प्रेम गुरु

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एक दिल चार राहें -9

नोनवेज स्टोरी इन हिंदी में पढ़ें कि कैसे मेरी पड़ोसन मेरी चुदाई से आनन्द से सराबोर हो गयी थी. एक बार सेक्स के बाद वो फिर से मेरे लंड को चूसने लगी और …

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एक दिल चार राहें -8

प्यासी पड़ोसन की चुदाई कहानी में पढ़ें कि मेरी पड़ोस में रहने वाली भाभी घर में अकेली थी. उन्होंने मुझे खाने पर बुलाया. मैंने उस भाभी की चूत का मजा कैसे लिया?

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एक दिल चार राहें -7

प्यासी पड़ोसन सेक्स इन हिंदी कहानी में पढ़ें कि कैसे सेक्सी भाभी ने मुझे बड़े प्यार से बंगाली खाना खिलाया. मैंने उसकी तारीफ की. वो कैसे मेरी बांहों के घेरे में सिमट आयी?

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एक दिल चार राहें -5

इस इरोटिक लव मेकिंग स्टोरी में मैंने बताया है कि मैंने अपनी देसी कामवाली को साड़ी पहनाने के चक्कर में नंगी किया फिर उसके बदन को छू छू कर मजा लिया.

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एक दिल चार राहें -4

देसी वर्जिन गर्ल इरोटिक सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि मैंने कैसे अपनी कमसिन कामवाली के जिस्म को भोगने के लिए उसे अपनी बातों के लपेटे में लिया. कैसे मैंने उसकी पसंद की बातें करके उसे खुश किया.

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एक दिल चार राहें -3

फ्री देसी सेक्स गर्ल स्टोरी में पढ़ें कि मैं अपनी कामवाली की जवान बेटी को पटाने के चक्कर में उसे दाने पे दाना डाले जा रहा था. लग रहा था कि चिड़िया जाल में फंस जायेगी.

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एक दिल चार राहें- 2

मेरे घर कामवाली की छोटी बेटी आने लगी थी. मेरा मन इस इंडियन देसी हॉट गर्ल की मीठी नमकीन कचौरी जैसी बुर को चखने को ललचाने लगा. तो मैं उसे अपने जाल में फांसने में लग गया.

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एक दिल चार राहें -1

यह लम्बी कहानी मेरे सेक्स अनुभवों पर है. कामवाली की एक जवान बेटी को पहले ही मैं यौन आनन्द चखा चुका हूँ. अब उसकी छोटी बेटी मेरे घर काम पर आने लगी है तो …

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तीन पत्ती गुलाब-41

उसने अपने नितम्बों का संकोचन शुरू कर दिया। सच कहता हूँ उसकी गांड अन्दर से इतनी कसी हुई थी कि लग रहा था जैसे किसी ने मेरे पप्पू की गर्दन दबोच रखी है।

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तीन पत्ती गुलाब-40

नितम्बों पर थप्पड़ लगाना उरोजों की घुन्डियाँ मसलना, गालों को दांतों से काटना। इससे स्त्री का उन्माद बहुत जल्दी अपने चरम पर पहुँच जाता है और स्त्री कामातुर हो जाती है।

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तीन पत्ती गुलाब-39

मैं सीधा खड़ा था और गौरी के पैर मेरे सीने से होते हुए मेरे कन्धों पर आ गए। मैंने थोड़ा सा झुककर एक धक्का लगाया तो मेरा लंड पूरा गौरी के गर्भाशय तक चला गया।

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तीन पत्ती गुलाब-35

भैया ने भाभी का पेटीकोट उतार दिया और दोनों नितम्बों के बीच अपना हाथ फिराते हुए भाभी की गांड के छेद में अपनी अंगुली घुसा दी। भाभी आह … ऊंह करती रही।

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तीन पत्ती गुलाब-34

मैं सोच रही थी समाज में पुरुष और स्त्री के लिए अलग-अलग मानदंड क्यों हैं? पुरुष अपनी मर्जी से किसी से सेक्स कर सकता है पर स्त्री अगर करे तो सारा दोष स्त्री पर?

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तीन पत्ती गुलाब-32

दीदी ने भाभी को समझा दिया था कि हमारे भैया को ज्यादा तरसाना मत, जल्दी से अपना खजाना उन्हें सौम्प देना. वरना वो फिर सारी रात तुम्हारी हालत बिगाड़ देंगे।

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