ग्रुप सेक्स की नई जोड़ीदार-3
नीता भाभी ने मेरी जिन्दगी में बहार ला दी थी, मैं उनके लिये कुछ करना चाहती थी, उनके मुख से निकला ‘सनी से मुझे चुदवा दो।’ मैंने इस बात को पूरा करने की ठान ली।
Hindi Sex Stories » Archives for सनी वर्मा » Page 10
नीता भाभी ने मेरी जिन्दगी में बहार ला दी थी, मैं उनके लिये कुछ करना चाहती थी, उनके मुख से निकला ‘सनी से मुझे चुदवा दो।’ मैंने इस बात को पूरा करने की ठान ली।
नीता ने रोमा को समझा कर भेजा तो वह पूरे जोश में शाम को रंगीन बनाने में लग गई। नहा कर कमरा ठीक किया। कहानी पढ़ कर देखिये कि रोमा और नील की यह शाम कैसी गुजरी।
मैं अपने पति के दोस्त से चुदाई का मज़ा लेती थी पर अब हम उसकी बीवी को भी इस सेक्स क्रीड़ा में शामिल करना चाहते थे। सब कुछ सोच समझ कर मैं उसके घर गई।
भाभी की चचेरी बहन भी मेरे पति से चुदने को आतुर थी। वो दोअर्थी बात करने लगी। रात को मेरी सेक्सी ड्रेस देख विकास ने मुझे कावेरी के सामने ही पकड़ लिया।
मेरी बहन नंगी होकर मुझसे मालिश करवाने लगी और हम लेस्बीयन सेक्स करने लगे। अब मैं उसे अपने पति के लिये पटाना चाह रही थी। कहानी पढ़ कर देखिये।
कावेरी बोली- जीजू आप घबराइए नहीं, मैं आपको खा नहीं जाऊँगी, हाँ चख सकती हूँ। और अब तो आप मुझे पिक्चर ले जा रहे हैं तो लाइए आपको चख कर थैंक्स बोल दूँ।
भाभी की चचेरी बहन आखिर आ ही गई। कमरे में आते ही उसके कपड़े उतार दिए यह कर कि बहुत गर्मी है। उसके बाद भाभी और उनकी बहन के बीच क्या हुआ, भाभी के शब्दों में!
भाभी को मुझसे प्यार हो गया। एक बार भैया ने मुझे घर बुलाया, भाभी बाथरूम में नहा रही थी, भैया ने मुझे बाथरूम में घुसा दिया। कहानी में पढ़ें कि आगे क्या हुआ!
भाभी मुझसे चुदवाना चाहती थी पर अपने पति पर जाहिर नहीं करना चाहती थी कि वे मुझे पसन्द करती हैं। तो भाभी ने क्या तरकीब लड़ा अपने पति से सामने मुझसे चुदवा लिया।
भाभी की चुदाई के बाद भाभी ने मुझे बताया कि वो मुझे चाहने लगी है लेकिन अपने पति के शक से डरती हैं। भाभी मुझे रोज फ़ोन करने लगी और एक दिन हम तीनों घूमने गए।
अगले दिन भाभी ने मुझे फ़िर बुलाया तो मैं समझ गया कि भैया भी अपनी बीवी को मुझसे चुदवाना चाहते हैं। मैं भी हूर परी सी भाभी की चूत मारने को बेचैन होने लगा था।
मैं एक दोस्त के घर अकसर जाता था। वो और उसकी पत्नी मुझसे कुछ ज्यादा ही खुल गए थे। एक रात भाभी के जन्मदिन के बहाने उन्होंने मुझे अपने कमरे में रोक लिया और…
मैं यह देख कर दंग रह गया कि दीपा ने नीचे कुछ भी नहीं पहना था। तभी दीपा ने अपनी उंगली कामिनी की चूत में कर दी और कामिनी ने भी अपने पैर का अंगूठा दीपा की चूत में कर दिया.
पीछे से आते ही उसने मेरी गांड को टटोला और जब उसे ये एहसास हुआ कि मैंने पैंटी उतार दी है तो वो जैसे पागल हो गए, उसने मुझे पीछे से पकड़ा और मेरे मम्मे दबाने शुरु कर दिये।
मुझ पर क्या नशा चढ़ गया था, मैंने भी कामिनी के होंठ चूसने शुरू कर दिए और अपनी उंगली उसकी चूत में घुमानी शुरू कर दी।
वो मुझे खींचकर बिस्तर पर ले गई और अगले ही पल हम दोनों नंगी होकर एक दूसरी की चूत चूस रही थी।
कामिनी ने अपना गिलास बराबर में टेबल पर रख और एक हाथ से राजीव का लंड चूसते हुए दूसरे हाथ को मेरे कंधे का सहारा लेकर ऊपर नीचे होकर मेरी चुदाई करने लगी।
राजीव ने अपना लंड कामिनी की गांड में घुसा दिया। कामिनी दर्द से चीखी और अलग होने की कोशिश करने लगी। तब तक मैं कामिनी की चूत को अपने लंड के पास ले आया था और कामिनी को नीचे झुका कर अपना लंड उसकी चूत में घुसा दिया।
कामिनी अपने पति के सामने तो मुझसे चुद ही रही थी लेकिन वो अपने पति के पीछे भी मुझसे चुदना चाह रही थी। एक रात वो अकेली थी तो उसने मुझे छत पर बुलाया।
न कामिनी को इस बात की परवाह थी कि वो अपने पति के सामने एक पराये मर्द से चुद रही है, न मुझे इस बात का डर था कि मैं एक पराये आदमी की बीवी को उसी के सामने उसी के बिस्तर पर चोद रहा हूँ।
मैं राजीव के घर पहुँचा, कामिनी ने ही दरवाजा खोला, ऑरेंज सूट में वो परी सी लग रही थी, दरवाजा बंद करते हुए उसने मुझे धीरे से किस कर लिया, उसके होठों की गर्मी कल से भी ज्यादा थी। लगता था उसकी प्यास और बढ़ गई है।
हर सप्ताह अपने मेल बॉक्स में मुफ्त में कहानी प्राप्त करें! निम्न बॉक्स में अपना इमेल आईडी लिखें, सहमति बॉक्स को टिक करें, फिर ‘सदस्य बनें’ बटन पर क्लिक करें !
* आपके द्वारा दी गयी जानकारी गोपनीय रहेगी, किसी से कभी साझा नहीं की जायेगी।