चाची की चूत का स्वाद चखा– 2

(Hardcore Sex Ka Maja)

रोहित 24 2022-12-15 Comments

हार्डकोर सेक्स का मजा मैंने लिया अपनी पहली ही चुदाई में अपनी छोटी चाची के साथ. एक दिन चाची को नंगी नहाती देख मेरे मन में उनके प्रति वासना जाग उठी थी.

कहानी के पहले भाग
मैंने चाची के हाथ में लंड दे दिया
में आपने पढ़ा कि किस तरह से मैं मेरी छोटी चाची को चोदना चाह रहा था, मैंने चाची को बांहों में ले लिया था।

अब आगे हार्डकोर सेक्स का मजा:

चाची को मैंने तुरंत पलंग पर पटक दिया। चाची उठने की कोशिश करने लगी लेकिन मैंने चाची को उठने नहीं दिया।

अब मैंने तुरंत मेरे कपड़े उतार फेंके और चाची के ऊपर चढ़ गया और चाची के गुलाबी होंठों को चूसने लगा।

आह! क्या मस्त होंठ थे चाची के … आह!

मैं जल्दी जल्दी भूखे कुत्ते की तरह चाची के होंठ चूस रहा था।
चाची अभी भी नाटक करने की कोशिश कर रही थी। मैं लबालब चाची के होंठ चूस रहा था।

अब मैंने चाची के गोरे चिकने गले पर हमला बोल दिया और ताबड़तोड़ किस करने लगा।
चाची के गले पर किस करने में अलग ही मज़ा आ रहा था।

तभी चाची ने नाटक करना छोड़ दिया और मुझे बांहों में कस लिया।
अब मैं अच्छी तरह से चाची के गले पर किस करने लगा।

फिर मैंने थोड़ी देर में ही चाची के गले पर बहुत सारे किस कर डाले।
अब मैंने तुरंत चाची के ब्लाउज को खोल फेंका और ब्रा को एक तरफ कर दिया।

मैं चाची के नंगे बूब्स को ज़ोर ज़ोर से कसने लगा।
चाची अब होंठो में होंठ दबाकर आहे भरने लगी– ऊंह आह आह ऊंह आह आह ऊंह!

मैं झमाझम चाची के बूब्स दबा रहा था।
आह! बूब्स दबाने का मज़ा ही कुछ अलग होता है।
मैं तो बुरी तरह से चाची के बूब्स पर टूट पड़ा था।

चाची को बहुत ज्यादा दर्द होने लगा– ऊंह आह ओह आई ईईई ऊंह आह आह ओह रोहित धीरे धीरे दबा!
मैं– चाची आज तो कुछ मत कहो, बस दबाने दो।

चाची के बड़े बड़े बूब्स बड़ी मुश्किल से मेरे हाथों में आ रहे थे।
बूब्स दबाने में मुझे बहुत ज्यादा खुशी मिल रही थी।

चाची– आह आह अहा आईईईई ओह आह ऊंह ओह दर्द हो रहा है यार!
मैं– ओह चाची … बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा है। आह बहुत मस्त माल हो आप!
चाची कसमसा रही थी।

मैंने थोड़ी देर में ही चाची के बूब्स मसल मसल कर लाल कर दिए।
अब मैंने चाची के बूब्स को मुंह में दबाया और उन्हें चूसने लगा।
आह! आज जिंदगी में पहली बार मैंने बूब्स चूसे थे।
गजब का स्वाद होता है बूब्स में … बहुत ही गजब!
मैं अब भूखे कुत्ते की तरह चाची के बूब्स चूसने लगा।

चाची अब मेरी हो चुकी थी, मैं अच्छी तरह से चाची के बूब्स चूस रहा था।
बीच बीच में मैं चाची के बूब्स को काट भी रहा था। मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।

मैं– ओह ऊंह चाची … आह मज़ा गया।

अब चाची मेरे बालो को संवारने लगी।

कुछ देर में ही चाची के दोनों बूब्स गीले हो चुके थे।
मैं बुरी तरह से चाची के बूब्स को निचोड़ना चाहता था, मेरी बरसों की कसर को आज मैं पूरा करना चाहता था।
मैंने बहुत देर तक चाची के बूब्स का मज़ा लिया।

अब मैं चाची के मखमल जैसे पेट पर किस करने लगा।
आह! क्या मस्त पेट था चाची का … एकदम मक्खन जैसा। मैं तो पागल ही होने लगा था। मैं पागल सा होकर चाची के पेट पर किस कर रहा था।

अब मेरा लन्ड चाची की चूत में जाने के लिए तड़प रहा था।
मैं चाची के पेटीकोट को खोलने लगा तभी चाची ने नाड़ा पकड़ लिया।

चाची– नहीं रोहित, आगे अभी कुछ मत कर!
मैं– चाची अब मैं नहीं रुक सकता।

तभी मैंने चाची को झटका देकर नाड़ा खोल दिया और चाची के पेटीकोट को खोल फेंका।
अब चाची ने अपनी आंखें बंद कर ली।

चाची का पेटीकोट हवा में उड़ चुका था।
मैंने तुरन्त चाची की पैंटी खोल फेंकी।

चाची की नंगी चूत को देखकर मैं तो पागल हो गया।
आज जिंदगी में पहली बार मैंने चूत के दर्शन किए थे।

चाची की चूत पर हल्के हल्के बाल उगे हुए थे; चूत की दोनों फांकें अच्छी तरह से उभरी हुई थी।

मैंने कोई देर नहीं करते हुए मेरी अंडरवीयर उतार कर लंड नंगा कर लिया और तुरंत चाची की टांगों को फोल्ड कर दिया।

अब मैंने चाची की चूत के छेद में लंड रखा और ज़ोर से धक्का दे दिया।
मेरा मोटा तगड़ा लंड एक ही झटके में चाची की चूत के होंठों के घेरे को भेदता हुआ सीधा चूत के अंदर घुस गया।

चाची मेरे लन्ड के एक ही झटके में चिल्ला पड़ी– आह ईईई आईई ईईह आअई ईईई!

तभी मैंने चाची की चूत में फिर से हमला किया और चाची बुरी तरह से बिलख पड़ी– आईईईई आईईईई मर गई। आह आह ओह … रोहित मत कर यार … मैं मर जाऊंगी।
लेकिन मैंने चाची की कोई बात नही सुनी और धड़ाधड़ चाची की चूत में लंड पेलने लगा।

चाची बुरी तरह से चिल्ला रही थी– आईई ईई आईई ईईई ओह आह … अहाईई ईईई मत कर आह आऊ आह!
मेरे लन्ड का हर एक शॉट चाची की चूत पर भारी पड़ रहा था।

मुझे चाची को चोदने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।
आज जिंदगी में पहली बार मेरा लन्ड चूत का स्वाद चख रहा था।
चूत चोदने का मज़ा क्या होता है … ये आज मुझे अच्छी तरह से पता चल रहा था।

मेरा लन्ड झमाझम चाची की चूत को फाड़ रहा था।
मैं कसकर चाची की चूत में लंड ठोक रहा था।

चाची– आईई ईई आईई आईई … ऊंह आह आह ओह आह आह!
मैं– ओह चाची, बहुत मज़ा आ रहा है। आह आह आह आज तो मैं आपको बुरी तरह से पेलूंगा। मेरा लन्ड बहुत सालों से प्यासा है।

चाची– ऊंह आह आह … आईईईई आह ओह … धीरे धीरे चोद यार … मेरी जान निकल रही है।
मैं– चाची आज तो बस कुछ मत बोलो, बस मुझे चोदने दो।

मेरा लन्ड फूल स्पीड में चाची की चूत में अंदर बाहर हो रहा था।
चाची बुरी तरह से पसीने से लथपथ हो चुकी थी।
मैं गांड हिला हिलाकर चाची की चूत में लंड घुसा रहा था।
चाची– आह आह आह … आह आह आईईईई आह ओह!

मैं– ओह चाची मज़ा आ गया आज तो … आह!

मेरा लन्ड चाची की चूत के टाइट छेद को चौड़ा कर रहा था। मेरे लन्ड के हर एक शॉट के साथ चाची के बूब्स बुरी तरह से हिल रहे थे।

थोड़ी देर के ताबड़तोड़ घमासान के बाद चाची बहक गई और चाची की चूत में से गर्म गर्म माल नीचे बहने लगा।
मेरा लन्ड चाची के चूत रस से भीग गया।
ये देखकर मुझे बहुत अच्छा लगा।

अब मेरे लन्ड के हर एक शॉट के साथ रूम में पछ पाछ पच्छ की आवाज़ गूंजने लगी।
चाची अब पस्त हो चुकी थी।
मैं फूल स्पीड में चाची को बजा रहा था।

आज तो मुझे जन्नत मिल चुकी थी।
चाची को चोदना मेरे लिए बड़े सौभाग्य की बात थी।

चाची– ऊंह आह आह ओह आईईईई आईईईई ऊंह ओह रोहित!
मैं– ओह मेरी चाची, गजब की माल हो आप … आह!

चाची को मैं झमाझम पेले जा रहा था।
आज मैं मेरे लन्ड की प्यास को अच्छी तरह से बुझाना चाहता था।

चाची अच्छी तरह से चुद रही थी।
तभी चाची फिर से झड़ गई।

अब मैंने चाची की चूत में थोड़ी देर और लंड ठोका, फिर मैंने चाची की चूत पर मुंह रख दिया।

चाची की चूत में से अभी भी रस बह रहा था।
अब मैं चाची की चूत का रस पीने लगा।

आह! क्या मस्त नमकीन रस था! आह … मज़ा आ गया था यारो।
मुझे चाची की चूत को चाटने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।

चाची मदहोश हो रही थी, वो बुरी तरह से कसमसा रही थी– उन्हाः ऊंह आह आह ओह उनाह ओह ओह आह!
चूत चाटने से चाची बुरी तरह हिल रही थी, वो बार बार गांड को इधर उधर कर रही थी।

मैं चाची की टांगों को पकड़कर अच्छी तरह से चाची की चूत चाट रहा था।
चाची की चूत का रस चाटने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।
आज जिंदगी में पहली बार मुझे इतना मजा मिल रहा था।

चाची– ऊंह आह … आह ओह ओह ऊंह!
मैंने बहुत देर तक चाची की चूत चाटी।

अब मैंने चाची की चूत में उंगलियां घुसा दी और जल्दी जल्दी चाची की चूत को सहलाने लगा।
मेरी उंगलियों के हमले से चाची बुरी तरह से हिल गई, वो छटपटाने लगी– आईईई आई ईईई ओह आह आह आह!

मैं– ओह चाची, बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा है! आह आह!
चाची– ओह रोहित धीरे धीरे कर! आहा अहा आईई आएईईईई … बहुत दर्द हो रहा है।
मैं– चाची, आज मैं नहीं रुकूंगा।

चाची की चूत को मैं जल्दी जल्दी सहला रहा था।
चाची बहुत बुरी तरह से कसमसा रही थी। वो बार बार बेड शीट को मुट्ठियों में कस रही थी।
उनकी हालत बहुत ज्यादा खराब हो रही थी।

मैं– ओह चाची बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा है … आह आह!
चाची– ओह अहाहा … आईईईई … मेरी जान निकल रही है।

तभी चाची की चूत में से गर्मा गर्म लावे का झरना बहने लगा।
चाची पसीने पसीने हो चुकी थी।
मैं फिर भी चाची की चूत में उंगलियां घुसा रहा था।

फिर मैंने चाची की चूत का पूरा रस पिया।

अब मैंने फिर से चाची की टांगों को फोल्ड कर दिया और लंड चाची की चूत में सेट कर दिया।
मैंने फिर से ज़ोर का झटका देकर चाची की चूत में लंड ठोक दिया।

मेरा लन्ड आज चाची की चूत की चटनी बनाना चाहता था।

फिर बहुत देर की ठुकाई के बाद मेरा लन्ड का माल निकलने वाला था।

मैंने चाची को दबोच लिया और लंड का माल चाची की चूत में भर दिया।
मैं पसीने पसीने हो चुका था।

फिर थोड़ी देर बाद मैं चाची के होंठो को फिर से चूसने लगा।
कमरे में फिर से पुच्च पुच्छ आउच पुच्छ पुच्छ की आवाजें गूंजने लगी।
मैं पूरी शिद्दत से चाची के होंठं चूस रहा था।

फिर थोड़ी देर चाची के होंठ चूसकर मैं चाची के बूब्स पर टूट पड़ा, अब मैं चाची के बूब्स चूसने लगा।
अब चाची चुपचाप बूब्स चुसवा रही थी।

चाची के बूब्स चूसने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था– ओह चाची बहुत मस्त बूब्स है आपके।
चाची– अच्छा!
मैं– हां चाची!

चाची के बूब्स चूसने में मुझे अलग ही मज़ा मिल रहा था।

अब मैं वापस चाची की चूत पर आ गया और फिर से चाची की टांगों को फैला दिया। अब मैं फिर से चाची की मस्त चूत को चाटने लगा।

धीरे धीरे मेरा लन्ड फिर से खड़ा होने लगा।
चाची की चूत की महक से मैं पागल हो रहा था।
मैं सबड़ सबड़ कर चाची की चूत चाट रहा था।

चाची– ऊंह आह ओह आह आह ऊंह ओह रोहित अब मत कर यार!
लेकिन आज मैं कहां रुकने वाला था … मैं तो चाची की चूत के लिए पागल था।
चाची– ऊंह आह आह ओह आह!

अब मैंने चाची को पलट दिया और मैं चाची के ऊपर चढ़ गया।
मैं चाची की छरहरी पीठ पर ताबड़तोड़ किस करने लगा। मुझे चाची की चिकनी पीठ पर किस करने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।

कुछ देर में ही मैंने चाची की पीठ को किस करके गीला कर दिया।

अब मैं सीधा चाची की गांड पर आ गया और चाची की सेक्सी गांड पर ताबड़तोड़ किस करने लगा।

चाची के चूतड़ बहुत ही ज्यादा मजेदार थे, मैं चाची के चूतड़ों को खा रहा था। चाची गांड को इधर उधर हिलाने की कोशिश कर रही थी लेकिन मैंने चाची की गांड़ को अच्छी तरह से दबा रखा था।

फिर मैंने बहुत देर तक चाची की गांड पर किस किए।

अब मैंने चाची की गांड के सुराख में उंगली डाली तो बड़ी मुश्किल से मेरी उंगली चाची की गांड में घुस पाई।
तभी चाची ने तुरंत मेरी उंगली गांड में से बाहर निकाल दी– रोहित, उसमें कुछ मत कर।
मैं– चाची, उंगली तो करने दो।
चाची– नहीं, बिल्कुल नहीं।
वे मुझे थोड़ी सी नाराज़ लगी। मैंने सोचा ये तो शुरुआत है, चाची जितना दे रही है वो ही बहुत है। इनकी गांड फिर कभी मार लूंगा।

तभी मैंने चाची को पलट दिया और उनकी टांगों को फिर से फोल्ड कर दिया।
अब मैं चाची की चूत में लंड ठोककर फिर से चाची को चोदने लगा।
चाची– ऊंह आह … आह आईईईई आई ईईई ऊंह!

तभी मेन गेट बजा और डर के मारे मेरी गांड़ फट गई।
मेरा गर्मा गर्म लंड तुरन्त ठंडा पड़ गया।

चाची ने जल्दी से मुझे धक्का दिया और दूर हटा दिया।

अब हम दोनों ने जल्दी से कपड़े पहने और खुद को ठीक किया।
साला पता नहीं ये क्या हो गया।
अभी तो मेरे लन्ड की प्यास बुझी भी नहीं थी।

चाची दरवाजा खोलने गई।
देखा तो बच्चे बाहर खड़े थे।

मैं पजामे में लंड डालकर चुपचाप बैठ गया।

अब मैं बच्चों के घर के बाहर जाने का इंतजार करने लगा।

थोड़ी देर बाद बच्चे खेलने के लिए घर से बाहर चले गए।

अब मैंने मेन गेट को तुरंत बंद कर दिया और चाची को खींचकर बेड पर लाने लगा।
चाची चुदाने के लिए बहुत ज्यादा नखरे करने लगी लेकिन मैं नहीं माना।
मैंने तुरंत चाची को बेड पर पटका और जल्दी से चाची की पैंटी खोल फेंकी।

अब मैंने तुरन्त मेरा पजामा और अंडरवियर खोलकर लंड चाची की चूत में ठोक दिया।
मैं फिर से चाची को बजाने लगा।
चाची– आह आह आह आईईईई आह आह आईईई … जल्दी कर यार!
मैं– हां चाची बस!
चाची– आह आह आईई आईईईई ओह ऊंह आईईईई। रोहित निकाल दे अब।

मैं बहुत ज्यादा ख़तरा लेकर चाची की चुदाई कर रहा था।
तभी मैंने मौके की नजाकत को समझते हुए झमाझम लंड ठोककर चाची की चूत में लंड का माल भर दिया।

हार्डकोर सेक्स का मजा लेने के बाद अब मेरे लन्ड की प्यास बुझी थी।

तब चाची ने पैंटी पहन ली और मैंने मेरे कपड़े पहन लिए।
आज पहली बार मेरे लन्ड ने चूत का स्वाद चखा था।
मैं चाची को चोदकर बहुत ज्यादा खुश था।

चाची– बहुत चालू निकला तू, मैं तो तुझे समझा रही थी और तूने तो मुझे ही पेल दिया।
मैं– चाची, मुझे आपसे अच्छी माल चोदने के लिए नहीं मिल सकती थी इसलिए मैंने आपको चोदा।
चाची– अच्छा! खूब पेला तूने … मेरी हालत खराब कर दी।

मैं– चाची अब तो रोजाना ऐसे ही पेलूंगा आपको!
चाची– नहीं यार, बस आज ही बहुत है। आगे नहीं … मैं बार बार गलती नहीं करूंगी।
मैं– चाची आपने कोई गलती नहीं की है।
चाची– नहीं रोहित, जो हुआ बस इतना ही बहुत है।

मैं चाची को आगे भी चुदवाने के लिए पटा रहा था लेकिन चाची मान ही नहीं रही थी।
फिर मैं चाची को समझाकर घर आ गया।

आपको मेरी हार्डकोर सेक्स कहानी कैसी लगी, मुझे मेल करके जरूर बताएं.
[email protected]

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top