माँ की गांड का दीवाना-2
मेरी जवानी भी अब कुछ ज़्यादा ही उफान मारने लग गयी थी।ऐसे ही एक रात मैं अपनी माँ की गांड पर हाथ फिरा रहा था कि मुझसे रुका नहीं गया और मैंने ज़ोर से अपनी माँ की गांड को दबा दिया।
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मेरी जवानी भी अब कुछ ज़्यादा ही उफान मारने लग गयी थी।ऐसे ही एक रात मैं अपनी माँ की गांड पर हाथ फिरा रहा था कि मुझसे रुका नहीं गया और मैंने ज़ोर से अपनी माँ की गांड को दबा दिया।
मेरी माँ के चूतड़ 34″ के हैं, दूसरी औरतों की तरह उनके चूतड़ फैले नहीं हैं, बिल्कुल गोल किसी 25 साल की भाभी के जैसे है, माँ के इन्हीं चूतड़ों का मैं दीवाना हूँ।
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