मोहल्ले वाली चालू चाची की चुदाई
(Garam Chachi Sex Kahani)
गरम चाची सेक्स कहानी में नल्ला होने कारण मुझे हर समय सेक्स सूझता था. एक दिन मेरी नजर मोहल्ले की चालू चाची पर पड़ी. मैंने उन्हें गर्म करके पेलने की सोची.
दोस्तो, मेरा नाम मुनीर है।
मेरी उम्र 23 वर्ष।
मैं एक गुड लुकिंग लड़का हूँ, बेरोजगार हूँ इसलिए मेरा ध्यान हर समय सेक्स में ही रहता है।
काश मुझे कोई औरत, लड़की, या भाभी चोदने को मिल जाए!
एक दिन की बात है, मेरे लंड में आग लगी हुई थी।
मुझे किसी के साथ सेक्स करना ही था, मुझसे रहा नहीं जा रहा था।
मैं अपने घर के बाहर निकला तो देखा कि मेरी चाची (दूर की रिश्तेदार), जो हमारे पड़ोस में रहती हैं, बाहर कपड़े धो रही थीं।
वे चाची वैसे चुदक्कड़ ही हैं, मोहल्ले में बदनाम औरत हैं।
तभी मुझे खयाल आया कि शायद ये मेरे लंड की प्यास बुझा देगी।
बस मेरी गरम चाची सेक्स कहानी बन गयी.
दोस्तो, मैं छुपकर उन्हें घूरने लगा, उनके काले बदन को, उनके चूचे, जो शायद 34 के होंगे।
उनकी हाइट काफी छोटी थी, वे 5 फीट की होंगी।
फिर मैंने हिम्मत करके उनके सामने खड़ा हो गया और उन्हें घूरने लगा।
मैंने ट्राउजर पहना था और अंदर कच्छा भी नहीं था।
मेरा लंड फनफना रहा था।
मैं उनके सामने खड़े होकर अपने लंड को सहलाने लगा।
दोपहर का समय था, मोहल्ले में कोई नहीं था, पूरी गली में सन्नाटा था।
मैंने मौका देखकर लंड बाहर निकाल दिया।
वे मुस्कुराते हुए तिरछी नजरों से मेरे लंड को देखने लगीं।
तभी मुझे किसी की आहट महसूस हुई तो मैं घर में चला गया।
मेरे घर पर कोई नहीं था।
इत्तेफाक से कपड़े धोने के बाद चाची मेरे घर के बाहर कपड़े सुखाने लगीं।
अब वे मुझे घर के अंदर देख सकती थीं और मैं उन्हें।
मैंने फिर से लंड बाहर निकाल दिया।
वे मजे से मेरे लंड को देखने लगीं।
मैंने उन्हें अंदर आने का इशारा किया मगर वे डर रही थीं कि कोई देख न ले।
फिर अचानक मौका पाकर वे घर के अंदर आ गईं।
मैंने फटाफट दरवाजा लॉक किया।
मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि क्या सच में ये अंदर आ गईं?
मुझे आज पक्का चूत मिलने वाली है!
अंदर आते ही चची ने अपनी सलवार उतार दी और पलंग पर पैर फैलाकर लेट गईं।
मुझे समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूँ।
मैं सीधा उनके चूचों को मसलने लगा और उनके होंठ चूमने लगा।
पहली बार मैं किसी को किस कर रहा था।
मैंने काफी देर तक उनके होंठों को चूसा और साथ-साथ उनके चूचों को दबाने में मस्त था।
अब फिरदौस (चाची का नाम) से रहा नहीं जा रहा था।
उसने कहा, “मुनीर, मेरी जान, पेल दो अपना लंड!”
दोस्तो, मेरा लंड 6.5 इंच लंबा और 5 इंच मोटा है, जिसे देखकर वे पहले ही गर्म हो चुकी थीं।
वे मेरे लंड को पकड़कर ऊपर-नीचे कर रही थीं जिससे मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था।
फिरदौस को जल्दी थी मेरा लंड अपने अंदर लेने की मगर मेरा काम अभी बाकी था।
मैंने उनके चूचों को चूसना शुरू किया, जिससे वे बहुत गर्म हो गईं।
वे मेरे बालों में प्यार से हाथ फेरने लगीं और कहने लगीं, “मुनीर, आह, मुनीर! चूस, और जोर से चूस, बेटा! मैं तेरी चाची नहीं हूँ, रखैल हूँ! चूस, बेटा, जोर से चूस!”
मैं चूसे जा रहा था।
उधर फिरदौस बहुत गर्म हो गई थीं।
अब बारी थी चूत की।
मैंने अपना मुँह धीरे-धीरे नीचे किया, उनका पेट चाटा और नीचे की तरफ आता रहा।
मेरा मुँह उनकी चूत पर आ गया।
मैं उनकी चूत को धीरे-धीरे चाटने लगा।
वे बहुत गर्म हो गई थीं, “आह, आह, आह, मुनीर! खा जाओ, फाड़ दो मेरी चूत, मुनीर!”
फिरदौस की ये आवाज़ मुझे जोश दिला रही थी।
मैंने अपनी जीभ चूत के अंदर डाल दी।
मैं अपनी जीभ 3 इंच तक अंदर ले जाता, बाहर निकालता, फिर अंदर ले जाता।
मैंने मुँह से उनकी चूत चोदना शुरू किया।
इससे फिरदौस बहुत गर्म हो गई थीं।
वे मेरा मुँह पकड़कर अपनी चूत पर और दबा रही थीं, जैसे पूरा मुँह अंदर ले लेंगी।
मैंने लगभग 20 मिनट तक फिरदौस की चूत चाटी।
अब वे लंड लेने को बेकरार हो गई थीं।
मैंने कहा, “फिरदौस, मेरा लंड चूसो!”
उन्होंने मना कर दिया।
मैंने ज्यादा ज़ोर नहीं दिया।
अब बारी थी उनकी चूत में लंड डालने की।
मैंने बिना समय बर्बाद किए अपने लंड का टोपा उनकी चूत के ऊपर रखा और थोड़ी देर सहलाने लगा।
वे बहुत गर्म हो गई थीं और बोलीं, “मुनीर, मेरी जान, मुझे और न तड़पाओ! डाल दो अपना हथियार अंदर!”
मैंने वैसा ही किया … एक झटका मारा, मेरा आधा लंड, 3 इंच जितना, अंदर घुस गया।
फिरदौस की तो जैसे आँखें फिर गईं।
वे बोलीं, “मुनीर, कितना मोटा है तेरा लंड, साले! मैंने अभी तक 10 से ज्यादा लंड लिए हैं, पर इतना मोटा लंड नहीं लिया!”
मैंने दूसरा धक्का मारा, तो मेरा 5 इंच जितना लंड अंदर घुस गया।
फिरदौस ने अपनी आँखें बंद कर लीं और अपने होंठों को दाँतों से जोर से दबाने लगीं, जैसे उन्हें दर्द हो रहा हो।
मैंने एक और धक्का मारा, तो मेरा 6.5 इंच लंबा और 5 इंच मोटा लंड उनकी चूत में समा गया।
मैंने पूरा लंड बाहर निकाला और फिर से एक ही झटके में पूरा डाल दिया।
ऐसा करने से उनकी आँखों में आँसू आ गए.
लेकिन मैंने कोई परवाह नहीं की।
अब मैं फिरदौस को जोर-जोर से चोदने लगा।
अब वे भी गर्म हो गई थीं।
गरम चाची सेक्स के लिए उतावली होने लगी, उन्हें भी बहुत मज़ा आने लगा था।
मेरी पहली चुदाई थी इसलिए मुझे नहीं पता था कि कितनी स्पीड में चोदना है।
मैं शुरू से ही फुल स्पीड में चोदने लगा।
पता नहीं क्यों, मेरा पानी निकलने का नाम ही नहीं ले रहा था।
मैंने उन्हें पहले ही राउंड में 25 मिनट तक लगातार फुल स्पीड में चोदा।
बीच-बीच में फिरदौस बार-बार कड़क हो जातीं, मुझे अपनी तरफ खींचतीं और फिर जैसे बेजान पड़ी रहतीं।
लेकिन मैं उन्हें लगातार चोदता रहा।
फिरदौस बोलीं, “बस भी करो, मुनीर! मेरी चूत का कीमा बन गया है! मेरी चूत सुन्न हो गई है!”
लेकिन मैंने उनकी एक न सुनी और लगातार चोदने के बाद मेरा पानी निकलने वाला था।
मैंने पूछा, “कहाँ निकालूँ?”
उन्होंने कहा, “अंदर ही निकाल दो!”
मैंने वैसा ही किया।
मेरा गर्म लावा उनकी चूत के अंदर निकल गया।
ये थी मेरी गरम चाची सेक्स कहानी, दोस्तो।
आपको कैसी लगी?
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