सगी भाभी की चूत की आग बुझाई- 1

(Desi Bhabhi Chut Lick Kahani)

सिद्दीकी 2025-12-11 Comments

देसी भाभी चूत लिक कहानी में भाईजान शादी के 2 महीने बाद बाहर चले गए. भाभी की चूत सूनी हो गयी. मैंने भाभी को सेट कर लिया और एक रात मैंने छत पर भाभी को नंगी करके उनकी चूत …

दोस्तो, मैं इमरान सिद्दीकी उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र से हूं।

अंतर्वासना पर यह मेरी पहली कहानी है जो कि मेरे और मेरी भाभीजान के बीच हुई नाजायज रिश्तों की सच्ची घटना है।
मेरी भाभी का नाम रुबीना है जो कि एक खूबसूरत बदन की मालिक है।

भाभी का रंग थोड़ा सांवला है मगर उनका भरा हुआ शरीर देखकर कोई भी उनको चोदने के लिए मचल जाए।
मेरी भाभी का फिगर भोजपुरी की हीरोइन काजल रघवानी की तरह है और उनके नैन-नक्श भी कुछ उसी हीरोइन से मिलते-जुलते से हैं।
उनके भरे हुए बूब्स और मांसल शरीर के तो क्या ही कहने।

तो अब मैं सीधा अपनी देसी भाभी चूत लिक कहानी पर आता हूं जो एक वास्तविक घटना है।

मेरे घर पर मैं (26), मेरे अम्मी-अब्बू और मेरे बड़े भाई ‘सुहेल’ (28) और उसकी बीवी ‘रुबीना’ (26), मुझसे छोटी एक बहन ‘सादिया’ (23) रहते हैं।
मेरे भाई की शादी मई 2016 में हुई थी और मैं उस वक्त इंटरमीडिएट का एग्जाम देकर रिजल्ट का वेट कर रहा था।

मेरे भाई की शादी के बाद उन्होंने कुछ दिनों के बाद गौना लेकर मेरी प्यारी भाभी को विदा करवा लाए।
और लगभग दो महीने के बाद मेरा भाई काम के सिलसिले में बाहर कमाने चला गया।

मेरा भाई ज्यादातर बाहर रहकर काम करता है जिससे वो घर पर कम ही रहता है।

हुआ कुछ यूं कि मेरा भाई जब काम के सिलसिले में बाहर चला गया तो उसके कुछ टाइम के बाद भाभी को भी उसकी याद आने लगी तो कुछ दिनों के लिए वो अपने मायके चली गई जिससे कि वो उनकी यादों से कुछ राहत पा सके।
उनके चले जाने की वजह से घर पर भी सभी को थोड़ा सा असुविधाओं का सामना करना पड़ने लगा जैसे कि नई शादी के बाद भी घर पर उनसे मिलने के लिए लोग आते तो वो अपने मायके में होती तो इसीलिए उनको फिर जल्दी से जल्दी ससुराल में लाने के लिए मुझे भाभी के घर जाना पड़ा।

मैं भाभी को विदा कराने बाइक से गया।
वहां पहुंचकर मैंने उनको साथ चलने के लिए कहा और दूसरे दिन हम दोनों वहां से अपने घर के लिए निकल पड़े।

रास्ते में भाभी को पेशाब लगी तो मुझे अपना हाथ लगा कर रुकने को कहा.
मगर रास्ते में बहुत तेज धूप होने की वजह से हम दोनों रास्ते में एक बाग के पास रुक गए.
मैंन उनको कहा कि उन झाड़ियों के पीछे हल्की हो लें।

भाभी को वहां से वापस आने में थोड़ा सा ज्यादा टाइम लग गया तो मैंने आवाज देकर पूछा कि क्या हो गया तो उन्होंने बताया कि जल्दी-जल्दी में उन्होंने अपने सलवार के नाड़े को गलत खींच दिया जिससे उनका नाड़ा खुल नहीं रहा है।

तो मैंने उनसे कहा- कैसे भी नाड़ा तोड़ दो. उसके बाद बैग से कोई दूसरी सलवार पहन लेना।
उन्होंने कहा- अगर ऐसा किया तो पूरा सूट चेंज करना पड़ेगा और मुझे बहुत जोरों की शुशु लगी है।

थोड़ी देर बाद उन्होंने बताया कि उन्होंने अपनी सलवार में ही पेशाब कर ली है और अब उनको इस हालत में मेरे सामने आने में भी शर्म लग रही थी।

तो मैंने कहा- अब जो होना था हो गया, अब आप पूरा सूट चेंज कर लो.

मगर समस्या ये थी कि वो ये काम करें कहां?
तो मैंने उनसे कहा कि पास के खेत में जाकर ये कर लें और उनको पीने की पानी की बोतल और सूट दे दिया।

लगभग आधे घंटे के बाद वो वहां से इस काम से फारिग होकर वापस आई।

उसके बाद मैंने उनके वो खराब हुआ वाला सूट को पॉलीथीन में रखकर गाड़ी की डिग्गी में डाल लिया और पूछा- अभी भी कोई परेशानी है क्या?
तो उन्होंने अपना सिर नीचे झुककर कहा- प्लीज, ये सब घर पर किसी को मत बताना उसके बदले में जब भी मुझे कोई मदद की जरूरत होगी तो वो कर देंगी।

उसके बाद हम दोनों घर के लिए निकल पड़े और शाम तक घर पर आ गए.
मैंने चुपके से उनके खराब कपड़ों की थैली लाकर उनको दे दी और इस बात का किसी को भी पता नहीं चलने दिया।

लगभग एक हफ्ते के बाद मेरा रिजल्ट घोषित हो गया जिसमें मैंने एक अच्छे स्कोर से इंटर पास किया।

उस शाम को मैं छत पर बैठा था और हमारी छत के एक छोर पर दो छप्परों को जोड़कर एक झोपड़ी की तरह बनी हुई थी।

थोड़ी देर के बाद मैं अपना मोबाइल चलाते हुए छत पर उस झोपड़ी में चला गया और अपनी स्कूल जीएफ ‘समरीन’ की पिक्स को जूम करके देखने लगा और फिर उसे किस कर लिया जो कि मेरी भाभी ने छुपकर देख लिया कि मैंने किसी को मोबाइल पर किस किया है.

वे मेरे पास आकर पूछने लगी- किसे किस कर रहे हो छुप-छुपकर?
तो मैंने कहा- किसी को तो नहीं!

उन्होंने कहा- मैं अभी नीचे जाकर सभी को बताऊंगी.
तो मैंने भी कह दिया- जाओ बता दो, मैं भी उस दिन की बात को सभी को बता दूंगा।

यह सुनते ही वो रुक गई और मेरे पास आकर बैठ गई और कहने लगी- मुझे भी दिखाओ जरा देवरानी की फोटो, मुझे भी देखनी है कि कैसी है तुम्हारी पसंद और मेरे हाथ से मोबाइल छीन लिया और देखने लगी।

फिर मुझे मोबाइल देते हुए खुद सामने से झुककर और फोटो दिखाने को कहने लगी।
मैंने जब मोबाइल की स्क्रीन ऑन की तो देखा कि उन्होंने मेरी और समरीन की किस करते हुए वाली पिक देख ली थीं.

अब मैंने जैसे ही सामने मुंह उठाया तो देखा कि उन्होंने अपने दुपट्टे को अपने सीने से नीचे कर दिया था जिससे मुझे उनके क्लीवेज से लेकर अंदर तक साफ-साफ दिख रहा था।

तो मैंने उनसे कहा- भाभी, क्या मैं तुम्हें किस कर सकता हूं?
तो उन्होंने अपने चेहरे को मेरे और नजदीक कर दिया तो मैंने उनके गाल पर किस करते हुए धीरे से काट लिया.
जिससे वो चौंक गई और कराह उठी।

मैंने उन्हें छोड़ दिया मगर अब मेरा लंड खड़ा हो चुका था।

तो मैंने उनसे फिर से किस करने को कहा.
तो फिर से उन्होंने चेहरे को आगे कर दिया.

इस बार मैंने उनके लिप्स पर अपने लिप्स को रखकर किस करना चालू किया और मोबाइल छोड़कर उनके बूब्स को दबाने लगा.

किस करते हुए मैंने नोटिस किया कि उन्होंने वहीं सूट पहना हुआ था जो उस दिन उन्होंने खराब किया था.

तो मैंने अपने एक हाथ से उनकी सलवार को टटोला तो पाया कि उन्होंने उस सलवार में नाड़े की जगह इलास्टिक का करवा दिया था जिससे मैंने अपने हाथ को उनकी चूत तक पहुंचा दिया और पाया कि उनकी पैंटी भी उनके काम रस से भीग चुकी है।

तभी नीचे से उन्हें बुलाने की आवाज आई और हम दोनों एक दूसरे से अलग हो गए और अपनी जोर से चल रही सांसों को कंट्रोल करने लगे।

उन्होंने जल्दी से अपने बालों को ठीक किया और नीचे की तरफ भाग गई।

उनके जाने के बाद मैंने देखा कि सामने वाले घर की छत पर कोई हम लोगों की इस हरकत को देख चुका था.
तो पहले तो मैं डर गया फिर देखा तो मेरे पड़ोस के घर की एक लड़की जोया ने ये सब देख लिया था।

मैंने पहले भी जोया को एक लड़के से चुदवाते हुए देखा था तो मुझे उससे कोई भी तरह का खतरा नजर नहीं आ रहा था इसलिए मैंने उसे इशारों से ही इस सब के बारे में किसी से न बताने के बारे में मना लिया और वो भी मुस्कुराते हुए नीचे चली गई।

फिर मैं भी कुछ देर बाद नीचे चला आया और भाभी को देखा तो वो घर के कामों में बिजी थी।

रात को मैंने खाना खाने के बाद किचन में उन्हें अकेला देखा तो उधर चला गया और कहा- आज तो आपने मेरे होश ही उड़ा दिए।
भाभी, “अभी कहां उड़े हैं अभी तो सिर्फ आग लगाई है उसे बुझाने का भी तो मौका होना चाहिए!”

मैं, “आज रात को अपने कमरे का दरवाजे की कुंडी न लगाना!”
भाभी, “क्यूं?”
मैं, “वो तो रात को ही बताऊंगा!”

भाभी, “मेरे साथ तुम्हारी बहन भी सोती है इस वक्त, उसका क्या करोगे, उसकी भी लोगे क्या?”
मैं, “पहले तेरी तो ले लेने दे मादरचोद!”

भाभी, “रात की रात को देखेंगे!”
मैं, “ठीक है। अब मैं जा रहा हूं रात को लेता हूं तेरी खबर!”

फिर मैं रात को छत पर चला गया सोने के लिए।

रात को करीब 1 बजे मैं उठा और पानी पीने के बहाने नीचे गया.
देखा तो सभी सो रहे थे.
मेरा भाई तो घर पर था नहीं तो मैंने पहले तो चेक करने के लिए कि कोई जाग तो नहीं रहा इसलिए पहले पानी पिया और गिलास नीचे गिरा दिया फिर उठाकर रख दिया.

जब किसी की आहट न मिली तो मैं भाभी के कमरे की तरफ गया.
देखा कि जीरो वाट का बल्ब जल रहा है और दरवाजे की दरार से रोशनी बाहर निकल रही है।

मतलब दरवाजा खुला हुआ था।

मैं दबे पांव अंदर गया और बेड पर ये चेक किया कि भाभी किस तरफ सो रही हैं.
मैंने देखा कि भाभी अपने एक हाथ को सीने पर और एक हाथ को अपनी चूत पर रखकर सोई हुई थी।

पहले तो मैंने अपने हाथों से उनके लिप्स को छुआ और फिर अपने एक हाथ से उनकी सलवार की मोहरी से अंदर डालकर सहलाना शुरू किया।

भाभी को तो लगता है कि मेरा ही इंतजार था उन्होंने तुरंत उठते हुए मेरा हाथ को पकड़ कर नीचे कर दिया और कहा- अगर सादिया जाग गई तो? तुमको डर नहीं लगता अपनी बहन के बगल में लेटी भाभी को चोदने आ गए।

मैंने देखा तो सादिया अभी भी आराम से सो रही थी।
मैंने कहा- तो फिर क्या किया जाए?
तो उन्होंने कहा- तुम ऊपर झोपड़ी में चलो मैं भी आती हूं थोड़ी देर में!

मैं चुपके से वहां से छत पर बनी झोपड़ी में चला गया और कुछ देर बाद भाभी भी वहीं पर आ गई।
और आते ही डांटते हुए कहा- तुम्हें डर नहीं लगता क्या, अगर सादिया जाग जाती तो?
तो मैंने कहा- तुम्हें डर लगा क्या यहां तक आने में मुझसे चुदवाने के लिए।

भाभी, “अब क्या बताऊं तुझे तुम्हारे भाई तो मुझे छोड़ कर चले गए मेरी जरा सी भी परवाह नहीं की। सारी रात तड़पती रहती हूं!”
मैं, “किसी ने देखा तो नहीं तुम्हें यहां आते हुए। और भाई को छोड़ो मैं हूं ना आपकी परवाह करने के लिए!”

भाभी, “क्या यार पता ही नहीं चला कि कब ये सब शुरू हो गया मेरे और तुम्हारे बीच ये सब। शायद ये उनकी ही बेरुखी की वजह से हो गया जो मेरे से इस चूत की आग बर्दाश्त नहीं हुई और बात यहां तक आ पहुंची!”
मैं, “ये आग होती ही ऐसी चीज है गलत सही कुछ समझ में ही नहीं आता!”

भाभी, “अभी तक किसी की चूत ली है या नहीं!”
मैं, “तुम्हें क्या लगता है!”

भाभी, “समरीन की ली हुई है न तुमने? लड़की तो मस्त है यार कैसे पटा लिया था!”
मैं, “भाभी ये वक्त इन सब बातों का नहीं है अभी!”

भाभी, “हम्म। चलो जल्दी से अपना काम निपटा लेते हैं कहीं सादिया जाग गई तो दिक्कत हो जाएगी!”

फिर मैं झोपड़ी में जमीन पर ही अपने बिस्तर को बिछा लिया और खाट को मुहाने पर खड़ी कर दिया।
अब किसी भी छत से कोई भी हमें देख नहीं सकता था।

मैंने भाभी को बिस्तर पर बिठाया और उनके लिप्स पर अपने लिप्स को रखकर किस करने लगा.
भाभी भी मुझे किस करती हुई मुझे अपनी बाहों में भरकर बिस्तर पर लेटने लगी और मैं अपने एक हाथ को उनके दाहिने दूध को मसलने लगा और उन पर अपना जोर डालकर उनको किस करता रहा।
अब भाभी भी फुल मूड में आने लगी थी।

वो मेरे बालों को पकड़ कर मेरे मुंह में अपनी जीभ डालकर जोरों से किस कर रही थी और मैं भी उनके दाहिने दूध को उतने ही जोर से मसल रहा था।

लगभग 5 मिनट की जोरदार किस के बाद उन्होंने मुझे सांस लेने का मौका दिया और हम दोनों फिर एक बार उठ कर बैठ गए।

अब इस बार उन्होंने अपनी बाहों को ऊपर उठा दिया और मैंने उनके इशारे को समझते हुए उनकी कमीज को निकल दिया.
भाभी ने अंदर लाल रंग की ब्रा पहनी हुई थी और उनके दूध उनमें समा नहीं रहे थे।

अब भाभी ने अपने दोनों हाथों को पीछे जमीन पर टिकाकर अपनी कमर को ऊपर उठा दिया.
और इस बार मैंने उनकी सलवार को उनके पैरों के नीचे तक निकाल दिया भाभी ने अंदर पैंटी भी लाल रंग की पहनी हुई थी।

अब भाभी ने अपने पैरों से अपनी सलवार को भी निकाल कर फेंक दिया।
भाभी अब मेरे सामने सिर्फ ब्रा पैंटी में पड़ी हुई थी।
और मैं अपने बरमुंडा में अपने खड़े लंड के तंबू के साथ उनकी आंखों में खोया हुआ था।

भाभी ने मुझे अपने हाथों से हिलाते हुए कहा- क्या हुआ देखते ही रहोगे या कुछ करोगे भी? ज्यादा टाइम नहीं है हमारे पास!

मैंने भाभी को कंधों से पकड़ते हुए उनको बिस्तर पर लिटा दिया और खुद भी उनके साथ उनके बूब्स को दबाते हुए लेट गया।

मैं उनके बूब्स को ब्रा के ऊपर से ही मसल रहा था जिससे उनके बूब्स में दर्द और चुभन साथ में हो रही थी.
तो उन्होंने अपने ब्रा की स्ट्रिप को कंधों से नीचे कर दिया और फिर मैंने पीछे हाथ ले जाकर हुक को खोल दिया।

अब भाभी के दोनों कबूतर आजाद हो चुके थे।
मैं अपना मुंह उनके दाहिने दूध पर लगाकर दोनों बूब्स को दबाते हुए उनके दूध को पीने लगा।

उनके दूध के चूचुक ब्राउन कलर के बहुत प्यारे लग रहे थे।
मैंने उनके दूध के पीते हुए उनकी पैंटी पर अपना हाथ लगाया तो मुझे महसूस हुआ कि भाभी ने जैसे मूत दिया है।
उनके दूध अब कड़क होकर पहाड़ की तरह नुकीले हो गए थे और उनकी चूत से कामरस लगातार टपक रहा था।

अब उन्होंने मेरे बरमुंडे में अपना हाथ डालकर मेरे लंड को पकड़ने की कोशिश की.
मगर मैं तुरंत उठ कर बैठ गया।
क्योंकि मुझे लगा कि शायद हमारी छत पर कोई आया है।

फिर इधर-उधर देखने के बाद मुझे कोई नहीं दिखा तो फिर मैं भाभी के पास आ गया और मैंने भाभी की पैंटी को निकाल दिया और खुद भी बिलकुल नंगा हो गया।

मेरी भाभी थोड़ी सांवली जरूर थी मगर उनकी चूत के अंदर का हिस्सा बिलकुल गुलाबी था।
भाभी की चूत को देखकर मैं खुद पर कंट्रोल नहीं कर पाया और अपना मुंह उनकी चूत पर लगा दिया।

अब भाभी की आह छूट गई और देसी भाभी चूत लिक के मजे से आह्ह् उम्म की आवाजें निकलने लगी।
भाभी अपने दोनों बूब्स को खुद से दबा रही थी और अपने होंठों को काट रही थी।

5 मिनट के बाद भाभी अपनी टांगों से मेरे सिर को अपनी चूत पर जकड़ने लगी और अपने हाथों से मेरे बालों को पकड़ कर मेरे सिर को अपनी चूत पर दबाने लगी।

अब भाभी की आहें जोर हो गई थी और वो बहुत जोरों से सीत्कार की चीखें निकल रही थी।
थोड़ी देर के लिए तो मुझे सांसें लेने में भी दिक्कत होने लगी और फिर भाभी के पैर कांपने लगे और वो आह्ह करती हुई झड़ने लगी।
मुझे अपने मुंह में कुछ अजीब सा टेस्ट लगा और मैं उनकी चूत को अब अपनी जुबान से और जोरों से चूसने लगा।

फिर भाभी ने निढाल होकर अपनी पकड़ को कमजोर कर दिया और मेरे सिर को ऊपर उठाकर किस करने लग गई।
शायद उनको अपनी चूत का रस का स्वाद लेना था।

यह देसी भाभी चूत लिक कहानी तीन भागों में चलेगी.
आप हर भाग पर अपनी राय देते रहें.
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देसी भाभी चूत लिक कहानी का अगला भाग:

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