ज्योमेट्री के साथ सेक्स-2

सचिन 2012-08-17 Comments

प्रेषक : सचिन

मेरी कहानी ‘ज्योमेट्री के साथ सेक्स’ को अन्तर्वासना पर जगह मिली, धन्यवाद। दोस्तो, आपके मेल मिले बहुत अच्छा लगा और स्फूर्ति मिली। मैं कहानी की तरफ बढ़ता हूँ।

उस दिन प्रिया चली गई पर दूसरे दिन आने का वादा उसने किया। मैं उस दिन उसके ही सोच में डूबा रहा। वो सब पल मुजे याद आते रहे और में दूसरे दिन का इंतजार करने लगा। वह आनंद फिर से मिलेगा इस बात से मैं फ़ूला नहीं समा रहा था।

दूसरे दिन मैं उसकी राह देख रहा था और डोर-बेल बजी। मैं झट से उठा और दरवाजा खोला।

“हाय..!!” उसने कहा।

वाह !! क्या माल लग रही थी। उसने पीले रंग की टॉप और काले रंग का मिनी स्कर्ट पहनी हुई थी जो उस पर बहुत जंच रही थी। उसके बालों का बो उस पर चार चाँद लगा रहा था। मैंने उसे अन्दर ले लिया और दरवाजा बन्द किया। वो अन्दर चल ही रही थी कि मैंने जाकर उसे पीछे से पकड़ लिया पर उसने मेरे गाल पर एक किस किया और मुझसे खुद को छुड़वा लिया।

उसने कहा- जरा सब्र करो, इतनी भी जल्दी क्या है?

मैं उसकी बात को समझ ही नहीं पाया पर फिर भी मैं चुप रहा।

वो अन्दर वाले कमरे में चली गई और मुझे न आने को कहा। मैं बस सोचता रहा। यह सब क्या हो रहा है, मेरे तो कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था।

पाँच मिनट बाद अन्दर से उसकी आवाज आई- अब आ जाओ अन्दर !

मैं अन्दर गया और देखता ही रह गया। वो आज काली ब्रा और पेंटी में मेरे सामने खड़ी थी। मैं उसे बस देखता ही रह गया और मेरा मुँह खुला का खुला रह गया। वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी। मेरे मुँह से कुछ लफ्ज ही नहीं निकल रहे थे।

वो मेरे पास आई और मुझे ओंठों पर चूम लिया। साथ ही साथ वो मेरे शर्ट के बटन खोलने लगी। उसने सारे बटन खोल दिए और मेरे पजामे के तरफ बढ़ी। उसने मेरे पजामे का नाड़ा खोल दिया और पजामा निचे गिर गया। मैं बस अंडरवियर में खड़ा था। उसने उसे भी झट से नीचे सरका दिया और मेरे लंड को हाथ में लेकर सहलाने लगी।

कल तक इतनी शरमाने वाली लड़की आज इतनी कैसे खुल गई, मैं तो कुछ समझ ही नहीं पा रहा था। इतने में उसने मुझे खींच लिया और बेड पर बैठने को कहा। उसके कहने के मुताबिक मैं बैठ गया। वो अब मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी। महाराज तो पहले से ही खड़े हो चुके थे जिससे वो मेरा लंड पूरा मुँह में नहीं ले पा रही थी। फिर भी वो हार मानने वालो में से नहीं थी। थोड़ा चाटने के बाद वो उसको गले तक निगलने का प्रयास कर रही थी पर उस बीच उसे खासी आ रही थी। फिर भी वो नहीं रुकी, उसका प्रयास चालू था। वो अगर ऐसे ही चाटती और चूसती रही तो मेरा तो ऐसे ही निकल जायेगा यह मैं समझ गया और दूसरी बार जब उसने मेरे लंड को मुँह में लेने की कोशिश की उस वक़्त मैंने उसका सर पकड़ के थोड़ा धक्का दिया। उसे जोर से खांसी आई पर उसकी मन की मुराद पूरी हो गई। उसके चेहरे पर ख़ुशी साफ झलकी पर अभी तो सच्ची ख़ुशी बाकी थी।

उसने मुझसे बेड से उतरने को कहा और खुद जाकर बैठ गई। फिर उसने अपने दोनों टांगें मोड़ ली और फैला दी जिससे उसकी गुलाबी चूत जिसका एक दिन पहले ही उद्घाटन हुआ था, वो साफ दिख रही थी, भूरे छोटे बाल उसकी शोभा और बढ़ा रहे थे। मैं उसका इशारा समझ गया और उसके पास जाकर बैठ गया।

मैंने पहले तो उसकी चूत पर हाथ फेरना शुरू किया और बीच में उसकी चूत में उंगली डाल दी। वो थोड़ा कसमसा गई पर फिर भी शांत थी। मैंने उसकी गोरी-गोरी टांगें चूमते हुए उसकी चूत को चूम लिया। उसकी चूत से पानी निकलने लगा, एकदम सी चिपचिपी हो गई। पानी का स्वाद बड़ा ही नमकीन था। मैं उसे चाटने लगा और जीभ अन्दर-बाहर करता रहा। बीच-बीच में उसमें उंगली डाल कर उसे उछाल रहा था। वो भी इसका पूरा आनंद ले रही थी।

वो सिसकारियाँ भरने लगी और उसके मुँह से अह… अह… अह… की आवाजें आने लगी। जब मैं उंगली घुसाता तो यह आवाज बढ़ जाती।

दो ही मिनट में उसने कहा- बस अब आगे भी कुछ हो सकता है?

मैं उठ गया और अपने शेर से कहने लगा- आज तो अपनी गुफा में ज्यादा मजा करना है।

मैंने उसे थोड़ा आगे खींच लिया और लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा। वो और उतावली हो जा रही थी और मुझे उसे देखने में बड़ा ही मजा आ रहा था। मैंने लण्ड को चूत में घुसाया और वो एकदम से उछल गई। आज भी उसे थोड़ा दर्द हुआ लेकिन कुछ ही समय में फिर वो चुदाई-आनंद लेने लगी।

आह… ओह… आह… ओह… आह… यही आवाजें कमरे में गूंज रही थी। मैं कभी धीरे कभी जोर से हिल रहा था और धक्के दे रहा था। वो भी ‘जोर से, और जोर से करो !’ ऐसे कहकर मुझे प्रोत्साहित कर रही थी। मैं भी उत्तेजना से उसे फाड़ रहा था।

फिर मैंने उसे उठाया और घोड़ी बनने को कहा। मैंने पीछे से उसकी चूत में लण्ड डाला और धक्के देने लगा। इतने में मेरा ध्यान उसके उठे हुए चूतड़ों पर गया, मेरे दिमाग में खयाल आया। मैंने पहले ब्लू फिल्म में ऐसा देखा हुआ था और आज करने की सोचने लगा। इतने में उसने आवाज लगाई- जोर से करो।

मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और जोर से धक्के देने लगा। मेरा निकलने ही वाला था कि मैंने उसे बता दिया। उसने बस करते रहने को कहा और मेरा सारा माल उसकी चूत में ही छुट गया। मेरे धक्के रुक गए और वो भी झड़ गई।

फिर हम दोनों ऐसे ही नंगे लेट गए और बातें करने लगे। उसने मुझे बताया कि उसने अपनी सहेली रीना के घर पर ब्लू फिल्म देखी थी। रीना उसे ब्लू फिल्म देखने बुलाती पर वो कभी-कभी ही वक़्त निकाल कर जाती है और ज्यादा देर तक उसके घर नहीं रुकती थी। रीना भी सेक्स करना चाहती थी।

मैंने पूछा- अगर मैं तुम्हारी सहेली की मदद कर दूँ तो तुम्हें कैसा लगेगा?

उसका कोई जवाब नहीं आया.. वो नाराज हो गई है यह समझ कर मैंने भी फिर से नहीं पूछा।

उसने फिर से एक बार मेरा लंड मुँह में ले लिया, उसे चूसने और सहलाने लगी। मेरा लंड भी जल्द ही सलामी देने लगा और तैयार हो गया।

मैंने कहा- कुछ नया करते हैं।

उसने कहा- नया??? मैं समझी नहीं?

मैं फिर बोला- मुझे तुम्हारी गांड में करना है, तुमने ब्लू फिल्म में तो देखा ही होगा।

ना ना करते हुए वो मान गई। मैंने भी जैसे पढ़ा था वैसे उसे उलटा लेटाया और उसकी गांड के खड्डे पर तेल डाला और थोड़ा मेरा लंड को भी मल लिया। फिर मैंने लंड उसकी गांड के मुँह पर रखा और धक्का देने की कोशिश करने लगा। उसे बहुत दर्द हो रहा था और मुझे भी। फिर भी उसने अपनी गांड को थोड़ा खोल दिया और मैंने मेरे लंड की जगह बना ली। थोड़ा थोड़ा करते हुए मेरा लंड उसकी गांड को चीरते हुए अन्दर चला गया। वो पहले तो कसमसाई पर फिर उसका आनंद लेने लगी।

थोड़ी देर बाद जब मैं झड़ने वाला था मैंने उसे बताया, उसने मुझे उठने को कहा और मेरा लण्ड अपने मुँह में लेकर चूसने लगी जैसे मेरे वीर्य को वो चूस कर ही निकाल रही हो। मैं उसके मुँह में ही झड़ गया वो सारा वीर्य निगल गई।

हम दोनों उठकर ठीक हो गए और पढ़ने लगे पर हम दोनों का भी मन नहीं लग रहा था, उसने कहा- कल पढ़ते हैं, आज पढ़ने का मूड नहीं है।

मैं भी मान गया।

वो उठकर चलने लगी और कहा- आज ज्योमेट्री तो नहीं पढ़ी पर सेक्स की बहुत पढ़ाई हुई। कल सेक्स नहीं ज्योमेट्री ही पढ़ेंगे !

कहकर वो चली गई।

मैं रात को सोते वक़्त उसके ही ख्यालों में डूबा रहा। इतने में ख्याल आया कि उसकी सहेली रीना भी सेक्स की तलाश में हैं। क्यों न उसको भी पटाया जाये???

पर फिर खायाल आया कि अगर यह बात प्रिया को पता चल गई तो नाराज हो जाएगी और कभी यहाँ नहीं आएगी। मैंने रीना का ख्याल दिलोदिमाग से निकाल दिया और सो गया।

आगे क्या हुआ?? क्या हमने ज्योमेट्री पढ़ी या सेक्स?? जानने के लिए अगले पाठ का इंतजार कीजिये और मेरी कहानी कैसे लगी, यह मुझे जरूर बताइए।

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