पराई नार की चूत चुदाई का मजा-2
उसका लौड़ा मेरे मुँह में था और उसके होंठ मेरी पेंटी पर थे. वो मेरी चूत को पेंटी के ऊपर से ही चूस रहा था, चाट रहा था. मैं कभी उसके लौड़े को चूसती, तो कभी उसकी गांड के छेद में जीभ घुमाती.
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उसका लौड़ा मेरे मुँह में था और उसके होंठ मेरी पेंटी पर थे. वो मेरी चूत को पेंटी के ऊपर से ही चूस रहा था, चाट रहा था. मैं कभी उसके लौड़े को चूसती, तो कभी उसकी गांड के छेद में जीभ घुमाती.
हमारी पहचान फेसबुक पर हुई, व्हॉट्सैप पर देर रात तक बातें होने लगी. धीरे धीरे हमारी बातों में सेक्स आ गया . हम दोनों मिलने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे और वो दिन आ ही गया.
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