दिव्या बिस्सा

पूरे हुए सपने-1

सर्दियों में दो दोस्त एक ही रजाई में बैठे पढ़ रहे थे, दोनों के लण्ड खड़े थे, बीच बीच में वे उसको सहला रहे थे, दोनों जानते थे कि जब तक मुठ नहीं मारेंगे, साला लण्ड बैठेगा नहीं और वे पढ़ नहीं पाएँगे।

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