चचेरी बहन की सील तोड़ चुदाई की

(Teenage Virgin Sister Fuck Story)

टीनएज वर्जिन सिस्टर फक स्टोरी में मुझे चूत की जरूरत थी पर मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं थी. मेरी नजर अपनी चचेरी बहन पर थी. मैंने कैसे उसे पटा कर उसकी पहली चुदाई की?

नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम अरविन्द है. मैं उत्तर प्रदेश गोरखपुर का रहने वाला हूं.

यह टीनएज वर्जिन सिस्टर फक स्टोरी उन दिनों की है, जब मेरी उम्र 20 साल थी.
मैंने इंटर का एग्जाम पास किया था … और मेरी हाइट 5 फुट 8 इंच हो गई है.

उस समय मैं बहुत शर्मीला लड़का था.
कभी किसी लड़की से बात करने की मेरी हिम्मत नहीं होती थी.

जवानी की इस उम्र में मुझे भी सेक्स करने का मन करने लगा था.

मेरे सभी दोस्तों की गर्लफ्रेंड थीं, वे लोग रोज अपनी गर्लफ्रेंड को चोदते थे और अपनी चुदाई की बातें मुझे बताते थे.

उन सभी की सेक्सी बातों को सुन सुनकर मेरा भी मन करने लगा कि मैं भी किसी लड़की को अपनी गर्लफ्रेंड बना कर चोदूं.
लेकिन मुझे कोई लड़की मिल ही नहीं रही थी.

फिर एक दिन अचानक मेरी नजर मेरे चाचा की लड़की पर पड़ी जो मुझसे एक साल छोटी थी.
वह मुझसे बहुत घुल-मिल कर रहती थी.

उसका नाम सोनिया है.
उसकी बड़ी बड़ी चूचियों को देखकर मेरा मन बिगड़ने लगा.

अब बस यही मन कर रहा था कि यह मिल जाए तो मैं इसको पटक कर चोद दूं.

लेकिन कैसे … वह तो मेरी बहन है.
यही सोच कर मैं डरा जा रहा था.

फिर फरवरी का महीना था.
उसके एग्जाम आने वाले थे.

शाम को 7:00 बजे वह मुझसे बोली- भैया मेरी मैथ थोड़ी कमजोर है, आप मुझे पढ़ा दोगे तो मैथ से मेरा डर कम हो जाएगा!
मैं बोला- ठीक है, खाना खाकर आराम से मेरे कमरे में आ जाना. मैं भी अभी आता हूँ, फिर पढ़ा देता हूं.

कुछ देर के बाद में उसको पढ़ाने लगा.

उसको एक सवाल समझ में नहीं आ रहा था.
मैंने बड़ी आसानी से उसे समझाया तो वह खुश होकर मेरे गले लग गई.

वह किलकारी मारती हुई बोली- वाह भैया, आपने कितनी आसानी से इस सवाल को हल कर दिया. मुझे तो यह सवाल कभी समझ में ही नहीं आता था.

वह खुश होकर मेरे गले से लग गई.
जैसे ही वह मेरे गले लगी, मेरा लंड खड़ा हो गया और मेरे पैंट में तंबू बन गया.

मेरा मन कर रहा था कि इसको अभी पटक कर चोद दूं.
लेकिन मैं किसी तरह अपनी उत्तेजना को रोक कर बर्दाश्त कर गया.

अब वह रोज मुझसे पढ़ने आने लगी.
वह रोज रात को आ जाती और मैं उसको पढ़ाता रहता.
जब वह झुक कर पढ़ती, तो मैं उसकी गोल गोल चूचियों को देखने लगता.

कभी कभी मैं उसकी उसकी चूचियों पर हाथ फेर देता, कभी उसकी पीठ को सहला देता.

वह बुरा नहीं मानती थी.
मैं भी समझने लगा था कि वह अब मुझे चुदना चाहती है.

इसी तरह तीन-चार महीना बीत गए.

फिर जब उसका रिजल्ट आया, तो वह फर्स्ट डिवीजन से पास हुई थी.
वह मेरे पास मिठाई लेकर आई.

मैं बोला- मैं मिठाई नहीं खाऊंगा!
वह बोली- फिर क्या खाओगे भाई?
मैंने कहा- मुझे कुछ और खाना है.

वह बोलिए- ओके आपको जो खाना है, वह बताओ … मैं खिला दूँगी.
मैं बोला- नहीं रहने दे, तू मना कर देगी.

वह बोली- भैया मैं आपकी वजह से ही पास हुई हूं. आज आप जो भी कहोगे, मैं खिलाऊंगी. आपको क्या चाहिए भाई … एक बार बोल कर तो देखो. आपकी बहन मना नहीं करेगी!

मैं बोला- ठीक है, तो फिर आज रात को 11:00 बजे सबके सो जाने के बाद मेरे कमरे में आ जाना. मैं उसी वक्त बताऊंगा.

वह मुस्कुरा कर बोली- क्या बात है भैया … आपकी इरादे कुछ ठीक नहीं लग रहे हैं!
मैं बोला- तुमको आना है तो आना, नहीं तो रहने देना.

वह बोली- ठीक है भाई, आपकी वजह से मैं पास हुई हूं. आपको जो चाहिए मैं दूंगी. जो मिठाई या जो भी चीज खाने को बोलोगे, मैं खिलाऊंगी.

उसकी इतनी खुली बात सुनकर मैं समझ गया कि यह आज देने के मूड में है.

वह रात को सबको खाना खिलाने के बाद 11:00 बजे मेरे रूम में आई और उसके आते ही मैंने दरवाजा बंद कर दिया.

वह मेरे पास आकर बैठ गई.
वह समझ चुकी थी कि मैं उसके साथ क्या करने वाला हूं. उसका पूरा शरीर काँप रहा था.

मैंने उससे पूछा- तेरी तबीयत खराब है क्या?
वह बोली- नहीं भाई … आपका क्या मतलब है?

मैं- तू डर क्यों रही है?
वह बोली- कुछ नहीं बस ऐसे ही, आप बताओ आपको क्या चाहिए?

मैं बोला- मुझे जो मिठाई चाहिए वह तेरे पास है.
वह बोली- कहां है बताओ, मैं दे देती हूं!

मैं उसकी चूचियों पर हाथ रखकर बोला- मुझे यह मिठाई चाहिए!
वह बोली- क्या बात करते हो भैया आप अपनी बहन के साथ ऐसा करोगे?

मैंने कहा- देख, देना है तो दे … नहीं देना है तो कोई बात नहीं. सोनिया सच में मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं.
वह बोली- भैया प्यार तो मैं भी आपसे करती हूं … मैं तो कब से इंतजार कर रही थी कि आप एक बार मुँह खोल कर बोलो. आप एक बार मांगो तो मैं झट से आपके सामने बिछ जाऊंगी!

मैं उसे अपने पास खींच कर चूमने लगा.

वह इतरा कर बोली- क्या आपका काम सिर्फ मेरी चूचियों से चल जाएगा? मैं तो पूरी आपकी हूं … पूरा ले लो ना मुझे … ऊपर से नीचे तक आप मुझे पूरी खा जाओ भैया!

बस फिर क्या था … मैं भी टूट पड़ा उसके ऊपर.
उसको अपने सीने से लगा कर मैं उसके होंठों को चूसने लगा.

क्या बताऊं यार क्या मजा आ रहा था.
उसके मुँह से आह निकलने लगी- आह भैया कस लो मुझे अपनी बांहों में … आह खा जाओ ना भैया … खा जाओ ना भैया मुझे … आह ऐसे ही करते रहिए!

मैंने एक-एक करके उसके सारे कपड़े निकाल कर फेंक दिए और उसे पूरी नंगी कर दिया.

वह भी मेरे ऊपर झपट पड़ी और उसने भी मेरे सारे कपड़े निकाल कर फेंक दिए.
अब हम दोनों भाई बहन नंगे थे.

वह बोली- क्या भैया इतना बड़ा लंड … यह तो मैं नहीं ले पाऊंगी. मेरी चुत भी कुंवारी है, फट जाएगी!
मैंने बोला- फटेगी तो यह किसी के भी लौड़े से … पर कोई बात नहीं है, तू डर मत … मैं बहुत प्यार से तुझको चोद दूंगा. मैं इतनी प्यार से चोदूंगा कि तू अपने भैया की दीवानी हो जाएगी.

यह कह कर मैं उसकी एक चूची को चूसने लगा और दूसरी को मसलने लगा.

बारी बारी से उसकी दोनों चूचियों को चूसते हुए मैं नीचे आया.
मैं अब उसकी कमर के नीचे चाटने लगा.

मैं बोला- वाह क्या कुंवारी बुर है तेरी बहन … मैं तो धन्य हो गया!
मेरी बहन बोली- भैया बस आपके लिए ही है, मैंने बस आपके लिए अपनी बुर को बचा कर रखा है. आज लूट लो मेरी इज्जत … आप मेरी बुर को फाड़ दो भैया … आप आज मुझे अपनी गुलाम बना लो भैया … आज मुझे इतना चोदो इतना चोदो कि मैं आपके लौड़े की गुलाम हो जाऊं!

बस फिर क्या … मुझसे भी रहा नहीं गया.
मैंने अपना 7 इंच का लंड उसको पकड़ा दिया और उससे कहा कि इसे चूस कर चिकना करो.
उसने लंड को चूसा और थूक लगा कर चिकना कर दिया.

अब मैंने उसे चित लिटाया और उसकी चूत के मुँह पर लौड़े को लगा कर धक्का दे मारा.
उसकी चूत से मेरा लंड फिसल गया और किनारे से निकल गया.

फिर मैंने दुबारा ट्राय किया.
फिर भी नहीं गया.

वह बोली- भैया प्यार से डालना, मैं अभी एकदम नई हूं ना!
मैं- हां ठीक है, मेरी बहना तू टेंशन मत ले. मैं तुझे बहुत प्यार से चोदूंगा.

वह मान गई.

इसके बाद मैंने अपने लंड पर खूब सारा थूक लगाया और बहन की चूत के मुँह पर लौड़े को रखकर जोर का धक्का मारा, तो सुपारा अन्दर घुस कर फंस गया.

वह छटपटाने लगी.
मैंने अपने हाथ से उसके मुँह को बंद कर दिया.
वह अपना सर इधर-उधर कर रही थी और अपने हाथ पैर पटकने की कोशिश कर रही थी.

मैंने उसे सख्ती से पकड़ कर रखा था और बस चोदे जा रहा था.
मेरे हर एक धक्के पर उसकी आंखों से आंसू निकल रहे थे.

कुछ देर के बाद उसने इशारा किया कि हाथ हटा लो.
मैंने हाथ हटाया, तो बोली- आह मर गई … क्या भैया अपनी बहन को कोई इस तरह चोदता है … मैं आपकी बहन हूं … कोई दुश्मन नहीं … आप मेरी जान ले लोगे क्या … चोदो लेकिन आराम से चोदो!

मैंने कहा- इतनी मस्त चुत है तेरी और इतनी टाइट … छोटी सी बुर है यार … इसको मैं कैसे आराम से चोदूं! मेरा तो मन यही कर रहा है कि आज ही पूरी चुत फाड़ दूं. तुम मुझे इतने दिनों के बाद मिली हो तो कैसे मजा न लूँ इसीलिए बस मैं पिल पड़ा.

उसकी चुत से खू/न निकल रहा था, जिस वजह से बिस्तर पर खू/न लग गया था और पूरी चादर खराब हो गई थी.

मैं यह देखकर खुश हुआ कि मैंने अपनी बहन की सील तोड़ दी है.
मैंने अब धीरे धीरे लंड को आगे पीछे किया तो वह भी मजा लेने लगी.

अब मैं उसको मस्ती से चोदे जा रहा था और भी आवाज निकाल कर मेरे जोश को दोगुना कर रही थी.

वह दो बार झड़ चुकी थी और मुझे मना कर रही थी कि भैया अब रहने दो … और नहीं करो भैया रहने दो प्लीज मैं मर जाऊंगी … आह भैया मान जाओ न!
मैं मस्ती से उसके ऊपर झुक गया और उसके एक दूध को अपने होंठों से दबा कर खींचते हुए चूसने लगा और चुत में लौड़े को अन्दर बाहर करने लगा.

मेरी इस हरकत से उसके अन्दर फिर से जोश भर गया और वह भी अपनी गांड उठा उठा मेरे लौड़े से चुत लड़ाने लगी.

उसको इस तरह से चुदते हुए देखकर मुझे बहुत खुशी हो रही थी.
मैं और जोर-जोर से धक्के मारने लगा.

मैं उससे बोल रहा था कि आह मेरी सेक्सी बहन बस जरा सा साथ और दे दे आह बस दो मिनट और लूँगा.

वह भी उत्तेजित होकर मुझे अपने दूध चूसने के लिए कह रही थी और मस्त आवाजें निकाल रही थी.

कुल बीस मिनट की चुदाई के बाद मैं उसकी चुत में ही झड़ गया और अपनी बहन की चूचियों को अपने सीने से दबा कर लेट गया.

हम दोनों भाई बहन के चेहरे पर इतनी खुशी थी कि क्या बताऊं.

कुछ मिनट बाद वह धीमी आवाज में बोली- भैया, मेरी चुत में बहुत दर्द हो रहा है … आप उठो न!
मैं उसके ऊपर से हटा तो वह हिल भी पा रही थी.

मैं उसे सहारा देकर बाथरूम तक ले गया.
जब वह बाथरूम से वापस आई तो मैंने उसको सहारा देकर लिटाया.

मैं भी उसके साथ लेट गया.

हम दोनों नंगे तो थे ही तो चूमा चाटी होने लगी.

कुछ देर बाद मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.
मैं बोला- बहन जी एक बार दो ना यार!
वह कराहती हुई बोली- नहीं भैया, अब आज जरा सी भी दम नहीं बची है.

मैंने उससे कहा- अरे यार एक बार और चोद लेने दे ना … मैं तुझे पास भी तो कराया है और वह भी फर्स्ट क्लास से! और यह भी तो समझ कि पहली बार में ही दर्द होता है. उसके बाद तो तुझे हर बार मजा ही आएगा!

यह सब सुनकर वह पिघल गई और बोली- अच्छा ठीक है भैया, आप आज पूरा मन भर लो और जैसे चाहे मेरी मार लो. आज मेरी चूत आपके लिए खुली है, आपको जितना चोदना है चोद लो!

बस फिर क्या था … मैंने उसको मुँह पर हाथ रखा और लंड उसकी चूत में पेल दिया, सुपारा फाँकों में फंसा कर मैंने एक जोर का झटका दे मारा.

मैं झटका मारने से पहले उसके मुँह को दबा दिया था.
मेरा झटका इतना जोर का लगा था कि एक बार में ही पूरा लंड उसकी चुत में अन्दर जड़ तक घुसता चला गया था.

बेचारी छटपटा कर रह गई.
उसकी आंखों से आंसू साफ बयां कर रहे थे कि दर्द से तड़प रही है.

मैंने उसके दर्द की परवाह न करते हुए उसको इतना ज्यादा चोदा कि वह हिल गई.

उस रात मैंने उसको चार बार चोदा. उसकी चूत का भोसड़ा बना दिया और चुत की गर्मी को निकाल दिया.

टीनएज वर्जिन सिस्टर फक के बाद तकलीफ में तो थी लेकिन चेहरे से खुश नजर आ रही थी.

उसके बाद जब भी हम दोनों को टाइम मिलता तो हम दोनों भाई बहन चुदाई कर लेते हैं.

वह मेरे लौड़े पर मस्त उछलती हुई कहती है कि मेरे भैया आप ही मेरे सैयां हो, आप ही मेरे मालिक हो और आप ही मेरे राजा हो. मेरी चूत आपके लंड की गुलाम है. मैं आपकी कुतिया हूं, आपकी रांड हूं. आप जितना चाहो उतना मुझे चोदो. फाड़ दो मेरी चूत … सारी उम्र मुझे चोदते रहो भैया!

मैंने भी कहा- हां मेरी बहन, तू मेरी दासी, मेरी गुलाम, मेरी कुत्ती है और बस अपनी चुत मेरे लौड़े पर यूं ही न्योछावर करती रहना.

मैं अब उसको पकड़ कर कभी डॉगी स्टाइल में चोदने लगता हूँ तो कभी मिसनरी स्टाइल में.
मैं उसको अलग-अलग तरीके से खूब देर देर तक चोदता हूं.
उसको गोदी में उठाकर टांग टांग कर और झूला झुलाते हुए चोदता हूं.

हम दोनों भाई बहन की चुदाई से बहुत खुश हैं.
अब उसकी शादी हो चुकी है लेकिन फिर भी जब हमें मौका मिलता है तो हम दोनों चुदाई का खेल खेलते हैं.

अगली सेक्स कहानी में मैं आपको बताऊंगा कि मैंने उसकी गांड की सील को कैसे तोड़ी थी.
टीनएज वर्जिन सिस्टर फक स्टोरी पर अपने विचार कमेंट्स में लिखें.
तब तक के लिए नमस्कार.
इमेल नहीं दिया जा रहा है.

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