गांव में निसन्तान भाभी को अच्छे से पेला
(Rough Sex With Sexy Bhabi)
रफ सेक्स विद सेक्सी भाभी का मजा मुझे तब मिला जब मेरे भाई भाभी को संतान नहीं हुई. भाभी को औलाद चाहिए थी पर भाई में कमी थी.
नमस्ते दोस्तो, ये मेरी ज़िंदगी की पहली सेक्स कहानी है, जो मेरी भाभी के साथ हुई.
सबसे पहले मैं अपने बारे में बता देता हूँ.
मेरा नाम विशु है.
मैं हरियाणा के रोहतक ज़िले में रहता हूँ.
मेरी कद-काठी 6 फुट की है और मैं कुश्ती का खिलाड़ी हूँ.
मेरे जिस्म की ख़ास बात यह है कि मेरा लंड 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है.
मैं अपने लंड से अब तक अनेकों भाभियों और लड़कियों को चोद कर उन्हें खुश कर चुका हूँ.
रफ सेक्स विद सेक्सी भाभी वाली बात उस समय की है जब मैंने स्कूल की पढ़ाई पूरी कर ली थी और रिजल्ट आना शेष था.
उन दिनों में खाली था तो मैं अपने ताऊ जी के लड़के के पास कुछ दिन रहने गया था.
उधर ही मेरी टीना भाभी ने मुझे सेक्स की हर तरकीब सिखा दी.
उसी घटना को मैं आज आपको बता रहा हूँ.
मेरी टीना भाभी वैसे तो एकदम मस्त माल हैं, पर घर में उन्हें बड़े तहज़ीब से रहना पड़ता था.
जब मैं गया, तब भाई अपने पिता जी के घर से अलग घर में रहने लगे थे.
मैं शाम की ट्रेन से वहां पहुंचा तो मैंने सभी से राम राम किया और उधर से सीधा भाई के पास पहुंच गया.
हम दोनों भाई आपस में एकदम खुले हुए हैं.
हम दोनों ने मिल कर खूब हरामीपन किया था.
गांव की कुछ छिनाल किस्म की औरतों को चोदा भी था.
हम दोनों साथ में दारू पीकर चुत चुदाई का मजा लेते रहते थे.
इसी लिए मेरा मन जल्दी से जल्दी अपने भाई के पास जाने को कर रहा था.
भाई ने मुझे देखा तो वह खुश हो गया और हम दोनों बीते दिनों की यादें फिर से अपनी बातों में करने लगे.
कुछ ही देर में हम दोनों का दारू पीने का प्रोग्राम बन गया.
शाम हुई तो भाई बाजार चला गया और ठेके से देसी दारू और चकना ले आया.
हम दोनों भाइयों ने मिल कर पूरी बोतल खत्म कर दी.
जब टुन्नी में आए तो भाई ने अपनी परेशानी बताना शुरू कर दी कि वे अपने पिता जी से अलग क्यों रहने लगे.
उन्होंने बताया कि टीना को बच्चा नहीं हो रहा है और इसी बात को लेकर उसे सब लोग ताने देने लगे थे.
मैंने सोचा कि भाभी में ही कोई कमी होगी क्योंकि मुझे मालूम था कि भाई का लंड मजबूत है और जब हम दोनों मिल कर किसी लौंडिया को चोदते थे तो भाई उसे काफी देर तक चोदते रहते थे.
तब मैंने उनसे डॉक्टर की बात कही तो वे बोले= हां डॉक्टर को भी दिखा लिया है.
बस इतना कह कर वे चुप हो गए.
मैंने कहा- डॉक्टर ने क्या कहा? क्या भाभी में कुछ दिक्कत है?
फिर भाई ने गहरी सांस लेते हुए कहा- डॉक्टर ने कहा कि मेरे वीर्य में कमी है. जबकि सेक्स में कोई कमी नहीं है!
यह सुनकर मैं समझ गया कि भाई को भाभी की संतान न होने से चिंता है.
अब मैं भाई की तरफ देखने लगा.
भाई ने मेरी आंखों में झांका और धीरे से कहा- क्या बताएं भाई कि मेरी परेशानी कैसे दूर हो पाएगी?
वे अभी आगे कुछ कहते कि मैंने उनके मुँह पर हाथ जमा दिया और कहा- भगवान सब ठीक करेगा. आप परेशान न हों!
इतनी कह कर हम दोनों ने एक एक सिगरेट पी और इधर उधर की बातें करने लगे.
दारू का आखिरी पैग पीकर हम दोनों ने खाना खाया और तभी मैंने सामने दीवार पर लगी घड़ी में देखा कि घड़ी में रात के 11 बज चुके थे.
उधर भाई दारू की मस्ती में डूब चुके थे और वे सोने की तैयारी कर रहे थे.
भाभी मेरी तरफ देख रही थीं.
मैं सर झुका कर सिगरेट फूंकने लगा.
अब सोने की बारी आई तो हुआ कुछ यूं कि उनके छोटे से कमरे में सिर्फ एक बेड और चारपाई थी.
भाई हमेशा चारपाई पर ही सोते थे.
इस कारण मैं भाभी के साथ बेड पर ही सो गया.
भाभी ने मेरे साथ सोने में कोई आपत्ति जाहिर नहीं की तो मैं समझ गया कि भाई और भाभी ने मुझे चुन लिया है कि मैं संतान उत्पन्न करूं!
पर पता नहीं क्यों मुझे कुछ अजीब सा लग रहा था.
मैं भाभी के बाजू में लेट कर सो गया.
रात को करीब एक बजे के आस पास मेरी नींद खुल गई.
दारू की वजह से मुझे अभी भी सुरूर चढ़ा हुआ था.
मैंने बगल में देखा तो भाभी की चूचियाँ मस्त उठी हुई थीं.
मैं उनकी चूचियों पर हाथ घुमाने लगा.
उन्होंने कोई विरोध नहीं किया तो मैंने एक चूची को हॉर्न जैसे दबा दिया.
उनके कंठ से हल्की सी सिसकारी निकल गई.
मैंने एक पल रुक कर देखा कि भाभी कुछ कह तो नहीं रही हैं.
उनकी तरफ से किसी भी तरह की प्रतिक्रिया नहीं हुई तो मैंने अपने हाथ को सीधा नीचे सरकाया और उनकी सलवार में हाथ डाल दिया.
मेरा हाथ उनकी चिकनी चुत पर गया तो मैंने महसूस किया कि भाभी की चूत पानी छोड़ रही है.
मैंने उसी वक्त अपनी एक उंगली भाभी की चुत में सरका दी.
जैसे ही उंगली चुत के अन्दर गई तो भाभी ने मेरा हाथ खींच कर बाहर निकाल दिया.
यह देख कर एक बार तो डर के मारे मेरी फट कर हाथ में आ गयी कि भाभी कुछ चिल्ला न दें तो अभी इज्जत की मइयो चुद जाएगी.
क्योंकि यह अभी तय नहीं था कि भाई ने भाभी के साथ मुझे संतान उत्पत्ति के लिए चुना भी है या नहीं!
भाभी कुछ नहीं बोलीं.
उनका किसी तरह का विरोध ना देखते हुए मैंने फिर से एक बार कोशिश की.
इस बार भाभी ने बस ये कहा- ये गलत है, प्लीज मत करो!
मैंने उनकी एक नहीं सुनी और अपना काम करता रहा.
कुछ ही देर में मेरी उंगली भाभी की चुत में चलने लगी थी और भाभी ने आहें भरना चालू कर दी थीं.
वासना की आग दोनों तरफ लग चुकी थी.
भाभी अब मेरा पूरा साथ दे रही थीं.
यह देख कर मैंने देर ना करते हुए उनके होंठों को चूसना चालू कर दिया और साथ में उनकी चुत में अपनी उंगली को अन्दर बाहर करना चालू रखा.
अब भाभी ने मस्ती भरी आहें भरना चालू कर दी थीं.
उनकी गर्म सांसों की हवा मेरे होंठों से होते हुए मेरे लंड तक को गर्म कर रही थीं.
कम से कम 20 मिनट तक ये मजा चलता रहा.
इस खेल में भाभी एक बार झड़ भी चुकी थीं.
अब वे भाभी जोर जोर से ‘आ ई आ अ..’ करने लगीं.
इसी दौरान मेरा भी पानी निकल गया था लेकिन दारू के कारण मैं जल्दी ही दुबारा से गर्म हो गया था और मेरा लंड भी एकदम कड़क हो गया था.
अब मैं भाभी के ऊपर चढ़ गया और अपना लंड भाभी की चुत में पेलने की कोशिश करने लगा.
लेकिन मेरा लंड बार बार फिसल रहा था.
फिर मेरी सेक्सी टीना भाभी ने अपने हाथ से लंड पकड़ कर अपनी चुत के छेद पर सैट किया और हुं कहा.
मैंने झटका मार दिया.
मेरे एक ही झटके में मेरा आधा लंड चुत के अन्दर जा चुका था.
वे एकदम से चिल्लाने को हुईं तो मैंने उनके मुँह पर अपना मुँह रख दिया और उनकी आवाज को निकलने से रोक दिया.
चूंकि मेरे साथ अक्सर ऐसा होता था कि जब मेरा मूसल लंड किसी चुत में जाता था, तो वह चुदने वाली लड़की या भाभी जोर से चीख उठती थी … तो मैं उस वक्त सजग रहता था और जैसे ही मैं लंड को चुत में पेलता था, उसी वक्त मेरा मुँह, चुदने वाली के मुँह पर जम जाता था और उसकी आवाज दब जाती थी.
इस बार भी ऐसा ही हुआ.
जब मेरा 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा लंड भाभी की चुदी हुई चुत में घुसा तो उनकी तेज चीख निकलने को हुई थी, जिसे मैंने अपने मुँह से बंद कर दिया था.
हालांकि मुझे भाभी का दर्द आज भी याद है कि वे कैसे कराह रही थीं और छटपटा रही थीं.
उन्हें देख कर मुझे अपने लंड से चुदने वाली एक सीलबंद लौंडिया का दर्द याद आ गया था.
वह भी बिल्कुल भाभी के जैसे ही तड़फी थी.
फिर मैं धीरे-धीरे लंड अन्दर-बाहर करने लगा और किसी भी पल अपने पूरे लंड को भाभी की चुत की जड़ में ठूंसने की सोचने लगा.
कुछ पल बाद भाभी की कराह हल्की पड़ी, तो मैंने एक और ज़ोरदार झटके से अपना लंड भाभी की चूत की गहराई में उतार दिया.
अब भाभी जोर-जोर से कराहने लगीं और मुझसे अलग होने के लिए कहने लगीं.
भाभी दर्द से बोलीं- विशु, तुमने मेरी चुत फाड़ दी.
मैंने चुदाई करते हुए कहा- कुछ देर का दर्द सहन कर लो भाभी … फिर तुम्हें सिर्फ मजा ही आएगा और तुम दूसरी बार की चुदाई के लिए भी कहोगी.
यह कह कर मैंने अपने लौड़े की ट्रेन भाभी की चुत की दोनों पटरियों के बीच दौड़ा दी.
कुछ पल बाद भाभी मस्त हो गईं और अपनी गांड उठा कर मेरे लंड से लोहा लेने लगीं.
भाभी- आह विशु … आह और तेज चोदो मुझे आह तुम्हें मेरी चुत की प्यास बुझा दी!
लगभग आधा घंटा तक ताबड़तोड़ चुदाई के दौरान भाभी अब तक दो बार झड़ चुकी थीं.
रफ सेक्स विद सेक्सी भाभी का मजा लेते हुए अब मेरा भी होने वाला था, तो मैंने पूछा- कहां निकालूँ?
भाभी बड़े प्यार से बोलीं- जान, अन्दर ही निकाल दो!
कुछ मिनट बाद मेरा वीर्य लावा बनकर चूत में उतर गया.
फिर कुछ मिनट का आराम लेकर मैंने दुबारा से एक और बार भाभी को पेल कर मजा लिया.
दूसरी बार का दौर काफी लंबा चला और इस बार की थकान से भाभी की कमर टूट गई.
कम से कम एक घंटा तक मैंने उन्हें हचक कर पेला.
चुदाई के बाद भाभी के चेहरे की मुस्कान साफ़ ज़ाहिर कर रही थी कि वे पूरी तरह खुश थीं.
उसके बाद कपड़े पहन कर हम दोनों आराम से सो गए.
अगली सेक्स कहानी में मैं बताऊंगा कि कैसे मैंने भाभी को बेटे का सुख दिया.
रफ सेक्स विद सेक्सी भाभी कहानी अच्छी लगी होगी. मेल और कमेंट्स में जरूर बताएं.
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