छोटी दीदी की रस भरी चूत की चुदाई
(Indian Desi Sister Chudai Kahani)
इंडियन देसी सिस्टर चुदाई कहानी में मैंने एक दिन अपनी छोटी बहन को नंगी नहाती देख लिया. उसका चिकना गोरा बदन देख मेरा लंड उसकी चूत में घुसने को बेताब हो गया.
दोस्तो, मेरा नाम कुमार है।
मैं सांवले रंग का गोरा लड़का हूँ और मेरी उम्र 20 साल है।
मेरा लंड का साइज 6 इंच का है, जो लंबा और मोटा है।
मेरी दीदी की उम्र 19 साल है जो मुझसे एक साल छोटी हैं।
तो चलो, बिना देरी किए हुए मैं आपको अपनी सच्ची इंडियन देसी सिस्टर चुदाई कहानी सुनाने जा रहा हूँ कि मैंने अपनी दीदी को कैसे चोदा।
एक दिन की बात है जब मैं अपनी दीदी के घर आया था पढ़ाई करने के लिए!
क्योंकि मेरा बोर्ड का एग्जाम अगले महीने में था इसलिए मैं मार्च के महीने में दीदी के घर गया था।
घर में बड़ी मम्मी, पापा, मेरी छोटी बहन और मैं थे।
एक दिन की बात है, जब मम्मी और पापा को घर से 380 किलोमीटर दूर जाना था मम्मी जी को दवा दिलवाने।
पापा बोले, “मुझे बोले कि अपनी छोटी बहन का ख्याल रखना, मैं 3 दिन बाद लौटूंगा।”
मैं बोला, “ठीक है, पापा जी!”
फिर एक दिन की बात है जब मेरी छोटी बहन छत के ऊपर नहा रही थी।
मुझे पता नहीं था कि दीदी नहा रही हैं।
मैंने दरवाजा खोला तो दीदी एकदम नंगी थीं।
मैं वहाँ से चला गया।
फिर दीदी कपड़े पहनकर किचन में आईं और मुझे खाना परोसने लगीं।
मैं कुछ बोला नहीं।
रात हुई, लगभग रात में 9 बज रहे थे।
मैं और मेरी दीदी खाना खाकर सोने चले गए।
फिर मैं भाई-बहन का सेक्स वीडियो देखकर हिलाने लग गया।
फिर अगले दिन:
दीदी ने पूछा, “कुछ धोना हो तो कपड़े दो?”
मैं बोला, “हाँ!”
दीदी बोली, “दो मुझे, मैं जा रही हूँ धोने!”
मैंने अपनी चड्डी और बनियान उतारकर दीदी को दे दी।
दीदी बोली, “ठीक है!”
मैं बोला, “धो देना!”
दीदी बोली, “हाँ, मैं जा रही हूँ!”
जब दीदी कपड़े धोने जा रही थीं, दीदी सीढ़ी से फिसलकर गिर गईं।
उन्हें बहुत चोट आई थी, जैसे कि कमर, हाथ और थोड़ा पैर पर।
मैंने दीदी को अपनी गोद में उठाकर उनके बेड पर ले गया।
फिर मैं बोला, “कहाँ-कहाँ लगी चोट, मुझे बताओ, मैं वहीं-वहीं मलहम लगा दूँ।”
दीदी बोली, “ठीक है, यहाँ-यहाँ लगा दो, तुम मेरे पैर और हाथ पर लगा दो, बाकी मैं लगा लूँगी!”
मैंने वैसा ही किया जैसा दीदी ने बोला।
फिर मैं वहाँ से चला गया और कमरे के बाहर से छुपकर देख रहा था।
दीदी अपनी कमर पर मलहम नहीं लगा पा रही थीं।
तो मैं वहाँ गया और बोला, “मैं लगा दूँ?”
दीदी बोली, “ठीक है, लगा दो!”
मैंने दीदी की फ्रॉक उठाई तो दीदी की सफेद ब्रा मुझे दिख गई।
मैंने मालिश शुरू की तो दीदी की सिसकियाँ निकलने लगीं, “आह… उह…” जैसे कि मेरा लंड उनके अंदर घुस गया हो।
मैं रुक नहीं पाया और उनकी गांड और मम्मों को छूने की कोशिश भी की।
अब केवल एक दिन बचा था पापा और मम्मी के घर वापस आने में।
मैंने दीदी से बोल दिया, “मुझे तुम्हारे साथ सेक्स करना है!”
पहले तो दीदी को गुस्सा आया और उन्होंने मुझे थप्पड़ मार दिया!
मैं वहाँ से गुस्से में चला गया।
फिर दीदी मेरे कमरे में आईं और बहुत मनाने की कोशिश की, पर मैं नहीं माना।
फिर दीदी बोली, “ठीक है, चलो करते हैं सेक्स!”
इस तरह से इंडियन देसी सिस्टर चुदाई के लिए तैयार हो गईं और बोलीं, “देख, मुझे भी तेरे साथ सेक्स करना है। मैंने तेरा लंड उस नहाते वक्त देखा था। मुझे चूसने का बहुत मन था, पर पूछ नहीं पाई!”
फिर हम दोनों, दीदी और मैं, टीवी के कमरे में गए और टीवी पर पोर्न वीडियो लगाकर देखने लगे।
फिर मैंने दीदी को जमीन पर खड़ा किया, उनकी फ्रॉक उतारी, फिर उनकी सलवार खोली।
अब दीदी सिर्फ पैंटी और ब्रा में थीं, जो दोनों का रंग काला था।
फिर मैंने दीदी की पैंटी उतारी।
घुटनों के बल बैठकर दीदी की चूत से एक अच्छी खुशबू आ रही थी।
फिर मैंने दीदी की ब्रा उतारी और उनके दूधों को चूसने शुरू किया।
दीदी: “आह… उह… आह…” की आवाजें निकालने शुरू कर दीं।
मैं दीदी के दूधों को पी रहा था और एक उंगली उनकी चूत में डालकर ऊपर-नीचे कर रहा था।
मैंने दीदी के पूरे बदन पर किस किया।
अब दीदी एकदम गर्म हो गई थीं।
फिर दीदी ने मुझे नंगा किया और मेरा लंड अपने मुँह में डालकर चूसने लगीं।
फिर दीदी बोली, “मुझे एक काम करना है, वो कर लूँ?”
मैं बोला, “ठीक है!”
फिर दीदी नंगी किचन में जाकर वहाँ से डेयरी मिल्क चॉकलेट लाईं और मेरे लंड पर लगाई और फिर लंड चाटना शुरू किया।
मेरा लंड इतना सख्त हो गया कि मुझे दर्द होने लग गया!
लगभग 15 मिनट तक दीदी मेरे लंड को लॉलीपॉप की तरह चूसती रहीं और चूसते-चूसते मेरा पूरा वीर्य पी गईं।
उन्हें पता भी नहीं चला।
फिर मैं बोला, “अब बस करो, मुझे भी कुछ करने दो!”
दीदी बोली, “बस 5 मिनट और चूसने दो, प्लीज-प्लीज भैया!”
मैं बोला, “ठीक है, दीदी, चूसो एकदम!”
दीदी बोली, “थैंक यू भैया!”
मैं बेड पर लेट गया और फिर 10 मिनट तक दीदी मेरा लंड चूसती रहीं।
अब मैंने दीदी को लिटाया और उनकी चूत चूसने लगा।
मैंने उनकी चूत लगभग आधे घंटे तक चूसी, जिसमें मैंने दीदी का पानी भी पी लिया।
लगभग 1 घंटा हो गया था दीदी के साथ सेक्स करने में, इतना समय चूत और लंड चूसने में ही निकल गया।
फिर मैं बोला, “चलो दीदी, अब चुदाई करते हैं, असली वाली! तुम्हारी गांड और चूत में अपना लंड डालता हूँ!”
मैंने दीदी को 69 पोजीशन में किया और फिर कुतिया बनाकर चोदने लगा।
मैंने चूत में घी लगाया, फिर अपने लंड को अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया।
दीदी की आवाज अब ऐसी निकल रही थी, “आह… उह… मर गई… आह… बेबी… भाई… आह… आह…” करके।
फिर 25 मिनट बाद मैं एक बार झड़ चुका था और मेरी दीदी 2 बार।
अब हम दोनों की पूरी एनर्जी डाउन हो गई थी।
फिर हम दोनों, दीदी और मैं, नंगे ही एक ही बेड पर चिपककर 4 घंटे के लिए सो गए।
फिर हम दोनों उठे।
दीदी बोली, “आज रात में फिर करें सेक्स?”
मैंने पूछा, “क्यों? बहुत मजा आया तुम्हें क्या?”
वो बोली, ” हाँ … तो करते हैं ना?”
मैं बोला, “ठीक है, करते हैं!”
रात का समय था, लगभग 11 बजे।
मैं और दीदी एक ही बेड पर नंगे लेटे हुए थे।
कमरे में हल्की सी ठंडक थी लेकिन हम दोनों की गर्मी अभी भी बरकरार थी।
चांदनी रात की रोशनी खिड़की से आ रही थी और दीदी की गोरी त्वचा उस रोशनी में और भी चमक रही थी।
मैंने दीदी की तरफ देखा, उनके बाल बिखरे हुए थे, और उनकी सांसें संभावित सेक्स का सोच कर थोड़ी तेज चल रही थीं।
मैं बोला, “दीदी, तुमने कहा था ना कि रात में फिर से करेंगे? तैयार हो?”
दीदी मुस्कुराईं और बोलीं, “हाँ भैया, मैं तो तैयार हूँ! पर इस बार कुछ नया करते हैं!”
मैंने पूछा, “क्या नया?”
दीदी शरमाते हुए बोलीं, “पहले तू बता, तुझे क्या चाहिए?”
मैंने हंसते हुए कहा, “दीदी, तुम्हारी चूत तो मैंने चूस ली, अब तुम्हारी गांड की बारी है!”
दीदी थोड़ा शरमाई लेकिन फिर बोलीं, “ठीक है, पर धीरे-धीरे करना, मुझे डर लग रहा है!”
मैंने दीदी को गले लगाया और उनके माथे पर किस किया।
फिर मैंने उन्हें पेट के बल लिटाया और उनके नितंबों को सहलाने लगा।
दीदी की सिसकियाँ फिर से शुरू हो गईं, “आह… भैया… धीरे…”
मैंने किचन से थोड़ा और घी लिया और दीदी की गांड पर अच्छे से लगाया।
मेरा लंड फिर से खड़ा हो चुका था और मैंने धीरे-धीरे उसे दीदी की गांड में डालना शुरू किया।
दीदी चीखीं, “आह… भैया… दर्द हो रहा है! रुक जाओ!”
मैं रुक गया और बोला, “दीदी, थोड़ा बर्दाश्त करो, मजा आएगा!”
दीदी ने गहरी सांस ली और बोली, “ठीक है, धीरे-धीरे करो!”
मैं बहुत सावधानी से आगे बढ़ा।
कुछ देर बाद दीदी को भी मजा आने लगा।
उनकी सिसकियाँ अब दर्द की नहीं, बल्कि आनंद की थीं, “आह… उह… भैया… और करो!”
लगभग 20 मिनट तक मैंने दीदी की गांड में अपने लंड को अंदर-बाहर किया।
दीदी की आवाजें पूरे कमरे में गूंज रही थीं।
मैंने देखा कि दीदी अपनी चूत को भी उंगलियों से सहला रही थीं।
फिर मैंने दीदी को पलटा और उनकी चूत में फिर से लंड डाला।
इस बार मैंने तेजी से धक्के मारने शुरू किए।
दीदी की चीखें और तेज हो गईं, “आह… भैया… मार डाला… आह… और जोर से!”
मैं भी पूरे जोश में था।
लगभग 25 मिनट तक हम दोनों ने चुदाई की।
इस इंडियन देसी सिस्टर चुदाई में मैं एक बार झड़ा और दीदी दो बार।
हम दोनों की सांसें फूल रही थीं और हम पसीने से तरबतर हो चुके थे।
थकान के कारण हम दोनों फिर से एक-दूसरे से चिपककर बेड पर लेट गए।
दीदी मेरे सीने पर सिर रखकर बोलीं, “भैया, इतना मजा मुझे पहले कभी नहीं आया!”
मैंने हंसकर कहा, “दीदी, अभी तो पापा-मम्मी के आने में एक रात और बाकी है। कल और मजा करेंगे!”
दीदी बोलीं, “हाँ, पर कल कुछ और नया ट्राई करेंगे! मैंने एक पोर्न वीडियो में देखा था, बाथरूम में शावर के नीचे सेक्स करते हैं। वो करें?”
मैं बोला, “वाह दीदी, तुम तो मुझसे भी आगे निकल गई! ठीक है, कल बाथरूम में चुत चुदाई का खेल खेलेंगे!”
हम दोनों हंसने लगे और फिर थकान की वजह से नींद आ गई।
सुबह जब आंख खुली तो दीदी मेरे बगल में अभी भी नंगी सो रही थीं।
मैंने उन्हें प्यार से देखा और सोचा कि आज की रात और भी यादगार होगी।
आपको मेरी इंडियन देसी सिस्टर चुदाई कहानी कैसी लगी है?
प्लीज कमेंट करके बताइए।
धन्यवाद।
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