दो भाइयों से बहन की चुदाई की हिंदी सेक्स कहानी

(Do Bhaiyon Se Bahan Ki Chudai Ki Hindi Sex Kahani )

रजत गर्ग 2017-10-30 Comments

हैलो अन्तर्वासना हिंदी सेक्स कहानियाँ पढ़ने वाले मेरे दोस्तो, मेरी तरफ आप सभी को नमस्ते.
मेरा नाम रजत है, मैं 25 साल का हूँ और मेरी बहन शालू 22 साल की है, अब उसकी शादी हो गई है. मैं आपको अपनी फैमिली के बारे में बता देता हूँ. मेरी फैमिली में मेरे पापा-मम्मी मेरी छोटी बहन और मैं रहते हैं.
हमारे घर में मेरे ताऊ जी की फैमिली भी रहती थी. उनकी फैमिली में ताऊ-ताई और उनके 2 बेटे थे. एक बड़ा बेटा तो दिल्ली में जॉब करता था और छोटा बेटा विक्की यहीं घर में रहता था. ये मेरी उम्र का ही था.

यह बात तब की है जब मेरी उम्र छोटी थी और उस वक्त मैं अपनी बहन के साथ स्कूल जाता था. जब दोपहर में स्कूल से वापस घर आते थे, तब हम लंच करके अपने कमरे में चले जाते थे. उस वक्त पापा काम पर होते थे, मम्मी अपने रूम में सोने चली जाती थीं.
लंच के बाद हम कुछ खेल खेलने के लिए टाइम निकाल लेते थे.

एक दिन जब मैंने खेलने के लिए शालू से कहा तो उसने पूछा- भैया कौन सा खेल खेलना है?
मैंने कहा- घर-घर वाला..
शालू बोली- उसमें क्या करना होता है?
मैंने कहा- उसमें तुम मेरी पत्नी बनोगी और मैं तेरा पति बनूंगा.
शालू- ठीक है.
फिर मैंने उसको बोला- चल, पहले हम शादी कर लेते हैं.
वो बोली- ठीक है.

मैं फिर मम्मी के रूम से सिंदूर की डिब्बी उठा कर ले आया और शालू की माँग में सिंदूर लगा दिया. इसके बाद हम एक-दूसरे को गले मिले और फिर एक-एक किस किया. इसके बाद मैंने खेल खेलना स्टार्ट किया. मैं काम पर चला गया.

इस तरह बाद के दिनों में ये खेल सारे-सारे दिन चलता रहने लगा. अब जब भी शालू के आस-पास कोई नहीं होता था, तब मैं और शालू किस करने लग जाते थे. फिर हम जब रात को सोने जाते थे, तब भी हम एक-दूसरे के जिस्म को चूमते थे.

ऐसा एक साल चलता रहा, पर एक दिन मेरे पापा पता चल गया कि यह दोनों गलत काम करते हैं. फिर पापा ने मुझे और शालू को बहुत डांट लगाई और मुझे चंडीगढ़ स्टडी करने भेज दिया.

फिर जब मेरी स्टडी के चार साल बाद मुझे 3 दिन के लिए घर जाना मिला. जब मैं घर पहुँचा, तो मुझे शालू को देख कर शॉक लग गया. वो एक एक हेरोईन की तरह मस्त माल जैसी बन गई थी. उसे देख कर ऐसा लगा कि जलेबी शीरा पी गई हो.
पर मैं मजबूर था, अब मैं दुबारा उसके साथ ऐसा कुछ नहीं कर सकता था.

फिर 3 दिन बाद जब मैं वापिस चंडीगढ़ आ गया, पर मेरे मन में बस शालू के जिस्म का ही ख्याल आ रहा था कि कब मैं शालू के जिस्म को हाथ लगा सकूंगा.

मेरी इस चाहत को भगवान ने पूरी कर ही दी.. क्योंकि थोड़े दिन बाद घर से पापा का फोन आया कि शालू विक्की के साथ चंडीगढ़ आना चाहती है.
इस वक्त तक मैं चंडीगढ़ में जॉब करने लगा था और मेरी तब नाइट ड्यूटी थी.

मैंने कहा- ठीक है, वो दोनों आ सकते हैं. पापा बोले कि वो तेरे पास कल सुबह आ जाएगी. विक्की एक दिन बाद आएगा.
मैंने कहा- ठीक है.

वो दूसरे दिन सुबह चंडीगढ़ आ गई थी और मैं अन्दर से खुश हो रहा था कि अब आज बहन की चुदाई का काम बनाना ही होगा, वर्ना कल विक्की के जाने के बाद कुछ नहीं हो पाएगा.

मैं उसको बस स्टैंड से लाकर घर आ गया. मैंने फोन पर लंच आर्डर किया और शालू को बोला- तुम फ्रेश हो जाओ.. तब तक लंच भी आ जाएगा.

मैं तो उसको देखता ही जा रहा था. उसके जिस्म के फिगर का 36-30-32 का साइज़ भी बहुत मस्त हो गया था. उसको देख कर तो मेरे मुँह में पानी आ जाता था, पर क्या करता मैंने अपने आपको रोक रखा था.

फिर हमने लंच किया, शालू सो गई.

जब शाम को मुझे ड्यूटी पर जाना था तब मैं उसको उठाने गया तो ऐसा लग रहा था कि बेड पर सोनाक्षी सिन्हा लेटी हुई है. मैंने अपने आपको बहुत मुश्किल से समझा रखा था.
मैंने शालू को जगा कर कहा- मैं ड्यूटी पर जा रहा हूँ, तुम ध्यान से रहना. यदि कोई काम हो तो फोन कर देना. मैं सुबह आऊंगा.
शालू- ठीक है.

मैं फ्लैट में अकेला ही रहता था. मेरा फ्लैट 2 रूम सैट था और मैंने पूरे फ्लैट में कैमरा लगा रखे थे.

फिर मैं ड्यूटी पर चला गया, पर ड्यूटी पर मेरा मन नहीं लग रहा था. मैंने वहां हाफ टाइम काम किया और घर आ गया. मेरे पास फ्लैट की चाभी रहती थी. मैंने सोचा शालू को तंग न करूँ, इसलिए मैंने अपनी चाभी से फ्लैट का गेट खोला और अन्दर चला गया.

मैंने देखा शालू के रूम की लाइट बंद है, लगता था कि वो सो गई है. फिर मैं चुपचाप अपने रूम में आ गया. मैं सो ही रहा था कि शालू के रूम से एक चीखने की आवाज़ आई. मैं डर गया कि यह कैसी आवाज़ है.

मैं शालू के रूम में जा ही रहा था कि शालू की सिसकारी की आवाजें आने लगीं. ‘आआह.. आआआह.. उऊहह..’
मैं तो शॉक हो गया और जब मैं शालू के रूम में अन्दर गया तो मुझे फिर शॉक लगा. मैंने देखा कि शालू और मेरा भाई विक्की दोनों नंगे थे और विक्की का लंड शालू की चुत में घुसा हुआ था. वो दोनों मुझे देख कर डर गए कि भैया कहाँ से आ गए. मैं तो एक बार गुस्सा हुआ और वो दोनों मुझसे माफी माँगने लगे.

विक्की को दूसरे दिन आना था पर वो साला रात में ही आ गया. अब मैं कहाँ मानने वाला था.
शालू और विक्की कहने लगे- भैया आप जैसा कहो, हम दोनों वैसा ही करेंगे.. पर आप घर में ये सब मत बताना.

मैं भी मान गया, फिर मैंने शालू को बोला- तुमने मेरे साथ चीटिंग की है.
शालू बोली- भैया कैसी चीटिंग?
मैंने कहा- सोच लो और तुम मुझे इतनी जल्दी भूल गईं?
शालू- क्या भूल गई भैया, बताओ भी?
मैंने भी फिर बोल ही दिया कि शादी तूने मेरे साथ की थी और सुहागरात तुम विक्की के साथ मना रही हो?
शालू बोली- सॉरी भैया.

वो मेरे पैरों के पास बैठ गई. फिर मैंने उसको उठा कर बोला- अब क्या प्लान है?
शालू कुछ नहीं बोली तो मैंने फिर उसको पकड़ कर लिप किस करना स्टार्ट कर दिया.
मैंने शालू को बोला- कुछ याद आया?

उसने सिर हिला कर जवाब दिया. मैंने विक्की की तरफ घूर कर देखा तो विक्की सहमता हुआ बोला- मैं चलता हूँ.
मैंने- तू कहीं नहीं जाएगा, तू मेरे रूम में जाकर सो जा, अब तेरी बारी कल आएगी.

वो चुपचाप जाकर मेरे रूम में चला गया. फिर तो जो खेल शुरू हुआ.. आह.. मैं आपको कैसे एक्सप्लेन करूँ.. मैं बता नहीं सकता कितना मजा आया.

इससे पहले कि मैं उसे चोदना शुरू करता कि मुझे याद आया. मैं उसके लिए एक ब्लैक कलर की नाइटी लेकर आया था और पिंक कलर की ब्रा और पेंटी भी लाया था. यह गिफ्ट तो मैंने शालू के लिए चंडीगढ़ वापस आते ही ले लिया था. मैंने सोचा था कि जब शालू के साथ ऐसा चुदाई का कोई मौका मिलेगा तो उसको ज़रूर गिफ्ट करूँगा.

मैंने शालू को बोला- यह तुम्हारी फर्स्टनाइट सुहागरात का गिफ्ट है.
वो बहुत खुश हो गई और बोली- मैं अभी पहन कर आती हूँ.
मैंने कहा- यहीं पहन लो.
फिर वो इठला कर बोली- तो आप अपने हाथ से ही पहना दो.
मैंने कहा- ठीक है.

मैंने उसको ब्रा पेंटी और नाइटी पहना कर बेड पर बैठा दिया और चुनरी से उसका मुँह ढक दिया. फिर मैं उसके पास बैठ गया. मैंने भी इस वक्त सिर्फ़ अंडरवियर पहना था.

मैंने उसके चेहरे से घूँघट उठाया और उसको बेड पर लेटा दिया. उसके माथे पर किस किया.. इसके बाद लिप पर किस करना स्टार्ट कर दिया. वो भी मेरा साथ दे रही थी. फिर मैंने उसकी नाइटी में हाथ डाल कर उसके मम्मों को सहलाने लगा. वो भी मदहोश होने लगी.

फिर मैंने उसकी नाइटी को उतार दिया. वो सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में रह गई थी. मैं ब्रा के ऊपर से ही उसके दूध को चूसने लगा. वो पूरी मदहोश हो गई थी, फिर मैंने दाँतों की मदद से उसकी ब्रा खोल कर साइड करके रख दी. उसके चूचे एकदम मस्त और गोल थे. जब मैंने उसके मम्मों को हाथ में लिया तो ऐसा लगा जैसे कि मैं स्वर्ग में बैठ कर किसी परी के मम्मों को हाथ में लेकर चूसने जा रहा हूँ.

मैंने कमरे में रखे फ्रिज से आइसक्रीम निकाली और उसके मम्मों पर आइस्क्रीम लगा कर चूसने लगा. वो और तड़पने लगी- आह.. ब्रो अब बस करो.. जल्दी से लंड डाल दो.. और मेरी चुत फाड़ दो.
मैंने कहा- बहन, अभी तो मजा शुरू हुआ है.
वो वासना में ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ करने लगी.

मेरी मम्मे चूसने की स्पीड और बढ़ गई और फिर मैंने उसके दोनों मम्मों को पकड़ कर लंड से बहन की चूची चुदाई शुरू की और वो फिर ‘आआहह..’ करने लगी.
मैं 5 मिनट तक उसके मम्मों को लंड के साथ रगड़ता रहा. फिर मैंने चुत को सहलाना स्टार्ट किया और चुत पर आइसक्रीम लगा चूसने लगा.

शालू मेरे सिर को पकड़ कर चुत के अन्दर घुसी मेरी जीभ का मजा लेने लगी. फिर मैंने लंड पर आइसक्रीम लगाई और चुत के मुँह पर सुपारा लगा दिया. उसकी सिसकारियाँ निकलनी शुरू हो गईं ‘आआह.. ऊहम्म्म..’

फिर मैंने एक झटका लगाया और लंड थोड़ा सा अन्दर गया था, पर उसको कुछ फर्क नहीं पड़ा. फिर मैंने जब दूसरी बार झटका मारा तो शालू उछल पड़ी और जोर से चिल्लाने लगी. मैं उसके होंठों पर किस करने लगा. उसको दर्द बहुत हो रहा था पर मेरा भी लंड अभी आधा ही गया था. वो दर्द से मरी जा रही थी. फिर मैंने उसके दर्द कम होने का वेट किया. जब वो कुछ ठीक हुई तो मैंने एक तगड़ा झटका मार दिया. इस बार तो शालू जैसे मर ही चुकी थी, वो रोने लगी.

मैंने रुक कर उसके मम्मों को दबाया और उसे किस करता रहा ताकि उसका दर्द कम हो जाए. मुझे इन्तजार था कि जैसे ही उसका दर्द कम हो और मैं उसकी चुत में झटके मारने स्टार्ट कर सकूँ.
यही हुआ मैं धीरे धीरे उसको चोदने लगा. फिर उसका दर्द भी मजे में बदल गया. उसने भी चुत चुदाई में मेरा साथ दिया. अब वो मस्त हो कर मजा ले रही थी- आआह उऊउह.. उफ्फ.. कितना मोटा लंड है.. आह चोदो..

हम दोनों 10 मिनट तक चुदाई करते रहे. अब शालू झड़ने वाली थी, पर मैं अभी वैसे ही झटके मार रहा था. फिर शालू चिल्लाते हुए झड़ चुकी थी.
कुछ पल और चुदाई चली और मैंने शालू से पूछा- मैं झड़ने वाला हूँ पानी किधर लेगी?
शालू- अन्दर ही छोड़ दो..

यह बात सुन कर मैंने लंड के झटकों की स्पीड बढ़ा दी और मैं उसकी चुत में ही झड़ गया. हम दोनों एक-दूसरे से चिपक कर बेड पर लेट गए.

फिर थोड़ी बाद शालू लंड के साथ खेलने लगी और मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया. शालू भी चुदाई के लिए तैयार हो गई, वो बोली- इस बार मैं अपने आप चुदाई करूँगी.

उसने मुझे सीधा लिटा दिया और वो मेरे ऊपर आ गई. मैं उसके मम्मों को मसलने लगा और वो मेरा लंड अपनी चुत के अन्दर करने लगी. फिर लंड घुसते ही उसने गांड उछाल कर चुदना शुरू कर दिया. हम दोनों ने 15 मिनट तक चुदाई का मजा लिया और शालू झड़ कर मेरे ऊपर ही ढेर हो गई.

मेरा लंड अब भी उसकी चुत में ही था. मैं भी नीचे से धक्के मारता रहा और इसी अवस्था में झड़ गया. वो लंड को चुत में लिए ही सो गई. हमने इस पूरी रात में कई बार चुत चुदाई का खेल खेला. उसने बताया कि वो विक्की से भी 3 बार चुद चुकी थी.

उसकी विक्की संग चुत चुदाई की कहानी को मैं आपको अगली सेक्स कहानी में बताऊंगा कि कैसे विक्की ने शालू के फिगर को चोद कर बड़ा कर दिया.

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