अर्षित मिश्रा

खिलता बदन मचलती जवानी और मेरी बेकरारी-3

मैंने जब अपने होंठ उसकी योनि पर रखे तो वो सिहर सी गई, वो ‘आई लव यू…’ कहते हुए झुकी और अपना सर मेरे पीठ पर रख कर मुझे कस कर पकड़ लिया। वो मेरे प्यार से बहुत खुश हो गई थी..

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खिलता बदन मचलती जवानी और मेरी बेकरारी -2

रिया भांग के नशे में मेरे पास ही लेटी थी तो मैंने उसकी चूचियाँ सहला दी। मुझे अहसास हुआ कि वो इसका मज़ा ले रही है। अगली रात सोते हुए मुझे लगा कि मेरे कैपरी में उसका हाथ है।

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खिलता बदन मचलती जवानी और मेरी बेकरारी -1

गांव की एक रिश्तेदार कमसिन लड़की मेरे घर रहने आई, शहर आते ही उसका रंग निखर गया और जिस्म भी भर गया, वो एकदम पटाखा बन गई थी, वो अब बहुत हसीन दिखने लगी थी।

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