कामुक भाभी ने देवर को उकसा कर चुदवाया- 3

(Jawan Hot Bhabhi Kahani)

स्टालियन 2025-05-14 Comments

जवान हॉट भाभी कहानी में मेरी सेक्सी भाभी ने अपना जिस्म दिखा कर मुझे उनके साथ सेक्स के लिए तैयार कर लिया था. ओरल सेक्स के बाद मैंने उनकी चूत में लंड पेलने को तैयार था.

दोस्तो, मैं आपको अपनी मस्त देसी भाभी सेक्स कहानी सुना रहा था.

कहानी के दूसरे भाग
सेक्सी भाभी ने मेरा लंड देख लिया
में अब तक आपने पढ़ लिया था कि भाभी मेरे साथ सेक्स करने को बेताब हो उठी थीं और दरवाजा बंद करके वे मेरे पास आ गईं.

अब आगे जवान हॉट भाभी कहानी:

मैंने बिना एक पल गँवाए उन्हें अपनी बांहों में उठा लिया.
उनका बदन मेरे सीने से टकरा रहा था और उनकी सांसों की गर्मी मेरे चेहरे पर बिखर रही थी.

मैं उन्हें गोद में लिए सीढ़ियों से ऊपर बेडरूम की ओर बढ़ चला.
उनकी साड़ी, जो पहले से ही ढीली थी, मेरे कंधों पर रेशम-सी फिसल रही थी.

जब मैंने उन्हें बेड पर उतारा तो साड़ी पूरी तरह खिसक गई और वह मेरे सामने सिर्फ़ अपने ब्लाउज़ में बैठी थीं.

उनका बदन किसी मखमली चाँदनी की तरह चमक रहा था और वह ब्लाउज़ उनके हुस्न को और रहस्यमयी बना रहा था.

मैंने उनकी ओर बढ़कर उस ब्लाउज़ को खोलने की कोशिश की लेकिन भाभी ने मेरे हाथ पर एक चंचल थपकी दी.
उनकी वह शरारत मेरे लंड को और भड़का गई.

मैंने हल्के से उन्हें धक्का दिया और वे बेड पर लेट गईं.
उनकी टांगें अभी भी बेड के किनारे लटक रही थीं और उनकी सांसें तेज़ हो रही थीं.

मैंने उनके घुटनों को प्यार से थामा और उनकी टांगों को धीरे-धीरे खोलने की कोशिश की.
लेकिन भाभी ने शरारत से अपनी टांगें फिर से बंद कर लीं.

उनकी आंखों में एक मादक चुनौती थी जैसे वह मुझे और तड़पाना चाहती हों.
मैंने उनकी ओर देखा और एक गहरी मुस्कान के साथ कहा- अब बदला लेने की बारी मेरी है, मेरी मलिका!

भाभी ने अपनी भौंहें उठाईं और उनकी आंखों में एक सवाल चमक उठा.

वह बिना बोले, अपनी नजरों से पूछ रही थीं- बता मेरे सैंया, तू करना क्या चाहता है?

उनकी वह अदा, उनकी वह गर्मी और उनकी वह चमक मेरे दिल को किसी आग में झोंक रही थी.

मैंने उनके करीब झुककर उनकी सांसों को अपने होंठों से छुआ.
उनका बदन मेरे स्पर्श से काँप उठा और उनकी आंखें आधी मुँद गईं.

मैंने उनके घुटनों को फिर से प्यार से सहलाया और इस बार उनकी टांगें धीरे-धीरे मेरे सामने खुलने लगीं.

उनका हर इशारा, उनकी हर हरकत मेरे लिए एक नया नशा बन रही थी.

मैंने उनकी ओर देखा.
मेरी नजरों में वह जुनून था जो उनके हुस्न की आग में और भड़क रहा था.

मैंने भाभी की कमर को अपनी मजबूत हथेलियों में जकड़ लिया.
उनकी कोमल त्वचा मेरे स्पर्श से जैसे थरथरा रही थी.

धीरे-धीरे मैंने उन्हें बिस्तर के किनारे तक खींच लिया जहां उनकी सांसों की गर्माहट हवा में तैर रही थी.

उनकी दोनों टांगों को प्यार से अलग करते हुए मैंने भाभी की चूत के दर्शन किए.
वह नजारा किसी स्वर्ग से कम नहीं था.

भाभी की चूत इतनी साफ और रेशमी थी, मानो मखमली गुलाब की पंखुड़ियां हों और मालपुआ की तरह फूली हुई, रस से सराबोर.
उनकी चुत का अगल-बगल का हिस्सा उनकी मादक चाशनी से पूरी तरह भीगा हुआ था जो मेरे दिल को और बेकरार कर रहा था.

मैंने उनकी आंखों में देखते हुए धीमी, गहरी आवाज में कहा- भाभी, जिस तरह आपने अपने छोटे देवर (मेरे लंड) को इतना प्यार और तड़प दी, अब मैं भी आपकी इस रसीली, मालपुआ-सी चूत का हर स्वाद, हर रस को जी भरकर चखूँगा.

भाभी की होंठों पर एक शरारती मुस्कान तैर गई और उन्होंने मेरे बालों को हल्के से खींचा, जैसे मेरी बेकरारी को और भड़काना चाहती हों.

मैंने अपने दोनों हाथ उनके घुटनों पर रखे और अपनी जीभ को नुकीला करते हुए उनकी रेशमी जांघों पर फिसलने लगा. पहले मैंने उनकी जांघों को हल्के से काटा, फिर प्यार से चूमा और धीरे-धीरे उनकी चूत के करीब पहुंचा.

लेकिन मैंने अभी उसे छुआ नहीं, पहले मैंने अगल-बगल के रस को अपनी जीभ से चखा, उनकी जांघों को और भड़काते हुए और फिर दूसरी जांघ की ओर बढ़ गया, उनके घुटनों तक.

जब मेरी गर्म सांसें उनकी चूत के करीब थीं, भाभी ने अपनी कमर उठाकर मेरे मुँह को और करीब लाने की कोशिश की.

उनकी बेकरारी देख मैंने अपने हाथ उनकी गोल, मुलायम गांड पर रखे और उसे धीरे-धीरे गूँथने लगा, जैसे कोई मिट्टी को प्यार से संवारता हो.

इस बार मैंने उनकी जांघों को और धीमे और कामुक ढंग से चूमा, हल्के से दांतों से काटा और उनकी चूत की ओर बढ़ा.
भाभी के मुँह से एक मादक सीत्कार निकली, जो मेरे कानों में शहद-सी घुल गई.

उन्होंने अपने हाथ बिस्तर की चादर में गड़ा दिए और अपनी चूत को और ऊपर उठाने लगीं, जैसे मुझे पूरी तरह समर्पित करना चाहती हों.

उनकी सिसकियों भरी आवाज में एक तड़प थी जब उन्होंने कहा- अरे, कोई इस तरह तड़पाकर बदला लेता है क्या, मेरे राजा?

लेकिन मैंने उनकी बात अनसुनी कर दी और उनकी चूत को छोड़कर फिर से दूसरी जांघ पर लौट गया, उसे और प्यार से काटते हुए उनके घुटने तक पहुंच गया.

उनकी सांसें अब बेकाबू हो रही थीं और मैं उनकी हर थरथराहट को महसूस कर रहा था.

जब मैंने भाभी की ओर देखा, तो उनका पेट तेजी से ऊपर-नीचे हो रहा था, जैसे कोई लहरें उठ रही हों.
उनकी सांसें फूली हुई थीं और उनके निप्पल इतने सख्त हो गए थे कि वह चोली के पार चमक रहे थे, मानो मेरे लिए इशारा कर रहे हों.

मैंने अपने बाएं हाथ से उनकी चूत की गुलाबी पंखुड़ियों को धीरे से खोला और देखा कि वह पूरी तरह चाशनी में डूबी हुई थी जैसे कोई मधुर मिठाई मेरे लिए तैयार हो.

मैंने एक उंगली धीरे से अन्दर सरकाई और उनकी चूत के दाने को हल्के से चूमा.

उस एक स्पर्श से भाभी के पूरे शरीर में जैसे बिजली दौड़ गई. उन्होंने अपनी गांड को करीब डेढ़ फीट ऊपर उठाया, मेरी उंगली को अपनी चूत में जकड़ लिया.

वे एक ऐसी रोमांचक, मादक आवाज में सिसकियां लेने लगीं- माँ … आह … आह … आह!

उनकी यह आह आह मेरे दिल को पागल कर रही थी.

मैं निरंतर भाभी की चुत से खेलता चला गया.

कुछ ही पलों में उनकी चूत से एक गर्म धार निकली, जिसका स्वाद मेरी जीभ पर आज भी वैसा ही ताजा है, जैसे पहली बार चखा हो.

झड़ने के बाद उनकी गांड बिस्तर पर गिरी लेकिन उनका शरीर अभी भी काँप रहा था खासकर उनकी जांघें, जो थरथराती रहीं.

ऐसा लग रहा था जैसे उनकी आत्मा को कोई आनन्दमय दुनिया में ले जाकर वापस लाया हो.

मैंने धीरे-धीरे उनकी चूत के रस का स्वाद लेना जारी रखा, उनके होश में आने का इंतजार करते हुए जीभ को चुत से लड़ाता रहा.

जब उनके नाजुक हाथ मेरे बालों को सहलाने लगे, तब मुझे पता चला कि भाभी वापस मेरे साथ हैं.

उनकी आंखों में आंसुओं की चमक थी जो शायद उस अतुलनीय सुख की गवाही दे रही थी.

मैंने मुस्कुराते हुए पूछा- कैसा लगा भाभी, अपने लाड़ले देवर का यह प्यारा-सा बदला?

भाभी ने उठने की कोशिश की लेकिन उनकी जांघों में अभी भी वह कमजोरी थी, जो मेरे स्पर्श ने दी थी.
उन्होंने मुझे अपने पास बुलाया और मैं उनके ऊपर लेट गया.

मेरे बालों को सहलाते हुए भाभी ने धीमी, भावुक आवाज में कहा- तूने ये क्या कर दिया मेरे राजा? ऐसा यौन सुख … ऐसी तृप्ति तो मुझे तेरे भैया से भी कभी नहीं मिली. पहली बार मेरी चूत से इतना रस निकला है और मेरी टांगों में तो जैसे जान ही नहीं बची!

मैंने उनकी आंखों में देखते हुए कहा- भाभी, यही तो फर्क है पति और देवर में! पति तो बस अपनी जरूरत पूरी करता है, लेकिन एक देवर अपनी भाभी को, अपनी दोस्त को वह हर सुख देना चाहता है, जिसकी वह असली हकदार है … और मैं तो बस आपकी हर ख्वाहिश को सच करना चाहता हूँ.

जैसे ही ये बात उनके कानों में पड़ी, भाभी ने मुझे अपनी बांहों में जकड़ लिया और मेरे होंठों पर एक ऐसा चुम्बन जड़ा कि मेरी रूह तक कांप उठी.

उनके दांत मेरे होंठों को हल्के से खींच रहे थे, मानो वे मेरी सारी इच्छाओं को एक पल में जगा देना चाहती हों.

उस चुम्बन में एक तीव्र तृप्ति थी, जो मेरे दिल को धन्यवाद और वासना के मिश्रण से भर रही थी.

मैं उनके ऊपर लेटा हुआ था और देर तक उनके होंठों का ऐसे रसपान करता रहा, जैसे कोई प्यासा अमृत की बूंदों को तरस रहा हो.

बीच में जब मैंने उनके ब्लाउज के बटन छूने की हिम्मत की, भाभी ने मेरी कमर पर एक शरारती चपत जड़ दी.
मैंने उनकी आंखों में सवाल भरी नजरों से देखा, तो वे मुस्कुराईं और खुद ही अपने हाथों से ब्लाउज उतार फेंका.

उनके उजले, गोरे दूध मेरे सामने थे, जिन पर बादामी निप्पल इस तरह तने हुए थे जैसे कोई कामुक निमंत्रण दे रहे हों.

भाभी बिस्तर पर रानी की तरह बैठ गईं और अपने निप्पल मेरे सामने कर दिए, जैसे मुझे अपनी दुनिया में खींच रही हों.

मैं उनके बगल में बैठ गया और उनके दूध का स्वाद लेने लगा, जैसे कोई प्यास मजनू अपनी लैला के प्यार की भेंट चख रहा हो.

उधर भाभी ने मेरे लंड को अपने मुलायम हाथों से सहलाना शुरू कर दिया और मेरी उंगलियां उनकी चूत की नर्म गहराइयों को टटोलने लगीं.

उनकी हर सांस मेरे शरीर में आग लगा रही थी.

फिर भाभी ने मेरे लंड को अपने होंठों के बीच लिया और उसे इस तरह चूसा जैसे वह मेरी सारी मर्दानगी को अपने अन्दर समेट लेना चाहती हों.

उनके होंठ मेरी गोटियों पर भी प्यार बरसाने लगे और जब उन्होंने हल्के से मेरी एक गोटी को दांतों से छुआ, मेरी सांसें थम सी गईं.

मेरी हालत देखकर भाभी की हंसी छूट पड़ी और वे मेरे सुपाड़े को और जोश के साथ चूसने लगीं.
फिर हम दोनों बिस्तर पर एक-दूसरे में खो गए.

भाभी ने मेरा हाथ अपनी चूत पर रखा और धीमे से कहा- ये मेरे पति की अमानत है, जो मैं आज अपने देवर को सौंप रही हूं. वादा कर, जैसे तूने मेरे होंठों को तृप्त किया, वैसे ही इस लंड से मुझे स्वर्ग की सैर कराएगा.

उनकी बात सुनकर मैंने उनके पैर छुए और कहा- भाभी, मुझे ऐसा आशीर्वाद दें कि मैं आपको हर पल सुख की चरम सीमा तक ले जाऊं.
भाभी ने शरारत भरी मुस्कान के साथ कहा- यशस्वी भव! अब उतर जा इस रणभूमि में, मेरे वीर!

इतना कहते ही मैंने भाभी को बिस्तर पर हल्के से धकेला और उनकी चूत पर टूट पड़ा.

मेरी जीभ उनकी चुत की नर्म त्वचा को चूम रही थी और भाभी मेरे बालों को सहलाती हुई मुझे और करीब खींच रही थीं.

मैंने जवान हॉट भाभी की चूत के इर्द-गिर्द हल्के से काटा, उंगलियों से उनकी गहराइयों को छुआ और उनके दाने को चूसने लगा.
तभी उनकी चूत से पुनः रस का झरना फूट पड़ा, जो मेरे चेहरे को भिगो रहा था.

भाभी चरम सुख की लहरों में डूबने लगीं और सिसकारियां भरती हुई बोलीं- लगता है मेरे दूध ने तुझमें आग लगा दी है, जो इतने जोश से मेरे बदन को भोग रहा है … आह … उह … हम्म … आ … ह ..

यही सब कहती हुई वे पूरी तरह से झड़ गईं और उनका रस मेरे चेहरे पर मोतियों की तरह बिखर गया.
मैं गहरी सांसें लेते हुए उन्हें निहार रहा था. भाभी ने मुझे अपनी बांहों में खींचा और मेरे होंठों को चाटने लगीं.

मैंने हल्के से पूछा- अपने रस का स्वाद कैसा लगा भाभी?
वे शर्माईं और बोलीं- तेरे भैया से ये कभी न हुआ, जो तूने आज कर दिखाया.

इतना कहकर उन्होंने मेरे गाल पर प्यार से काट लिया.

मैं उनके ऊपर लेटा हुआ था और अपना लंड उनकी चूत में डालने की कोशिश कर रहा था.

भाभी ने अपनी टांगें पूरी खोल दीं मगर फिर भी छेद का रास्ता नहीं मिल रहा था.

तभी भाभी ने ठहाका लगाया और कहा- मुझे लगा तुझे औरत को तृप्त करना बखूबी आता है. इसीलिए तो मैंने तुझे ये अमानत सौंपी. लेकिन तू तो बुद्धू निकला, पगले!
मैंने हंसते हुए कहा- बस एक बार आपके आशीर्वाद से भीतर समा जाऊं, फिर देखिएगा भाभी.

भाभी ने मेरे लंड को अपने हाथ में लिया और सुपाड़े को जोर से सहलाती हुई बोलीं- अच्छा? इतना घमंड? चूत चाटना और बात है और उसे कूटना और बात है … क्या तुझमें इतना दम है कि अपनी भाभी को सुख की मंजिल तक ले जाए?

इतना कहते ही उन्होंने मेरे लंड को अपनी चूत के मुहाने पर टिकाया और आंखों में देखकर कहा- अब घुसा दे अपना शस्त्र, मेरे वीर!

जैसे ही मेरे लंड का सुपाड़ा धीरे-धीरे भाभी की नर्म, गर्म गहराई में उतरने लगा.
उनकी आंखें एकदम सफेद हो उठीं, मानो सारी दुनिया एक पल को ठहर गई हो.

भाभी की सांसें रुक सी गईं और उनके होंठों से एक मादक सिसकारी छूटी जो मेरे रगों में आग सी दौड़ा गई.
मेरे शरीर में एक ऐसी कंपकंपी उठी जैसे बिजली का झटका हो.

दोस्तो, भाभी से मेरे लंड की मोटाई झेली नहीं जा रही थी.

उनके साथ चुदाई में आगे क्या हुआ, वह सब अगले भाग में विस्तार से लिखूँगा.
जवान हॉट भाभी कहानी पर आप मुझे अपने विचारों से अवगत कराएं.
[email protected]
धन्यवाद.

जवान हॉट भाभी कहानी का अगला भाग:

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