सगी बहन को नंगी देखा

रॉकी 2008-10-23 Comments

दोस्तो, अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा नमस्कार। मेरा नाम राकेश है, मैं दिल्ली में रहता हूँ। मैं पहली बार अपनी कहानी आप लोगों के सामने ला रहा हूँ।

मैंने भी सोचा कि आप लोगों को सब कुछ बता दूँ जो मेरे और मेरी सगी बहन के बीच में हुआ। मुझे अपनी इस कहानी को बताते हुए थोड़ी शर्म भी आ रही है।

तो लीजिए मैं अपनी सेक्स कहानी शुरू करता हूँ।

मेरे घर में मैं, मेरी बहन, मेरे मम्मी और डैडी चार लोग रहते हैं।
मेरे मम्मी और डैडी दोनों सुबह काम पर चले जाते हैं और मैं और मेरी बहन कॉलेज।

मैं बी ए फर्स्ट ईयर में हूँ और मेरी बहन बारहवीं क्लास में पढ़ती है।
मेरी बहन का नाम पूजा है. वो 18 साल की है. उसका कद 5 फुट 1 इंच है, वो एकदम दूध की तरह गोरी और बहुत चिकनी है।

मेरा रंग भी गोरा चिट्टा है, मेजा कद 5 फुट 5 इंच है और मेरा लंड 6 इंच का है।

जैसा कि हर कहानी में होता है, मेरा भी अपनी बहन के बारे में कोई बुरा ख़याल नहीं था पर एक दिन जैसे मेरी दुनिया ही बदल गई।

हुआ यूँ कि मैं एक बार कॉलेज से जल्दी आ गया। मेरे पास घर की एक अतिरिक्त चाबी थी। मैं ताला खोल कर अंदर आ गया और देखा कि घर पर कोई नहीं था। मेरे घर के पीछे एक लान था, वहाँ पर मैंने देखा कि मेरी बहन पूजा और उसकी सहेली रेखा हंस हंस कर खेल रही थी।

लान की दीवारें ऊँची थी, बाहर से कोई अंदर देख नहीं सकता था, रेखा के हाथ में पानी का पाईप था, वो पूजा पर पानी डाल रही थी, मेरी बहन बचने की कोशिश कर रही थी। दोनों के बदन भीगे हुए थे और उन दोनों के मम्मे साफ़ नज़र आ रहे थे।

यह देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया और मैं छुप कर उन लोगों का खेल देखने लगा।

कुछ देर के बाद वो एक दूसरे को चूमने लगीं और एक दूसरे के मम्मे दबाने लगीं। थोड़ी देर के बाद पूजा ने रेखा के कपड़े उतार दिए और उसके ऊपर चढ़ गई। रेखा का रेशमी बदन देख कर मेरी सांस जहाँ की तहाँ अटक गई।

जिंदगी में पहली बार मैंने किसी लड़की को नंगा देखा था, उसका दूधिया बदन धूप में चमक रहा था, उसके मम्मे बहुत कसे हुए थे और चूत पर एक भी बाल नहीं था।
पूजा रेखा के होंठों पर चुम्बन कर रही थी।
उसका एक हाथ उसके मम्मों पर था और दूसरे हाथ से वो उसकी चूत को मसल रही थी।

अब रेखा ने मेरी बहन पूजा के कपड़े उतारने शुरू किये।

मैंने सोचा कि अब मुझे और नहीं देखना चाहिए पर वासना की आग में मैं यह भूल गया कि वो मेरी छोटी बहन है और वो भी सगी!

जैसे जैसे पूजा के कपड़े उतरने शुरू हुए मेरा लंड और तन्नाता गया। पहले रेखा ने उसकी स्कर्ट उतारी और फिर उसकी टीशर्ट। मेरी बहना ने ब्रा नहीं पहनी हुई थी!

हाय!
उसके छोटे छोटे दूध देख कर मैं जैसे पागल सा हो गया। रेखा बेतहाशा उसके होंठों को चूम रही थी ‍और उसके मम्मे दबा रही थी। अब रेखा का हाथ उसकी कच्छी की ओर बढ़ा। मेरी बहन ने अपनी टाँगे सिकोड़ ली।

रेखा हँसते हुए बोली- अरे यार, मुझसे क्यों शर्माती है, चल नंगी हो जा! एक साथ मजे करेंगे!

फिर मेरी बहन ने टांगें खोल दी। रेखा ने पूजा की कच्छी उतार दी। मैं अपनी छोटी बहन को देख कर दंग रह गया, वो बला की खूबसूरत थी।

मैं रेखा को छोड़ पूजा की ओर बड़े ध्यान से देखने लगा कि आगे वो क्या करती है।

अब दोनों लड़कियाँ पूरी तरह से नंगी थीं। मैं उन्हें देख कर मदमस्त हुआ जा रहा था। मेरा हाथ अपने आप मेरे लंड पर चला गया और मैं अपनी बहन पूजा को देख कर मुठ मारने लगा।

पूजा रेखा के ऊपर चढ़ी हुई थी और उसे चूम रही थी। दोनों एक दूसरे के मम्मों को दबा रही थी।

मेरी बहन के चूतड़ एकदम गोल और फ़ूले हुए थे। पूजा की चूत पर छोटे छोटे बाल थे।
उसकी गुलाबी चूत देख कर मेरा मन हुआ कि अभी जाऊँ और उसे कस कर चोद डालूँ।
ऐसा सोचते ही मेरे लंड का पानी निकल गया और मैं बुरी तरह से झड़ गया।

उधर दोनों लड़कियाँ भी उत्तेजित हो चुकी थी, उनकी हरकतें और सेक्सी होती चली गई। पूजा अपनी चूत से रेखा की चूत रगड़ रही थी. दोनों के चेहरे एकदम लाल हो चुके थे और दोनों बुरी तरह से हाँफ रही थीं।

कुछ देर के बाद उन दोनों ने कपड़े पहने, जो धूप होने की वजह से सूख गए थे, और घर में अन्दर की तरफ आने लगी।

मैं तुरंत घर से बाहर चला गया और दोनों को पता नहीं चला कि मैं वहाँ पर था।

थोड़ी देर के बाद मैं फिर वापस आया। रेखा और पूजा ड्रॉईंग रूम में बैठी थीं।

मैंने आते ही रेखा को हेलो किया और उसे ऊपर से नीचे तक गौर से देखा। मेरा लंड उसे देखते ही सलामी देने लगा।

रेखा ने भी मेरा पैंट के ऊपर उभार महसूस किया और वो भी बड़े गौर से मेरे लंड को देखने लगी।
रेखा की गोरी गोरी टांगें दिख रही थीं, उसकी स्कर्ट थोड़ी सी ऊपर उठी हुई थी या उसने जानबूझ कर ऐसा किया था।

पूजा बोली- आप लोग बैठो, मैं चाय बना कर लाती हूँ।

पूजा के किचन में जाते ही रेखा ने एक मदमस्त अंगडाई ली। मेरा दिल बेकाबू हो गया और मैंने उसके सामने ही अपने लंड को पैंट के ऊपर से ही मसल लिया।

रेखा मुझको भईया कह कर बुलाती थी, वो मुस्कुरा पड़ी और बोली- क्या बात है भईया, बड़े बेचैन लग रहे हो?

मैंने कहा- आजकल बहुत मन करता है!

और ऐसा कहते हुए मैंने फिर से अपने लंड को मसल दिया।

वो खिलखिला कर हँस पड़ी- क्या मन करता है?

मैं बोला- इतनी भोली मत बनो, मैं जानता हूँ तुम लोग थोड़ी देर पहले क्या कर रहे थे।

यह सुनते ही वो सकपका गई और कुछ बोल ही नहीं पाई। मैं फुसफुसा कर बोला- मुझे अपना राजदार बना लो वरना तुम लोगों की पोल पट्टी खोल दूंगा।

वो घबरा गई और बोली- नहीं प्लीज यार, ऐसा मत करना, हम लोग तो सिर्फ मज़े कर रहे थे।

फिर थोड़ी देर बाद उसने हैरानी से पूछा- तुम्हें कैसे पता चला?

मैंने कहा- मैं पहले से ही घर मैं था जब तुम लोग लॉन मैं एक दूसरे के साथ मज़े कर रहे थे।

यह सुनकर रेखा का चेहरा शर्म से लाल हो गया। तभी मेरी बहन पूजा चाय लेकर आ गई। रेखा के चेहरे का रंग उड़ा हुआ देख कर उसने हैरानी से पूछा- अरे तुझे क्या हुआ?

मैंने जवाब दिया- कुछ नहीं! यह हमारे आपस की बात है, वो तुझे कुछ नहीं बताएगी।

ऐसा कह कर मैंने रेखा की तरफ इशारा किया कि वो मेरी बहन को कुछ ना बताये। जब रेख कुछ नहीं बोली तो पूजा ने लापरवाही से अपने कंधे उचकाए और चाय देने लगी।

मैं चाय की चुस्कियों के साथ मुस्कुराता हुआ रेखा के बदन को निहारता रहा।

रेखा ने जल्दी से अपनी चाय खत्म की और चलने लगी।

मैं उसे दरवाज़े तक छोड़ने आया और एक बार फिर फुसफुसाता हुआ बोला- किसी से मत कहना, और मुझे कल शाम को इंदिरा पार्क मैं मिलो।

रेखा बिना कुछ कहे वहाँ से भाग गई।

अब मेरे पूरा ध्यान अपनी प्यारी बहन पूजा पर गया। मेरा लंड पहले से ही गर्म था। जब पूजा कप और प्लेट उठा रही थी तो उसके थोड़े से मम्मे दिखाई दे रहे थे।

मुझसे रहा नहीं गया और मैंने बाथरूम में जाकर पूजा के नाम की मुठ मारी। अब मैंने सोच लिया कि चाहे कुछ भी हो जाए मैं अपनी बहन को चोद कर रहूँगा। ऐसा हो सका तो मैं आप सबको जरूर बताऊँगा।

तब तक प्लीज़ मुझे [email protected] पर मेल करें और बताएं कि मैं पूजा को कैसे चोदूं।

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