दीदी की चुदाई की कहानी उनकी जुबानी- 4
(Teen Desi Girl First Sex Kahani)
टीन देसी गर्ल फर्स्ट सेक्स कहानी में मेरे भाई ने मुझे नंगी देखने की इच्छा जताई तो मैं तुरंत पूरी नंगी हो गयी. मैं गर्म हो गयी तो मैंने भाई से चुदने का फैसला किया.
कहानी के तीसरे भाग
भाई का लंड चूस कर माल पीया
में आपने पढ़ा कि मेरी सहेली ने मुझे भाई का लंड चूस कर मजा लेने को कहा तो मैंने करके देखा, भाई का वीर्य मुख में लेकर गटक लिया.
अब आगे टीन देसी गर्ल फर्स्ट सेक्स कहानी:
एक संडे की सुबह की बात है।
मैं नहाकर निकली थी, और टॉपलेस, सिर्फ पैंटी पहने बेड पे लेट के बुक पढ़ रही थी।
इतने में भाई आया, और उसने अचानक से कहा- दीदी, मुझे आपको नंगी देखना है!
मैं उसके ऐसे बोल्ड एप्रोच से शॉक्ड थी पर नाराज नहीं थी।
मैं शर्म से स्माइल करने लगी।
पर उसके ऐटिट्यूड से बहुत इम्प्रेस हुई.
इसलिए ज्यादा देर न करते हुए मैंने बेड से उतर के अपनी पैंटी उतार दी।
भाई मुझे खुले मुँह से ऊपर से नीचे देखने लगा।
पहली बार मैं अपने भाई के सामने पूरी नंगी खड़ी थी।
मुझे बहुत शर्म आ रही थी और मैंने बुक से अपना मुँह ढक लिया और पैंटी से थोड़ा-सा अपनी चूत ढक रही थी।
फिर मैंने हल्के से बुक को हटाया, तो देखा भाई पूरा नंगा मेरे सामने खड़ा मुठ मार रहा है।
यह देख के मैं गर्म हो गई और मेरी सारी शर्म चली गई।
मैंने पैंटी को दूर फेंक दिया और बुक बेड पे रख दी।
मैं उसके करीब गई और घुटनों पर बैठ गई।
मैंने उसका हाथ लंड से हटाया और कहा- मेरे होते हुए तू मुठ नहीं मारेगा, वरना आज के बाद सब बंद!
यह सुन के भाई को जोश आ गया, उसने मेरा सर पकड़ के अपने लंड के और ले आया, और मेरे मुँह में लंड घुसा दिया।
मुझे भाई की ये बोल्डनेस बहुत पसंद आई और मैंने उस दिन अपने आप को उसके हाथों छोड़ दिया।
मैं चाहती थी कि वो इसी तरह मेरा बाल पकड़के अपना लंड चुसवाए।
इस बार मैंने कुछ नहीं किया बल्कि उसी ने मेरे मुँह में लंड अंदर-बाहर किया और झड़ के सारा माल मेरे मुँह में डाल दिया।
मैंने भी अच्छी दीदी की तरह उसका सारा माल खा लिया।
सब कुछ अचानक से हुआ, पर हम दोनों खुश थे।
दो हफ्ते और गुजर गए और हम पूरी तरह आजाद हो चुके थे।
इतना कि हमें कपड़ों से नफरत होने लगी थी।
सारा दिन रूम में नंगे ही रहते और सोते थे।
मुझे तो अब न पैंटी पहनने की टेंशन, और ना ही नहाकर टॉवल डालने की।
बस नंगी बाहर आ जाती थी।
जाते वक्त भी बाथरूम का दरवाजा भी खुला ही रखती थी, जरूरत ही नहीं थी।
कभी उसे टॉयलेट जाना हो तो अंदर आ जाता था।
वो टॉयलेट यूज कर लेता और मैं उसके सामने ही नहाती रहती।
कभी-कभी हम साथ में भी नहा लिया करते।
हम इतना कैजुअल थे कि लगता था, जैसे सदियों से नंगे ही रह रहे हैं।
एक रात मुझे बदन में अजीब-सा फील हुआ तो नींद खुली.
मैंने देखा कि भाई मेरी चूत चाट रहा है।
मैं पहले से ही गर्म हो चुकी थी तो आह-आह करने लगी।
भाई डर गया कि मैं उठ गई क्योंकि मैंने उससे कहा था कि कुछ भी चाहो, पूछ लेना।
पर वह बिना परमिशन के कर रहा था इसलिए डर गया।
पर मुझे बहुत मजा आ रहा था, इसलिए मैंने उसे कहा- इट्स ओके!
तो वो समझ गया और पुनः चाटने लगा।
मेरी चूत पे उसका होंठ लगता ही, पूरे बदन में करंट दौड़ गया।
मैं तकिया नोचने लगी और मोअन करने लगी- यस यस … यस, भाई, धीरे भाई, बहुत मजा आ रहा है, भाई, करते रहो. ऊऊ ऊऊ ऊऊऊ म्मम्म ह्ह्ह!
मेरे लिए ये फर्स्ट टाइम था इसलिए मैं कुछ ही देर में जोर से झड़ गई और स्प्रे की तरह भाई के मुँह पर झड़ गई।
ये देखते ही मैं उठी, उसे सॉरी बोला, और उसका मुँह पौंछने लगी।
मोहित- इट्स ओके, दीदी, मैं जानता था, ऐसा होगा!
इशिता- तुझे कैसे पता?
मोहित- एक्चुअली, मेरे दोस्तों ने मुझे आज पोर्न दिखाया। उसमें ऐसा होता था। खैर, ये बताओ, आपको कैसा लगा?
इशिता- तूने तो मुझे जन्नत दिखा दी! बहुत मजा आया!
मोहित- तो एक और बात पूछनी थी। सेक्स करोगी मेरे साथ?
इशिता- वैसे प्रॉब्लम नहीं है, फिर भी थोड़ा टाइम दे मुझे सोचने को!
मोहित- कोई बात नहीं, दीदी। मैं जानता हूँ, अपने भाई के साथ सेक्स करने का डिसीजन आसान नहीं है। आप आराम से सोचो।
इशिता- थैंक यू, भाई, लव यू! मैं तुझे बता दूँगी। लेकिन आज तूने मुझे इतना खुश किया, इसलिए मैं तुझे पूरी आजादी देती हूँ। तेरा जो मन करे, जब करे, जहाँ करे, मेरे साथ कर लेना। मैं कुछ माइंड नहीं करूँगी। पूछने की कोई जरूरत नहीं। बस थोड़ा मम्मी-पापा की नजरों से बचके।
मोहित- हाँ, दीदी!
अब मैं फिर लेट गई, और भाई फिर से मेरी चूत चाटने लगा।
2-3 बार झड़ने के बाद वो एक्सपर्ट हो गया.
और चौथी बार उसने मेरा पानी गिरने नहीं दिया, और सारा पी गया।
इशिता- कैसा था?
मोहित- नमकीन और गर्म था, दीदी, लेकिन बहुत अच्छा लगा!
इशिता- फिर ठीक है। अब से जब मैं तेरा माल खाऊँगी, और तू मेरा पानी पी लेना।
उस दिन के बाद से चूत चाट के पानी निकालना और पीना भी हमारे डेली रूटीन में आ गया।
हम जो भी दोपहर को करते थे, उसमें दो ही बदलाव हुए।
पहले मैं पैंटी भी नहीं पहनती थी और हम दोनों लिविंग रूम में नंगे ही खेलते थे।
और दूसरा, लंड चूसने के साथ-साथ भाई का मेरी चूत चाट के पानी पीना भी शामिल और आम बात हो गई।
कुछ दिन से रात में, जब पेरेंट्स सो जाते थे, तो हम चुपके से निकलते थे, और लिविंग रूम, किचन, बाथरूम, हर जगह करके सोने जाते थे।
नहाते वक्त तो रोज का हो गया।
कई बार मैं खड़े-खड़े चूत सहला के पानी निकालती थी और भाई नीचे मुँह खोल के घुटनों पर बैठा होता।
पानी निकलते ही सीधे उसके मुँह पर गिरता और अगर स्प्रे होने लगता तो वो अपने मुँह से मेरी चूत को कवर कर लेता और सारा पानी बिना गिरे उसके मुँह में गिरता, और वो बड़ी खुशी से पी जाता।
कुछ दिनों तक ऐसे ही मस्ती की हमने!
एक शाम हम दोनों पोर्न देख रहे थे।
दोनों एक-दूसरे के बगल में बैठे थे।
वो मेरी चूत सहला रहा था और मैं उसका मुठ मार रही थी।
एक सीन आया, जहाँ लड़का लड़की की चूत में उंगली घुसाने लगा।
ये देख यहाँ भाई ने भी मेरी चूत में उंगली डाल दी।
मैं “आह्ह” कर उठी।
वो पूरा गर्म हो गया।
फिर उसने फोन साइड में रखा और मुझे लेटा दिया।
मैं जानती थी कि वो क्या करने वाला है.
पर मैंने उसे नहीं रोका।
सुलाते ही वो मेरी चूत में उंगली डालने लगा।
मैं भी मचल उठी।
मुझे हल्की दर्द हो रही थी लेकिन मजा आ रहा था।
उंगली डाल के वो अंदर-बाहर करने लगा।
मैं पागल हो उठी और अपने होंठ काटने लगी।
साथ ही वो मेरी चूत चाटने भी लगा।
मैं और ज्यादा पागल हो गई और तकिया नोचने लगी।
थोड़ी देर में उसने दो उंगलियाँ डाल दी।
मैं “आउच” करके चीख उठी।
पर वो रुका नहीं और न ही मैं चाहती थी कि वो रुके।
दोनों उंगलियों से वो अंदर-बाहर करने लगा।
करीब-करीब चुद ही रही थी मैं!
कुछ देर में मैं झड़ गई और उसका पूरा हाथ मेरे पानी से गीला हो गया।
वो चाटने ही वाला था कि उसने मुझे देखा, और हाथ मेरे होंठों के पास ले आया।
मैं देर न करते हुए उसका हाथ चाट गई।
पहली बार मैंने अपना पानी चखा और मुझे पसंद आया।
वो अब भी जोश में था तो मेरे ऊपर चढ़ गया और अपना लंड मेरे चूत में डालने लगा।
मैं भी पूरी गर्म थी।
अचानक वो उतर के साइड में बैठ गया।
पहले मैं समझ नहीं पाई कि क्या हुआ।
फिर मुझे याद आया कि मैंने सेक्स के लिए मना किया था।
मैं सोचने लगी।
तैयार तो नहीं थी पर ऐसे अचानक से छोड़ने से मुझे बुरा लगा।
मुझे लगा जैसे कोई चीज अधूरी रह गई।
मोहित भी मायूस था।
फाइनली मैंने मोहित से कहा- मोहित, सेक्स करोगे मेरे साथ?
वो खुश हो उठा- रियली दीदी?
इशिता (स्माइल करके)- हाँ, भाई!
बिल्कुल भी टाइम वेस्ट न करते हुए वो मेरे ऊपर चढ़ गया और मुझे किस करने लगा।
धीरे-धीरे उसका लंड बड़ा होने लगा और मेरे चूत पे घिसने लगा।
इससे मैं भी गर्म हो गई और उसकी गांड को पकड़ के अपनी ओर दबा लिया ताकि उसका लंड और भी ज्यादा घिसे मेरे चूत पे!
इस तरह से पहली बार भाई मेरे ऊपर चढ़ा था।
पहली बार उसका सारा कुछ मेरे जिस्म पे टच हो रहा था, वो भी एक साथ!
साथ ही वो मुझे किस कर रहा था, मेरे बूब्स उसके चेस्ट पे दब रहे थे, और चूत पे उसका लंड घिस रहा था।
वाओ, क्या मज़ेदार था वो पल!
मैंने अपनी टाँगें फैला दीं और मोहित और ज़्यादा जोर से अपना लंड मेरी चूत पर रगड़ने लगा।
वो मुझे ऊपर-ऊपर चोद रहा था और मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था।
कुछ देर बाद मैं झड़ गई।
फिर वो नीचे की ओर गया और मेरी दोनों टाँगों के बीच बैठ गया।
आखिर वो पल आ ही गया।
मैं बहुत नर्वस थी पर साथ ही उत्साहित भी।
मोहित ने पहले मेरी चूत में उंगली डाली और छेद को फैलाने लगा।
चूत के पानी को उसने पूरी चूत के आसपास और अपने लंड पर लगाया ताकि लंड आसानी से स्लिप होकर अंदर जाए।
फिर उसने अपना लंड मेरी चूत में डालना शुरू किया।
जैसे ही उसने छेद पर रखकर अंदर किया, मेरी चीख निकल गई- आह, धीरे भाई!
मोहित- सॉरी दीदी, लगा क्या?
इशिता- नहीं, बस थोड़ा टाइट है न!
मैंने मुँह से थूक लिया और उसके लंड पर लगाया।
उसने फिर से कोशिश की और इस बार उसका लंड धीरे-धीरे अंदर घुसने लगा।
मुझे दर्द होने लगा पर मोहित ने जल्दबाजी नहीं की।
जब भी दर्द होता, वो रुक जाता।
दर्द कम होने पर वो थोड़ा पीछे खींचता और फिर आगे करता।
ऐसे करते-करते वो मेरी सील तक पहुँच गया।
अब लंड हल्के से अंदर नहीं जा रहा था।
कुछ देर रुकने के बाद उसने जोर से धक्का दिया और उसका पूरा लंड मेरी चूत में आखिरी सिरे तक घुस गया।
इसी के साथ मेरे अपने भाई ने मेरी सील तोड़ दी।
मैं जोर से चिल्ला उठी.
पर उसने मेरा मुँह ढक लिया क्योंकि पास के रूम में मम्मी-पापा सो रहे थे।
मेरी आँखों से आँसू टपकने लगे।
मोहित घबरा गया- आप ठीक तो हो न दीदी?
इशिता- हाँ, बस दर्द हो रहा है। पहली बार है न … तू चिंता मत कर!
कुछ देर बाद जब दर्द कम हुआ तो मैंने उससे कहा- भाई, अब तू कर सकता है, बस धीरे-धीरे अंदर-बाहर कर!
उसने मेरी बात मानी और धीरे-धीरे अंदर-बाहर करने लगा।
हर बार जब वो बाहर से अंदर करता, मुझे थोड़ा दर्द होता, पर कुछ देर में मेरी चूत फैलने लगी और दर्द खत्म हो गया।
अब मुझे टीन देसी गर्ल फर्स्ट सेक्स में मज़ा आने लगा।
मैं हल्के से मोअन करने लगी- आह… आह… आह… उउउ… चोद भाई, चोद अपनी दीदी को चोद। मैं हमेशा से चाहती थी कि मेरा भाई ही मुझे चोदे और इतना मज़ा दे कि बाहर किसी लड़के के पास जाना न पड़े। चोद मेरे भाई, चोद मुझे!
वो मुझे जोर-जोर से चोदने लगा।
पूरे रूम में थप-थप-थप की आवाज़ गूँजने लगी।
अगले 15 मिनट बाद वो झड़ने वाला था।
ये सुनते ही मैं उठकर घुटनों पर बैठ गई और उसने मेरे मुँह में लंड डाल दिया।
कुछ ही सेकंड में उसने ढेर सारा माल मेरे मुँह में छोड़ दिया और मैंने बिना देर किए सारा निगल लिया।
हम दोनों पास-पास गिर पड़े।
हमारी साँसें चढ़ी हुई थीं।
इशिता- आज मैं बहुत खुश हूँ। आखिर तूने मेरा सपना पूरा कर दिया। मैं पहले दिन से चाहती थी कि तू मुझे चोदे। इतने दिन की मेहनत के बाद आज पूरा हुआ।
मोहित- पर अगर आप पहले दिन से चाहती थीं, तो पहले ही क्यों नहीं बोला? इतनी मेहनत नहीं करनी पड़ती।
इशिता- जैसे तूने कहा था, अपने भाई के साथ सेक्स करने का डिसीजन आसान नहीं है। इसलिए कन्फ्यूज्ड थी। पर आज इतना मज़ा मिलने के बाद लगता है कि अपने भाई से चुदवाने का डिसीजन बिल्कुल सही था। सच में, बाहर बॉयफ्रेंड बनाने से लोग जान जाते हैं। भाई के साथ घर की बात घर में रहती है। और फिर मिलने का प्लान और होटल बुक करने का झमेला भी नहीं। पर तूने पटाने में बहुत टाइम ले लिया।
मोहित- एक बात मैं भी कन्फेस करना चाहता हूँ। मैं भी आपको कई दिनों से देख रहा था। आपका फिगर मुझे बहुत पसंद है, स्पेशली बूब्स!
इशिता- हाँ, जानती हूँ। तेरे सामने जब से टॉवल स्लिप हुआ, तब से तेरी नजर बदली है।
मोहित (स्माइल करते हुए)- नहीं!
इशिता- क्या मतलब नहीं?
मोहित- असल में, उससे बहुत पहले से मैं आपका फिगर देखता था। कई बार आपको कपड़े बदलते देखा है।
इशिता (शॉक्ड)- व्हाट?? पर कैसे? मैं तो दरवाजा बंद रखती थी।
मोहित- मैंने दरवाजे के कोने में एक छेद किया था, वही से देखता था। कभी-कभी ठीक से नहीं दिखता था। पर एक प्रॉब्लम थी, आप मेरी तरफ पीठ करके ब्रा पहनती थीं या पहनकर ही बाथरूम से निकलती थीं। इसलिए कभी आपके बूब्स देखने नहीं मिले। बहाने से बूब्स टच करने की कोशिश करता था, पर उतना फील नहीं मिलता था। तब से सोचा कि किसी भी हाल में मुझे आपको नंगी देखना है। फिर जिस टॉवल वाले दिन की बात कर रही हो, उस दिन पहली बार आपका राइट बूब देखा। उस दिन से मैं पागल हो गया। फिर सोचा, सिर्फ देखना नहीं, अब तो मुझे आपको चोदना है। फिर एक साल बाद आपने धीरे-धीरे बढ़ावा दिया। मैंने सोचा, क्या सच में ऐसा है? मैं श्योर होने के लिए उस दिन रिमोट ढूँढने वाला एक्ट किया। जब मैंने आपके बूब पर हाथ रखा और आपने कुछ नहीं कहा, तो मैं समझ गया कि मेरी किस्मत खुल गई।
इशिता (शॉक्ड)- बाप रे, इतना कुछ सोच रखा था और मुझे पता भी नहीं चला?
मोहित (हँसते हुए)- ये तो कुछ भी नहीं है। आपको पता है, कितनी बार आपके बूब्स दबाए हैं?
इशिता- हाँ, रोज तो बहाने से छूता रहता था।
मोहित- नहीं, वो तो आपको पता था। मैं रात को अक्सर आपके सो जाने के बाद 1-2 बजे आपके बूब्स दबाता था।
इशिता- सीरियसली?
मोहित- हाँ।
इशिता- तभी मैं सोचती थी, 18 साल के बाद मेरे बूब्स इतनी जल्दी कैसे बड़े हो रहे हैं। और क्या-क्या किया है, जरा सुनूँ?
मोहित- ज्यादा कुछ नहीं, बस एक-दो बार रात में आपके निप्पल्स चूसने की कोशिश की, पर नहीं कर पाया क्योंकि आप ब्रा पहनकर सोती थीं और ब्रा उठाना बहुत मुश्किल था। आपके उठ जाने का डर भी था। कई बार आपकी गांड भी दबाई है।
इशिता- बाबा, इतनी प्लानिंग? एक बार पूछ लेता मुझसे। कुछ दिन हिचकिचाती, पर सब कुछ दिखा देती और शायद चोदने भी दे देती।
मोहित- मुझे थोड़ी पता था कि आप मान जाओगी। दीदी हो … ऐसे थोड़ी कोई दीदी से डायरेक्ट पूछता है कि “दीदी, आपके बूब्स दबा लूँ या आपको नंगी देखना है?”
इशिता (हँसते हुए)- हाँ, ये भी सही है। चल, कोई बात नहीं। अब तो सब कुछ देख लिया न? जब मर्जी चोद सकता है न दीदी को?
मोहित- हाँ, दीदी, बिल्कुल।
इशिता- तो चोद न!
ये सुनते ही उसका लंड फिर से खड़ा हो गया और अगले एक घंटे तक भाई ने फिर मुझे चोदा।
इस बार मुझे बिल्कुल भी दर्द नहीं हुआ।
उस रात उसने मुझे एक बार और चोदा और हम करीब 5 बजे सोने गए।
सुबह मेरी चूत बहुत जल रही थी और बदन भी टूट रहा था।
मोहित का लंड भी सूज गया था और कमर में दर्द था।
हम कुछ देर और सो गए और कॉलेज नहीं गए।
दिन गुजरते गए और हम घर के हर कोने में चोद चुके थे।
मेरी चूत अच्छे से खुल चुकी थी तो अब घुसते वक्त हल्का सा भी दर्द नहीं होता था।
बस उस दिन से आज तक हम सेक्स करते हैं।
इतने में मोहित का कॉल आया।
मोहित- दीदी, मैं थोड़ा काम में फँसा हूँ। तुम दीपक के साथ आ जाओ न!
इशिता- अच्छा, ठीक है।
मैं (दीपक) भी तैयार हो गया।
राहुल भी आ गया तो हम निकल पड़े और इशिता दी को घर ड्रॉप किया।
थोड़ी बारिश हो रही थी तो मैंने सोचा मोहित के आने तक रुकता हूँ।
कुछ देर में मोहित आ गया, मुझसे बातें की और इशिता दी किचन में गईं कुछ नाश्ता बनाने।
कुछ देर बाद इशिता दी ने मोहित को बुलाया- मोहित, जरा यहाँ आओ, वो बॉक्स उतार दो।
मोहित- आया, दीदी।
मैंने सोचा, देर हो गई, ये लोग भी थके होंगे। बेकार में मेरे लिए मेहनत कर रहे हैं।
मैं उठकर किचन की ओर गया ये बोलने कि मेहमान-नवाजी की जरूरत नहीं, मैं निकलता हूँ।
लेकिन पहुँचते ही मैंने देखा इशिता दीदी घुटनों पर बैठकर मोहित का लंड चूस रही थी।
मोहित की पीठ मेरी ओर थी इसलिए उसने मुझे नहीं देखा और दीदी की आँखें भी बंद थीं।
फिर मोहित ने दीदी को उठाकर डेस्क पर बैठा दिया, टी-शर्ट उठाकर ब्रा ऊपर की और बूब्स चूसने लगा।
दीदी ने भी उसके बालों को पकड़कर बूब्स पर दबाए रखा।
फिर उसने अपनी पैंट नीचे की और दीदी की जीन्स भी नीचे कर दी।
दीदी ने पैंटी नहीं पहनी थी।
मोहित ने सीधे लंड घुसाया और चोदने लगा।
दीदी उसे गले लगाकर चुदती रही।
मुझसे रहा न गया और मैंने मुठ मारने के लिए लंड बाहर निकाला।
इतने में दीदी ने मुझे देख लिया।
पर मैं न डरा, न हिला।
मैंने अपने लंड की ओर इशारा किया।
दीदी ने स्माइल की और ‘हाँ’ का इशारा किया.
जैसे कि उन्होंने मुझे उनके सामने मुठ मारने की परमिशन दे दी हो।
देर न करते हुए मैं मुठ मारने लगा।
करीब 10 मिनट बाद मोहित झड़ने वाला था तो दीदी नीचे बैठ गईं और भाई ने उनके मुँह में सारा माल निकाल दिया।
मैंने भी यहाँ माल निकालकर दीवार पर फेंक दिया।
दीदी ने बड़े चाव से उसका माल निगल लिया।
मैंने लंड अंदर किया और वापस आकर बैठ गया।
इतने में मोहित निकला और बाथरूम की ओर भागा।
दीदी अपने कपड़े ठीक करते हुए आईं।
उनके होंठों पर अब भी थोड़ा माल लगा था।
मैं- दीदी, आपके होंठ पर अभी भी लगा है।
उन्होंने उंगली पर लिया और मेरे सामने बड़े सेक्सी अंदाज में चाट लिया।
हम दोनों हँसने लगे।
फिर दीदी ने पूछा- कैसा लगा?
मैं- इससे पहले मेरा इतना माल नहीं निकला। वैसे, वही दीवार पर लगा है। चाहो तो चख सकती हो।
इशिता दी ने कुछ देर स्माइल किया और कहा- ठीक है।
मैं- अच्छा, मैं चलता हूँ। आप लोग एन्जॉय करो, रात हो गई है।
इशिता- ओके, गुड नाइट।
तो दोस्तो, ये थी मेरे एक नए प्रशंसक दीपक की कहानी, जिसमें इशिता दीदी और मोहित के रिश्ते की सारी बातें सामने आईं।
उम्मीद है आपको ये टीन देसी गर्ल फर्स्ट सेक्स कहानी पसंद आई होगी।
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