महाकुम्भ में महालंड-2
मर्द बिना कपड़ों के, वो भी हज़ारों और एक से बढ़कर एक, वो भी चड्डी में नहाते हुए, हज़ारो लंड और मैं फिर भी प्यासा! लंड को मैं अपने होंटों से भी छू चुका था लेकिन अभी तक मुझे लंड मिला नहीं था।
गे सेक्स स्टोरी, दो मर्दों के बीच गांड मारने-मराने वाले समलिंगी, गाण्डू, लौण्डेबाजी गे सेक्स की कहानियाँ हिंदी में
Do mardon ke beech Gand Marne Maraane Ki Gay sex kahaniyaan Hindi mein
Gay sex Stories in hindi based on Sex between two males anal sex
मर्द बिना कपड़ों के, वो भी हज़ारों और एक से बढ़कर एक, वो भी चड्डी में नहाते हुए, हज़ारो लंड और मैं फिर भी प्यासा! लंड को मैं अपने होंटों से भी छू चुका था लेकिन अभी तक मुझे लंड मिला नहीं था।
पानी में काफी भीड़ होती थी और किसी को ज्यादा ध्यान नहीं होता था, सब लोग चड्डी में ही होते थे, मैं उनके लंड के उभार को देखता जिसमें गीली हो चुकी चड्डी में लंड का शेप साफ दिखाई देता था।
बरसात के मौसम में मेरा दोस्त बोला कि बाग में जामुन खाने चलते हैं। हम चले गए। तभी बारिश हो गई। कहानी पढ़ कर देखिए कि हमने कौन से जामुन खाए!
मैं गांड मारने वाली ब्लू फ़िल्म देख रहा था कि नेट कनेक्शन चला गया। कम्पनी का आदमी आया तो वो जान गया कि मैं क्या कर रहा था। उसने मेरी गांड कैसे मारी।
खेत में काम कर रहे चिकने पहाड़ी लड़के की गांड देख कर उसके मालिक का लंड खड़ा हो जाता था। एक दिन वो लड़का ट्यूबवेल पर नहा रहा था तो मालिक से रुका ना गया।
कॉलेज से ट्रेकिंग ट्रिप लेकर टेनिस कोच कुल्लू मनाली की तरफ़ गए। टेनिस कोच का कसरती जिस्म, उभर कर दिखते हुए मस्सल्स, उनकी हाइट, मैं लम्बे लड़कों का दीवाना हूँ।
अब मैं रोज़ रात को उसे चोदने लगा, उसके चूतड़ चौड़े और गोल-गोल थे, लड़कियों जैसे पतले-पतले हाथ थे.. वो मेरी गर्लफ्रेंड की कमी को कभी महसूस नहीं होने देता था।
इस कहानी में वो है समाज में जिसका मज़ाक उड़ाया जाता है, जिसके यार-दोस्त उस पर हंसते हैं.. क्योंकि वो आम लड़कों जैसा नहीं है.. उसके हाव-भाव लड़कियों जैसे हैं।
यह कहानी है एक समलैंगिक किशोर की जो अपनी प्रकृति प्रदत्त असामान्य इच्छा पूरी करने के लिये एक पुरुष की प्रताड़ना का शिकार हुआ। समलैंगिकता शौक नहीं मज़बूरी है।
मेरी चाल-ढाल लड़कियों जैसी है.. यह मेरे जीवन वो सत्य-कथा है जिसके बारे मैं जब आज भी सोचता हूँ तो मेरे तन-बदन में आग लग जाती हैं। मेरा पहला समलिंगी सेक्स!
मेरा नाम अजय राठौर है और अन्तर्वासना मेरी पसंदीदा साइट है। अन्तर्वासना पर यह मेरी पहली और आखिरी कहानी है क्योंकि इस तरह की घटना मेरे साथ एक ही बार हुई है और मैं इसलिए उसको आप लोगों के साथ भी शेयर करना चाहता हूँ। और मेरे मन में उठ रही कुछ शंकाओं को दूर […]
बस में भीड़ के कारण एक लड़के का लंड मेरे हाथ से छू गया तो मुझे बेचैनी हो गई और मैं उसे सहलाने लगा। लड़के ने मुझसे बात की और मुझे उसका लंड चूसने के लिये कहा।
एक आन्टी की चुदाई के बाद मुझे कोई चूत नहीं मिली। एक लड़का दोस्त बना, उसने मुझे अपने रूम पर बुला कर अपनी गांड मरवाई। इस गांडू कहानी का मज़ा लें।
बात यह है कि पिछले छः महीनों से मेरे अन्दर अजीब सा बदलाव आया और मुझे मर्द अच्छे लगने लगे हैं। मुझे लगता है कि मेरे अन्दर हमेशा से एक लड़की छिपी थी..
आपी सोफे पर कुछ लेटी.. कुछ बैठी सी हालत में ज़मीन पर पाँव फैलाए.. थोड़ी सी टाँगें खुली हुईं और ठीक टाँगों के दरमियान वाली जगह पर सलवार के ऊपर गुलाबी खूबसूरत हाथ.. आपी बिल्कुल परी लग रही थीं।
मैंने आपी को देखा.. वो बहुत ज्यादा बेचैन नज़र आ रही थीं.. बार-बार अपनी पोजीशन चेंज कर रही थीं, शायद वो अपनी टाँगों के दरमियान वाली जगह को अपने हाथ से रगड़ना चाह रही थीं..
आपी आधी लेटी आधी बैठी हुई सी हालत में सोफे पर पड़ी थीं और पाँव ज़मीन पर थे। उनकी टाँगें थोड़ी खुली हुई थीं.. मैंने अपना सीधा हाथ उठाया और थप्पड़ के अंदाज़ में ज़ोर से अपनी सग़ी बहन की टाँगों के दरमियान मारा और फ़ौरन भागा..
मेरी नज़र हमारे गणित के मास्टर हरि ओम पर रहती थी.. उनका पीरियड आता था मेरी नज़र ज्यादातर उनकी पैंट की चेन के उभार का जायज़ा लेती रहती थी और मैं उनके लंड की पोजिशन का पता लगाने के चक्कर में रहता था।
मैंने अपने छोटे भाई को अपनी बहन की शर्ट पहन कर लड़की बनने को कहा और कुछ ही लम्हों बाद मेरा लण्ड जड़ तक उसके मुँह में था। तभी बड़ी बहन की आवाज से मैं डर गया।
फरहान सलवार उतारने लगा.. तो मैंने कहा- सलवार मत उतारो बस नीचे से बीच में से सलवार की सिलाई उधेड़ लो.. ताकि वहाँ सुराख बन जाए और ड्रेस उतारना ना पड़े।