ममेरे भाई से कुंवारी चुत की सीलतोड़ चुदाई- 2

(Desi Chut Fuck Kahani)

राही माही 2025-12-15 Comments

देसी चूत फक कहानी में मेरे भाई ने मेरी चूत चाट कर पानी निकाल दिया था पर चुदाई का टाइम नहीं था. अगले दिन मैं अपनी पहली चुदाई के लिए बेचैन हो रही थी.

यह कहानी सुनें.

फ्रेंड्स, मैं आपकी रसीली जान्हवी एक बार पुनः अपनी भाई बहन सेक्स कहानी में मजा देने हाजिर हो गई हूँ.
कहानी के पहले भाग
मामा के बेटे ने मेरी कुंवारी बुर चाटी
में अब तक आपने पढ़ा था कि मेरे ममेरे भाई आशीष ने मुझे गर्म करके झाड़ दिया था और उसके बाद उसने मुझे चोदने के लिए यह कह कर मना कर दिया था कि उसके मम्मी पापा के आने का समय हो गया है.

अब आगे देसी चूत फक कहानी:

उस वक्त मेरे जिस्म में तो ऐसे कंपकंपी छूट रही थी मानो मशीन चालू करके छोड़ दी गई हो.
मैं कामवासना से उन्मीलित नजरों से भाई को देख रही थी.

वह मेरी भावना को समझ गया और सीधे बोला- लंड लेना चूत में?
मैंने हां में सर हिलाया.

वह बोला- किन्तु एक बात है यार!
मैं बोली- जल्दी बोलो.

वह बोला- यह सोच लो कि कभी भी हम दोनों ये बात किसी को नहीं बताएंगे. हमारा रिश्ता सबके सामने भाई बहन का ही रहेगा.
मैं बोली- हां बाबा … अब जल्दी से करो.

वह हंसते हुए बोला- अभी नहीं, रात को करते हैं. अभी कंडोम भी नहीं है और मम्मी पापा का भी आने का समय हो गया है.
मेरे मुँह से गाली निकल गई- साला कुत्ता बहनचोद!

वह हंस दिया.

अब हम दोनों फिर से सामान्य हो गए.
थोड़ी देर में मामा मामी भी आ गए.

आशीष बाजार जाकर मेडिकल स्टोर से कंडोम और कुछ दवाएं ले आया.

रात को खाना खाकर हम दोनों अपने रूम में आ गए.
कमरे में आते ही उसने मुझे गले से लगा लिया.

वह बोला- प्लीज कुछ मत बोलना अभी … मम्मी पापा के रूम में आवाज जाती है.
मैं धीमे से बोली- ठीक है.

फिर मैं लेट गयी.
वह अपनी टी-शर्ट और लोअर उतार कर नंगा हो गया और मुझसे पीछे की साइड से लिपट गया.

उसका लंड मेरी गांड पर दबाव बना रहा था.

वह अपने दोनों हाथ आगे लाकर मेरे बूब्स दबा रहा था.
फिर मुझे अपनी तरफ करवट बदल कर उसने अपना मुँह मेरे मुँह के सामने कर लिया था.

हम दोनों के मुँह एक दूसरे से जुड़ गए.
वह कभी मेरे गुलाबी होंठों को चूसता, कभी गर्दन, कभी कान के पीछे.

मैं बोली- भाई, अब रहा नहीं जा रहा है मुझसे … प्लीज जल्दी से चोद दे मुझे!
वह गाली देते हुए बोला- साली कुतिया, थोड़ा सब्र तो कर बहन की लौड़ी!

फिर उसने दोनों हाथ से पकड़ कर मेरे मम्मे मसल दिए.
मैं आह आह आह उम्म्म करने लगी.

वह बोला- बहन यार, आवाज मत कर … मम्मी पापा को शक हो जाएगा.

फिर उसने मेरी टी-शर्ट और ब्रा निकाल दिए, मुझे सीधा लिटा दिया.

वह बोला- अब लाइट जला लेते हैं.
मैं बोली- क्यों?
वह बोला- तुझे नंगी देखना है यार!

उसने उठ कर लाइट जला दी.
अब वह मेरे नंगे जिस्म को ताड़ रहा था.

फिर वह मेरे बगल में आ गया और एक बूब्स को मुँह में लेकर चूसने लगा और दूसरे को हाथ से मसल रहा था.
बारी बारी से दोनों बूब्स चूसने के बाद वह पेट और नाभि को चाटने लगा.

मुझे सनसनी हो रही थी और चुत में लंड लेने की चुल्ल बढ़ती ही जा रही थी.

फिर वह एक हाथ नीचे ले जाकर लोअर के ऊपर से ही चूत को सहलाने लगा.

कुछ पल बाद वह उठा, उसने मुझे बेड के साइड में खींच लिया.

वह नीचे खड़ा था.
मैं बेड पर लेटी थी.

उसने एक ही झटके में लोअर और पैंटी उतार फेंका.
अब मैं और ममेरा भाई दोनों नंगे थे.

मेरी चूत को देख कर बोला- बहन सच्ची यार … तेरी चूत बहुत प्यारी है!

मैं बोली- अब यार, मुझे बहन तो मत बोल … भोसड़ी के लंड पेलने को रेडी है और बहन बहन कर रहा है मादरचोद!

वह हंस कर बोला- फिर क्या बोलूँ तुझे? रंडी?
मैं बोली- जो तेरी मर्जी बोल पर बहन न बोल.

वह बोला- अच्छा … बता फिर पक्के में मेरी रंडी बनेगी?
मैं बोली- ठीक है!

उसने मेरी दोनों टांगों को उठा कर कंधे पर रख लिया और मेरी चूत को चाटने लगा.
वह अपनी जीभ को मेरी चुत में अन्दर तक डालने लगा.

मुझे उससे अपनी चुत चटवाने में बहुत मजा आ रहा था.
मेरी अब चूत पानी छोड़ने लगी थी.
वह पूरा पानी पी गया.

मैं उसके लंड के लिए तड़प रही थी लेकिन मैं भी उसे सबक सिखाना चाहती तो मैंने उससे कह दिया.

मैं बोली- यार अब चुदाई कल करेंगे … जब तेरे मम्मी पापा जॉब पर चले जाएंगे!

यह सुनकर उसकी झांटें सुलग गईं.
कुछ देर वह कहता रहा कि कर लेते हैं बस तू चुप रहना.
लेकिन मैंने मना कर दिया.

वह मन मसोस कर रह गया.

हालांकि मन ही मन वह मुझे बड़ी गालियां दे रहा था.

वह पूरा नंगा खड़ा था.
उसका लंड जो अभी कुछ देर पहले तन कर पूरे सात इंच कर होकर खड़ा था … मगर मेरे मना कर देने से अब उसका लंड मुरझा गया था.

दूसरे दिन जब मामा मामी काम पर चले गए तो वह मेरे सामने आ गया.
मैं खुद चुदासी थी.

उसने एक सेक्स की गोली खाई, फिर मुझे अपनी बांहों में भर लिया.
मैं समझ गई और उसकी बांहों में ही नीचे लेट गयी.

उसने मेरी ब्रा खोल दी और मेरे बूब्स को आजाद कर दिया.
लोअर को पूरा फाड़ कर अलग कर दिया.
मैं सिर्फ पैंटी में अपने ममेरे भाई के सामने पड़ी थी.

वह मेरे एक दूध को मुँह में लेकर चूसने लगा.

एक हाथ से मेरी चूत को पैंटी के ऊपर से सहला रहा था.
मैं बोली- भाई … क्यों तड़फा रहा है.

वह बोला- साली रंडी सारी रात लंड हिलाते हुए गुजरी है मेरी … बहन की लौड़ी तड़फाया तो तूने है मुझे!
मैं हंस दी.

उसने मेरी पैंटी उतार दी.
मैं पलंग पर अपने ममेरे भाई के सामने नंगी पड़ी थी.

उसने मेरी दोनों टांगों को उठा कर एक झटके में लंड चुत के अन्दर डाल दिया.
उसने बड़ी ही बेदर्दी से सीधा लंड मेरी कुंवारी मासूम चूत में उतार दिया था.

मेरी चूत से खू.न का फव्वारा फूट पड़ा था.
मैं दर्द से चीख उठी.
पर उस कुत्ते को तो मैं सिर्फ सच में रंडी दिख रही थी.

मैं दर्द से तड़फती हुई बोली- कुत्ते, आराम से कर लेता साले!
वह लंड हिलाते हुए बोला- सॉरी जान्हवी रंडी … मेरा भी पहली बार है तो जल्दी में अन्दर घुस गया!

वह बिना मेरी परवाह किए अपने लंडी से तेज तेज झटके दिए जा रहा था.
मैं उसको अपने से दूर करने के लिए धक्के दिए जा रही थी.
परंतु मेरे धक्के लगाने से उसको कौन सा असर पड़ने वाला था?

थोड़ी देर में मुझे चूत में आराम होने लगा.
मेरी चीखें अब आह आह्ह्ह में बदल गयीं.
मैं आह आह्ह्ह करती हुई बेडशीट को खींच रही थी.

वह अपने दोनों हाथों को मेरे कंधे पर रखा था.
मेरी दोनों टांगें हवा में ऊपर छत की तरफ थीं.

उसके लौड़े के तेज झटकों के आगे मेरी चूत हार मान गयी थी.

अचानक से मेरा जिस्म अकड़ने लगा और मेरी रूह काँप उठी.
तभी मेरी चूत से मेरा पानी छूटने लगा और मैं निढाल हो गई.

मेरी चुत में चिकनाहट हो गई थी तो वह और तेजी से अपने लौड़े को चुत में ताबड़तोड़ पेलने लगा था.

मैं उससे बोली- आशीष बस कर यार … मुझमें अब जान नहीं बची है … आह प्लीज छोड़ दे!

वह मेरे दोनों बूब्स के बीच की दरार को चाटते हुए बोला- मेरी जान, तेरी चूत ने तो बस पांच मिनट में ही पानी छोड़ दिया!

मैं बोली- तो अब मैं क्या कर सकती हूँ?
वह बोला- अभी तो मेरा सही से शुरू भी नहीं हुआ है … मुझे अभी समय लगेगा.

मैं बेदम नंगी पड़ी अपनी चूत में उसके झटकों को झेल रही थी.

थोड़ी देर में मुझे चूत में जलन होने लगी.
मैं बोली- आशीष बाहर निकाल ले … मुझे जलन हो रही है!

वह बोला- मुँह में ले ले यार … मुझसे भी अब कंट्रोल नहीं हो रहा है. मैंने सेक्स की दवाई खाई थी तो नसों में तनाव हो रहा है!
मैं बोली- ठीक है, चुत से निकाल पहले!

उसने जैसे ही लंड बाहर निकाला, चूत में बहुत आराम सा लगा.
उसका लंड देख कर तो मैं डर गयी. क्योंकि पूरा लंड मेरे चूत के खून से लाल था.

नैपकिन से उसके लंड को साफ करके मैं मुँह में लेकर चूसने लगी.

वह बोला- तुम सिर्फ मुँह में लंड ले लो … मैं खुद ही तुम्हारे मुँह को चोद लेता हूँ.

उसके तेज तेज झटके मेरे मुँह में शुरू हो गए.
उसके लंड के नीचे के दोनों पहरेदार अंडे मेरे होंठों को लगने लगे.

उसके ऊपर दवाई का असर पूरी तरह से चढ़ गया था.
उसको मुझमें ना कोई लड़की, ना बहन दिख रही थी.

मैं उसकी कामवासना की पूर्ति के लिए उसे सिर्फ एक बाजारू रंडी लग रही थी, जिसे वह जी भर कर चोद लेना चाहता था.

काफी देर बाद उसने लंड को मुँह से निकाल कर तेज पिचकारी के साथ अपना वीर्य मेरे दोनों बूब्स पर छोड़ दिया.
वह झड़ कर मेरे बगल में लेट गया.

अब वह बोला- सच में अब जाकर आराम मिला यार जान्हवी, तू मस्त माल है!
मैं बोली- क्यों?

वह बोला- यार पहली बार की दवा का इस्तेमाल किया था. इससे लंड की नसों में खिंचाव हो रहा. तुम्हें बहुत दर्द दिया यार आज … सॉरी!
मैं उसको चूमते हुए बोली- कोई ना आशीष!

वह बोला- यार आज बहुत मजा आया … तुमको कैसा लगा?
मैं बोली- मुझे भी बहुत अच्छा लगा. परंतु चूत में जलन और दर्द हो रहा है
वह बोला- ठीक है, मैं अभी दवा ले आऊंगा.

मैं अपने मम्मों पर उसके छोड़े हुए पानी को देखने लगी तो वह मेरे दोनों बूब्स पर वीर्य को फैलाने लगा.
मैं उसको अलग करने लगी और बोली- दूर हो जा … अब मैं नहाने जा रही हूँ. नहाने के बाद दोनों खाना खाएंगे.

वह बोला- नहाने क्यों जाना? अभी तो सिर्फ एक बजे का समय हुआ है मम्मी पापा तो शाम तक आएंगे … उसी के पहले नहा लेना. अभी ऐसे ही नंगी रह ना!
मैं बोली- ठीक है, पर खाना तो खा लेने दे. क्या भूखी रगड़ेगा?

वह हंस कर बोला- ठीक है मेरी रंडी … तू खाना खा ले कुतिया!

मैंने उठने की कोशिश की तो लगा जैसे शरीर में जान ही नहीं बची.
पूरा शरीर दर्द के मारे दुख रहा था.

फिर उसने मुझे गोदी में उठा लिया.
वही मुझे किचन में ले आया और बोला- लो जान लगा लो खाना!
मैं बोली- यार, मुझे ऐसे बहुत गंदा महसूस हो रहा है. मेरी दोनों जांघों से मेरी चूत का पानी और खून बह चुका है … ऊपर दोनों बूब्स और पेट पर तुम्हारा पानी लगा है … जो तुमने और फैला कर लगा दिया था …. वह सूख कर चिपक गया है और जो नहीं सूखा है, वह चिपचिपा चिपचिपा सा लग रहा है.

वह बोला- ठीक है. मैं तुमको नहला देता हूँ. तुम्हारा शरीर भी बहुत दर्द दे रहा है न … तो आओ मेरी गोदी में ही वापस आ जाओ.

मैंने अपनी बांहें फैला दीं तो उसने मुझे अपनी गोद में उठाया और बाथरूम में ले आया.

मैं भी नंगी ही अपने भाई की गोद में लदी थी तो शर्म लिहाज सब छोड़ चुकी थी.

उसने बाथरूम में मुझे खड़ा कर दिया और मुझे वापिस ध्यान से देखने लगा.

मैं बोली- क्या हुआ?
वह बोला- कुछ नहीं यार … बस तुझे देख रहा हूँ.

मैं बोली- अभी तो मुझे रंडी की तरह बेदर्दी से चोदा है तूने कुत्ते!
वह हंस कर बोला- यार तेरा जिस्म रियली मस्त है. तेरी प्यारी प्यारी आंखें, ये दोनों गुलाबी होंठ, उसके नीचे तेरी पतली सी गर्दन, फिर तेरे मध्यम आकार के दूधिया चूचों पर चार चाँद लगाता हुआ ये गेहुंए रंग के निप्पल … फिर थोड़ी नीचे तेरी गहरी नाभि, फिर तेरी पतली कमर और उसके नीचे!

मैं बोली- बस बस मेरे मस्तराम … मुझे भूख लगी है … जल्दी से पहले नहला दो मुझे!
वह बोला- यार सच में सपने में भी नहीं सोचा था कि तुझे कभी नंगी देखने का मौका भी मिलेगा.

मैं बोली- बेटा, अब चोद तो भी लिया है तूने … और क्या चाहता है?
वह बोला- तू सिर्फ चोदने की चीज नहीं बल्कि प्यार से भोगने की चीज है. मन तो करता है कि तुझे खा जाऊं. ये तेरा दूध सा जिस्म मुझे पागल कर रहा है.

मैं बोली- बस ज्यादा मक्खन ना लगाओ … मतलब का काम करो.

फिर वह कमरे से एक स्टूल ले आया.
उसने मुझे स्टूल पर बैठा दिया.

वह मेरे दोनों पैरों में साबुन लगाने लगा.
धीरे धीरे मेरी दोनों मुलायम जांघों पर साबुन लगाया.

वह बोला- यार जान्हवी, मुझसे शादी करेगी?
मैं बोली- पागल है क्या? तू मेरे मामा का लड़का है.

मेरी चूत पर साबुन लगाते हुए बोला- यार, तू कुछ दिन बाद अपने घर चली जाएगी, तो मैं तेरे बिना कैसे रहूँगा?
मैं बोली- तेरी है तो गर्लफ्रेंड … फिर क्यों मेरी याद आएगी?

वह बोला- तुम नहीं समझोगी!
मैं समझ रही थी.
मुझे खुद भी लग रहा था कि यह मेरा पहला चोदू है तो इसे मुझसे लगाव हो गया है.

फिर उसने मग से पानी डाल कर मेरी दोनों टांगों और चूत को अच्छे से धो दिया.

अब वह खड़ा हो गया.
उसने पानी को मेरे कंधे डाल कर मेरी पीठ को गीला कर दिया.

फिर साबुन से मेरी पीठ, कंधे, बूब्स और पेट पर लगा दिया.

वह हाथ से मेरे दूध मसलता हुआ बोला- यार जान्हवी, जो हमारे बीच अब संबंध बने … हम दोनों की मर्जी से बने हैं ना?
मैं बोली- हां क्यों?

वह बोला- तू घर जा कर मुझे भूल तो नहीं जाएगी?
मैं बोली- नहीं यार.

वह बोला- जब भी तुझसे सेक्स की इच्छा होगी तो मैं तेरे घर आ सकता हूँ न?
मैं बोली- हां आशीष.

मेरे बूब्स मसलते हुए बोला- तेरे शरीर पर जितना हक तेरा है न … उतना ही अब मेरा भी है. मैं जिंदगी भर तेरी चुदाई करूँगा.
मैं बोली- हां भाई, मेरी चूत अब से तेरी भी है. मेरी शादी के बाद भी तू मुझे चोद सकता है.

यह सुनकर वह खुश हो गया और उसने मुझे अच्छे से नहला दिया.
फिर मेरे शरीर को टॉवल से अच्छे से पौंछ दिया.

अब हम दोनों ने साथ में बैठ कर खाना खाया.
वह जाकर दवा के आया और मैंने खा ली.

शाम को बजे मामा मामी के आने के पहले मैंने वापिस अपने कपड़े पहन लिए.

फिर मैं मामा के यहां एक हफ्ते तक रुकी.

आशीष मुझसे तरह तरह के रोल प्ले करवाता.
मुझे भी उसके साथ रोल प्ले करने में मजा आने लगा.

आशीष एक हफ्ते तक रोज बेदर्दी से मेरी देसी चूत फक करता रहा.
उसके बाद मैं अपने घर आ गयी.

फिर जब भी उसकी छुट्टी होती, वह मेरे घर आ जाता … या कभी मैं उसके घर चली जाती.
कभी हम दोनों किसी रिश्तेदार की शादी या कोई और प्रोग्राम में मिलते और मौका देख कर चुदाई का मजा ले लेते.

हम दोनों बाकी लोगों के सामने भाई बहन की तरह रहते.
बाकी किसी बंद कमरे में ना जाने मैं उसके साथ कितने प्रकार के रोल प्ले कर चुकी हूँ.

हम दोनों पर कोई शक भी नहीं कर सकता था क्योंकि वह मेरे मामा का लड़का था.
हम दोनों उम्र में भी बराबर थे इसलिए हम दोनों में हंसी मजाक चलता रहता था.

अब मेरी और उसकी दोनों की शादी हो चुकी है.

पर कहते हैं न जिसने आपकी सील तोड़ी हो या आपने जिसकी सील तोड़ी हो, उसको आप जीवन में कभी नहीं भूल सकते हैं.

आज भी जब उसको मौका मिलता है तो वह बिना झिझक मुझे कहीं भी चोद लेता है और मैं भी अपने पहले लौड़े से मजे से चुदवा लेती हूँ.

आपको मेरी यह भाई बहन की देसी चूत फक कहानी कैसी लगी, प्लीज जरूर बताएं.
आपकी रसीली जान्हवी
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