पड़ोस वाली भाभी ने गर्म ट्यूशन दी
(Hot Antar Vasna Ki Story)
हॉट अंतर वासना की स्टोरी मेरी मकान मालिक की बहू के साथ सेक्स की है. उनका बेटा 6 महीने बाद घर आता था. मैं भाभी के पास ट्यूशन पढ़ने गया तो मैंने वहां पोर्न मगज़ीन देखी.
मेरा नाम ऋषि है और मैं रांची का रहने वाला हूँ।
मैं अन्तर्वासना का पिछले 5 वर्षों से नियमित पाठक रहा हूँ।
यह कहानी आज से 8 वर्ष पुरानी है।
हम लोग किराए के मकान में रहते थे।
आइए, आपको मकान मालिक के बारे में थोड़ा बता दूँ।
मकान मालिक के घर में अंकल, आंटी, भैया और भाभी रहते थे।
यह हॉट अंतर वासना की स्टोरी मुख्य रूप से भाभी से जुड़ी है।
भाभी का नाम मीनाक्षी था और उनकी शादी को अभी 1 साल ही बीता था।
उनके सौंदर्य के बारे में बताऊँ तो आप लोग तमन्ना भाटिया को ध्यान में रख सकते हैं।
उनकी चूचियाँ 36″ की, गोरी-गोरी, भरी-भरी थीं।
भाभी का पूरा शरीर यौवन रस से भरा हुआ था, उनका फिगर 36-28-36 का था।
अंकल-आंटी काम पर जाते थे और भैया नेवी में थे, तो वो 6 महीने बाहर और 6 महीने घर पर रहते थे।
चूँकि हम वहाँ पिछले 6 सालों से रह रहे थे, इसलिए हमारे और उनके घर में परिवार जैसा रिश्ता बन गया था।
भाभी भी मुझसे खुलकर हँसी-मजाक करती थीं।
उस वर्ष मैं 12वीं की परीक्षा की तैयारी कर रहा था।
मैंने आज तक ट्यूशन नहीं पढ़ा था क्योंकि मुझे पिताजी पढ़ाया करते थे।
लेकिन अब पिताजी के पास समय की कमी की वजह से वह ज्यादा समय नहीं दे पा रहे थे।
एक दिन भाभी हमारे घर पर माँ से बात कर रही थीं।
उस समय मैं पढ़ रहा था।
उन्होंने मुझसे पूछा, “कैसी चल रही है तैयारी परीक्षा की?”
मैंने कहा, “हाँ भाभी, बस चल ही रही है।”
माँ ने भाभी से कहा, “अगर तुम फ्री रहती हो तो इसे पढ़ा दिया करो, इसके पापा को समय नहीं मिलता।”
भाभी ने तुरंत कहा, “बिल्कुल आंटी जी! मैं तो वैसे भी दिन भर खाली बैठी रहती हूँ। ऋषि के साथ होगा तो मेरा मन भी लगा रहेगा।”
मैं आपको बता दूँ कि मैं कई बार भाभी के नाम की मुठ मार चुका था।
तय हुआ कि अगले दिन से भाभी मुझे पढ़ाएँगी।
मैं उनके पास चला गया।
उनका कमरा उनकी खुशबू से पहले ही महक रहा था।
भाभी ने कहा, “किताबें निकालो, मैं कुछ खाने-पीने का ले आती हूँ।”
फिर वो अंदर से कोल्ड ड्रिंक और कुछ प्याज के पकौड़े बनाकर ले आईं।
उन्होंने मुझे पढ़ाना शुरू किया।
हालाँकि पढ़ते वक्त मेरा सारा ध्यान पढ़ाई में ही था क्योंकि मेरी फटी पड़ी थी परीक्षा को लेकर।
उन्होंने मुझे कुल मिलाकर 1 सप्ताह अच्छे से पढ़ाया और मैंने भी पूरे मन से पढ़ाई की।
अगले दिन रविवार था।
भाभी के सास-ससुर किसी रिश्तेदार की शादी में गए हुए थे।
मैं वैसे ही पढ़ने के लिए भाभी के पास गया।
वो मुझे कहीं दिखाई नहीं दीं।
मैंने उन्हें काफी आवाज दी, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
फिर मैं उनके कमरे में चला गया और बेड पर बैठ गया।
मैंने टीवी चला लिया।
थोड़ी देर बाद जब भाभी नहीं आईं, तो मैं बेड पर लेट गया।
मुझे तकिए के नीचे कुछ महसूस हुआ।
मैंने हाथ डालकर देखा तो २ मैगजीन मिलीं जिनमें फोटो थी, फोटो में लड़कियाँ पूरी तरह नग्न थीं और सारी विदेशी थीं।
हालाँकि मैंने पहले भी सीडी में ब्लू फिल्में देख रखी थीं।
धीरे-धीरे मेरा हाथ मेरे लंड पर चला गया और मुझे जरा भी ख्याल नहीं रहा कि मैं किसी दूसरे के घर में हूँ।
कुछ पन्ने पलटने के बाद उसमें एक मॉडल दिखी जो रूसी थी।
वो एक अफ्रीकी का लंड मुँह में लिए हुए थी।
मैं उसी को देखकर सोचने लगा, “काश ये मेरा लंड अपने मुँह में लिए होती! अह्ह … कितना मजा आता!”
मैं अपनी ही कल्पनाओं में खोया हुआ था और मुझे जरा भी अंदाजा नहीं हुआ कि मैं कब मुठ मारने लगा।
तभी किसी चीज के गिरने की आवाज आई।
मेरी गांड फट गई!
मैंने झट से अपने लंड को पैंट में डाला और दरवाजे की तरफ देखा।
भाभी कमरे से उधर जा रही थीं।
उनके चेहरे से पता चल रहा था कि उन्होंने मुझे मुठ मारते हुए देख लिया था क्योंकि वो बहुत गुस्से में थीं।
अब मेरी हालत खराब हो रही थी।
मुझे लगा अगर इन्होंने घर पर बता दिया तो मुझे बहुत मार पड़ेगी।
मैं तुरंत उनके पास किचन में गया।
वो कुछ बना रही थीं।
मैं उनके पीछे जाकर खड़ा हो गया और माफी माँगने लगा।
उन्होंने कहा, “तुम्हें ये सब करते हुए शर्म नहीं आती!”
मैंने कहा, “माफ कर दीजिए भाभी! आज के बाद कभी नहीं करूँगा।”
मैंने उनके पैर पकड़ लिए।
मेरी हालत रोने जैसी हो गई थी।
शायद इसी वजह से उन्हें मुझ पर दया आ गई।
फिर उन्होंने समझाया, “इस उम्र में इस ओर आकर्षण होना सामान्य बात है।”
थोड़ी देर में उनकी बातों से मैं सामान्य हुआ।
फिर मैंने उनसे पूछा, “भाभी, एक बात पूछूँ? नाराज तो नहीं होंगी न!”
भाभी बोलीं, “हम्म, पूछो!”
मैंने पूछा, “भाभी, ये मैगजीन में जो लड़की है, वो जैसे इस लड़के का लंड चूस रही है, रियलिटी में भी लड़कियाँ चूसती हैं क्या?”
भाभी बोलीं, “सारी लड़कियाँ शुरू में तो ना-नुकुर करती हैं, लेकिन अगर तुम एक लड़की को अच्छे से प्यार करोगे तो वो तुम्हारी हर बात मानने को राजी हो जाएगी।”
ये सब बात करते हुए मेरा लंड महाराज भी अपनी औकात दिखा रहे थे, जो भाभी की नजरों से परे नहीं था।
भाभी ने अचानक कहा, “बाहर का दरवाजा लगाकर आओ!”
मैं गया और दरवाजे की कुंडी अंदर से लगा दी।
फिर भाभी के पास आकर बैठ गया।
भाभी ने कहा, “खड़े हो जाओ! आज तुम्हें कुछ नया सिखाती हूँ!”
मैं खड़ा हो गया।
भाभी नीचे घुटनों के बल बैठ गईं।
उस समय भाभी ने गुलाबी रंग की साड़ी और फ्लोरल कलर का ब्लाउज पहना हुआ था।
भाभी ने मेरा निक्कर मेरे पैरों से नीचे कर दिया।
मेरा लंड, जो पहले ही लगभग खड़ा होकर अपने पूरे आकार में आ चुका था, अब झटके खाने लगा।
भाभी ने बड़े प्यार से उसे हाथ लगाया और गुलाबी टोपे को अंगूठे से सहलाने लगीं।
मुझे इतना सुकून अपने पूरे जीवन में कभी नहीं मिला था।
मेरा एक हाथ अपने आप भाभी के माथे पर चला गया।
मैंने कहा, “भाभी, एक बार आप भी इसे अपने मुँह में ले लो ना!”
भाभी ने बिना कुछ कहे पूरे लंड को मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया।
हॉट अंतर वासना के कारण अब मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मेरे पूरे शरीर का खून मेरे लंड पर जमा हो गया हो और लंड की सारी नसें फूल रही हों।
मैंने भाभी के माथे को पकड़कर उनके मुँह को ही चोदना शुरू कर दिया।
हालाँकि लंड लंबा होने की वजह से भाभी के गले तक जा रहा था, जो मुझे साफ-साफ दिखाई दे रहा था।
भाभी पूरा मन लगाकर चूस रही थीं, जैसे कोई छोटा बच्चा लॉलीपॉप चूस रहा हो, हर तरफ से।
मुझे भाभी पर बहुत प्यार आने लगा।
मैंने भाभी को दोनों कंधों से उठाया और बेड पर बिठा दिया।
फिर मैंने उनकी साड़ी खोल दी।
अब मैं भूखे जानवर की तरह उन पर टूट पड़ा।
मैंने उनके होंठों से चूमना शुरू किया, फिर उनके कानों के लोब को अच्छे से चूसा और गर्दन की तरफ बढ़ा।
उनकी गर्दन से बहुत ही मादक खुशबू आ रही थी, जिससे मुझसे बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा था।
फिर मैं धीरे-धीरे भाभी के ब्लाउज को खोलने की कोशिश करने लगा, पर मुझसे वो खुला नहीं।
यह देखकर भाभी की हँसी निकल गई।
फिर भाभी ने अपने हाथ पीछे ले जाकर अपने ब्लाउज और ब्रा दोनों एक साथ खोल दिए।
मैंने भाभी का ब्लाउज और ब्रा दोनों निकाल फेंके।
अब मेरे सामने भाभी की लहराती हुई दोनों चूचियाँ निमंत्रण दे रही थीं।
क्या गोरी-गोरी, भरी-भरी चूचियाँ थीं, जिनके ऊपर गुलाबी चुचूक थे।
मुझसे रहा नहीं गया।
मैंने अपने होंठ भाभी की चूचियों पर रख दिए।
भाभी दोनों हाथों से मेरे सिर को पकड़कर अपनी चूचियों में दबा रही थीं।
अब भाभी पूरी तरह से कामवासना से भर गई थीं।
उनकी आँखें सुर्ख लाल हो रही थीं और होंठ काँप रहे थे।
मैं धीरे-धीरे नीचे की ओर बढ़ा और उनकी पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया।
फिर पेटीकोट को एक झटके में निकाल फेंका।
अब भाभी बला की खूबसूरत लग रही थीं, पूरी नंगी, सिर्फ एक काली पैंटी में।
मैंने अपनी जीभ को पैंटी के ऊपर रखा और ऊपर से चूसने लगा।
इतने में भाभी बोलीं, “तू तो खिलाड़ी लगता है!”
मैंने कहा, “नहीं भाभी, बस वीडियो में देखा था।”
भाभी बोलीं, “जो-जो देखा है, आज सब कुछ प्रैक्टिकल कर ले!”
तभी मैंने भाभी की पैंटी निकाल फेंकी और बिना देर किए उनकी चूत पर टूट पड़ा।
भाभी के मुँह से अचानक निकला, “अह्ह्ह!”
और उन्होंने मुझे अपने दोनों हाथों से पकड़कर चूत में दबा दिया।
मैंने अपनी जीभ को नुकीला किया और चूत को जीभ से ही चोदने लगा।
भाभी बिना पानी की मछली की तरह तड़पने लगीं। दोनों हाथों से चादर को पकड़कर खींच रही थीं।
भाभी बोलीं, “हाय ऋषि! चूस लो पूरी मेरी चूत को! क्या मस्त चूसते हो! और अंदर तक चूसो! आअ ह्ह्ह्ह!”
कुछ देर अलग-अलग तरीके से भाभी की चूत चूसने के बाद मुझसे बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा था।
भाभी का भी हाल कुछ ऐसा ही था।
थोड़ी देर में भाभी बोलीं, “चोदेगा भी या बस चूसने का इरादा है!”
मैंने कहा, “आज आपको मैं बिल्कुल बाजारू रंडी की तरह चोदूँगा!”
फिर मैंने भाभी की गांड के नीचे तकिया रखा और दोनों पैर अपने कंधों पर रख लिए।
मैंने अपने लंड को भाभी की चूत के मुहाने पर रखकर रगड़ना शुरू किया।
भाभी थोड़ा गुस्सा हो गईं और गाली देने लगीं, “मादरचोद! जल्दी से डाल दे लंड और बुझा दे अपनी भाभी की चूत की प्यास!”
लेकिन मैंने थोड़ी देर भाभी को ऐसे ही तड़पाया।
फिर उनके होंठों पर एक किस किया और एक जोरदार झटका दे मारा।
हालाँकि उनकी चूत पानी-पानी हो चुकी थी इसलिए उतनी परेशानी नहीं हुई।
लेकिन शायद मेरे लंड का साइज भैया से थोड़ा लंबा था जो उनकी बच्चेदानी में जा लगा।
वो पागल हो गईं और किसी भूखी शेरनी की तरह अपने दोनों पैरों को मेरी कमर पर लपेटकर मुझे अपने अंदर समाने की भरपूर कोशिश करने लगीं।
मैं भी उनके ऊपर चढ़कर जोर-जोर से झटके दे रहा था।
भाभी भी अपनी गांड उठा-उठाकर लंड पूरा अंदर ले रही थीं।
सच बताऊँ दोस्तो, मुझे उस पल जन्नत का सा अहसास हो रहा था।
भाभी की चूत किसी भट्टी की तरह तप रही थी, जो मेरे लंड को सेक रही थी।
मैं भाभी की जोरदार चुदाई में लगा हुआ था।
भाभी चिल्ला रही थीं, “चोद! चोद मादरचोद! और जोर से चोद! फाड़ दे आज मेरी चूत को! आअह! आअ ह्ह्ह! आआ ह्ह्ह्ह!”
भाभी के मुँह से लगातार सिसकारियाँ निकल रही थीं।
वे बोलीं, “ऋषि, बहन के लौड़े! और जोर से चोद ना अपनी भाभी को! आज इसे अपनी बच्चे की माँ बना दे! बहुत तगड़ा लंड है रे तेरा!”
भाभी की उत्तेजनापूर्ण बातों से मुझे और जोश चढ़ गया।
मैंने भाभी को घोड़ी बनने को कहा, जैसा उस मैगजीन में था।
भाभी तुरंत अपनी गोरी गांड बाहर की ओर करके घोड़ी बन गईं।
अब मैंने अपने लंड को भाभी की गांड के छेद से रगड़ते हुए दुबारा चूत में पेल दिया और जोरदार तरीके से चोदने लगा।
मैंने भाभी के बालों को जमा करके पीछे से पकड़ लिया और ताबड़तोड़ चोदने लगा।
भाभी चिल्लाईं, “आआह्ह्ह्ह ऋषि मेरी जान! आज से मैं तेरी रंडी बनके रहूँगी! जब मन करे चोद लेना!”
मैंने कहा, “हाँ मेरी रंडी! तेरी गांड भी चाहिए मुझे!”
भाभी बोलीं, “ले लेना मादरचोद! सब तेरा ही है! तेरे भैया तो 6 महीने में आते हैं और उनकी लुल्ली इतनी लंबी और मोटी भी नहीं है। आज लग रहा है किसी असली मर्द से चुदाई करवा रही हूँ। चोद ना भड़वे! दम नहीं है क्या!”
इतना सुनते ही मैंने भाभी की गांड पर दो चांटे एक साथ जड़ दिए और भाभी को सीधा बेड पर लिटा दिया।
उनके दोनों पैरों को कंधे पर लेकर मैं घचाघच चोदने लगा।
भाभी चिल्ला रही थीं, “आह! आह! आह! ऋषि! और अंदर! और जोर से! आह! आह! मैं मर रही हूँ! आह! आह!”
इतना कहते ही भाभी ने अपना सारा पानी छोड़ दिया।
लेकिन मेरा अभी तक नहीं हुआ था।
मैंने भाभी से कहा, “भाभी, मेरा नहीं हुआ है अभी!”
भाभी बोलीं, “अरे चिंता क्यों करता है मेरे होते हुए!”
उन्होंने लंड को पकड़ा और मुँह में लेकर अच्छे से चूसने लगीं।
मैंने कहा, “भाभी, लंड को पूरा अंदर लो ना!”
भाभी बोलीं, “तेरा लंड लंबा है, मुझे उल्टी आ जाती है।”
मैंने कहा, “चलो ठीक है। आप मेरा लंड चूसो और मैं आपकी चूत चूस लेता हूँ एक और बार!”
अब हम दोनों 69 पोजीशन में आ गए।
भाभी मेरा लंड पूरे शिद्दत से चूसने लगीं।
मैं भी अपनी जीभ का कमाल भाभी की चूत में दिखाने लगा।
कुछ ही देर में मैंने अपना सारा पानी भाभी के मुँह में छोड़ दिया और साथ ही भाभी ने भी अपना सारा पानी मेरे मुँह में छोड़ दिया।
फिर भाभी ने मुझे अपनी बाहों में सुलाया और गले से लगाकर कहा, “अब जब भी मन करे मेरी चूत मार लेना। आज से मैं तुम्हारी हुई।”
तो दोस्तों, ये थी मेरी पहली सेक्स कहानी।
फिर मैंने भाभी की गांड भी मारी, वो फिर कभी बताऊँगा।
पाठको, आपको मेरी हॉट अंतर वासना की स्टोरी कैसी लगी?
मुझे मेल में अवश्य बताएँ।
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