिनट की मस्त वाली चुदाई की. फिर मैंने अपना माल उनके मम्मों के ऊपर गिरा दिया और लेट गया.

भाभी उठीं और सीधे वाशरूम में घुस गईं. तभी दो मिनट में मोहित वापस आ गया.

मैं सोने का नाटक करने लगा. फिर उसने मुझे जगाया, तो मैं उठा और कपड़े पहनने लगा.

तब तक स्वाति भाभी नहा कर बाहर आ चुकी थीं.

भाभी ने चाय बनाई, मैं तब तक वाशरूम में फ्रेश हुआ और चाय पीकर वापस अपने घर आ कर सो गया.

दोस्तो, कैसी लगी मेरी ये वाइफ स्वैप स्टोरी … प्लीज बताना जरूर.

आपका दोस्त शिव राज सिंह
मेरी मेल आईडी है
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