चाची को गर्म करके पटाया और चोदा

(Sexy Chachi Ke Sath Sex Story)

सेक्सी चाची के साथ सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि मैं अपनी जवान चाची को आंगन में नंगी नहाती देखता था. मैं उसकी चूत मारना चाहता था. यह कैसे संभव हुआ?

दोस्तो, मेरा नाम दीपक चौधरी है. मैं हरियाणा के फरीदाबाद जिले का रहने वाला हूं.

यह सेक्सी चाची के साथ सेक्स स्टोरी आज से लगभग दस साल पहले की है.
यह कामुक कहानी मेरे और मेरी चाची के बीच की है जो कि बिल्कुल सच है.

मैं तब 12 वीं क्लास की पढ़ाई पूरी कर चुका था और मुझे सेक्सी कहानियां पढ़ना बहुत अच्छा लगता था.

तब तक मैंने किसी से सेक्स नहीं किया था.
मेरा बहुत मन होता था कि मैं भी किसी के साथ सेक्स करूं.
परंतु मेरी शर्म के कारण मुझे कोई लड़की भाव ही नहीं देती थी.

मेरे घर में मेरे मम्मी पापा और मैं ही हूं.
हमारे साथ मेरे चाचा चाची और उनका एक लड़का भी रहता था.

मैं अपनी चाची के बारे में बता देता हूँ. वो एक 5 फुट हाइट की औरत हैं और उस वक्त उनका फिगर तकरीबन 34-28-36 के करीब था.

जब वह चलती थीं तो उनके दोनों चूतड़ ऊपर नीचे बहुत तेजी से होते थे.
मैंने उनके नंगे बदन की कल्पना करके न जाने कितनी ही बार मुट्ठी मारी थी.

एक दिन चाचा अपने काम पर गए हुए थे और उनका लड़का स्कूल गया हुआ था.
मेरे घर वाले खेतों पर काम करने गए हुए थे.

मैं घर पर अकेला बोर हो रहा था तो मैंने एक सेक्सी कहानियों की किताब उठाकर पढ़नी शुरू की.

मेरे मन में ना जाने क्या आया कि मैंने सोचा कि आज चाची पर कोशिश करना चाहिए.

मैं उनके रूम में जाने के लिए जैसे ही उठा तो मैंने देखा कि चाची बिल्कुल नंगी होकर आंगन में नहा रही थीं.

हमारा और उनका आंगन साथ में ही था.
मैंने उनकी नंगी और मोटी मोटी चूचियों को नंगा देखा तो ऐसा लगा जैसे मुझ पर कुछ नशा सा चढ़ गया हो.

उनको इस हालत नंगी नहाते देखकर मेरा लंड बिल्कुल 90 डिग्री पर खड़ा हो गया.
मैं उनको 5 मिनट ऐसे ही देखता रहा.

फिर मैंने सोचा अगर उन्होंने मुझे देख लिया और मम्मी से शिकायत कर दी तो बहुत मार पड़ेगी.
इसलिए मैं अपने कमरे में आ गया और वहां से एक खिड़की में से उनको देखता रहा.

मैंने देखा कि वह खड़ी हो गई थीं और अपनी चूत को हाथों से फैला कर रगड़ रही थीं.
तब मैंने सोचा कि लगता है चाची जी प्यासी हैं.

मैंने बात को आगे बढ़ाने का सोचा परंतु मेरी गांड भी बहुत फट रही थी.
मगर कुछ पाने के लिए कोशिश तो करनी जरूरी थी.

फिर मैंने एक कागज और पेन उठाया और एक लैटर लिखना शुरू किया.
लैटर तो लिख लिया था पर उन्हें दूँ कैसे, ये एक समस्या थी.

मैंने तय किया कि कुछ दिन रुक कर कोई अच्छा सा मौक़ा देख कर उन्हें लैटर दे दूंगा.

जिस टाइम वह नहाती थीं मैं उनको तीन-चार दिन तक लगातार उसी समय देखता रहा.

जैसे ही मुझे पता चला कि चाची इसी वक्त नहाती हैं तो अगले दिन उनके नहाने आने से पहले मैंने चुपके से वह लैटर वहीं पर रख दिया.

मैंने उस लैटर पर नाम नहीं लिखा था.
मेरी बहुत गांड फट रही थी इसलिए मैं वहां से अपने दोस्त के घर चला गया.

शाम को मैंने आकर देखा तो वह लैटर वहां पर नहीं था.
मेरी बुलबुल फटी पड़ी थी.

फिर मैंने सोचा हो सकता है कि वो लैटर चाची के हाथ में न पड़ा हो, हवा से कहीं उड़ गया हो.

तीन-चार तक तो कुछ नहीं हुआ.
मैंने सोचा कोई बात नहीं हुई है तो मुझे फिर से ट्राई करना चाहिए.

अगले दिन मैं घर पर अकेला था तो चाची मुझे अपने कमरे की तरफ आती हुई दिखाई दीं.

मैंने सोचा यह पता नहीं किस लिए आ रही हैं.
मुझे बहुत तेज डर लगने लगा और गांड फटने लगी.

उन्होंने सीधे आते ही मुझसे पूछा- मैं तेरी चाची हूं, तू मेरे बारे में क्या सोचता है?
मैं समझ गया कि चाची ने लैटर पढ़ लिया है.

मैंने कहा- चाची गलती हो गई, आगे से ऐसी गलती नहीं करूंगा.
चाची- रुक … शाम को मैं तेरी मम्मी को बताती हूं.

मैं बहुत ही डर गया और रोने लगा.
उन्होंने कहा- मैं तो तुमको अच्छा लड़का समझती थी, पर तुमने तो मेरा विश्वास ही तोड़ दिया.

मैं- चाची आगे से ऐसी कभी गलती नहीं होगी.
मैंने उनके पैर पकड़ लिए और बहुत देर तक रोता रहा.

तब वह बोलीं- ठीक है. मैं किसी से कुछ नहीं कहूंगी.
मैं- धन्यवाद चाची.

चाची ने एक लिस्ट देते हुए कहा- चल अब बातें बनाना बंद कर … और दुकान से यह सामान लेकर आ.
मैं- ठीक है चाची.

फिर चाची की तरफ से मैंने अपनी नजरें हटा लीं.
इस तरह से काफी टाइम बीत गया.

एक दिन फिर मैं घर पर अकेला था तो मैंने चाची को कपड़े बदलते हुए देखा.

उस वक्त वो ब्रा और सलवार पहने हुई थीं.
उनको इस तरह देखकर मेरा दिमाग खराब हो गया और मेरा रोकना मुश्किल हो गया.

पहले वाली घटना को सोचकर मेरी गांड भी फट रही थी.
पर आप सब लोग तो जानते ही हैं कि जब हवस का नशा चढ़ता है तो आगे पीछे का कुछ दिखाई नहीं देता.

मैंने सोच लिया कि आज तो इनको चोद कर ही रहूंगा.

मैं धीरे से उनके पास गया तो चाची मुझे अपने पास देख कर एकदम से डर गईं और जोर से चिल्ला दीं- तू यहां क्या कर रहा है?

मेरी गांड तो फटी पड़ी थी पर मैंने सोचा आज नहीं तो कभी नहीं.
मैंने उनको कसकर बांहों में पकड़ लिया वह केवल ब्रा और सलवार में थीं.

धीरे-धीरे मैंने उनकी गर्दन को चाटना चूमना शुरू कर दिया. वह मुझसे छूटने की कोशिश करने लगीं.

मैं मन ही मन सोचने लगा कि यदि आज उनको छोड़ दिया तो मार पक्का पड़ेगी. इससे तो अच्छा मैं आज इनको चोद ही देता हूं, जो होगा, बाद में देखा जाएगा.

तो मैं बोला- चाची मैं आपसे बहुत प्यार करता हूं और करता रहूंगा.
चाची- प्यार तो मैं भी बहुत करती हूं, पर …
मैं- चाची मैं बहुत ही प्यासा हूं, प्लीज मुझे ऐसे मत तड़पाओ. मैं जीवन भर आपका ख्याल रखूंगा.

चाची- ऐसा सब बोलते हैं, पर साथ कोई नहीं देता.

मैंने मन ही मन में सोचा कि चाची से यदि और कोशिश की जाए तो काम बन जाएगा. मैंने धीरे धीरे उनसे बहुत सारी मीठी बातें की और उनको यहां वहां चूमता रहा.

धीरे-धीरे चाची का विरोध कम हो गया और वह भी मुझसे धीरे-धीरे लिपटने लगीं.

मेरा लंड पूरा खड़ा हो चुका था और मैंने मौका देख कर अपना पजामा और कच्छा एक ही साथ में उतार दिया.

चाची मेरे लंड को गौर से देखने लगीं और उनका मुँह खुला का खुला रह गया.

मैं- चाची क्या देख रही हो, चाचा का इतना बड़ा नहीं है क्या?
चाची- साले मैं देख रही हूं कि यह लंड है या मूसल?

मैंने कहा- चाची, आज से आपका ही है, इसे पकड़ कर प्यार से सहलाओ.

फिर जैसे ही चाची ने अपना कोमल हाथ मेरे लंड पर लगाया तो मुझे जैसे जन्नत का सुख मिल गया.

वो मेरे लंड को धीरे-धीरे आगे पीछे करने लगीं.
मैंने उनसे कहा- चाची एक बार इसे मुँह में लेकर भी प्यार करो न!
उन्होंने इसके लिए मना कर दिया.

फिर मैंने उनको गोद में उठाकर उनके बिस्तर पर पटक दिया और उनकी ब्रा भी खोल दी.
उनके तने हुए चूचे मेरी आंखों के सामने आ गए.
मेरी आंखें चमक उठीं.

चाची के चूचे बहुत मोटे मोटे थे.

मैं अपने लंड को उन पर घिसने लगा और मैंने चूचियों गर्दन गाल और पेट को चूमना शुरू कर दिया.

जैसे ही मैं उनकी चूत की तरफ बढ़ा तो उन्होंने मुझे रोक दिया- यह गंदी जगह है.
मैंने उनकी एक न सुनी और अपनी जीभ से उनकी चूत को धीरे-धीरे चाटने लगा.

उनकी वासना से भरी सिसकारियां निकलने लगीं और उनकी टांगें खुल गईं.
मैंने चाची की चूत में अन्दर तक जीभ डालकर उनकी चूत को चाटना और काटना शुरू कर दिया.

उन्हें यह सब करवाने में बहुत ही मजा आने लगा था और वह बोलने लगीं- तूने तो आज मुझे जिंदगी का असली मजा दे दिया है.
मैंने कहा- चाची, अभी तुमने असली मजा देखा ही कहां है?

मैं उनकी चूत जोर-जोर से चाटने लगा.
उनको इसमें बहुत ही ज्यादा मजा आया और वह मेरा सर पकड़ कर अपनी चूत पर जोर जोर से अन्दर की तरफ दबाने लगीं.

फिर चाची आह आह करती हुई झड़ गईं.

मेरा काम अभी तक नहीं हुआ था, तो मैंने उनको धीरे-धीरे चूमना और चाटना शुरू कर दिया.
धीरे धीरे उनको भी मज़ा आने लगा और वह भी मेरा साथ देने लगीं.

अब उनकी चूत चुदाई की बारी आ गई थी.
मैंने जैसे ही अपना लंड उनकी चूत पर रखा, उनकी सिसकी निकल गई.
चाची बोलीं- अब नहीं रहा जाता, जल्दी से अन्दर डाल दे.

मैंने उनको तड़पाने के लिए पूछा कि साफ-साफ बोलो क्या डाल दूं?
चाची बोली- साले तड़फा मत … जल्दी से अपना लंड मेरी चूत के अन्दर डाल दे. वैसे ही तुझे सैट करने में काफी समय लग गया है. तेरे सामने रोज नंगी नहा नहा कर!

मैंने ये सुना तो समझ गया कि अकेला मैं ही चाची को नहीं सैट कर रहा था, इनकी चूत में भी मेरे लंड के लिए कीड़ा कुलबुला रहा था.

मैंने जैसे ही अपना टोपा उनकी चूत में डाला तो मुझे उनकी चूत की गर्मी का अहसास हुआ. मैंने जैसे ही अपना आधा लंड उनकी चूत में पेला तो वह हल्का सा कराहने लगीं.

उनका बच्चा होने के बाद भी उनकी चूत काफी टाइट हो गई थी.

अब मैं हल्के हल्के धक्के लगाने लगा और जैसे ही चुदाई का मजा आना शुरू हुआ, मैंने एक तेज झटका उनकी चूत में लगाकर पूरा लंड उनकी चूत में उतार दिया.

मेरी सेक्सी चाची एकदम तेजी से चिल्लाने ही वाली थीं कि मैंने अपना हाथ उनके मुँह पर रख दिया.
अब मैं धीरे-धीरे उनकी चूत में धक्के लगाने लगा.

थोड़ी देर में उनको भी मज़ा आने लगा. अब वह नीचे से अपनी गांड उठा उठा कर मेरा साथ देने लगीं.

चुदाई होते होते अब कम से कम 15 मिनट हो चुके थे. मेरा माल निकलने को हो गया था.

मैंने उनसे पूछा- माल कहां पर निकालूं?
उन्होंने कहा- मेरा सेफ पीरियड चल रहा है और मैं तुम्हारे वीर्य को अपने अन्दर महसूस करना चाहती हूं, इसलिए तुम अपना माल मेरी चूत में निकाल दो.

मैंने अब उनको बहुत तेज से चोदना चालू कर दिया और 10-15 झटकों के बाद ही मेरा माल उनकी चूत में छूटने लगा.
वह मुझसे कसकर लिपट गईं और दोबारा झड़ गईं.

हम दोनों हांफने लगे.

थोड़ी देर में मेरा लंड ढीला होकर उनकी चूत से बाहर आ गया.
चाची के साथ सेक्स करके मैं उनके साथ ही बिस्तर पर लेट गया.
उनके चेहरे पर संतुष्टि के भाव साफ दिख रहे थे.

मैं- चाची मजा आया?
चाची- मुझे नहीं पता था कि चूत चुदाई में और मोटे लंड से चुदाई में इतना मजा आता है. अब तो मैं रोज तुमसे चूत चटवाऊंगी और रोज तेरा लंड अपनी चूत में डलवाउंगी.

उसके बाद दोस्तो … यह हमारा रोज का काम हो गया था.
बाद में मैंने अपनी चाची की गांड भी मारी और उनको लंड भी चुसवाया.

वह सब कैसे हुआ, ये सेक्स कहानी मैं आपको बाद में सुनाऊंगा. तब तक के लिए नमस्कार.

दोस्तो, आपको मेरे जीवन में घटी सेक्सी चाची के साथ सेक्स स्टोरी कैसी लगी, मुझे मेल करके जरूर बताएं.
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