रवीन्द्र महतो

मेरी जानू और उसकी माँ

मैंने अमृता की ब्रा और कच्छी भी उतार दी, उसका शरीर उसकी मम्मी के जैसा ही गोरा था, बुर के चारों तरफ़ घने बाल थे। मैं उसके शरीर और बुर को 10 मिनट तक चाटता रहा।

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