मुन्ने राजा

मन का मीत मिला रे

तो मैंने उसको सेक्स के बारे में फिर से बताना शुरू किया… आज न तो उसमे कल जितनी शर्म थी और ना ही मदहोशी…
वो बड़ी तन्मयता से सुन रही थी, समझ रही थी…
फिर उसने मेरे हाथ अपने बोबों पर लगा दिए और खुद मेरे होंटो को चूसने लगी

पूरी कहानी पढ़ें »

वरदान

प्रेषक : मुन्नेराजा दुनिया की लगभग सभी जातियों में, सभी समाज में जब लड़के, लड़की सेक्स करने लायक हो जाते हैं तो उनकी शादी कर

पूरी कहानी पढ़ें »

अन्तर्वासना इमेल क्लब के सदस्य बनें

हर सप्ताह अपने मेल बॉक्स में मुफ्त में कहानी प्राप्त करें! निम्न बॉक्स में अपना इमेल आईडी लिखें, सहमति बॉक्स को टिक करें, फिर ‘सदस्य बनें’ बटन पर क्लिक करें !

* आपके द्वारा दी गयी जानकारी गोपनीय रहेगी, किसी से कभी साझा नहीं की जायेगी।

Scroll To Top