पापा ने दीदी की खूब चुदाई की, फिर मेरी
(Xxxx Sex With Daughters)
Xxxx सेक्स विद डॉटर कहानी में एक रात मेरी नींद खुली तो मैंने देखा कि पापा हमारे कमरे में आये और उन्होंने मेरी दीदी के होंठों पर अपना लंड रख दिया. दीदी चूसने लगी.
फ्रेंड्स, मेरा नाम कोमल है और मेरी उम्र 21 साल है.
मेरा फिगर 32-26-34 का है और मैं अपने परिवार के साथ रहती हूँ.
यह Xxxx सेक्स विद डॉटर कहानी मेरे पापा और मेरी दीदी की है.
मेरे परिवार में पांच लोग हैं.
मम्मी, पापा, दीदी, दीदी की बेटी अहाना और मैं.
पापा का नाम विमल है और उनकी उम्र 44 साल है.
वे मम्मी से उम्र में काफी छोटे हैं.
मम्मी का नाम सुनीता है और वे पापा से 10 साल बड़ी हैं.
मेरे नाना बहुत पैसे वाले थे लेकिन मेरे बाबा नहीं थे.
इसलिए उन्होंने पापा की शादी में खूब दहेज देकर मम्मी की शादी पापा से करवा दी.
दीदी का नाम कविता है और वे मुझसे सात साल बड़ी हैं.
उनकी उम्र 28 साल है और वे एक नंबर की रंडी हैं क्योंकि दीदी बहुत चुदाई करवाती हैं, अलग-अलग लंडों से!
दीदी की एक बेटी भी है, जिसका नाम अहाना है.
मुझे नहीं पता कि पापा दीदी को कब से चोद रहे हैं.
लेकिन मुझे काफी पहले की एक बात याद है जब मैंने पहली बार दीदी को पापा से चुदती देखा था.
पहले आप उस घटना का मजा लें.
मैं और दीदी बचपन से एक ही कमरे में सोते हैं.
उस रात सबने खाना खाया और मम्मी-पापा अपने कमरे में चले गए.
हम दोनों बहनें अपने कमरे में थीं.
वैसे तो मैं जल्दी सो जाती थी लेकिन उस रात मुझे नींद नहीं आ रही थी.
अगले दिन स्कूल में मेरा टेस्ट था और मुझे कुछ नहीं आता था.
मैं आंखें बंद किए लेटी थी.
तभी कमरे का दरवाजा खुला और पापा अन्दर आ गए.
नाइट बल्ब पहले से जल रहा था इसलिए मुझे साफ दिख रहा था कि पापा क्या कर रहे हैं.
पापा ने अन्दर आकर दरवाजा बंद किया और अपना बाथरोब उतार दिया.
पापा ने अन्दर कुछ नहीं पहना था!
बाथरोब उतारते ही उनका लंड हवा में लहराने लगा.
वे मेरे बेड के पास आए क्योंकि दीदी मेरे साथ उसी बेड पर सोती थीं.
पापा ने दीदी के होंठों पर अपना लंड रगड़ा जिससे दीदी की आंख खुल गई.
दीदी ने पापा का लंड मुँह में भर लिया और हाथ से पकड़कर आगे-पीछे करती हुई चूसने लगीं.
मैं यह देख कर एकदम से भौचक्की रह गई कि यह क्या हो रहा है.
मुझे अपनी आंखों पर रत्ती भर भी भरोसा नहीं हो रहा था तो मैंने खुद को एक च्यूँटी काटी, उससे मुझे अहसास हो गया कि सही में यह सब हो रहा है.
अब मुझे उस दृश्य को देखने में कुछ कुछ सेक्सी लगने लगा था और मेरे अन्दर भी वासना जागने लगी थी.
मैं बस चुपचाप पापा और दीदी की चुदाई के सीन को देखने लगी थी.
पापा ने इतने में दीदी की पैंटी उतार दी और उन्हें नीचे से नंगी कर दिया.
फिर उन्होंने दीदी की बुर में थूक लगाकर उंगली डालनी शुरू की.
मैं आपको बता दूँ कि उस समय भी दीदी का बदन काफी भरा हुआ हो चुका था.
उनका फिगर 30-26-32 का था … और अब तो खैर क्या कहने … उनकी 34D की बड़ी-बड़ी रसीली चूचियां हैं, उनकी 30 की कमर पर 36 इंच के मोटे-मोटे चूतड़ लटके हुए थिरकते हैं, तो देखने वालों के लौड़े सलामी देने लगते हैं.
दीदी के चूतड़ इतने बड़े इसलिए हैं क्योंकि उनकी नॉन-स्टॉप चुदाई होती रहती है.
तो उस रात पापा, दीदी की चूत में उंगली डाल-डालकर चुत को ढीली कर रहे थे और वे बार बार अपनी उंगली को दीदी की चुत से निकाल कर चाट भी रहे थे.
कुछ देर बाद पापा ने दीदी को उठाकर पूरी तरह नंगी कर दिया.
पापा एक कुर्सी पर बैठ गए और उन्होंने ने दीदी को अपने लंड पर बैठाया और वे खड़े हो गए.
अब दीदी पापा के लौड़े पर लटकी हुई थीं और पापा दीदी के चूतड़ पकड़ कर उन्हें चोदने लगे थे.
थोड़ी देर बाद पापा ने पोजीशन बदल ली.
उन्होंने दीदी को लिटा दिया, उनकी टांगें फैलाईं और अपना लंड उनकी चूत में डाल दिया.
वे दीदी की चूचियां मसलते हुए फिर से चोदने लगे.
दीदी ने अपनी टांगें पापा के ऊपर लपेट रखी थीं.
वे नीचे से गांड हिलाकर पापा का पूरा साथ दे रही थीं!
पापा दीदी को आधा घंटा तक चोदते रहे.
फिर पापा बोले- आज तुम मेरे लंड का पियोगी या तुम्हारी चूत लेगी?
दीदी बोलीं- इस समय मेरी चूत माल लेगी और सुबह मैं पियूँगी … आह अभी जल्दी जल्दी चोदो यार … मजा आ रहा है मैं झड़ने वाली हूँ.
दीदी का जवाब पूरा होने से पहले ही पापा दीदी की चूत में झड़ने को रेडी चुके थे.
पापा के धक्कों की स्पीड इतनी बढ़ गई थी कि वो दीदी के नंगे बदन को अपने नंगे शरीर से जोर से चिपका चुके थे.
पापा ने अपना सारा माल दीदी की बुर की गहराई में भर दिया और वैसे ही चिपके हुए उनके ऊपर लेट गए.
दीदी पापा की गर्दन को चूम रही थीं और चाट रही थीं.
उन्होंने अपने हाथों से, जो पापा के आस पास लिपटे हुए थे, उनकी पीठ सहलाई और अपनी टांगों से उनकी गांड को दबा लिया.
कुछ देर तक वैसे ही लेटे रहने के बाद पापा उठे.
दीदी ने पापा का लहराता हुआ लंड पकड़ लिया और वे उसे चूस-चूसकर साफ करने लगीं.
दीदी ने लंड पर लगा सारा माल चाटकर पी लिया और लेट गईं.
पापा बाथरोब पहनते हुए बोले- सुबह फिर से आऊंगा चूत की रानी, नंगी मिलना!
दीदी बोलीं- वह तो मैं रोज़ ही मिलती हूँ!
वैसे दीदी मुझे सुबह अक्सर नंगी ही मिलती थीं.
पहले जब मैं पूछती थी तो वे कहती थीं- मुझे कपड़े पहनकर नींद नहीं आती … और भला मुझे अपनी सगी बहन के सामने नंगी होने में क्या दिक्कत है!
मैं भी उनकी बात मान लिया करती थी.
लेकिन उस दिन मुझे पूरी कहानी पता चली.
कुछ देर बाद मुझे भी नींद आ गई.
लेकिन मैं ये सोचती हुई सोई कि मुझे सुबह जल्दी उठना है.
सुबह जब मेरी आंख खुली तो पापा दीदी की चूत में बस झड़ने ही वाले थे.
वे दीदी को फुल स्पीड में चोद रहे थे!
दीदी जोर-जोर से चिल्ला रही थीं- आआह्ह उम्म्म आआ आह्ह पापा … और जोर से चोदो अपनी नन्हीं सी परी की बुर को … आह और जोर से!
पापा दीदी के बाल खींचते हुए इतनी स्पीड से चोद रहे थे कि बेड हिल रहा था.
दीदी पूरे मजे लेकर पापा के लंड से चुद रही थीं.
पांच मिनट के अन्दर ही पापा दीदी की बुर में झड़ गए और हांफते हुए उनके ऊपर लुढ़क गए.
दीदी फिर रात की तरह पापा की पीठ और गांड सहलाने लगीं.
दस मिनट बाद जब पापा का लंड दीदी की चूत से निकला, तो दीदी ने उसे चूसकर और चाटकर साफ किया और लेट गईं.
पापा बोले- मैं तो भूल ही गया कि तुम्हारे मुँह में माल देना था!
दीदी ने अपनी चूत में उंगली डाली और निकाल कर गीली उंगली पापा को दिखाती हुई बोलीं- आज तो आपने मेरी गहराई तक पूरी भर दी! अन्दर से माल निकाल निकाल कर मजा ले लूँगी!
पापा ने दीदी का गीला उंगलियों वाला हाथ पकड़ा और उनके मुँह के पास ले गए, जिसे दीदी चाटने लगीं.
पापा बोले- तेरी टाइट बुर के आगे सब फेल है!
दीदी हंसने लगीं और उन्होंने कहा- और तुम्हारे मोटे लंड के आगे भी!
फिर पापा ने दीदी के मुँह में अपना मुँह डालकर दो मिनट तक उन्हें चूमा और वैसे ही नंगे बाहर चले गए.
कुछ देर बाद मैंने ऐसा नाटक किया जैसे मैं अभी उठी हूँ. दीदी नंगी ही लेटी थीं.
आज मुझे पता था कि क्या हुआ क्योंकि मैंने दीदी की चूत की तरफ देखा तो उससे अभी भी पापा का रस चू रहा था.
मैंने दीदी की चूत की तरफ इशारा करते हुए कहा- दीदी, इससे कुछ निकल रहा है और बिस्तर पर भी गीला-गीला हो गया!
दीदी सकपका कर बोलीं- अरे, वह कुछ नहीं है! वह पीरियड आने वाला है न, तो उसके पहले ऐसा होता है!
मुझे पता था कि क्या है और क्या नहीं, पर मैं दीदी की चुटकी ले रही थी.
दीदी ने अपनी गीली चूत के ऊपर से ही कपड़े पहन लिए और मेरे साथ कमरे से बाहर जाने लगीं.
सुबह का नहाना-धोना और नाश्ता करने के बाद मैं और दीदी स्कूल चली गईं.
मैं रात का इंतज़ार करने लगी ताकि दीदी की चुदाई फिर से देख सकूँ.
पर रात का इंतज़ार करना ही नहीं पड़ा.
मम्मी मुझे रोज़ शाम को मेरे कमरे में बैठाकर पढ़ाती थीं.
जैसे ही शाम हुई, मम्मी बोलीं- चलो छुटकी, कमरे में पढ़ाई करो!
मुझे घर पर सब छुटकी बुलाते हैं.
दीदी रोज़ की तरह पापा के साथ बैठकर टीवी देख रही थीं.
दीदी का ब.चपन से ही पढ़ाई-लिखाई से कोई लेना-देना नहीं था.
जब मैं मम्मी के साथ अपने कमरे में जा रही थीं तो मुझे लगा कहीं दीदी इस वक्त भी तो पापा के साथ सेक्स नहीं कर रही होंगी!
मैं मम्मी के साथ कमरे में चली गई.
पर दस मिनट बाद मैंने कहा- मम्मी, मुझे पानी पीने जाना है!
मम्मी बोलीं- यह सब तुम्हारा रोज़ का नाटक है! पढ़ाई शुरू की नहीं कि प्यास-भूख सब लग जाती है!
मैं पानी पीने जाने की जिद करने लगी.
तो मम्मी ने कहा- बैठो यहीं पढ़ो, मैं लेकर आती हूँ!
जैसे ही मम्मी गईं, मैं उनके पीछे-पीछे कमरे से झांककर देखने लगी क्योंकि किचन के सामने ही टीवी वाला हॉल था.
पहले तो कुछ दिखा नहीं, पर जैसे ही मम्मी किचन की तरफ मुड़ीं, मैंने देखा कि दीदी और पापा नंगे थे और दीदी की गांड में पापा का लंड था.
पापा दीदी को घोड़ी बनाकर, उनके बाल खींचते हुए उनकी गांड में लंड डालकर पेल रहे थे.
मम्मी किचन से निकलीं और दीदी-पापा की तरफ देखकर मुस्कुरा दीं और कमरे की तरफ आने लगीं.
मैं फटाक से बेड पर बैठ गई और किताब पकड़ कर पढ़ने का नाटक करने लगी.
मम्मी पानी लेकर आईं और मुझे देकर बोलीं- जल्दी पियो और चुपचाप पढ़ो अब!
मम्मी मुझे पढ़ाने लगी और मैं मन में सोचने लगी कि मम्मी को सब पता है कि पापा दीदी को चोद रहे हैं.
वे तो जैसे दीदी को रसमलाई की तरह पापा के खाने के लिए परोस रही थीं!
तब से मैं दीदी की रोज़ चुदाई देखने लगी.
दीदी के स्कूल में भी उनके बॉयफ्रेंड थे, वे सारे के सारे उनसे उम्र में बड़े थे और दीदी की चूचियां प्लेग्राउंड में रोज़ मसलते थे.
पांच साल बाद एक रात मम्मी ने मुझे पापा के सामने रसमलाई की तरह नंगी करके परोस दिया.
बाद में मुझे पता चला कि दीदी पापा की बेटी है ही नहीं, सिर्फ मैं हूँ.
दीदी नाना की बेटी थीं.
जब मेरी मम्मी मेरी आधी से कुछ ज़्यादा उम्र की थीं, तब नानी गुज़र गई थीं.
नानी के गुज़रने के बाद नाना ने मम्मी को खूब चोदा और लगातार बारह-तेरह साल तक चोदते रहे.
जब मम्मी पच्चीस साल की थीं तो वे प्रेगनेंट हो गईं और नाना ने आनन-फानन में उनकी शादी पापा से करवा दी.
पूरे नौ महीने भी नहीं हुए थे कि दीदी पैदा हो गईं उस वक्त भी शायद किसी ने कुछ नहीं कहा था क्योंकि नाना जी दीदी के जन्म होने पर खूब सारा पैसा लेकर पापा के पास आए थे.
नाना ने मम्मी को चोदा था क्योंकि जब वे पहले घर आते थे, तो अक्सर मम्मी गेस्ट रूम में उनके साथ ही सोती थीं.
तब मुझे नहीं पता था कि अन्दर मम्मी और नाना क्या कर रहे थे.
खैर … पापा ने मेरी भी बुर की सील तोड़ दी और Xxxx सेक्स विद डॉटर शुरू कर दिया.
क्योंकि दीदी छह महीने की प्रेगनेंट हो गई थीं.
दीदी को पापा ने प्रेगनेंट कर दिया और अब वे मुझे चोदने लगे थे.
दीदी के प्रेगनेंट होने के बाद भी पापा उन्हें रोज़ चोदते थे, पर दिन में सिर्फ एक बार और कम-से-कम दो बार मुझे.
जब दीदी का पेट कुछ-कुछ दिखने लगा तो हमने घर बदल लिया ताकि किसी को पता न चले कि दीदी प्रेगनेंट हैं.
नई जगह पर दीदी को तलाकशुदा बता दिया और सब सामान्य चलने लगा.
इनब्रीडिंग से बच्चों में डिफेक्ट आ जाते हैं, पर अहाना बहुत सुंदर है और उसे कोई डिफेक्ट नहीं है.
दीदी को अहाना होने के बाद भी पापा का ध्यान मुझसे कम नहीं हुआ.
वे दीदी को कम भाव देने लगे और सिर्फ मुझे चोदने लगे.
अब आगे मुझे भी पापा के लंड से बच्चा पैदा करना है और इसके लिए तैयारी भी शुरू हो गई है.
पापा ने बंगलोर में एक फ्लैट ले लिया है.
जब मैं प्रेग्नेंट हो जाऊंगी, तो हम सब घर बदल कर दूसरी जगह शिफ्ट हो जाएंगे.
दोस्तो, यह Xxxx सेक्स विद डॉटर कहानी आपको कैसी लगी, प्लीज जरूर बताएं.
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लेखक की पिछली कहानी थी: माँ बेटी की चूत गांड की पूरी चुदाई
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