संदीप मिश्रा

चाची की बुर है या आग का गोला-2

चाचा साधारण, गंभीर और पुराने ख्याल के हैं.. जबकि चाची शहर की तेज-तर्रार लड़की हैं। एक बार चाचा जी किसी काम से 10 दिनों के लिए बाहर गए.. तो मैं और चाची घर पर अकेले ही बचे। रात को मैं और चाची एक ही बेड पर सोये… बीच रात में मैंने महसूस किया कि चाची मेरा लण्ड सहला रही हैं… कहानी पढ़ कर देखिये…

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चाची की बुर है या आग का गोला -1

मैं चाचा चाची के पास ही रहने लगा, चाची शहर की तेज-तर्रार लड़की हैं। एक बार चाचा काम से 10 दिन के लिए बाहर गए तो मैं और चाची घर अकेले बचे। कहानी पढ़ कर देखिये…

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