मदमस्त काली लड़की का भोग-1
मैंने बहुत सी गोरी गुलाबी लड़कियों का भोग किया है. मगर एक दिन दिल्ली से मुंबई जाते हुए मेरा दिल किसी अलग ही शख्सियत पर आ गया. ना जाने उसमें क्या आकर्षण था.
Hindi Sex Stories » Archives for राहुल श्रीवास्तव » Page 2
मैंने बहुत सी गोरी गुलाबी लड़कियों का भोग किया है. मगर एक दिन दिल्ली से मुंबई जाते हुए मेरा दिल किसी अलग ही शख्सियत पर आ गया. ना जाने उसमें क्या आकर्षण था.
मेरी बुर फैलती गई, उनका लंड अंदर जाता गया… एक जोरदार असहनीय पीड़ा का अनुभव… कुछ फटता सा लगा, कुछ निकलता सा लगा और फिर पूरा लंड मेरी बुर में!
अचानक कुछ भूरे रंग का उछल के बाहर आया बिल्कुल तन्नाया हुआ ओह्ह “लंड” ऐसा होता है क्या?? मैंने डर के मारे आँखें बंद कर ली.
सुबह जब आँख खुली तो देखा अंजलि नग्न मेरे बगल में लेटी थी.. चेहरे पर वही मासूमियत, संतुष्टि और जिस्म में जगह जगह निशान जो जाने अनजाने मेरे द्वारा दिए गए थे.
उसने मुझे बाँहों में भर के मेरे होंठों को चूमा- लव यू… मुझे पता था कि आपके साथ मैं इसका भरपूर आनन्द उठा सकती हूँ. बस आप ऐसे ही मुझे प्यार देते रहना!
आप मेच्योर हो, मेरे साथ प्यार से करोगे और मुझे आपसे किसी भी तरह का खतरा जैसे बदनामी या ब्लैकमेल का भी नहीं है, जो मुझे अपने हमउम्र लड़कों से हो सकता है!
यह एक अनचुदी बुर की चुदाई स्टोरी है… मैं 50 साल का मर्द और वो 21 साल की मेरे पड़ोस के परिवार की जवान बेटी… तो मजा लीजिए इस चुदाई स्टोरी का..
हम दोनों का दिल अभी भरा नहीं था. कोमल अपनी चूत में लंड का एक दौर और चाहती थी, वो तो लंड को छोड़ने का नाम ही नहीं ले रही थी. तो मजा लीजिये इस सेक्सी कहानी का!
दो नग्न जिस्म पसीने से सराबोर… कोमल के बिखरे बाल उसके चेहरे पर… कुछ और शॉट… कुछ और चुम्बन… मैं उत्तेजना में चूत में लंड डाल धक्के लगाये जा रहा था
प्यासी चूत में लंड लेने को तड़प रही मराठी मुलगी की यह सेक्सी कहानी अब बस से निकल कर होटल के कमरे में पहुँच रही है. आप भी मजा लीजिये!
यह सेक्सी कहानी सेक्स को तड़पती तरुणी की है जो शादी के 15 दिन बाद से ही पति का वियोग सह रही थी. उसके सहकर्मी ने उसकी वासना भड़का कर उसकी चूत में लंड उतार दिया.
मैंने सर के साथ जो किया था, नादानी में किया था, मेरी भूल थी पर आज तो मैंने सोच समझ कर अपने दिल से किया है, तभी शायद मैं दिल से खुद को तृप्त महसूस कर रही हूँ।
लंड मेरी पेंटी पर रगड़ रहा था, मैं बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी, मैं अपनी पेंटी उतार कर राहुल से चिपक कर बोली- अब बर्दाश्त नहीं हो रहा! कुछ तो करो! आओ मेरे ऊपर!
अचानक मुझे अहसास हुआ कि मैं सिर्फ ब्रा पेंटी में हूँ, मेरा गोरा बेदाग चिकना बदन अब बेपर्दा है, मेरे चेहरे पर शर्म की लाली आ गई, मेरे जिस्म में वो आग फिर से भड़क गई।
मेरी बुर की पहली चुदाई के 5 साल के बाद मेरा जिस्म राहुल की कहानी को पढ़ कर वही सब फिर से मांगने लगा, मैंने राहुल को मेल किया.. मुझे उनका रिप्लाई भी तुरंत आया!
सर मेरे दोनों पैरों के बीच में आए, मैंने सोचा कि फिर मेरी बुर चाटेंगे… पर मैं गलत थी, आने वाले कष्ट का मुझे अंदाज़ा नहीं था, सर मेरी बुर की दरार पे लंड रगड़ने लगे।
मुझे अपनी जवानी पर नाज था, मैंने टीचर को फ़ंसा कर फ़ायदा उठाना चाहा… मैं उनके पास गई, कहा कि वो जो कहेंगे, मांगेंगे, मैं करुँगी, दूंगी, बस मुझे पास होना है!
यह कहानी अन्तर्वासना की एक पाठिका की है, पाठिका ने अपनी बुर की पहली चुदाई अपने टीचर से कैसे करवाई, ये सब उसने लेखक को यानि मुझे बताया।
हमारे सेक्स सम्बन्ध काफ़ी दिन चलते रहे। जब उनका बेटा अमेरिका से भारत आया तो उन्होंने मुझे गाँव वापिस भेज दिया और एक दिन मेरी गैर हाजिरी में अपने बेटे का रिश्ता लेकर मेरे मां बाप से मिले।
उन्होंने मुझे लिटा कर मेरे नितंब के नीचे दो तकिये लगा कर एक तौलिया बिछा दिया। मैंने आँख बंद कर ली मैं दम साधे आने वाले पलों का इन्तजार कर रही थी।
हर सप्ताह अपने मेल बॉक्स में मुफ्त में कहानी प्राप्त करें! निम्न बॉक्स में अपना इमेल आईडी लिखें, सहमति बॉक्स को टिक करें, फिर ‘सदस्य बनें’ बटन पर क्लिक करें !
* आपके द्वारा दी गयी जानकारी गोपनीय रहेगी, किसी से कभी साझा नहीं की जायेगी।