प्यार को तड़फती लुगाई हुई पराई- 3

(Full Sex Nice Story)

सनी वर्मा 2025-05-06 Comments

फुल सेक्स नाइस स्टोरी में जब एक अच्छी भाभी को गैर मर्द का प्यार मिला तो वह पिघलती चली गयी और खुद को उस पराये आदमी को समर्पित कर दिया.

कहानी के दूसरे भाग
प्यारी सी लड़की का प्यार
में आपने पढ़ा कि अचानक बिजली जोर से कड़की और बत्ती चली गई तो सोनिया डर कर सचिन से लिपट गई।
सचिन ने भी उसे कस के भींच लिया।

अब आगे फुल सेक्स नाइस स्टोरी:

उसने सोनिया का चेहरा ऊपर किया और उसे चूम लिया।
सोनिया ने अब उसके होंठों पर ताबड़तोड़ चूमना शुरू कर दिया।
सचिन उसका साथ देता रहा।

तभी लाइट आ गई।
सोनिया एक झटके में उससे अलग हुई, निगाहें नीची करके वो नीचे चली गई।

सचिन ने लाइट बंद कर लीं और अनमना-सा होकर लेट गया।

वो बेड पर करवटें बदलता रहा।
नींद तो उससे कोसों दूर थी।

आधा घंटे बाद भी जब नींद नहीं आई, वो उठा और दबे पाँव नीचे पहुँचा।

एक जीना सीधा नीचे कोठी के अंदर भी उतरता था।

नीचे अँधेरा था।
उसने अंदाज़ से सोनिया का कमरा ढूँढा और डोर धकेला, तो वो खुला था।
कमरे में हल्की रोशनी थी।

सोनिया बेड पर गुमसुम-सी बैठी थी।
सचिन की आहट पाकर वो खड़ी हुई और भागती हुई आकर सचिन से लिपट गई।

सचिन सोनिया का हाथ पकड़कर उसे ऊपर अपने कमरे में ले आया और फिर दोनों ऐसे लिपटे जैसे बरसों के बिछड़े आशिक हों।
सचिन ने सोनिया से फुसफुसाते हुए कहा, “मैं तुम्हें अपना बनाना चाहता हूँ।”

सोनिया बोली, “मैं तो तुम्हारी हो चुकी हूँ। मुझ टूटी और लुटी-पिटी को क्या अपनाओगे।”
सचिन बोला, “ये सब बाद में सोचेंगे। क्या आज हम दो जिस्म एक हो सकते हैं?”

सोनिया तो दिल हार ही बैठी थी, उसने अपने होंठ भिड़ा दिए सचिन के होंठों से।
सचिन ने सोनिया की नाइटी को पीछे से उठाया और उतार दिया।

सोनिया ने नीचे कुछ नहीं पहना था।

अब सचिन ने जल्दबाजी करके अपने कपड़े भी उतार दिए और सोनिया को लेकर बेड पर आ गया।

सचिन ने फुसफुसाते हुए सोनिया से कहा, “आज ये मेरा पहला मौका है। मुझे कुछ नहीं आता। जितना देखा है, वो ब्लू फिल्मों में ही देखा है।”

सोनिया हँस पड़ी और बोली, “मैं सब सिखा दूँगी। पर क्या-क्या देखा है ब्लू फिल्म में, पहले वो करो।”
सचिन ने झिझकते हुए सोनिया के मांसल मम्मों को मसलते हुए चूमना शुरू किया।

सोनिया उसके सख्त लंड को सहला रही थी।
ओमी के मुकाबले सचिन का लंड दुगना था।
सोनिया को लग गया कि आज उसकी चूत की खैर नहीं।

दोनों के होंठ और जीभ आपस में भिड़ी थीं।
सोनिया ने अपने मम्मे सचिन के मुँह में ठूँसते हुए उससे कहा, “इन्हें चूसो।”
सचिन ने मम्मों को मुँह में दबाते हुए हाथ नीचे किया और सोनिया की फाँकों को सहलाते-मसलते उसकी चूत में उंगली कर दी।

सोनिया कसमसा गई।
अब वो नीचे हुई और सचिन का लंड मुँह में ले लिया।
पूरा तना हुआ लंड उसके मुँह में जा भी नहीं पा रहा था।

उसने टोपे की खाल को पीछे किया और सुपाड़े पर ढेर सारा थूक लगाकर उसे हाथों से मसलते हुए चूसना शुरू किया।

सचिन तो पागल हो गया।
उसे लगा कि इसे तो वो सोनिया के मुँह में ही छूट जाएगा।
पोर्न फिल्मों में तो उसने न जाने क्या-क्या देखा था, पर इस समय उसे बस चुदाई सूझ रही थी।

उसने सोनिया को अलग किया और उससे बोला, “मुझे अंदर आना है।”
सोनिया बच्चों-सी मचली, “इतनी जल्दी नहीं। मुझे अभी और मज़े लेने हैं। इतने दिनों बाद तो ये सुख मिला है।”

सचिन भी मचला, “एक बार कर लेने दो, फिर बाद में तुम अपने मन की कर लेना।”
सोनिया ने उसकी बात मान ली और टाँगें चौड़ा कर लेट गई।

हल्की रोशनी में मुस्कुराती हुई सोनिया बिल्कुल कामदेवी लग रही थी।
सोनिया ने सचिन से कहा, “तुम्हारा बहुत मोटा है। थोड़ी क्रीम या वैसलीन लगा लो, वरना मुझे चोट लग जाएगी।”

सचिन सोनिया को दिल से चाहने लगा था, तो उसे चोट लगाने की तो वो सोच भी नहीं सकता था।
वो उठा और मेज़ पर रखी वैसलीन की डिब्बी सोनिया को दे दी।

सोनिया ने मुस्कुराते हुए पहले तो उसका लंड चूमा, फिर ढेर सारी वैसलीन उसके लंड पर और अपनी फाँकों के बीच मल ली और सचिन से बोली, “आ जाओ।”

सचिन ने सोनिया की टाँगें चौड़ाईं और अपना मूसल एक झटके में ही अंदर पेल दिया।
सोनिया की चीख निकल गई, बोली, “जंगली हो बिल्कुल। पहली बार कर रहे हो, तो क्या। धीरे-धीरे घुसाओ।”

सचिन सकपका गया।
सोनिया ने उसके बाल पकड़कर उसका सर नीचे किया और होंठों पर चूमकर बोली, “अब शुरू हो जाओ … दौड़ा दो अपनी चुदाई एक्सप्रेस, लगाओ धक्के!”

सचिन अब शुरू हो गया, उसने पेलम-पेल शुरू कर दी।

सोनिया की तो जान ही निकल रही थी, इतना मोटा लंड उसकी चूत को फाड़ दे रहा था।
वो तो भला हो जो वैसलीन लगा ली, वरना तो खून-खच्चर हो जाता।

सचिन पूरी ताकत से पेल रहा था। उसे नहीं मालूम था कि आगे क्या करना है।

सोनिया खेली-खाई थी पर फिर भी उसकी जिंदगी में ऐसी घमासान चुदाई आज पहली बार हो रही थी।

सचिन ने उसके मम्मों पर हाथ रख लिए और चुदाई करते हुए उन्हें भी मसलने लगा।
सोनिया ने उसे नीचे पलटा और चढ़ गई फिर उसके ऊपर … लंड पकड़कर पहले तो उसे मसला, फिर अपनी चूत में कर लिया और फिर लगी उछलने!

तभी सोनिया का स्खलन होने को आ गया था, उसके मुँह से झाग-से निकलने लगे।
वो हाँफ रही थी।
नीचे से सचिन भी धक्के लगा रहा था।

सचिन ने हाँफते हुए उससे घबराते हुए पूछा, “मेरा निकलने वाला है, क्या करूँ?”

सोनिया झटके से उतर गई और लंड को मसलने लगी।
सचिन के लंड से वीर्य की मोटी धार निकली जो सोनिया के मम्मों और मुँह पर छींटें जा पड़ीं।

सोनिया ने उसका लंड चाट लिया।
और फिर वो सचिन की बलिष्ठ बाहों में समा गई और लंड को सहलाने लगी।

फुल सेक्स के बाद तूफान शांत हो गया था।

सचिन ने सोनिया के बालों में उंगली फिराते हुए कहा, “मेरे को पहली बार फुल नाइस सेक्स करने देने के लिए तुम्हारा एहसानमंद रहूँगा।”

सोनिया ने उसके होंठों पर अपने होंठ रखते हुए कहा, “दोस्ती में कैसा थैंक्स। तुमने तो मेरी जिंदगी में खोई खुशियाँ लौटा दीं। ओमी ने तो मुझे जीते-जी मार ही दिया था।”

“अब तुम्हारे साथ कुछ समय के लिए खुश तो हूँ।” कहकर सोनिया कसके लिपट गई सचिन से!

देर रात को सोनिया दबे पाँव नीचे आ गई।

सुबह 5 बजे ओमी को चाय देनी थी।

ओमी के जाने के बाद वो सीधी ऊपर आ गई।

हेमा और रामू को आने में अभी एक-डेढ़ घंटा था।

सचिन कमरे में बिना कपड़ों के ही सो रहा था, उसकी चादर एक ओर हो गई थी।

सोनिया मुस्कुराई।
उसने टटोला, तो देखा लंड तना हुआ है।

सोनिया ने बाहर जाने वाले जीने की किवाड़ चेक की, वो लॉक थी।
अब सोनिया ने अपनी नाइटी उतार दी और बिना कपड़ों के धीरे-धीरे बेड पर चढ़ी और आहिस्ता से लंड पकड़कर उसे चूमने लगी।

सचिन की आँखें खुल गईं।
उसने मुस्कुराते हुए सोनिया को अपने से चिपटा लिया।

सोनिया टाँगें फैलाकर उसके ऊपर ही लेट गई।
नीचे से सचिन का लंड उसकी चूत पर टक्कर मार रहा था।

थोड़ी देर चूमा-चाटी के बाद सचिन ने सोनिया को हटाया कि उसे फ्रेश होने जाना है।

सोनिया चुदाई चाह रही थी।
पर मजबूरी थी।
वो ऊपर से हट गई।

सचिन अपने कपड़े संभालता हुआ फ्रेश होने गया।
उसने जाते-जाते सोनिया को बता दिया कि उसका अब वर्जिश का टाइम हो गया है तो वो फ्रेश होकर वर्जिश करेगा।

सोनिया मुस्कुरा दी और उसने नाइटी डाल ली।

सचिन ने मुस्कुराते हुए उससे कहा, “तुमने नीचे इतना झाड़-झंखाड़ क्यों कर रखा है?”
सोनिया मुस्कुराई और बोली, “अब माली मिल गया है, वो इसे संवार देगा।”
फिर वो हँसती हुई बोली, “शाम को साफ मिलेगी।”

सचिन भी खाना खाकर 10 बजे तक चला गया।
हाँ, उसके लिए पराँठे सोनिया ने ऊपर आकर अपने हाथ से सेंके।
ऐसा सचिन ने चाहा था।

11 बजे करीब ओमी भी आ गया।
वो सोनिया के लिए जलेबी लाया था।

सोनिया जलेबी देखकर मुस्कुराई और उसने पूछा, “जलेबी के साथ दारू लोगे या खाना खाओगे?”
ओमी खींसें निपोरते हुए बड़ी बेशर्मी से बोला, “दारू तो सुबह ही हो गई आज तो।”

खाना खाकर वो भी चला गया।
सोनिया उससे दूर ही रही।
खाना भी उसे हेमा ने ही दिया।

उसके जाने के बाद सोनिया अच्छे से तैयार हुई और स्कूटी लेकर बाज़ार निकल ली।

उसने रामू को पहले ही बाज़ार भेज दिया था, ताकि वो उसके खरीदे सामान को घर ला सके।

सोनिया ने आज रसोई के लिए ढेर सारी खरीददारी की और सामान रामू से घर भेज दिया।

इसके बाद उसने अपने लिए नेल पॉलिश, हेयर रिमूवर क्रीम और भी बहुत कुछ लिया।
वो बहुत खुश थी और अपने को संवारना चाहती थी।

इसके बाद वो ब्यूटी पार्लर गई और दो-तीन घंटे उसने अपने जिस्म को दिए।
शायद दो साल के बाद आज उसने पहली बार अपने जिस्म के साथ मेहनत की थी।
सुंदर तो वो थी ही, अब उसका एक-एक रोआँ दमक रहा था।

फुल बॉडी वैक्सिंग से उसका पूरा बदन चिकना हो गया था।
कितने अरसे से उसने अपनी नेल्स भी नहीं सँवारे थे।
आज पार्लर की लड़की ने सब कुछ सँवार दिया।

बाल भी उसने ट्रिम करवाए।

सब कुछ करवाकर जब उसने अपने को आईने में देखा तो चार साल पुरानी सोनिया सामने खड़ी थी।

घर पर ओमी के आने से पहले सोनिया ने वही पुराने-से कपड़े डाल लिए और सर पर चुन्नी।
ओमी ने उसके बदली काया पर कोई ध्यान नहीं दिया।

वो तो बस अपनी नई व्हिस्की की बोतल उससे छिपाता हुआ रूम में चला गया।
वहाँ से उसने रामू को आवाज़ दी।
रामू से ओमी ने कहा कि आज से उसका ध्यान रामू रखेगा।

रामू ने भी मौके का फायदा उठाते हुए कहा, “साहब, गाली तो हम नहीं खा पाएँगे।”
ओमी पक्का कमीना था।
उसने खींसें निपोरते हुए कहा, “चलो, आज से गाली खाने के तुझे 500 रुपये महीने के ज्यादा मिला करेंगे।”

“अब बता कि गाली खाकर 500 रुपये ज्यादा लेगा या बिना गाली खाए 500 रुपये कम।” रामू पक्का हरामी था, बोला, “साब, रुपये तो 500 ज्यादा वाले ही लेंगे, पर गाली ज़रा मुलायम वाली दे दीजिएगा।”

ओमी बोला, “भाग साले, जा बर्फ ले आ।”
रामू हँसता हुआ उसकी मेज़ सजाने चला।

उसकी तरक्की हो गई थी, तो गाली भी उसे अच्छी लगी।
हाँ, ये उसे मालूम था कि हाथ उठाने की गलती अब ओमी नहीं करेगा।

ओमी ने दारू पी और फिर जितना खाया गया, खाया और नशे में बड़बड़ाता सो गया।

सोनिया ने ये अब रामू को बोल दिया था कि हेमा तो नहीं जाएगी ओमी के कमरे में, पर हाँ, रामू उसके खाना खा लेने के बाद बर्तन उठाकर रख दे और कमरे की किवाड़ भेड़ दे।
सोनिया अब अलग कमरे में सोने लगी थी।

हेमा और रामू अपने क्वार्टर में जा चुके थे।

सोनिया ने हेमा को कह दिया कि इंस्पेक्टर साहब का खाना बनाकर वो हॉट केस में करके रख दिया करे।
सचिन को शाम को आते-आते 8 से देर हो ही जाती थी।
आज भी वो साढ़े आठ के बाद आया।

सोनिया ने ओमी के सोने के बाद नहाकर कपड़े बदल लिए थे।

आज तो उसका रूप ही बदला हुआ था।
बहुत दिनों बाद आज उसने एक गुलाबी रंग की पोल्का डॉट्स वाली फ्रॉक और ऊपर से हाउस गाउन पहन लिया था।

सचिन सीधे ऊपर चला गया और नहाने घुस गया।

फटाफट नहाकर उसने कपड़े पहने ही थे कि तभी अंदर वाले जीने से सोनिया आई।

उसने आते ही बाहर वाले जीने का गेट लॉक किया।
अब बाहर से कोई नहीं आ सकता था और नीचे ओमी तो नशे में बेसुध था।

सोनिया को देखते ही सचिन का मुँह खुला का खुला रह गया।
सोनिया ने रही-सही कसर अपना गाउन उतारकर पूरी कर दी।

अब वो कमसिन लड़की-सी लग रही थी।

सोनिया ने बॉडी स्प्रे लगाया हुआ था और होंठों पर गुलाबी रंग की लिपस्टिक।

सचिन ने तो सोनिया को चिपटा लिया अपने से और बोला, “यार, तू तो एक दिन में ही बदल गई।”
सोनिया उसकी बाहों में झूलते हुए बोली, “सोचो, एक दिन के प्यार में मैं इतना बदल गई, तो जब तुम रोज़ प्यार करो, तो कितना बदल जाऊँगी।”
सचिन ने उसे होंठों पर चूम लिया।

सोनिया बोली, “अब छोड़ो मुझे। खाना खा लो, मुझे भी भूख लगी है।”
सचिन हैरत में था।

सोनिया ने उसे चिकोटी काटी और हँसते हुए खाना लगा दिया।
सोनिया अपना टिफिन नीचे से लगा लाई थी।

सचिन ने पूछा, “ऐसा क्यों?”
सोनिया बोली, “घर में हेमा और रामू भी हैं। मुझे सब कुछ सोचना पड़ता है।”

दोनों ने साथ-साथ खाना खाया।
खाने के बाद सचिन सोनिया के हाथ में हाथ डाले बाहर छत पर टहलने लगा।

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