सलहज इतनी हसीं कि दिल मचल गया-3
भाभी पूरी नंगी खडी थी मेरे सामने और मेरा लंड आधा खड़ा हो रहा था। भाभी- तुमने मुझे रंडी बना दिया.. मैंने पहली बार किसी दूसरे मर्द को नंगा देखा.. और खुद भी इतनी बेशरम जैसी तुम्हारे साथ नंगी खड़ी हूँ।
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भाभी पूरी नंगी खडी थी मेरे सामने और मेरा लंड आधा खड़ा हो रहा था। भाभी- तुमने मुझे रंडी बना दिया.. मैंने पहली बार किसी दूसरे मर्द को नंगा देखा.. और खुद भी इतनी बेशरम जैसी तुम्हारे साथ नंगी खड़ी हूँ।
सलवार की इलास्टिक खींची तो साथ में गुलाबी रंग की पैंटी भी नीचे आ गई। ‘जीजाजी, क्या कर रहे हओओ..’ लेकिन उन्होंने गांड उठा दी और सलवार निकल आई और पैंटी भी…
यह कहानी मेरे एक मित्र की है, उसी के शब्दों में पेश कर रहा हूँ। अमिता मेरे बड़े साले की बीवी यानि मेरी सलहज है,
मैंने जैसे ही उसकी दोनों जाँघों के बीच लटकते उसके लण्ड को देखा तो अपने नंगेपन का ख्याल छोड़ कर मैं उस पर झपट पड़ी और अपने हाथों से उसे दबोच लिया, फिर उसे अपने होंठों से चूमती चाटती हुई मैं चटखारे लेने लगी।
कहानी मेरी बेटी की एक सहेली संगीता जैन की है, मेरी बहू सोनम ने इस किस्से को मुझे बताया था।
तो संगीता जैन के ही शब्दों में ढाल कर मैं यह कहानी आपके सामने पेश कर रहा हूँ।
मिताली और उनके पति पंकज सहारनपुर में रहते थे, पंकज सरकारी बैंक में नौकरी करते थे, लेकिन उनका तबादला पटियाला हो गया था तो वे
मेरा हाथ उसके लंड को टटोल रहा था, पजामे के अन्दर एकदम फुंकारते सांप की तरह, मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था, मैं तो हाथ में लेकर उसके लंड से खिलवाड़ करना चाहती थी, उसे किसी आम के तरह चूस चूस कर उसका सारा रस पी जाना चाहती थी…
तभी मिसेज़ रेखा जैन उठकर मेरे पास पहुँची मेरे पास सटकर बैंठ गईं… उन्होंने मेरे सर पर हाथ फेरा और कहा- शरद मेरी ओर देखो, इस क्लब में कई ऐसे लोग हैं जिनके बारे वहाँ जाने पर तुम्हें पता लगेगा औऱ उनके हमारे बीच का डोर बहुत मजबूत है।
मैं अपनी यौन जरूरतें अपनी उंगली, घर में रखी हुए सब्जियों जैसे बैंगन, तोरी, खीरा, केला गाजर से पूरी करती हूँ।
चूँकि मुझे पता था कि अब मैं शादी नहीं करूँगी इसलिए मैंने अपनी फ़ुद्दी के साथ कुछ अलग ही प्रैक्टिकल किया था, मगर आप लड़कियाँ, बहनें और आंटी ल्पीज़ आप ऐसा कुछ करने की कोशिश मत करना, इन सब से दूर ही रहना…
मैंने देसी शराब की बोतल निकाली, साथ मैं एक लम्बा-मोटा बैंगन भी, और अपना कपड़े उतार कर ब्लू फिल्म देखने लगी और साथ में फ़ुद्दी में लम्बा-मोटा बैंगन डालने लगी, जब मेरी चूत को बैंगन ने पूरी तरह खोल दिया तो मैंने अपनी फ़ुद्दी, जो पहले से ही बहुत बड़ी और खुली हुई थी, मैंने शराब की बोतल उठाई और अपनी चूत को सोफ़े के ऊपर टाँगें खड़ी कर के, फ़ुद्दी को दो उंगलियों से खोल कर दूसरे हाथ से फ़ुद्दी में शराब भरने लगी।
शराब की बोतल निकाली, एक गिलास भरा और बाकी एक जग में पूरी बोतल उलट दी। मैंने अपनी साड़ी को ऊपर किया, पैंटी नीचे की और अपनी फ़ुद्दी से जग में पेशाब करने लगी, मैंने सोचा कि अब सालियों को मज़ा आएगा।
चमकती चाँदनी में चाँद सा हुस्न और जवान हसीना को चोदने के अनुभूति में मेरा बदन का रोम रोम खड़ा था।
मैंने हल्के हल्के उसकी चूत में लंड को उतारना शुरु किया और वो कराहते हुए अपने गर्दन को ऐंठने लगी, मानो कोई उसे चीर रहा हो बीचो बीच।
जब माँ चुदवायेगी तो बेटी को और मजा आयेगा, तुम फ़िक्र नहीं करो, हम लोग अनुभवी चोदू हैं, तुम्हें हमारे लंड जरूर पसंद आयेंगे। फिर तुम लोग हमसे हमेशा चुदवाती रहोगी।
बबिता की आँखें नाचने लगीं थी। उसकी कहानी ससुर के लंड से लिखी जा रही थी और वाकयी ससुर शमशेर का बुड्ढा लंड जवानों के लंड से भी बेहतरीन था वो कहते हैं ना “पुराने देसी घी और पिशौरी बादाम खाए हुए थे !”
शमशेर सिंह ने अपने भतीजे रणधीर सिंह की शादी एक ऐसी लौंडिया से करवाई, जो कमाल की हसीना थी। लौंडिया का नाम बता देना सही रहेगा, उस हसीना जिसकी गरमागरम जवानी कमाल की थी, उसका नाम था बबिता। जब बबिता अपने दूल्हे-राजा के घर आई तो उसके सपने काफ़ी रंगीन थे।
लेखिका : आयशा खान प्रेषक : अरविन्द सुरैया उस अजनबी के बदन से अलग हुई और वो दोनों नीचे हम लोगों के पास आ गये।
लेखिका : आयशा खान प्रेषक : अरविन्द मैं आयशा ख़ान हूँ, 21 साल की हूँ और लखनऊ में रहती हूँ। मेरी एक पक्की सहेली का
प्रेषक : अरविन्द आपने मेरी कहानी के चार भाग पढ़े जिसमें मेरी कामुक बहू सोनम ने मेरे साथ यानि अपने ससुर के साथ यौन आनन्द
Mera Hansta Khelta Sukhi Parivar-4 सोनम की चूत खूब गीली हो कर चिकनी हो रही थी, उसने मेरे लिंग के सुपारे को अपने योनि-लबों के
Mera Hansta Khelta Sukhi Parivar-3 मैंने उसके चूतड़ों को थपथपाते हुए कहा- तुम बहुत समझदार हो जानम ! तुम उसे हमेशा खुश और संतुष्ट रखोगी
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