पारिवारिक चोदन काव्य
दोहे ● सकल कुटुंब सम्भोगरत, लज्जा कोई न आय। बेटी चोदे बाप को, बेटा चोदे माय॥ ● ऐसी होली खेलियो, श्वेत रंग की पूत। लंड की पिचकारी से, रंग बहन की चूत॥ ● सैंया चोदन लाग्यो, ननदी मोरी यहीं। मैं भी चोदूँ भाई जो, कौन कहेगा नहीं॥ ● संग चुदाई दोनों से, इक ऊपर इक […]