पवित्र सिंह

पहला पहला प्यार और मिलन की बेचैनी -2

ऐसी संतुष्टि पहले कभी नहीं हुई.. जैसी आज हम पसीने में लथपथ एक-दूसरे से लिपटे हुए थे.. दुनिया की सारी खुशियों और गम से बेखबर.. सच कहते हैं.. पहला प्यार भुलाये से भी नहीं भुलाया जा सकता।

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पहला पहला प्यार और मिलन की बेचैनी -1

मैं हॉस्टल में था, मेरा कोई दोस्त नहीं था। मेरी क्लास की एक लड़की मुझे अच्छी लगी और डरते हुए मैंने उसकी तरफ़ दोस्ती का हाथ बढ़ाया। डरते हुए उसने मुझे दोस्त बना लिया।

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