चरित्र बदलाव-5

(Charitra Badlav- Part 5)

This story is part of a series:

मैं बिस्तर पर लेट गया और भाभी की चूत चूसने लगा. मैंने धीरे से उनकी चूत पर काट लिया, भाभी जोर से चिल्ला उठी.
थोड़ी ही देर में हमने दोनों ही पानी छोड़ दिया.
फिर मैंने प्रिया को उठाया और…

बिस्तर पर सीधा लिटा दिया और उनके ऊपर आ गया. प्रिया की चूत को देख कर ही मैं समझ गया कि भाभी को चुदवाने का काफी तजुर्बा है और भैया के अलावा भी बाहर कई लोगों से चुदवा चुकी हैं.

मैंने बिल्कुल भी देर नहीं की, अपना लण्ड निशाने पर रख दिया और एक जोर का धक्का मार दिया. भाभी की चूत कुँवारी नहीं थी मगर फिर भी भाभी चिल्ला उठी और उनकी चूत से खून आने लगा. तभी भाभी बोली- बहनचोद, अपनी बहन की चूत का भोंसड़ा बना दिया! अब मेरी का भी बनाएगा क्या?

फिर भी मैंने कोई रहम नहीं किया और अपने झटके तेज कर दिए. भाभी चिल्लाती रही और मुझे गालियाँ देती रही मगर मैं भी बिना रुके उन्हें चोदता रहा.

थोड़ी देर में मैंने उनकी चूत में ही अपना पानी छोड़ दिया और मैं भाभी के वक्ष के ऊपर थक कर गिर गया, भाभी ने मेरे होंठ चूम लिए और बोली- थैंक्यू देवर जी!

फिर हम दोनों बाथकमरे में गए और एक दूसरे को साफ़ करने लगे. उस पूरे दिन घर पर किसी के ना होने के कारण मैंने भाभी को तीन बार चोदा.

रात को करीब 8 बजे मम्मी-पापा घर वापिस आ गए. मैंने उनसे पूछा- बुआ की तबीयत कैसी है?

तो उन्होंने कहा- वो शायद बच नहीं पाएगी इसलिए वो चाहती है कि मनीषा(चित्रा की बड़ी बहन) की शादी जल्द से जल्द हो जाए.

वैसे तो मनीषा चित्रा से कम सुन्दर नहीं है, उसके स्तन 22 साल की उम्र में ही भाभी को टक्कर दे सकते हैं और रंग तो उसका ऐसा है कि दूध भी उसके आगे काला लगता है.

तो मैंने कहा- मनीषा तो अभी पढ़ाई कर रही है तो इतनी जल्दी शादी!

मेरी इस बात पर मम्मी-पापा चुप हो गए.

कुछ देर बाद करीब रात के दस बजे भैया भी ट्रिप से वापिस आ गए. सुबह भैया-भाभी को ऑफिस जाना था इसलिए सभी अपने अपने कमरों में जाकर सो गए और मैं भी आराम से अपने कमरे में आ गया और दुबारा भाभी को चोदने की योजना बनाने लगा मगर एक सवाल मेरे दिमाग में अभी भी था कि आखिर शनिवार की रात को भाभी के कमरे में कौन था.

अगले दिन मैं सुबह 6 बजे ही योगी के घर पहुँच गया. जैसे ही मैंने दरवाजा बजाया तो योगी की छोटी बहन आयशा ने दरवाजा खोला, सुबह का वक्त होने की वजह से बाकी सारे सोये हुए थे तो मैं आयशा से बात करने लगा.

जैसा कि मैंने दूसरे भाग में बताया था कि योगी की दो बहनें हैं- छोटी आयशा और बड़ी ज्योति!

ज्योति डी.यू. के मिरांडा कॉलेज में पढ़ती थी और योगी से करीब दो साल बड़ी है. जिन लोगों को नहीं पता उन्हें मैं बता दूँ कि मिरांडा कॉलेज एक गर्ल्स कॉलेज है और वहाँ की ज्यादातर लड़कियों के लिए स्मोकिंग और ड्रिंकिंग तो आम बात है. मगर आयशा उस वक्त बहुत ही मासूम थी, इस कारण मैंने कभी उसे गलत नजरों से नहीं देखा.

थोड़ी ही देर में योगी वहाँ आ गया और आयशा वहाँ से उठ कर चली गई. तो योगी ने मुझसे पूछा- कैसे आना हुआ?

तो मैंने उसे अपने और अपनी भाभी के सेक्स के बारे में सारी बात बता दी और कहा- मैं प्रिया भाभी को दोबारा चोदना चाहता हूँ इसलिए तुम्हारी मदद की जरूरत है.

तो उसने पूछा- मैं तेरी मदद कैसे कर सकता हूँ?

तो मैंने कहा- शनिवार को तेरे घर कोई नहीं होता. अगले हफ्ते हम तेरे घर पढ़ने का कह कर भाभी को यहाँ बुला लेंगे और तू और मैं प्रिय भाभी के साथ सेक्स करेंगे.

यह सुन कर योगी भी मान गया क्योंकि वो भी भाभी को काफी समय से चोदना चाहता था.

भाभी के साथ एक बार सेक्स करने के बाद मैंने बहुत कोशिश की मगर भाभी के साथ सेक्स करने का मौका ही नहीं मिला इसलिए मैं अगले शनिवार का बेसब्री से इंतज़ार करने लगा लेकिन भाभी किसी काम से बुधवार को ही अपने मायके चली गई, मैं भी अपना मन मसोस कर रह गया और कुछ नहीं कर पाया.

वीरवार को जब मैं कॉलेज से वापिस आया तो मम्मी बोली- बेटा! तुम्हारे दोस्त योगी का फोन आया था.

मैं भी हैरान था क्योंकि अगर उसे कुछ काम था तो वो मेरे मोबाइल पर कॉल कर सकता था मगर फिर भी उसने घर पर फोन किया. मैंने जब उसको वापिस फोन किया तो उसका फोन स्विच ऑफ आ रहा था. मैं फिर सोचने लगा कि आखिर ऐसी क्या बात है इसलिए मैं सीधा योगी के घर चल दिया.

मैंने योगी के घर पहुँच कर घण्टी बजाई तो आयशा ने घर का दरवाजा खोला और मैं घर के अंदर आ गया.
आयशा बोली- भैया तो घर पर नहीं है.
मैंने पूछा-कहाँ गया?
तो आयशा बोली- भैया तो अभी कुछ देर पहले ही मम्मी-पापा के साथ खाटू श्याम जी के दर्शन के लिए चले गए.

मैंने दुबारा योगी को फोन किया तब भी उसका फोन स्विच ऑफ आ रहा था. फिर मैंने आयशा से अंकल का नंबर लेकर मिलाया तो योगी ने उठाया. मेरे पूछने पर उसने बताया कि जल्दी में कार्यक्रम बन गया और मुझे मम्मी-पापा के साथ निकलना पड़ा.

मैंने उससे पूछा- मुझे घर फोन क्यों मिलाया था?
तो वो बोला- हमें घर वापिस आने में 3-4 दिन लग जायेंगे तो मम्मी पापा चाहते है कि तब तक तुम हमारे घर और मेरी बहनों का ख्याल रखो.

मैंने उन्हें भरोसे के साथ हाँ कह दी और फोन रख दिया. मैंने फिर अपने घर पर फोन मिलाया और बोल दिया कि मैं 3-4 दिन तक योगी के घर पर रहूँगा.

फिर मैंने आयशा से पूछा- ज्योति कहाँ है?
वो बोली- ज्योति दीदी तो अभी कॉलेज से वापिस ही नहीं आई!
मैंने उसे फोन मिलाया तो ज्योति ने काट दिया.

रात को करीब 8 बजे जब ज्योति घर पहुंची तो वो खाना खाकर सीधा अपने कमरे में चली गई और फिर आयशा भी अपने कमरे में सोने के लिए चली गई और मैं टी.वी. देखने लग गया.

रात को 10 बजे जब मैं योगी के कमरे में जाने लगा तो देखा कि ज्योति के कमरे की बत्ती जल रही थी.

मैंने धीरे से ज्योति के कमरे का दरवाजा खोल दिया, अंदर का नजारा देख कर मेरे अन्तर्वासना जागृत हो गई क्योंकि ज्योति अपने बिस्तर पर सिर्फ ब्रा-पेंटी में सो रही थी जिसे देख कर मेरा लण्ड खड़ा हो गया मगर मैंने अपने ऊपर काबू करते हुए वहाँ से चल दिया और योगी के कमरे में आकर सो गया.

अगले दिन सुबह 7 बजे मेरे कमरे का दरवाजा बजा, मैंने जब उठ कर दरवाजा खोला तो देखा कि आयशा चाय ले कर आई हुई थी. पहली बार आयशा को देख कर मेरे दिल में कुछ अजीब सा हुआ क्योंकि जिस आयशा को मैं अब तक बच्ची समझता था उसका शरीर भी अपनी उम्र के हिसाब से बड़ा था. मेरे दिमाग में ज्योति का वो ब्रा-पेंटी और आयशा का नाईटी वाला रूप घूमने लगा और मैंने सामने खड़ी आयशा को बाहों में ले लिया वो चिल्ला पड़ी, जिसे सुन कर ज्योति भागती हुई आ गई.

मैं डर के मारे कांपने लगा और आयशा के मुँह पर हाथ रखने लगा. लेकिन शायद आयशा कि चीख की वजह से ज्योति को यह याद नहीं रहा कि उसने ब्रा-पेंटी के अलावा और कुछ नहीं पहना है. ज्योति के आते ही आयशा चुप हो गई और..

कहानी जारी रहेगी!
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