सहकर्मी की रांड बीवी को रौंदते हुए चोदा- 2
(Xxx Bangali Sex Kahani)
Xxx बंगाली सेक्स कहानी में मैंने अपने सहकर्मी की बीवी को बंगाली लड़की थी, उसको पटाकर उसकी चूत के खूब मजे लिए.
फ्रेंड्स, मैं तारक यादव एक बार पुनः आपका अपनी सेक्स कहानी में स्वागत करता हूँ.
कहानी के पहले भाग
सहकर्मी की रांड बीवी को पटाया
में अब तक आपने पढ़ा था कि मैं अपने साथ काम करने वाले की बीवी की चुदाई करने के लिए उसे एक लॉज में ले आया था और उसे नंगी कर रहा था.
अब आगे Xxx बंगाली सेक्स कहानी:
मैंने अपने हाथों से खींच कर उसकी कुर्ती को निकाल फेंका.
उसने बहुत ही खूबसूरत जालीदार लाल रंग की फैंसी ब्रा पहनी थी जिसमें उसकी बड़ी-बड़ी चूचियां बमुश्किल आधे-अधूरी कैद हो पा रही थीं.
मैंने ब्रा हटाकर उसके दोनों कबूतरों को आजाद कर दिया.
उसके दोनों पर्वतों के बीच की घाटी बहुत ही कामुक थी, जो मेरे अन्दर वासना की आग में घी डालने का काम कर रही थी.
मैं खुद को रोक नहीं पाया और अपनी जीभ उस घाटी में फिराने लगा.
मैंने दोनों हाथों से उसके बूब्स को मसलना शुरू किया और अपनी जीभ से उसकी घाटियों को चूमने, चाटने और कहीं-कहीं दांतों से काटने लगा.
यह मेरे अन्दर की अतिशय वासना के कारण हो रहा था. मुझे ऐसा लग रहा था मानो मैं इंसान नहीं, कोई नरभक्षी बन गया हूं.
वह लगातार मदभरी सिसकारियां ले रही थी और बोल रही थी- ओ … हो … ई… बहुत मजा आ रहा है … आज तक किसी ने इस तरह मसल कर मुझे इतना सुख नहीं दिया!
मैंने अब दूध की टंकियों पर हमला बोला, एक को मुँह में लेकर चूसना शुरू किया और दूसरे को एक हाथ से मसलना जारी रखा.
मैं बारी-बारी से दोनों चूचियों के साथ खेलता रहा.
अब मैंने चूचियों से अपना मुँह हटाया और उसके होंठों को चूसने लगा.
वह भी बराबर का साथ दे रही थी.
फिर मैंने अपनी जीभ को उसके मुँह के अन्दर डाल दिया.
वह मेरी जीभ को ऐसे चूसने लगी जैसे कोई नवजात शिशु मां का निप्पल चूसता है.
मेरे मुँह की लार उसके मुँह में … और उसके मुँह की लार मेरे मुँह में आने जाने लगी.
ऐसा बहुत देर तक चलता रहा क्योंकि वह भी बहुत प्यासी थी.
सच कहूं तो वह वासना की एक जलती भट्टी थी जो मुझे अपनी ज्वाला से पिघला कर अपने अन्दर समाहित कर लेना चाहती थी!
इसी क्रम में कब उसकी लेगिंग्स उसके पैरों से अलग हो चुकी थी, मुझे पता ही नहीं चला.
जब मैंने नीचे की ओर देखा तो सिर्फ लाल रंग की फैंसी चड्डी थी जो बहुत मुश्किल से स्वर्ग के द्वार को ढक पा रही थी.
चड्डी उसकी कामरस से सराबोर हो चुकी थी और कुछ कामरस उसकी जांघों पर एक रेखा खींचता हुआ बह रहा था.
मैंने उसकी चड्डी को निकाल फेंका और संगमरमर सी तराशी, दूध सी गोरी जांघों को सहलाते हुए उसकी कामरस से गीली बुर में अपनी जीभ डाल दी.
मैं जीभ को ऊपर क्लिटोरिस तक ले जाता, कभी-कभी क्लिटोरिस पर दांतों से काट देता, जिसके कारण वह सातवें आसमान की सैर कर रही थी.
वह मेरे सिर को अपनी जांघों के बीच जोर से दबा रही थी, मानो मुझे अपने अन्दर घुसा लेना चाहती हो!
मैं उसकी बुर के अन्दर अपनी जीभ को कुत्ते की तरह चटखारे लेते हुए चला रहा था.
तभी उसने अपनी जांघों से मेरे सिर को जोर से भींच लिया और अपनी गांड उठा-उठा कर दो-तीन झटके दिए.
फिर उसने मेरे मुँह पर अपनी चुत का गर्म-गर्म पानी छोड़ दिया जिससे मेरा नाक, मुँह और बाकी का चेहरा उसकी चुत के रस से भीग गया.
सपना निढाल होकर पड़ी थी.
मैंने पास ही पड़ी उसकी ब्रा से अपने चेहरे को साफ किया और उसकी तरफ देखा.
मुझे अपनी ओर देखती हुई देखकर वह मुस्कुराई और शर्माती हुई अपने दोनों हाथों से अपनी आंखें बंद करके मुस्कुराने लगी.
मैंने उसके दोनों हाथ हटाए और उसके माथे पर एक चुम्बन जड़ दिया.
वह उठकर बैठ गई और मुझे अपनी गोद में खींच कर मेरा सिर रख लिया.
वह बोली- आज तक मुझे इतना सुख कभी नहीं मिला! मेरा पति कभी भी इस तरह मुझे प्यार नहीं करता!
मैं चुप रहा.
‘आपको पता है?’ उसने मुझसे कहा- मेरी बुर का पानी दो बार झड़ चुका है! मेरा पति तो कभी चोदकर भी मुझे दो बार नहीं झाड़ सका है!
फिर वह आगे बोली- मुझे भी आपका लंड चूसना है!
यह कह कर उसने मेरे बॉक्सर को हाथ से खींच कर उतार दिया.
मेरा लगभग सात इंच लंबा और चार इंच मोटा लंड उछल कर बाहर आ गया.
इतनी देर तक सेक्सुअल एक्टिविटी के कारण उसमें से प्रीकम की कुछ बूँदें निकल चुकी थीं, जिससे उसका अगला भाग गीला था.
उसने उसे हाथों में लेकर कहा- मैंने जब इसे पिक में देखा था, तभी सोच लिया था कि इस लंड से जरूर चुदूँगी!
उसकी ऐसी बातें, जिनमें ‘लंड’ और ‘चुदना’ जैसे शब्द शामिल थे, मुझे बहुत उत्तेजित कर रही थीं.
उसने थोड़ी देर तक मेरे लंड को अपनी मुलायम हथेलियों से आगे-पीछे किया और अपने होंठों पर घिसने लगी.
मेरे टमाटर जैसे गोल सुपाड़े पर उसने अपनी जीभ फिरानी शुरू की जिससे मुझे बहुत उत्तेजना होने लगी.
अब उसने इसे मुँह के अन्दर लिया और जैसे बच्चे लॉलीपॉप चूसते हैं, वैसे ही चूसने लगी.
वह किसी प्रोफेशनल रंडी की तरह मेरे लंड को चूस रही थी, उसे अपने गले तक डाल रही थी.
जल्दी ही उसका मुँह झाग से भर चुका था.
वह ‘गों गों’ की आवाज के साथ इतनी तेजी से लौड़े को चूस रही थी कि मुझे संभालना मुश्किल हो गया.
आखिरकार मैंने उसके मुँह के अन्दर अपने गन्ने का रस छोड़ दिया.
उसने सारा रस पी लिया और बोली- तेरा माल पीकर बहुत मस्त लगा! मैंने पहली बार माल पिया है. वह (पति) तो साला कभी चूसने नहीं देता, कहता है मेरा निकल जाएगा! मैं पोर्न वीडियो देखती थी, तो मुझे लंड चूसने और माल पीने का बहुत मन होता था, जो आज तूने पूरा कर दिया!
अब मैंने फिर से उसके बूब्स के साथ खेलना शुरू कर दिया.
हल्के हाथों से दोनों बूब्स पर चपत लगा रहा था और कभी-कभी निप्पल्स को मसल देता था.
मैंने दायीं चूची को मुँह में लेकर चूसना शुरू किया, फिर बायीं चूची को चूसा.
कुछ देर बाद मैं उसकी गहरी नाभि में अपनी जीभ डालकर घुमा-घुमा कर चूसने लगा.
जिससे वह बहुत उत्तेजित हो गई.
उसने मुझे धक्का देकर गिरा दिया और मेरा मुरझाया हुआ लंड फिर से चूसने लगी.
मैंने भी उसके पैर उठा कर अपने शरीर के दोनों तरफ रखे और उसकी गांड पर दाँत गड़ा दिए.
उसकी बड़ी और हांडी जैसी गांड पर थप्पड़ मारने लगा.
अब हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए.
वह मेरे ऊपर थी और मैं नीचे.
मेरा लंड फिर से लोहे की रॉड की तरह उफान मार रहा था.
मैंने उसे अपने ऊपर से उतारा और उसके पैर पकड़ कर दोनों टांगें अपने कंधों पर रखीं.
वह समझ चुकी थी कि अब उसकी चूत चुदने वाली है.
वह बोली- रुको!
मैंने पूछा- क्यों, क्या हुआ?
वह बोली- मुझे तकिया अपनी कमर के नीचे लगा लेने दो!
मैंने कहा- ठीक है, ले लो. मैं कंडोम चढ़ा लेता हूँ, उसे तो जोश में मैं लगाना ही भूल गया था.
वह बोली- नहीं … मुझे ऐसे ही चोदो! मैं बिना कंडोम के चुदूँगी!
मैंने कहा- चलो ठीक है.
मैंने उसकी दोनों टांगें अपने कंधों पर रखीं और अपने लंड को उसकी रस बहाती हुई चूत पर सैट किया.
फिर उसके कंधों को पकड़ कर एक जोरदार धक्का लगाया.
वह हल्की चीख के साथ अपनी चूत को पीछे खींचने की कोशिश करने लगी.
लेकिन सफल नहीं हुई क्योंकि मैंने पहले से ही उसके कंधों को पकड़ कर अपनी ओर खींच रखा था.
वह कराह कर बोली- धीरे-धीरे करो न! मैं कहां भागी जा रही हूँ? मैं तुम्हारी हूँ, अपनी बीवी की तरह प्यार करो न!
उसकी बातें सुनकर मेरे ऊपर कोई असर नहीं पड़ रहा था.
इसी बीच मैंने अपने लंड को थोड़ा पीछे खींचा और जब वह रिलैक्स थी, तभी एक और जोरदार धक्का दे मारा.
मेरा लंड सनसनाता हुआ पूरी तरह अन्दर घुस गया और उसकी बच्चेदानी से जा टकराया.
वह हलाल होने वाले बकरे की तरह चीखी.
मैंने अब उसके कंधों को छोड़ दिया और उसके अधरों को चूसने लगा.
लगभग दो-तीन मिनट बाद उसने आंखें खोलीं और मेरे साथ तालमेल बिठाने लगी.
वह बोली- बहुत बेरहम हो तुम … अपना नहीं समझते हो? कोई ऐसे भी पेलता है क्या?
उसकी इस भाषा ने मुझे और उत्तेजित कर दिया और मैंने अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया.
थोड़ी देर बाद वह अपनी कमर उछाल उछाल कर मेरा साथ देने लगी.
उसके अधरों पर सेक्सी मुस्कान थी.
वह किसी मँजी हुई सेक्स खिलाड़ी की तरह कामक्रीड़ा का आनन्द ले रही थी.
मेरे धक्कों के साथ ताल मिलाकर अपनी कमर हिलाने लगी थी.
अब मैंने उसकी दोनों चूचियों को दोनों हाथों से पकड़ा और अपनी स्पीड बढ़ा दी.
मैंने शताब्दी एक्सप्रेस की रफ्तार से चुदाई शुरू कर दी.
मेरा लंड पिस्टन की तरह उसकी बुर के अन्दर आगे-पीछे हो रहा था.
अब उसकी हालत खराब थी.
वह अपने मुँह से क्या-क्या बड़बड़ा रही थी- अया … आह … उई … आह सी … आह … उम्म.
मैं उसकी दोनों चूचियों को जोर से भींचते हुए उसकी चूत मार रहा था.
Xxx बंगाली सेक्स करती हुई अब वह पूरी जोश में थी और गंदे शब्दों के साथ बात करने लगी थी ‘फाड़ डाल साला … मर्द है तो फाड़ मादरचोद … सिलाई करा लूँगी बाद में आह डॉक्टर से बोलूँगी कि कोई मर्द है जिसने इतना प्यार किया है मुझे … आह चोद … मैं तेरी रंडी हूँ … रखैल बनकर रहूँगी ओह… ओह… उई… यू… ई… साला… भोसड़ी के … मन करता है अपनी माँ भी चुदवा दूँ तुझसे!’
मैंने कहा- साली रंडी …माँ नहीं! अगर रंडी बहन कोई है तो बोल … चोद दूँगा उसको भी!
‘साला ठरकी … मेरे पति की गांड में अपना मूसल डालकर चोद देना और उससे बोलना कि देख कैसे चोदा जाता है … भड़वा है साला, वह कभी भी मेरी चूत नहीं मार पाया साला हिजड़ा है वह!’
ऐसे बोलते हुए उसने जोश में कमर उछाली और अपने दाँतों से काटती हुई आधी उठ बैठी.
उसकी जांघें और चूत कांप रही थीं.
इस तरह वह दूसरी बार झड़ रही थी.
मैं भी थोड़ा रुककर उसके चेहरे के बदलते भावों का मज़ा ले रहा था.
थोड़ी देर के लिए वह शिथिल पड़ गई.
मैं फिर से उसके बूब्स चूसने-चाटने लगा और उन पर थप्पड़ मार रहा था.
वह बोली- मुझे अपने ऊपर ले लो!
मैंने कहा- आ जा साली रांड … कौन रोक रहा है तुझे!
उसने अपनी चूत से मेरा लंड निकाला, जो उसकी चूत के पानी से तरबतर था.
उसने अपनी जीभ से लंड चाटकर अपनी चूत के पानी का स्वाद लिया और बोली- बड़ा टेस्टी है!
फिर लंड अपने छेद में सैट करके मेरे लंड पर धम्म से बैठ गई.
वह अपनी कमर को गोल-गोल घुमाने लगी.
थोड़ी देर बाद मेरे लंड पर उछल-उछल कर चुदवाने लगी.
वह बोली- मैं ये सब पोर्न वीडियो देखकर सीखी हूँ! मेरा पति कभी भी ऐसा सुख नहीं दे पाया!
वह जोर-जोर से उछल रही थी और उसके बड़े-बड़े बूब्स भी उछल रहे थे.
उनको देखकर मुझे दुगुना मज़ा आ रहा था.
उसका मंगलसूत्र इस तरह उछल रहा था कि उसके चेहरे से टकरा जाता था.
पूरा कमरा फच-फच और थप-थप की आवाज़ों से गूँज रहा था.
मुझे डर लग रहा था कि बाहर कोई सुन लेगा तो क्या होगा!
मैंने उछलते हुए बूब्स को पकड़ कर मसलना शुरू किया और उसी हालत में उठकर बैठ गया.
मैंने उससे कहा- दोनों हाथों से मुझे पकड़ो!
फिर उसी हालत में मैथुन करने लगा, जो उसे बहुत पसंद आया.
अब मैं उसे गोद में उठाकर खड़ा हो चुका था.
मैंने कहा- मेरे कंधों को पकड़ो और मेरे लंड पर बैठ कर झूला झूलो!
वह झूलने लगी.
मैंने दोनों तरफ से उसकी गांड को हाथों से सहारा देकर झूलने दिया.
करीब पाँच मिनट तक ऐसे झूलने के बाद मैंने उसे उतारा और उसके ऊपर चढ़ गया, उसकी ठुकाई शुरू कर दी.
अब बहुत देर हो चुकी थी.
मैं झड़ने वाला हो गया था.
मैंने जोर-जोर से चोदना शुरू कर दिया.
जांघ से जांघ टकराने से पट-पट की आवाज़ जोरों से आ रही थी.
मैंने जोश जोश में उसके दाएं हाथ का अंगूठा नीचे ले जाकर उसकी चूत के पानी से गीली गांड में घुसा दिया और आगे-पीछे करने लगा.
मेरा लंड झड़ने वाला था, तभी मैंने उसकी गांड में अंगूठे को जोर से घुसा दिया.
वह जोर से उछली और अपने पैरों को मेरी कमर से लपेट कर सीत्कार करती, कांपती हुई झड़ने लगी.
मैंने भी अपने लावा को उसके अन्दर ही छोड़ दिया और उसके ऊपर गिर पड़ा.
मैं अचेत उसके ऊपर पड़ा था.
फिर उसने मेरे बालों में हाथ फेरना शुरू किया तो मुझे होश आया.
मैंने उसके होंठों को चूमा और आंखों पर चुंबन किया.
वह बोली- आज तक जीवन में ऐसा सुख कभी नहीं मिला था! तुम क्या खाते हो जो इतना स्टैमिना है तुममें? मैं चार बार झड़ चुकी हूँ, जो कि मेरा पति एक बार भी ढंग से नहीं कर पाता!
मैं हंस दिया.
उसने पूछा- गांड में उंगली क्यों डाली थी? मुझे बहुत अच्छा लगा! मैंने सोचा भी नहीं था कि ऐसा भी होता है. अमेज़िंग यार!
फिर मैंने मोबाइल में समय देखा, अभी बारह बज रहे थे.
आगे मैंने उसकी जमकर गांड चुदाई की और बहुत तरह के प्रयोग किए, जो मैं आगे कभी लिखूँगा.
आपको मेरी ये सेक्स कहानी कैसी लगी, ज़रूर बताएं!
Xxx बंगाली सेक्स कहानी पर आपके फीडबैक अच्छे मिलेंगे तो आगे की कहानियां लिख पाऊंगा.
अगर कहीं सुधार की ज़रूरत हो तो ज़रूर मेरी मदद करें.
धन्यवाद.
[email protected]
What did you think of this story
Comments