पहला प्यार.. पहला लण्ड-2
उसने साइड से लगभग मुझे बांहों में ही भर लिया था और उसका मुँह और होंठ भी मेरे मुँह के काफी करीब थे। उसके मुँह की गर्म भाप मेरे होंठों को छू रही थी.. क्योंकि दिसंबर की ठंड थी..
गे सेक्स स्टोरी, दो मर्दों के बीच गांड मारने-मराने वाले समलिंगी, गाण्डू, लौण्डेबाजी गे सेक्स की कहानियाँ हिंदी में
Do mardon ke beech Gand Marne Maraane Ki Gay sex kahaniyaan Hindi mein
Gay sex Stories in hindi based on Sex between two males anal sex
उसने साइड से लगभग मुझे बांहों में ही भर लिया था और उसका मुँह और होंठ भी मेरे मुँह के काफी करीब थे। उसके मुँह की गर्म भाप मेरे होंठों को छू रही थी.. क्योंकि दिसंबर की ठंड थी..
जब मैं पढ़ता था और मुझे सेक्स, प्यार, लंड, चूत और गांड के बारे में कुछ ज्यादा पता नहीं था और ना ही मुझे कुछ समझ आता था। तब से मुझे मेरी कक्षा का एक लड़का अच्छा लगता था।
अब तक आपने पढ़ा.. मैं शशि की गांड मार चुका था। अब मेरे पीछे सर खड़े थे उनका मन भी मेरी गांड मारने का दिख रहा था। अब आगे… सर का एक हाथ मेरे कन्धे पर था.. दूसरे हाथ से वे कभी-कभी मेरे चूतड़ सहला देते.. कभी मेरे गालों पर हाथ फेर देते। ऐसा वे […]
उसका अंडरवियर झटके से खोल दिया, उसकी पीठ मेरी तरफ थी। मैंने उसे दीवार से टिका दिया। उसके गोरे-गोरे गोल चूतड़ मेरे आगे थे, जो मुझे ललचा रहे थे।
स्कूल में मैं सेक्सी लड़का था सब मुझे चिकना बुलाते थे. मैं कम्प्यूटर टीचर से पढ़ने उनके घर गया तो उनके लैपटॉप पर गे वीडियो थी. टीचर ने कैसे मेरी गांड मारी!
मैं ट्रेन में चढ़ा.. थोड़ी सी जगह मिलते ही मुझे जोर की नींद आ गई। मैंने एक सपना देखा कि मैं स्वर्ग के देवता इंद्र के साथ उनके विमान पर सफर कर रहा हूँ।
मैंने अंडरवियर का नाड़ा खोला और खटिया पर औंधा गांड ऊपर करके लेट गया। आज बहुत दिल धड़क रहा था, मुझे वह लंड चोद रहा था.. जिससे मरवा कर लौंडे इतराते हैं।
मैं भाई साहब से शिकायत करूँगा, वे शहर भर के लौडों की गांड मारते हैं.. इस घर में कई नमकीन चिकनों की नथ उजारी गई और उन्हीं के भतीजे की कोई और गांड मार दे।
गांड मराने का शौक एक ऐसा शौक है कि इसकी जब आदत पड़ जाती है तो बिना गांड मराए चैन नहीं आता। गांड कुलबुलाती रहती है.. एक कीड़ा सा काटता है..
हम लोग गाड़ी मैं ही बैठे हुए सोच रहे थे कि अब जगह का जुगाड़ कैसे किया जाये.. हम लोग पेड़ों के झुरमुट में गए। वहां पर क्या हुआ, इस हिंदी सेक्स कहानी में पढ़िए।
मर्द बिना कपड़ों के, वो भी हज़ारों और एक से बढ़कर एक, वो भी चड्डी में नहाते हुए, हज़ारो लंड और मैं फिर भी प्यासा! लंड को मैं अपने होंटों से भी छू चुका था लेकिन अभी तक मुझे लंड मिला नहीं था।
पानी में काफी भीड़ होती थी और किसी को ज्यादा ध्यान नहीं होता था, सब लोग चड्डी में ही होते थे, मैं उनके लंड के उभार को देखता जिसमें गीली हो चुकी चड्डी में लंड का शेप साफ दिखाई देता था।
बरसात के मौसम में मेरा दोस्त बोला कि बाग में जामुन खाने चलते हैं। हम चले गए। तभी बारिश हो गई। कहानी पढ़ कर देखिए कि हमने कौन से जामुन खाए!
मैं गांड मारने वाली ब्लू फ़िल्म देख रहा था कि नेट कनेक्शन चला गया। कम्पनी का आदमी आया तो वो जान गया कि मैं क्या कर रहा था। उसने मेरी गांड कैसे मारी।
खेत में काम कर रहे चिकने पहाड़ी लड़के की गांड देख कर उसके मालिक का लंड खड़ा हो जाता था। एक दिन वो लड़का ट्यूबवेल पर नहा रहा था तो मालिक से रुका ना गया।
कॉलेज से ट्रेकिंग ट्रिप लेकर टेनिस कोच कुल्लू मनाली की तरफ़ गए। टेनिस कोच का कसरती जिस्म, उभर कर दिखते हुए मस्सल्स, उनकी हाइट, मैं लम्बे लड़कों का दीवाना हूँ।
अब मैं रोज़ रात को उसे चोदने लगा, उसके चूतड़ चौड़े और गोल-गोल थे, लड़कियों जैसे पतले-पतले हाथ थे.. वो मेरी गर्लफ्रेंड की कमी को कभी महसूस नहीं होने देता था।
इस कहानी में वो है समाज में जिसका मज़ाक उड़ाया जाता है, जिसके यार-दोस्त उस पर हंसते हैं.. क्योंकि वो आम लड़कों जैसा नहीं है.. उसके हाव-भाव लड़कियों जैसे हैं।
यह कहानी है एक समलैंगिक किशोर की जो अपनी प्रकृति प्रदत्त असामान्य इच्छा पूरी करने के लिये एक पुरुष की प्रताड़ना का शिकार हुआ। समलैंगिकता शौक नहीं मज़बूरी है।
मेरी चाल-ढाल लड़कियों जैसी है.. यह मेरे जीवन वो सत्य-कथा है जिसके बारे मैं जब आज भी सोचता हूँ तो मेरे तन-बदन में आग लग जाती हैं। मेरा पहला समलिंगी सेक्स!