पड़ोसी के लड़के ने मां बेटियाँ चोद दीं- 4

(Full Sex Family Story)

फुल सेक्स फॅमिली स्टोरी में मेरे पड़ोस के लड़के ने मुझे पटा के चोदा, उसके बाद मेरी माँ को चोदा, फिर मेरी छोटी बहन को चोदा. वह जब चाहे तब आकर किसी को भी चोदने लगता था.

यह कहानी सुनें.

नमस्कार दोस्तो, मैं आप सबकी चहेती सपना आज आपके सामने आखिरी भाग लेकर आई हूं.

जैसा कि कहानी के तीसरे भाग
मेरे बॉयफ्रेंड ने मेरी छोटी बहन चोद दी
में अब तक मैं बता चुकी हूं कि हमारा पड़ोसी विपुल अब मेरी बहन खुशबू को भी चोद चुका था और इस प्रकार हम तीनों मां बहनें उसके लंड के नीचे आ चुकी थीं.

अब आगे फुल सेक्स फॅमिली स्टोरी:

अब हालत ये थी कि वह हमारी मर्जी से नहीं बल्कि अपने मन से हमारे घर आता था और चाहे जिसके ऊपर चढ़ जाता था.
हमारा काम सिर्फ उससे चुदना था.

इस तरह वक्त बीतता गया और मेरी पढ़ाई भी पूरी हो गई थी.
परीक्षा में पास होकर मैं काफी खुश थी.

तभी अपने काम से वह कुछ दिनों के लिए बाहर चला गया और इस बार कुछ ज्यादा ही दिन बाहर था.

तभी पापा ने घर में मेरे रिश्ते की बात बताई और लड़के की तस्वीर सबको दिखाई.
मैं थोड़ी परेशान थी क्योंकि विपुल यहां नहीं था और मेरी शादी तय होने जा रही थी.

जबकि मैं विपुल को चाहने लगी थी और उसकी ही होना चाहती थी.
जब वह आया तो उसने मुझे विवाह कर लेने की सलाह दी और घर में सभी मुझ पर जोर देने लगे.

फिर मेरी शादी समीर के साथ हो गई, जिसे पापा ने पसंद किया था.
शादी के चार दिन बाद एक रस्म के मुताबिक मुझे अपने घर आना था, इसलिए मैं बिना मन के ही समीर के साथ सेक्स करती थी.

यहां आने के बाद मेरी सहेलियां मुझसे काफी हंसी मजाक कर रही थीं.
रात को मां ने विपुल को मुझसे मिलाया.

जब मैं विपुल से मिली तो जानना चाहती थी कि उसने ऐसा क्यों किया?

फिर विपुल ने जो बताया, वह सुनकर मेरे पैरों तले जमीन ही खिसक गई.

विपुल- देखो मुझे तुम्हारी बहन सबसे ज्यादा पसंद थी. तुम्हारे और तुम्हारी माँ के रहते मैं खुशबू को नहीं पा सकता था. मेरा प्लान कम्मो को अपनी तरफ करना था. सिर्फ दो बार उसके चूचे दबाने से उसने मेरे सामने अपनी चूत खोल दी और पार्टी वाली रात मैंने तेरी मां के साथ सुहागरात मना ली. उसके बाद तेरी माँ की मदद से मैंने तुझे चोदा. अब तुम दोनों मेरे लंड की गुलाम थी तो तुम दोनों की मदद से तुमारी छोटी बहन भी मेरे लंड के नीचे आ गयी.

ये सारी बातें बताने के बहाने से विपुल लगातार 3 दिनों तक मेरी चुदायी करता रहा और हर बार अपना वीर्य मेरी चूत में ही डालता रहा.

मेरे पति मुझे यहां छोड़कर डेढ़ महीने के लिए किसी डिप्लोमा कोर्स को करने चले गए थे, जो कि उनके व्यवसाय के लिए जरूरी था.

कुछ दिनों बाद मेरे पापा ने मुझे ससुराल पहुंचा दिया.
वहां मैं पेट से हो चुकी थी मेरी ससुराल में सभी लोग इस बात से खुश थे.
लेकिन मैं जानती थी कि ये समीर का बच्चा नहीं बल्कि विपुल की निशानी है … जो मेरे पेट में पल रही है.

मेरी सास ने कहा कि अब मैं बच्चे को जन्म देने तक कहीं नहीं जाने वाली.
फिर मैंने एक प्यारे से बेटे को जन्म दिया, जिससे वहां के सभी लोग खुश थे.
बच्चे की देखभाल करने में दो वर्ष कब बीत गए, पता ही नहीं लगा.

जब मैं अपने बेटे को लेकर पहली बार अपने घर आई तो यहां बहुत कुछ बदल गया था.

खुशबू नौकरी करने लगी थी.
सारे मोहल्ले में यही बात हो रही थी कि विपुल और खुशबू ने शादी कर ली है.

मैंने देखा कि मां भी घर पर नहीं है, पापा भी अपने दफ्तर जाने वाले थे.

मैंने अपने बेटे को दूध पिला कर सुला दिया और सामान रखने लगी.
फिर मेरी भी आंख लग गई.

शाम तीन बजे के करीब खुशबू आई तो मैं उसे पहचान ही नहीं सकी.

वह साड़ी में थी और बिल्कुल एक घरेलू महिला लग रही थी.
उसके शरीर में सब कुछ अब बड़ा दिख रहा था.

मैंने उससे मां के बारे में पूछा तो उसने विपुल के घर की ओर इशारा कर दिया.
मैंने देखा तो वहां ताला लगा था.

खुशबू ने एक गमले के नीचे से चाभी निकाल कर ताला खोला.

जब मैं अन्दर गई तो मुझे मां की आवाज सुनाई दी.
मैं उसी कमरे की ओर बढ़ी.

मैं यह देखकर बिल्कुल हैरान थी कि मां ने टॉप और स्कर्ट पहन रखा था और वह विपुल के लंड से खेल रही थी.
वे दोनों बातें कर रहे थे.

विपुल- तेरी लौंडिया की गांड कब दिलवा रही है, साली पीछे से चोदने ही नहीं देती!
मां- चिंता मत करो जल्दी ही दिलवाऊंगी.

विपुल- तेरे जैसी रण्डी आज तक नहीं देखी, हमेशा कहकर बात टाल देती है बहन चोद.

फिर उसने मां को पलंग पर झुका दिया और उसकी गांड मारने लगा.

तभी खुशबू वहां आ गई.
अन्दर आते ही विपुल ने उसे भी कसकर अपनी बांहों में जकड़ लिया और उसके दूध मसलने लगा.

विपुल- मेरी जान कब आई तुम? देख ये कुतिया मेरा लौड़ा छोड़ती ही नहीं.

उन दोनों के मुँह से बस आ…ह आह… ओ…ह की आवाज निकल रही थी. साथ ही विपुल मां को गालियां भी दे रहा था.

जब उन दोनों का काम हो गया तो खुशबू ने मेरे आने की बात उन्हें बताई.

मैंने सीधा विपुल से ही पूछा- ये सब क्या है?

उसने दोनों को अपनी बांहों में लेकर बोला- ये दोनों ही मेरी पत्नियां हैं, एक बिल्कुल सभ्य महिला तो दूसरी थोड़ी मॉडर्न और छबीली सी!
मुझे ये सब थोड़ा अजीब सा लग रहा था.

मैंने खुशबू से कहा- तू विपुल से शादी क्यों नहीं कर लेती?
तो उसने कहा कि कर लेंगे न.

मुझे समझते देर न लगी कि विपुल ने ही सिखाया है.
फिर विपुल उसे लेकर दूसरे कमरे में चला गया और वहां दोनों में क्या बातें हुईं, कुछ पता नहीं चला.

फिर दोनों पति पत्नी की तरह बाहर आए.
करीब आधा घंटा तक दोनों कमरे में एक दूसरे का रसपान कर रहे थे.

तभी मैंने मां से पूछा कि इन दोनों की शादी क्यों नहीं करा देतीं?
मां का जवाब भी बिल्कुल वैसा ही था जैसा खुशबू का- कर लेंगे न!

शाम को मैंने ये बात थोड़ा घुमा कर पापा से भी कही तो उन्होंने बताया कि दोनों अभी फिजिकल रिलेशन शिप में हैं, कुछ समय बाद कर लेंगे.

मैं समझ गई कि पापा लिव इन रिलेशन शिप की बात कह रहे हैं, लेकिन उनकी अंग्रेजी थोड़ी कमजोर है.

रात में विपुल भी हमारे घर आ गया और वह मां के कमरे में था.

खुशबू ने बताया कि अब हम लोग ऐसे ही रहते हैं.
कुछ दिनों तक वह यहां रहता है तो कुछ दिन हम उसके घर.

रात में हम सब एक ही कमरे में साथ में थे.

विपुल हमारे बच्चे को प्यार कर रहा था और उसके साथ खेल रहा था.

वहीं मां और खुशबू किचन का काम खत्म कर रही थीं.
जब वे दोनों कमरे में आईं तो खुशबू ने नीचे बिस्तर लगा दिया.

विपुल ने मां से कहा- तुम मुंशी के पास चली जाओ आज.
मां पापा के कमरे में चली गईं.

तभी विपुल बोला- आ जा मेरी जान, तेरा ही इंतजार कर रहा हूं बस!

खुशबू- अच्छा तो कम्मो के साथ क्या कर रहे थे?
खुशबू को बांहों में खींचते हुए बोला- अब आज खाली था तो थोड़ा उसे ठोक दिया पीछे से.

फिर दोनों ही एक दूसरे के आगोश में ऐसे प्यार कर रहे थे, जैसे मैं वहां हूं ही नहीं.
अपनी जीभ उसके होंठों पर फिराते हुए खुशबू बोली- दीदी हमें ही देख रही है.

विपुल- क्या हुआ पति पत्नी ऐसे ही रहते हैं. साली अपना चूत ठुकवा कर उसे टनल बना चुकी है. देखने दो हमें देख रही है तो!
खुशबू- तुम्हें कैसे मालूम कि उसकी टनल बन गई है?

विपुल- मैंने शाम को उंगलियां डाली थीं बहन की लौड़ी की चुत में … पूरी पांचों घुस गई थीं. हा … हा … हा …
वे दोनों जोर जोर से हंसने लगे.

विपुल ने आधा घंटा तक खुशबू की चूत चोदी.
वे दोनों अलग अलग पोजीशन में चुदाई कर रहे थे.

विपुल के मुँह से एक बार भी गाली नहीं निकली.
वह बस जान, जानू सेक्सी गर्ल कह रहा था.

वहीं खुशबू भी उसे सिर्फ ‘जानू चोदो मुझे तुम्हारे लंड की प्यासी हूं और हनी’ कह रही थी.

आज मैंने विपुल के व्यवहार में ये एक अजीब बदलाव देखा था.

जब दोनों शांत हो गए तो मैंने कहा कि तुम्हारे लिविन रिलेशन को पापा फिजिकल रिलेशन बोल रहे थे. तुम दोनों शादी कब करोगे?
मेरे बाल खींचते हुए विपुल बोला- बहनचोद मैं इन दोनों से फिजिकल रिलेशन ही रखता हूं, लिव इन नहीं. करना क्या है सिर्फ चोदना है तो उसके लिए शादी की क्या जरूरत है?

तभी खुशबू ने उसे किस करते हुए कहा- बिल्कुल जानू!

अगली सुबह जब मैं जागी तो मैंने देखा कि विपुल अभी भी सो रहा है और उधर खुशबू मां के साथ काम निपटा रही थी. उसे भी स्कूल जाना था.

ये स्कूल में पढ़ाने की नौकरी विपुल ने ही दिलवाई थी.
खुशबू अब तैयार थी. उसने जाकर विपुल के माथे पर किस किया और बोली कि शाम को मिलते हैं.

विपुल ने उसे बांहों में जकड़ लिया और एक लंबा किसिंग चला.
फिर खुशबू निकलने लगी.

तभी विपुल उठकर फ्रेश होने चला गया. जब वह बाहर निकला तो मां नहाने जा रही थीं.
उसने मां को कसकर पकड़ा और गालों को चूमने लगा. फिर कान और गले को चूमते हुए उसने मां को नीचे बिठा दिया और अपना लंड उसके मुँह में दे दिया.

मैं वहां खड़ी सब देख रही थी कि तभी पापा ने मां को आवाज दी.
मां कुछ बोलतीं, उसके पहले ही उसने अपने लंड पर मां का सिर दबा दिया और मुझसे बोला- चल जा और अपने बाप को संभाल वरना सब कुछ बिगड़ जाएगा.

मैं दौड़कर गई और पापा से बोला- जी पापा कुछ कहा आपने?
पापा- तुम्हारी मां कहां है? मेरा सामान नहीं मिल रहा है.
मैं हड़बड़ा कर बोल पड़ी- जी वे तो विपुल के साथ …

तभी खुशबू आ गई और पापा को टिफिन पकड़ाती हुई बोली- मां नहा रही हैं.

फिर वे दोनों अपने काम पर चले गए.

तभी मुझे तेज पानी गिरने की आवाज सुनाई दी.
मैंने आकर देखा कि मां बाथरूम में बिल्कुल नंगी बैठी है और विपुल उसके चेहरे पर ही पेशाब कर रहा है.

विपुल- ऐसे क्या देख रही है साली, ये रण्डी रोज ऐसे ही नहाती है.

मैं बिल्कुल समझ नहीं पा रही थी कि हो क्या रहा है?

जब विपुल तैयार हो रहा था तो मैंने उससे पूछ ही लिया कि आखिर मुझे तुमने क्यों छोड़ दिया, मैं सिर्फ इस्तेमाल करने के लिए थी?

मुझे अपनी बांहों में लेते हुए उसने कहा- तू मेरे चॉइस की चीज नहीं है.
मैं- मतलब!
विपुल- जो सुख मुझे खुशबू से मिला, वह तेरे से संभव नहीं था. वह तेज दिमाग की लड़की है. वह जो कर सकती है वह तुझसे नहीं होगा. उसने तुझे, फिर कम्मो को मेरे लंड का गुलाम बनाया.

मैं- मैं तो पहले ही दिन से तुम्हारी बनना चाहती थी लेकिन मैं जानती हूं कि समीर के बारे में जानकारी पापा को तुमने ही दिलवाई थी.

विपुल- देख साली छिनाल, जो सुख मुझे तेरी बहन से मिला है … वह तेरे बस की बात नहीं. तुझे पता नहीं है उसने मुझे 4 और सीलपैक चूत भी दिलवाई थीं. उनमें से दो आज भी मिलती हैं मुझसे. अब मुझे देरी हो रही है … आज रात को तेरी गांड खोलूंगा, तैयार रहना.

इतना कहकर वह निकलने को हो गया.
मां ने नाश्ता दिया उसे, फिर वह बाहर निकला.

मैं अपने बच्चे को दूध पिला रही थी कि उसके पीछे मां भी गईं लेकिन वे तुरंत वापस आ गईं.

मैं बाहर टहल रही थी और इन्हीं सब बातों के बारे में सोच रही थी जो विपुल ने सुबह मुझसे कहा था.
फिर शाम हो गई और अब खुशबू के आने का वक्त हो चला था.

मैं बाहर निकली तो देखा कि खुशबू सामने का ताला खोल रही है.
अगले ही पल विपुल भी बाहर निकला और उसके साथ एक लड़की थी, जिसकी कमर में उसका हाथ था.

तभी खुशबू ने उस लड़की से मेरा परिचय कराया कि ये भी उसके स्कूल में पढ़ाती है.

मैं समझ गई कि ये विपुल के साथ दिन भर ठुकाई कर रही थी.

इसका मतलब यह था कि खुशबू उसके लिए चूत का इंतजाम करती है.

फिर उसने मेरी तरफ देखते हुए कहा- आज रात तुम्हें यहीं आना है.

मैंने कहा- कैसे होगा, घर पर पापा हैं, मेरा बेटा है?

विपुल- तेरे बाप को तेरी मां संभाल लेगी और बेटे को ये, तू सिर्फ मुझे संभाल.

रात को मां पापा के कमरे में चली गईं और खुशबू ने पहले मुझे विपुल के घर भेजा … फिर वह खुद भी आ गई.

जब वह आई, तब तक विपुल मेरे कपड़े उतार चुका था और उसका 7 इंच लम्बा और कड़क मोटा लंड मेरे मुँह में था.
उसने खुशबू को कुछ इशारा किया तो वह मेरे पीछे आ गई और मेरी गांड में कुछ लगाने लगी.

मैंने देखना चाहा तो मेरे सिर को अपने लंड पर दबाते हुए बोला- तू लंड चूस रण्डी, कितने दिनों बाद तो चूस रही है!

तभी खुशबू ने मेरे हाथ पीछे से बांध दिया और विपुल ने मुझे घोड़ी बना दिया.

बिना बताए ही उसने अचानक से अपना लंड मेरी गांड में घुसा दिया.
अभी सिर्फ टोपा ही गया था कि मेरी चीख निकल गई.

खुशबू- दीदी ज्यादा चीखो मत, वरना सारे मोहल्ले को पता चल जाएगा कि तुम अपने जीजा से चुदवाती हो.
मुझे उस पर बहुत गुस्सा आया.

तभी वह बोली- याद है जब विपुल मुझसे बात करने के लिए इशारे करता था तो तुम आंख लगाए रहती थी. ये उसी का हिसाब है!

विपुल- मेरी जान चिंता क्यों करती हो, इस कुतिया की वजह से जो तड़प हमें हुई है, उतना ही आज इसे दर्द होगा. ले साली रण्डी मादरचोद तेरी गांड फाड़ दूंगा आज!

इतना कहते हुए उसने पूरा लंड मेरी गांड में पेल दिया. दर्द से लगा कि मैं मर ही जाउंगी. लेकिन उन दोनों को कोई रहम नहीं आ रहा था!
खुशबू उसे उतना ही उत्तेजित कर रही थी.

‘जानू चोद साली को … फाड़ दे गांड इसकी … इस रण्डी छिनाल ने मुझे प्यासा रहने पर मजबूर किया था!’

विपुल जितनी तेजी से गांड में पेल रहा था, उतने ही जोर से मार भी रहा था.

जब तक वह मेरी गांड में झड़ नहीं गया तब तक उसने वैसे ही मारा और खुशबू की गालियां चलती रहीं.

उसकी मार से मेरी पीठ और गांड पूरी तरह से लाल हो गई थी और गांड के अन्दर लंड से चोद कर अन्दर तक लाल कर दिया था.

उस रात मेरी हालत खराब हो गई थी ठीक होने में मुझे 3 दिन लगे.
फिर मैं वहां से अपने घर आ गई.

आने के कुछ दिनों बाद मुझे पता चला कि विपुल मेरी बहन को लेकर कहीं चला गया है.
आज भी हमें पता नहीं कि वे दोनों कहां हैं … और मां इस बात से ज्यादा दुख है कि उसे बताए बगैर ही दोनों भाग गए हैं.

हालांकि मुझे उम्मीद है कि मेरी बहन जरूर वापस आएगी. उसके आने के बाद की बात बाद में लिखूँगी.
इस फुल सेक्स फॅमिली स्टोरी पर अपनी राय जरूर दें.
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