मामी की चुदाई: मामी को दिया बड़े लंड का मजा

(Mami Ki Chudai : Mami Ko Diya Bade Lund Ka Maja)

हैलो, मेरा नाम विशाल है. मैं अन्तर्वासना की देसी सेक्स स्टोरीज का बहुत बड़ा फैन हूँ. मैं अपनी मामी की चुदाई की देसी सेक्स स्टोरी बताने जा रहा हूँ.

यह बात उन दिनों की है, जब मेरी उम्र 20 साल की थी. कॉलेज की छुट्टियां चल रही थीं. तो छुट्टियों में मैं अपने मामा के घर गया हुआ था. मेरे मामा की उम्र 30 साल की होगी और उनकी शादी 5 साल पहले हुई थी. उनका एक बेटा था, जो एक साल का था.

अब मैं अपनी मामी के बारे में बताता हूँ. मेरी मामी बिल्कुल देसी हैं, वो गजब के हुस्न की मालकिन थीं. उनके बड़े बड़े चूचे, बड़े बड़े चूतड़, पतली सी कमर.. आह.. मैं उनको देखता तो मेरा मन करने लगता था कि अभी इनकी गांड चूचे सब दबा दूँ.
मेरी और मेरी मामी की बहुत जमती थी. वो अक्सर मुझसे मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में पूछती रहती थीं.

उस दिन मामा किसी रिलेटिव की शादी में 3 दिन के लिए जाने वाले थे. मामी के पैर में मोच आने की वजह से वो नहीं जा रही थीं, तो मामा ने मुझको उनके पास रुकने को बोल दिया और वो सुबह के 5 बजे ही बाइक लेकर चले गए.
मैं तो अभी सो रहा था. उनके जाने के बाद मामी ने चाय नाश्ता के लिए मुझको उठाया. बाद में हम दोनों ने नाश्ता किया.

कुछ देर बाद मैं शहर चला गया और दोपहर में खाने के समय वापस आ गया. मामी ने खाना बना लिया था. खाने के बाद वो कपड़े धोने के लिए बैठ गईं. क्योंकि मुझको नींद नहीं आ रही थी, तो मैं उनके साथ बातें करने लगा.
उन्होंने उस वक्त नाइटी पहन रखी थी.. जो कपड़े धोने की वजह से पूरी भीग चुकी थी. जिससे पूरी नाइटी मामी के शरीर से चिपक गई थी. मैंने देखा तो मुझे लगा कि शायद मामी ने ब्रा नहीं पहनी थी.

मैं तो उनके मम्मों को देख कर चौंक गया.. क्या चूचे थे यार… मैं उनको ही देख रहा था और मामी को शायद मेरी नजरों की भनक लग गई थी कि मैं उनके मम्मों को देख रहा हूँ. पर वो चुपचाप कपड़े धोती रहीं.

बाद में मैं बाथरूम में चला गया और मामी के नाम की मुठ मार कर कमरे में जाकर सो गया. मुझे पता ही नहीं चला कि शाम के सात बज गए.
जब मामी ने मुझे जगा कर बाजार से कुछ सामान लाने के लिए कहा, तब मुझे इतनी देर तक सोये रहने का अहसास हुआ. सच में माल निकल जाने के कारण बड़ी मीठी और गहरी नींद आई थी.

फिर मैं बाजार गया और मामी ने जो कहा था, वो सामान लेकर आ गया. मामी खाना बनाने लगीं और मैं टीवी देखने लगा.
कुछ देर बाद हम दोनों ने खाना खाया. मामी अब मेरे साथ टीवी देखने बैठ गईं. टीवी में देखने जैसा कुछ नहीं आ रहा था.. इसलिए हम दोनों बात करने लगे.

तभी उन्होंने मुझसे पूछा कि मैं जब कपड़े धो रही थी, तब तुम क्या देख रहे थे?
मैंने कहा- कुछ नहीं.
तो वो बोलीं- मुझको सब पता है.. तुम्हारी नजरें क्या देख रही थीं. ऐसा लगता है, अब तुम्हारी शादी करवानी पड़ेगी.

फिर उनको न जाने क्या हुआ, मुझको पता ही नहीं चला क्योंकि उन्होंने पूछा कि क्यों इससे पहले तुमने किसी के देखे नहीं क्या?
मैं समझ गया कि मामी गर्म हो गई हैं सो मैंने जबाव दिया- नहीं देखे.
“तो फिर देखना चाहोगे?”
मैं- क्या?
“वही जो तुम देखने की कोशिश कर रहे थे.”
मैं- क्या आप दिखा सकती हैं?

तब उन्होंने काले रंग का नाइट ड्रेस पहना हुआ था. मेरी बात सुनते ही उन्होंने अपना टॉप निकाल दिया. अब वो सिर्फ ब्रा में थीं.
मैंने देखा कि उनके 34 इंच की साइज के चूचे बाहर निकलने को बेताब थे. ऐसा नजारा देख कर मेरा लंड लोहे का हो गया. इस वक्त मैंने भी नाईट ड्रेस पहना था.. इसलिए मामी ने मेरे पजामे में बना तम्बू देख लिया.
मामी ने पूछा- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है?
मैं- नहीं.. क्यों?
मामी- बस ऐसे ही पूछा.

मैं- मैं आपसे एक बात पूछना चाहता हूँ, अगर आप गुस्सा न हो तो.
मामी- मैं क्यों गुस्सा होऊंगी.. बोलो न?
मैं- क्या आप आज की रात मेरी गर्लफ्रेंड बनेगीं?
मामी- अगर तुम ज्यादा बदमाशी नहीं करोगे तो ही बोलो.
मैं- ओके.
“तो क्या मैं आज की रात आपके साथ बेड पे सो सकता हूँ?”
मामी चूची उठाते हुए बोलीं- ओके.

अब मैं और मामी टीवी बंद करके बेडरूम में आ गए. बेडरूम मैं और मामी साथ बेड पर लेट गए. बेडरूम में हल्की सी रोशनी थी.
मैं- मामी, क्या मैं आपके उनको छू सकता हूँ?
मामी- वो वो क्या करते हो.. चूचे बोलो न.. ओके..
मैं- क्या मैं आपको तेल की मालिश कर दूँ?
मामी- ये आईडिया बहुत अच्छा है. चलो आज तुम मेरी पूरी बॉडी की मालिश कर दो. बाद में मैं तुम्हारी बॉडी की मालिश कर दूँगी.
मैं- ओके प्यारी मामी.. मैं अभी तेल की बोतल लेकर आता हूँ.
मामी- उस ड्रॉवर में है.

मैं बोतल लेकर आ गया.
मैं- कहां से शुरूआत करूँ?
मामी- तुम जहां से करना चाहो.
मैं- मैं तो यहाँ से करना चाहूँगा.
ऐसा कह कर मैंने मामी के मम्मों पर हाथ रख दिया.
मामी- क्या ब्रा के ऊपर से ही मालिश करोगे?
मैं- नहीं वो तो निकालनी पड़ेगी न.
मामी- तो तुम ही निकाल दो न..

ऐसा बोल कर मामी बैठ गईं. मैंने जैसे ही ब्रा उनकी निकाली, मामी के चूचे उछल पड़े.

मैं तेल लगा कर मामी के मम्मों को मसलने लगा और मामी गर्म होने लगीं. मेरा लंड पूरी तरह से लोहा बन चुका था और शायद उनको भी मालूम हो गया था क्योंकि मेरा लंड उनको टच कर रहा था.
मामी ने अपना हाथ मेरे लंड पर रखा और बोलीं- ये क्या है?
मैं- आपको तो सब पता है.
मामी- इतना बड़ा है? तुम्हारे मामा का तो छोटा सा ही है.
“उम्मीद है आपको मजा आया होगा.”
“मजा तो देखने से आएगा.”

इतना कह कर मामी ने मेरी नाईट ड्रेस ला लोअर उतार दिया और मेरी अंडरवियर के ऊपर से ही लंड पकड़ कर कस के दबाने लगीं.
मुझको भी मजा आने लगा.
मैं- मामी, क्या मैं आपको बिना कपड़ों के देख सकता हूँ.. क्योंकि आज तक मैंने किसी औरत को बिना कपड़ों के नहीं देखा है.
मामी- चलो आज मैं तुमको सब दिखाऊँगी.

ऐसा बोल कर वो मेरे कपड़े उतारने लगीं और मुझको पूरा नंगा कर दिया.
मामी- यदि तुम मुझको नंगा देखना चाहते हो, तो मेरे कपड़े उतार दो.
‘ओके…’ कह कर मैंने मामी के एक एक करके सारे कपड़े उतार दिए.

क्या लग रही थीं मामी.. उनके बड़े बड़े चूचे.. नीचे एकदम सफाचट चूत.
मामी- देख क्या रहे हो.. अब मुझे प्यार करने दो.
ऐसा बोल कर मामी ने मेरा लंड मुँह में भर लिया और लंड चूसने लगीं. मैं तो जैसे स्वर्ग में पहुँच गया.

मैं भी मामी की चूत में हाथ फेरने लगा और वो भी मादक सिसकारियाँ भरने लगीं. मैं भी मामी की चूत को चाटने लगा और हम 69 की पोजीशन में आ गए. फिर लंड चूत की चुसाई का मंजर दस मिनट तक चला.
बाद में मामी बोलीं- अब बर्दाश्त नहीं होता.. तुम अपना लंड डाल दो मेरी चूत में.
मैं- ओके प्यारी मामी.. अभी डालता हूँ.
मामी- थोड़ा आराम से डालना इतना बड़ा लंड तेरे मामा का भी नहीं है न.. इसलिए मुझे दर्द होगा. तेरे मामा का तो तुमसे आधा ही है.

मैंने मामी के पैरों को फैलाया और उनके ऊपर आ गया.
मामी डरते हुए बोलीं- आराम से करना प्लीज़..
मैंने पहले मामी की चूत पर लंड को सैट किया और एक धक्का मारा तो लंड बाहर फिसल गया और मामी चीख उठीं- उम्म्ह… अहह… हय… याह… आराम से करो.
मैं- आपकी चूत टाइट है, लगता है मामा ने ऐसे ही छोड़ दी है. मेरी खूबसूरत मामी और उसकी चूत को.
मामी- तुम्हारे मामा का लंड ही छोटा सा टुन्नू सा है.

ऐसा कह के मामी ने मेरा लंड पकड़ के अपनी चूत पर रखा और शॉट लगाने को बोलीं. मैंने और जोर से शॉट लगाया तो आधा लंड मामी की चूत को फाड़ता हुआ चला गया.
मामी- आआआ.. अह्ह्हह मर गई रे.. थोड़ा तो रहम करो अपनी मामी पर… मार डालोगे क्या!
मैं थोड़ी देर रुका. फिर बाद में लगा कि अब रास्ता क्लियर है तो फिर एक जोरदार शॉट मारा. अबकी बार मेरा पूरा लंड मामी की चूत में चला गया.
मामी गिड़गिड़ाने लगीं.

मैं थोड़ी देर रुका, थोड़ी देर बाद वो भी गांड उछाल कर मेरा साथ देने लगीं और हम लोग सब भूल कर काफी देर तक चुदाई करते रहे.
फिर मैं झड़ने वाला था तो मैंने मामी से बोला तो उन्होंने कहा- अन्दर ही छोड़ दो.

कुछ दमदार शॉट लगे ही थे कि मेरा पूरा माल मामी की चूत में ही छूट गया. इस दौरान मामी तीन बार झड़ चुकी थीं. हम दोनों ऐसे ही एक दूसरे से चिपके पड़े रहे. अब रात के दो बज रहे थे.
मैं- मामी कैसी लगी मेरी चुदाई?
मामी- मैं तो धन्य हो गई तुम्हारे लंड से… पहली बार इतना बड़ा लंड लिया है, मजा आ गया. अब तो मैं तुमसे ही चुदवाऊंगी.
ऐसा कह कर वो मेरा लंड चूसने लगीं.

मैं- और खाने का इरादा है क्या?
मामी- मेरा बस चले तो पूरा निगल जाऊं.
मैं- तो निगलो न.
इतना बोल कर वो मेरे लंड को चूसने लगीं.

थोड़ी देर चूसने के बाद मेरा लंड फिर से लोहा हो गया.
मैं- अब कहां डालूँ बोलो.. खड़ा हो गया.
मामी- अब मेरी चूत में तो थोड़ी भी जान नहीं है.
मैं- तो फिर अब क्या करूँ. अब तो गांड ही एक उपाय है.
मामी- उसमें बहुत दर्द होता है.
मैं- क्यों मामा ने कभी डाला नहीं है?
मामी- नहीं.. मेरी सहेलियां बोल रही थीं.
मैं- पर मैं प्यार से करूँगा ओके.. और तेल लगा दूँ, इससे दर्द कम होगा.
मामी- ओके पर आराम से करना.. मुझे तो डर लग रहा है.
मैं- डरो मत मैं हूँ न.

ऐसा बोल कर मैंने उनको घोड़ी बनने को बोला. वो डरते डरते घोड़ी बन गईं.
मैंने लंड उनकी गांड पर लगाया और जोर से एक शॉट मारा, तो आधा लंड उनकी गांड में चला गया और वो चिल्लाने लगीं- प्लीज़ बाहर निकालो प्लीज़..मार डालाआआ रेईई अह्ह्ह्ह.. मेरी जान लोगे क्या निकालो न प्लीज़..
मैं थोड़ी देर शांत रहा, फिर एक और शॉट मारा और पूरा लंड उनकी गांड में डाल दिया.

फिर एक मिनट तक मैं ऐसे ही पड़ा रहा. बाद में दर्द थोड़ा कम हुआ तो मैं लंड अन्दर बाहर करने लगा और उनको भी मजा आने लगा.
मैं ऐसे ही कुछ देर तक उनकी बड़ी सी गांड मारता रहा और वो मुझको सपोर्ट देती रहीं.
मैं- अब मैं झड़ने वाला हूँ.. कहां निकालूँ?
मामी- मेरी चूत में डाल दो प्लीज़..
मैं- ओके प्यारी मामी.
मामी- आज जितना मजा आया वो लाइफ में कभी नहीं आया.

अब हम बहुत थक चुके थे.. सो हम ऐसे ही सो गए.

सुबह 8 बजे मेरी नींद खुली तो देखा कि मामी नंगी ही किचन में नाश्ता बना रही थीं. मैं उठ कर उनके पास गया और पीछे से पकड़ कर मामी के मम्मों को मसलने लगा.
तीन दिन का राशन घर में ही था इसलिए हमने तीन दिन तक कपड़े ही नहीं पहने और घर के अन्दर चुदाई का खेल चलता रहा.

उस दिन के बाद से हमें जब भी मौका मिलता, हम चुदाई करते.
ये थी मेरी देसी मामी की चुदाई की सेक्स स्टोरी, कैसी लगी, मुझे जरूर बताना.. मेरा ईमेल है.
[email protected]

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