पड़ोसन भाभी ने मेरी अन्तर्वासना को समझा- 3

(Bhabhi Hot Lesbian Sex)

मनीषा4 2021-11-02 Comments

भाभी हॉट लेस्बियन सेक्स में पढ़ें कि कैसे मेरी पड़ोसन भाभी ने मुझे 3 लंड से सेक्स का मजा दिलाया. एक रात मैंने भाभी के साथ लेस्बियन करके उन्हें मजा दिया.

दोस्तो, मैं मनीषा भाभी आपका अपनी सेक्स कहानी में पुन: स्वागत करती हूँ.
भाभी हॉट लेस्बियन सेक्स कहानी के पिछले भाग
तीन जवान लड़कों से मेरी वासना का इलाज
में आपने पढ़ लिया था कि तीनों मर्द लौंडे मेरे जिस्म से खेल रहे था. मुझे बड़ा मजा आ रहा था.

अब आगे भाभी हॉट लेस्बियन सेक्स:

कुछ देर बाद वो तीनों मेरे ऊपर से हट गए. उनमें से वो लौंडा, जिसका मैं लंड चूस रही थी, वह नीचे फर्श पर लेट गया और उसने मुझे अपने ऊपर आने को कहा.

मैंने उसका लंड अपनी चूत पर लगाया और उसके लौड़े के ऊपर बैठ गई.

मेरी चूत चुसाई की वजह से पूरी गीली हो गई थी तो उसका लंड एकदम से चुत के अन्दर घुसता चला गया.

फिर वो आगे आया, जो मेरे बूब्स चूस रहा था.
वह मेरे पास आया और उसने अपना लंड चूसने का मुझे इशारा किया.
मैं उसके लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी.

जिसने मेरी चूत को जीभर के चूसा था, वह लंड हिला रहा था.

उसके हब्शी लंड को देख कर पड़ोस वाली भाभी उठकर मेरे करीब आईं, उन्होंने उस लड़के को एक क्रीम दी.
उस लड़के ने वह क्रीम मेरी गांड पर मल दी.

अपनी गांड में मैंने आठ इंच का मूसल जाने का ख्याल किया तो एक बार को तो मैं सहम गई और मेरी गांड फट गई कि सैंडविच चुदाई में मेरा क्या हाल हो जाएगा.

मैंने भाभी से भी … और उन सबसे चुदते चुदते कहा- यार नहीं, मुझसे दोनों छेदों में एक साथ वाला सेक्स नहीं हो पाएगा.

भाभी बोलीं- देख मेरी जान, मैंने पिछली बार भी तुझसे कहा था कि जब तक चुदाई में जिस्म ना दुखे … तब तक सेक्स में कोई मजा नहीं.
मैं भाभी की तरफ देखने लगी.

भाभी- ये तेरे साथ ऐसे सेक्स करेंगे कि तुझे दर्द तक नहीं होगा. यदि तू कहे तो मैं तुझे दो तगड़े पैग बना कर पिला देती हूं, जिससे तुझे मजा भी बहुत आएगा और दर्द भी ज्यादा नहीं होगा.
मैंने हामी भर दी.

भाभी मेरे लिए एक पटियाला पैग बना कर ले आईं.
मैंने वह लार्ज पैग एक सांस में पी लिया.

भाभी ने दूसरा पैग बनाया तो मैं इस भी दो बार में पूरा खींच लिया. भाभी ने जल्दी से अपने मुँह में लगी सिगरेट मेरे होंठों में लगा दी और मैंने एक लम्बा कश खींच कर दारू की कड़वाहट को ठीक किया.

कुछ ही देर में मुझे व्हिस्की का नशा होने लगा.

नीचे मेरी चूत में तो लंड बराबर आ-जा ही रहा था.
एक ने अपना लंड फिर से मेरे मुँह में डाल दिया था.

अब तीसरा भी अपना लंड धीरे धीरे करके मेरी गांड में डालने लगा.

मुझे अपनी गांड में बहुत दर्द होने लगा लेकिन मैं भी सहन कर गई और धीरे-धीरे करके उसने अपना पूरा लंड मेरी गांड में डाल दिया.

मेरी आंखों में से आंसू आ गए थे लेकिन मैं उन तीनों के बीच में अपने आपको महसूस करना चाहती थी.
मैं सेक्स को खुलकर फील करना चाहती थी तो मैं सब सहन कर गई.

दस मिनट के बाद मुझे मजा आने लगा.

अब वह दोनों लौंडे खुलकर मेरी चूत और गांड की चुदाई कर रहे थे, उन्होंने मेरे जिस्म को अपने आगोश में ले रखा था.

आप लोग महसूस कर सकते हैं कि एक औरत तीन मर्दों के बीच में कैसे फंसी हुई होगी … मुझे भी बस आज यही आनन्द महसूस और फील करना था.

बहुत देर तक वो तीनों ऐसे ही मेरी चुदाई करते रहे.
फिर जो मेरी नीचे चूत को चोद रहा था, उसका पानी झड़ गया और उसने अपना सारा पानी मेरी चूत में ही निकाल दिया.

मैंने उसको अपने नीचे से निकाला और वह, जिसका मैं लंड चूस रही थी, उसको छेद पर कब्जा करने के लिए कहा.

वह झट से मेरे नीचे आ गया और अब मैं उसके लौड़े पर बैठ गई.
पीछे से लगा हुआ लौंडा मेरी गांड को फिर से चोदने लगा.

अब चुदाई का कार्यक्रम फिर से धमाधम चालू हो गया.
मेरे मम्मों और मेरे चूतड़ों को जमकर चूसा जा रहा था.

जो लौंडा मेरी गांड मार रहा था, वह मेरी कमर और चूतड़ों को बार-बार अपने दांतों से काट भी रहा था.

लगातार बीस मिनट तक मेरी गांड चुत में लंड चलता रहा.
अब मैं झड़ने वाली हो गई थी. शरीर एकदम से अकड़ने लगा था. उसी समय मेरी चूत ने भलभला कर अपना सारा पानी छोड़ दिया.

जो मर्द मेरे नीचे लेट कर मेरी चुत में लंड पेले हुए था, मैं उससे एकदम से चिपक गई.

मैंने अपने होंठ उसके होंठों में दे दिए और मेरा शरीर एकदम से निढाल होता चला गया.
मेरा ऐसा भाव देखकर, जो मेरे नीचे लेटा था … उसने भी तेजी से अपना पूरा लंड मेरी चूत की जड़ तक पेला और मेरे साथ ही अपना पानी निकाल दिया.

उसका लंड तो एक मिनट में ही छोटा हो गया था क्योंकि उसका पानी निकल गया था.

लेकिन जो मर्द मेरी गांड मार रहा था, वह अभी भी बराबर धक्के लगाए जा रहा था.
मुझसे अब उसके धक्के सहन नहीं हो रहे थे मगर वो मान ही नहीं रहा था.

मैं चुदी हुई कुतिया सी, अपने नीचे लेटे हुए मर्द के सीने के ऊपर पसर कर लेटी रही … और बस उसके झड़ने का इंतजार करती रही.

कुछ ही देर में वह अपनी चरम सीमा पर पहुंच गया और उसने भी अपना सारा वीर्य मेरी गांड में ही निकाल दिया.

उसका वीर्य मेरी गांड से निकलकर जिसके ऊपर मैं लेटी थी, उस बेचारे के लंड के आसपास … और जांघों पर गिर गया.

अब हम सब हट गए तो चुत चोदने वाले लौंडे ने मुझसे मुस्कुराकर कहा- भाभी जी, मुझे साफ कर दीजिए.

मैंने देखा कि गांड मारने वाले लौंडे का वीर्य उसके लंड और जांघों पर लगा हुआ था.

मैंने नीचे बैठकर उसके लंड और जांघों के ऊपर से सारा वीर्य अपनी जीभ से साफ कर दिया और सारा का सारा वीर्य पी गई.

कुल मिलाकर हम सबको बहुत मजा आया.

मेरी पड़ोसन भाभी मेरे पास आईं और मुझसे बोलीं- कैसा रहा मेरी जान?
मैंने उनसे कहा- थैंक्यू … यह सब बस आपकी वजह से ही हो पाया है.

उन्होंने मेरे माथे पर किस कर दिया.

भाभी ने मुझसे कहा- मेरी भोली है ही इतनी खूबसूरत और इतनी अच्छी कि तेरे लिए तो मैं सब कुछ करने के लिए तैयार हूँ.

मैंने उनसे कहा- भाभी, अब आप एन्जॉय कर लीजिए.
उन्होंने हंसकर कहा- तूने इन्हें मेरे लिए छोड़ा ही कहां है. इनका सारा का सारा जूस तो तूने ही निकाल दिया.

मैं नंगी पड़ी बस उनकी तरफ देख कर मुस्कुरा दी और मैंने अपने सूखे होंठों पर जीभ फिराई.

ये देख कर भाभी बोलीं- तेरे लिए पैग बनाऊं?
मैंने हां में सर हिला- हां भाभी, गला सूख रहा है.

वो झट से सबके लिए पैग बना लाईं.
हम सभी ने गिलास अपने अपने होंठों से लगा लिए.
एक लड़के ने सिगरेट जला ली, तो मैंने उसे हाथ से सिगरेट लेकर कश लिया और उसे वापस दे दी.

भाभी ने भी एक लौंडे को इशारा किया तो उसने भाभी के लिए एक सिगरेट जला दी.

अब हम सभी व्हिस्की और सिगरेट का मजा ले रहे थे.

मैंने भाभी से कहा- थकान ज्यादा हो गई है … क्यों न हम सब कुछ देर आराम कर लेते हैं. फिर जब सब नॉर्मल हो जाएंगे तो सेकंड राउंड शुरू कर देंगे.
भाभी बोलीं- हां ठीक है … मगर दारु खत्म हो गई है, दूसरी बोतल ले आ.

इस वाली बोतल में व्हिस्की का एक एक पैग ही बन सका था तो मैं नंगी ही जाकर एक दारू की बोतल और ले आई.

अब हम सब साथ में बैठकर ड्रिंक करने लगे.
मैं और भाभी एक सोफे पर बैठे थे. हम सब को थोड़ा थोड़ा नशा गहराने लगा था.

भाभी मेरे पास सरक आईं और मेरी गर्दन पर अपनी जीभ फिराने लगीं.

मुझे बहुत अजीब सा लगने लगा और मेरी हंसी भी निकल गई.
उन्होंने मुझसे कहा- प्लीज पास को आ जा ना मेरी रानी!

मैं समझ गई कि भाभी को लेस्बो का भी शौक है.
चूंकि भाभी ने मेरे लिए बहुत कुछ किया था और वह हमेशा मेरे साथ देती थीं. कितनी बार तो उन्होंने मेरे घरेलू काम में भी मेरी मदद की थी, तो मैं उनकी बांहों में चली गई और वह मेरे होंठों को अपने होंठों में लेकर चूसने लगीं.

मुझे भी उनके साथ मजा आने लगा.
मैं भी उनके कपड़े उतारने लगी और उनके कंधे और बालों पर हाथ फिराने लगी.

हम दोनों का लेस्बो देख कर वो तीनों मर्द दारू सिगरेट का मजा लेते हुए एन्जॉय करने लगे.

उनके सामने मानो कोई लाइव देसी लेस्बियन फिल्म चल रही थी.
उनके लौड़े फिर से हरकत करने लगे थे.

धीरे-धीरे करके मैंने भाभी के सारे कपड़े निकाल दिए.
अब मैं उनके दोनों मम्मों को बारी बारी से अपने मुँह में लेकर चूसने लगी.

हम दोनों औरतें एक दूसरे में इतनी खो गई थीं कि हमें वहां कोई और भी मौजूद है, इस बात का ख्याल ही नहीं रहा.

फिर उनमें से एक लड़का गर्म हो गया, तो वो उठकर हमारे पास आ गया.
उसने भाभी को सीधे लेटा दिया और उनके सर के पास खड़ा होकर अपने लंड को उनसे चुसवाने लगा.

मैं किस करती हुई भाभी के नीचे उनकी चूत तक चली गई.

भाभी की टांगों को फैला कर मैं उनकी चूत को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी.

कुछ ही मिनट हुए होंगे कि भाभी की चूत ने पानी छोड़ दिया और उन्होंने सारा पानी मेरे मुँह में ही निकाल दिया.

लेस्बियन सीन देख कर वह बाकी दोनों लड़के भी उठ कर करीब आ गए.

जो लौंडा भाभी को अपना लौड़ा चुसवा रहा था, वह नीचे लेट गया और उसने भाभी को अपने लंड पर बैठा लिया.
एक दूसरे बंदे ने उनकी गांड में भी अपना लंड डाल दिया.
भाभी मस्त होकर दोनों मर्दों से एक साथ अपनी गांड चुत चुदवाने लगीं.

उन दोनों ने भाभी को अपने आगोश में भर लिया था और उनके जिस्म का जमकर भोग लगाने लगे थे.
तीसरा बंदा रह गया था, वह लंड हिलाता हुआ मेरे पास आया और उसने मुझे सीधा लेटा कर मेरी चूत में अपना लौड़ा डाल दिया.

मैं दारू के नशे में अपनी चुत में लंड एन्जॉय करने लगी, मेरी टांगें हवा में उठ गई थीं और वो मर्द लौंडा मेरी चुत के चिथड़े उड़ाने लगा था.

बहुत देर तक हम सभी इन्हीं पोजीशनों में सेक्स करते रहे.

कुछ देर में मेरी उत्तेजना अपने चरम पर आती महसूस करने लगी और एक बार फिर से मेरी चूत ने अपना पानी छोड़ दिया.

उधर बाजू में भाभी भी चूत और गांड को चुदवाते हुए दो बार झड़ चुकी थीं.
चुदाई खत्म हुई तो हम सब अलग हो गए थे.

मैंने भाभी को देखा तो वह थक कर लेटी हुई थीं और दो लंड के वीर्य से भाभी बहुत ज्यादा सनी हुई थीं. उनकी चूत, पेट और छाती पर बहुत सारा वीर्य लगा हुआ था.

मैंने उनसे कहा- भाभी, आप यह रस तो साफ कर लीजिए.
उन्होंने मुझसे कहा- यार मनीषा, मैं बहुत थक गई हूं … और मैंने यह रस इसलिए साफ नहीं किया कि मुझे यह तुमसे साफ करवाना है.

मैं उनकी बात समझ गई और उनके पास आ गई, भाभी को सर से लेकर उनकी चूत तक जहां जहां वीर्य लगा हुआ था, मैं अपनी जीभ से साफ करने लगी.

पूरी सफाई के बाद उन्होंने मेरी कोली भर ली और मुझे चूमने लगीं.
हम दोनों की नंगी चूचियां आपस में मसलने लगीं.

चूंकि धाकड़ चुदाई हुई थी तो हम सब बुरी तरह से थक गए थे.

कुछ देर बाद मैंने सबके लिए खाना लगाया और हम सब खाने लगे.

खाने के बाद वो तीनों लड़के चले गए.
हम दोनों ने भी कपड़े पहन लिए.

भाभी मुझसे बोलीं- मनीषा, अब तो मुझसे चला भी नहीं जा रहा है.
मैंने उनसे कहा- आप मेरे कमरे में ही बिस्तर पर लेट कर आराम कर लीजिए. सुबह चली जाना.

हम दोनों एक दूसरे को अपनी बांहों में भरकर सो गए.

सुबह के करीब दस बजे हमारी आंखें खुलीं तो मैंने भाभी को एक बार फिर से चूमा और उन्हें गर्म कर दिया.
भाभी ने फिर से लेस्बियन सेक्स शुरू कर दिया.

कुछ देर बाद हम दोनों झड़ गईं और भाभी उठकर अपने घर चली गईं.

हमारी जिंदगी में फिर से सब कुछ सामान्य चलने लगा.

कुछ हफ्तों बाद मेरे हस्बैंड भी वापस आ गए.

मैं उन भाभी के यहां तो चली जाती थी लेकिन हम तीनों लड़कों से मेरा कोई संपर्क नहीं रहा था क्योंकि यह सब मैं अपने हस्बैंड को नहीं बता सकती थी.
लंड की जरूरत पति से पूरी होने लगी थी तो मैं उन भाभी से क्यों कहती कि मेरे लिए लंड बुला दो.

फिर एक दिन मैंने उनसे कहा- भाभी, आप उन तीनों को बुलाकर एन्जॉय कर लिया करो, आपके तो हस्बैंड वापस नहीं आए हैं.

उन्होंने मुझसे कहा- नहीं मनीषा, वो तीनों कॉलेज से पास हो गए हैं और कहीं बाहर जॉब करने चले गए हैं. दो से तो मेरा संपर्क नहीं रहा, एक से अभी भी बात होती है. लेकिन उसकी पोस्टिंग भी बहुत दूर है, वह भी नहीं आ सकता.

मैंने उनसे कहा- किसी और को देख लीजिए.
उन्होंने मुझसे कहा- मनीषा, आज के टाइम में अच्छे इंसान मिलना बहुत मुश्किल है. उन तीनों पर मुझे आंख मूंदकर भरोसा था. लेकिन और किसी पर इतनी जल्दी भरोसा नहीं किया जा सकता.

मैंने कहा- हां यह बात तो है.
वो मुझे वासना से देखने लगीं.
मैंने उनसे हंसकर कह दिया- आप मुझे अपना बना लो.

वह मेरी बात समझ गईं और उन्होंने मुझसे कहा कि अभी तुम्हारा हस्बैंड बाहर से आया है, अभी तुम उसके साथ एन्जॉय करो. जब कुछ दिन बाद उसकी तसल्ली हो जाएगी, फिर हम अपना सोचेंगे.

ऐसे ही बहुत दिन बीत गए.

एक दिन मैंने अपने हस्बैंड को कहा- पड़ोस वाली भाभी की तबीयत खराब है. मैं आज रात को उनके यहां जा रही हूं उनकी कुछ देखभाल कर लूंगी.

मेरे हस्बैंड को भी पता था कि वहां कोई मर्द तो रहता नहीं है, भाभी अकेली ही घर पर रहती हैं. उनको भी इस बात से कोई परेशानी नहीं थी.
उन्होंने मुझे जाने के लिए हां कह दी.

मैंने भाभी को फोन करके उन्हें सब बात बता दी कि मैं आज अपने पति को क्या गोली देकर आ रही हूँ.
उन्होंने मुझसे हंसकर कहा- बड़ी चालू चीज है तू … चल अब जल्दी से रेडी होकर आ जा, मैं भी तैयार हो रही हूं.

मैं तैयार होकर उनके घर चली गई.

उन्होंने लाल रंग की नाइटी पहनी हुई थी और उसके अन्दर ब्लैक कलर की ब्रा और पैंटी पहनी थी.

आप सोच सकते हैं कि भाभी किस तरह की एकदम क़यामत लग रही होंगी.

हम दोनों ने दारू पार्टी शुरू की और सिगरेट सुलगा कर धुंआ उड़ाना शुरू कर दिया. हम दोनों ने बहुत सारी बातें की और गर्म हो गई.

भाभी बोलीं- चल मनीषा, अपन कमरे में चलें.
मैं भाभी के साथ उनके रूम में चली गई.

उन्होंने मुझे अपनी बांहों में भर लिया और मेरे होंठों को अपने होंठों में ले लिया मैं भी उनसे चिपक गई.

फिर हम धीरे-धीरे करके एक दूसरे के कपड़े निकालने लगे और हमने एक दूसरी को बिल्कुल नंगी कर दिया.
कभी भाभी मेरे बूब्स और मेरे बदन को चूसतीं, तो कभी मैं उनके बूब्स और उनके बदन को चूसती.

फिर उन्होंने अपना मुँह मेरी चूत पर लगा दिया और मेरी चुत चूसने लगीं.

बहुत देर तक चुत चुसवाने के बाद मेरा पानी निकलने लगा और आह आह करती हुई झड़ गई.

अब मैंने भाभी को बेड पर लेटाया और उनकी चूत को चूसने लगी.
कुछ देर बाद उनका भी बदन अकड़ने लगा और वह भी मुझे अपने से चिपका कर मेरे मुँह में ही झड़ गईं.

हम दोनों इसी तरह पूरी रात एक दूसरे से नंगी चिपकी रहीं.

अगले दिन सुबह मैं अपने घर आकर अपने हस्बैंड के सीने से चिपक गई.
वो भी रात के प्यासे थे तो उन्होंने मुझे चोदना शुरू कर दिया.

दोस्तो, इधर एक बात तो साफ है कि अच्छी औरत हो या अच्छा इंसान हो, अगर मिलता है तो उसके साथ रिलेशनशिप जरूर आगे बढ़ती है.

उन लड़कों का तो मुझे अब पता नहीं, वह कहां हैं, कैसे हैं. पर मैं उन भाभी से आज भी संपर्क में हूं. मेरी जिंदगी में फिलहाल उनसे बढ़कर कोई नहीं है. वह मेरे लिए हमेशा तैयार रहती हैं और प्यार प्यार में तो मुझसे यहां तक बोलती हैं कि पगली तेरे लिए तो मैं जान भी दे दूंगी.

आप लोगों को मेरी ये भाभी हॉट लेस्बियन सेक्स कैसी लगी, प्लीज़ मुझे ईमेल करके बताएं.
आपकी प्यारी भाभी मनीषा
[email protected]

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