बायसेक्सुअल गांडू ने गांड मरवाई

(Gandi Gand Chudai Kahani)

रोहण फन 2025-06-23 Comments

गन्दी गांड चुदाई कहानी में एक बार मेरा मन हुआ कि मैं भी अपनी गांड मरवा के देखूँ. मुझे अन्तर्वासना साईट पर ऐसा बन्दा मिल गया. उसने मुझे सादी पहनने और पूरी लड़की बनने को कहा.

दोस्तो नमस्कार!
मेरा नाम रोहन है।
मेरी उम्र 22 साल है और मैं यूपी से हूँ।

मैं पिछले कई सालों से अंतर्वासना का पाठक हूँ।
इसलिए मैं भी आपको अपना एक किस्सा इस गन्दी गांड चुदाई कहानी में सुनाना चाहता हूँ।

असल में, मैं बाइसेक्सुअल हूँ। कभी-कभी मेरा मन लड़कियों की तरह चुदने का बहुत करता है।

साल 2022 में मैं किसी ऐसे बंदे की तलाश में था जो मेरी इस हवस को मिटा सके, मुझे बेड पर पटककर खूब चोद सके।

फिर एक दिन अंतर्वासना पर मुझे ऐसा बंदा मिल ही गया, जो एक कमसिन लड़के को खूब चोदना चाहता था।
हमारी जरूरतें यानी गन्दी गांड चुदाई की एक-दूसरे से मिल गई थीं।

फिर हमारी बातें होने लगीं और एक दिन हमने मिलने का प्लान बनाया।

लेकिन उसकी एक शर्त थी।
वह बोला, “मैं तुम्हें औरत के कपड़ों में चोदना चाहता हूँ! मेरी इच्छा है कि तुम औरत की तरह सजो, और फिर मैं तुम्हारे साथ सुहागरात मनाऊँ!”

उसने बताया कि उसकी अभी शादी नहीं हुई है।
उसकी उम्र 25 साल थी और उसने अभी तक सेक्स नहीं किया था।

वह बोला, “मैं एक बार लंड चुसाई का मजा लेना चाहता हूँ और किसी को चोदने का मजा भी! चाहे वह लड़का ही क्यों न हो!”

मुझे समझ आ गया था कि वह मुझसे अपनी सारी हवस मिटाना चाहता है।
उसका इरादा मुझे लंड चुसवाने और खूब चोदने का था।

लेकिन मैं भी जी भरकर किसी का लंड चूसना चाहता था, जब तक उसका पानी न निकल आए और मैं उसके गर्म लावे को अपने मुँह में महसूस न करूँ।

लेकिन मेरे सामने अब दिक्कत यह थी कि मैं औरत के कपड़े कहाँ से लाऊँ।

फिर मुझे याद आया कि हमारे घर में एक स्टोर रूम है, जहाँ मेरी माँ अपने सारे पुराने कपड़े रखती हैं।

मैंने वहाँ से उनकी एक ब्रा, पैंटी, और एक सलवार-सूट उठा लिया।
मैंने उन्हें एक बैग में डाला और उससे मिलने के लिए तैयार था।

मैंने उससे कहा, “मैंने कपड़ों का इंतजाम कर लिया है! बस मुझे दो-चार चीजें और चाहिए, जैसे लिपस्टिक, पैरों के लिए पायल, और हाथों के लिए चूड़ियाँ, ताकि जब तुम मुझे चोदो तो छन-छन की आवाज आए और बिल्कुल ऐसा लगे कि तुम किसी औरत को चोद रहे हो!”

अब हमारी सारी तैयारियाँ हो चुकी थीं।
बस हमें उस दिन का इंतजार था, जिस दिन हम मिलने वाले थे।

मैंने उससे कहा, “अब तुम आ जाओ!”
उसने जवाब दिया, “भाई, मैं अभी जॉब नहीं करता। आने-जाने में मेरा बहुत खर्चा होगा!”
मैंने कहा, “चिंता मत करो! तुम्हारा खर्चा मैं दे दूँगा!”

फिर वह आने के लिए तैयार हो गया।
हमने एक होटल में रूम बुक कर लिया।

जब मैंने उसे पहली बार देखा, तो मैं थोड़ा हैरान रह गया, क्योंकि वह एकदम काला इंसान था।

लेकिन मुझे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता था।
मुझे तो बस किसी मर्द की गर्मी महसूस करनी थी।

हम दोनों रूम में चले गए।

रूम में जाकर उसने कहा, “तुम तैयार हो जाओ, जैसा मैंने तुमसे कहा था!”

मैंने अपनी माँ की ब्रा और पैंटी पहनी, फिर ऊपर से सलवार-सूट डाल लिया।
मैंने हाथों में चूड़ियाँ, होठों पर हल्की लिपस्टिक, और पैरों में पायल पहन ली।

जब मैं यह सब पहनकर उसके सामने गया तो वह मुझे देखकर मुस्कुराने लगा।

मैं एक लड़की की तरह बला का खूबसूरत लग रहा था।

वह मेरे पास आया और मेरे माथे और बदन को छूने लगा।
उसने अभी अपने कपड़े पहने हुए थे।

फिर, किस करते-करते उसने मुझे अपना लंड चूसने का इशारा किया।
मैं घुटनों के बल नीचे बैठ गया।

मैंने उसकी शर्ट को थोड़ा ऊपर किया और उसकी जींस खोलकर उसके निकर को नीचे सरका दिया।
उसका एकदम काला लंड मेरे मुँह के सामने था।

उसने मेरे बाल पकड़कर अपना लंड मेरे मुँह में डाल दिया।
मेरी वर्षों की तमन्ना पूरी होने वाली थी।

मैंने भी उसके लंड को गले तक मुँह में भरकर चूसना शुरू कर दिया।
उसका लंड मेरे मुँह में ही फूलने लगा।

वह मेरे मुँह को दबाकर चोदने लगा।

मेरे मुँह से थूक बाहर निकल रहा था और वह पूरा अंदर तक अपना लंड मुझे चुसवाए जा रहा था।

उसे लंड चुसवाने में इतना मजा आ रहा था कि वह मजे में बोला, “साली, आज तुझे अपनी रंडी बनाऊँगा! पूरी रात तुझे चोदूँगा!”

फिर उसने मेरे बालों को टाइट पकड़कर पूछा, “बता, मेरी क्या बनेगी?”
मैंने भी मजे में कह दिया, “आपकी रंडी!”

मैंने आँखें बंद करके उसके लंड को फिर से चूसना शुरू कर दिया।

उसे मजा आने वाला था।
उसने कहा, “मजा आने वाला है!”

वह जोर-जोर से अपने लंड को मेरे मुँह में अंदर-बाहर करने लगा और उसने सारा वीर्य मेरे मुँह में ही निकाल दिया।
मैं उसके वीर्य को पीने लगा और उसका लंड चाट-चाटकर एकदम साफ कर दिया।

अब मेरी बारी थी उसके लंड को फिर से खड़ा करने की।

मैंने उसके सारे कपड़े उतार दिए और फिर से उसके लंड को मुँह में लेकर चूसने लगा।

उसने मेरे कपड़े एक-एक करके उतारने शुरू किए।
पहले उसने मेरी माँ का सलवार-सूट उतारा, फिर सलवार।

अब मैं सिर्फ ब्रा और पैंटी में उसके सामने था।
उसने कहा, “मस्त लग रहा है! आज तेरी बेड पर चीखें निकलवाऊँगा!”

फिर उसने मेरे बदन से ब्रा और पैंटी भी उतार दी।
वह फिर से बड़े मजे से अपना लंड मुझसे चुसवाने लगा।

लंड चुसवाते-चुसवाते उसने मेरे बाल टाइट पकड़ रखे थे और मुझे नीचे की तरफ जोर लगाया।
मुझे लगा वह मुझसे अपने अंडे चुसवाना चाहता है।

मैंने उसके अंडों को मुँह में लेकर चूसना शुरू किया।
लेकिन उसने फिर नीचे की ओर जोर लगाया।
तब मुझे समझ आया कि वह मुझसे अपनी गांड चुसवाना चाहता है।

मैं और नीचे झुका और उसकी गांड पर अपनी जीभ फिराने लगा।
उसके मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थीं।

यह एक अजीब-सा आनंद था।
मैं अपने हाथ से उसके लंड को हिला रहा था और उसकी गांड पर जीभ फिरा रहा था।

बहुत देर तक ऐसा ही मजा लेने के बाद, उसने मुझे पेट के बल उल्टा लेटा दिया।

उसने मेरी गांड पर थूक लगाया और अपने लंड को मेरी गांड में डालने की कोशिश करने लगा।

उसका आधा लंड ही मेरी गांड में गया था कि मुझे बहुत दर्द हुआ।
मेरी चीख निकल गई।

लेकिन वह आधे लंड से ही मुझे चोदता रहा।

कुछ देर बाद जब मेरी गांड खुल गई, उसने एक झटका लगाया और पूरा लंड मेरी गांड में डाल दिया।
अब वह गांड चुदाई का पूरा मजा ले रहा था; अपनी सारी हवस मिटा रहा था।

वह मेरी कमर पर किस कर रहा था और खूब तेज धक्के मार रहा था।
मुझे दर्द भी हो रहा था और मजा भी आ रहा था।

बहुत देर तक ऐसे ही चोदने के बाद उसने मेरी कमर पकड़ी और मुझे घोड़ी बनने का इशारा किया।
मैं उसके लिए घोड़ी बन गया।

उसने मेरे हिप्स पर स्लैप मारे और गालियाँ देने लगा, “साली, आज तेरी गांड फाड़ दूँगा! आज तुझे अपनी रंडी बनाकर छोड़ूँगा!”

इस पोजीशन में उसका लंड मेरी गांड में पूरा अंदर तक जा रहा था, जिससे मुझे बहुत दर्द हो रहा था।
गन्दी गांड चुदाई में मैं तड़पने और छटपटाने लगा।

मुझे ऐसा तड़पता और छटपटाता देखकर उसे बहुत जल्दी मजा आने लगा।
उसने सारा वीर्य मेरी गांड में ही निकाल दिया।
मेरी गांड उसके वीर्य से भर गई।

वह निढाल होकर बेड पर साइड में लेट गया।
मैं भी उसी बेड पर बैठ गया।

मेरा बदन काँप रहा था।
मुझे बहुत दर्द हो रहा था लेकिन अंदर से बहुत अच्छा भी लग रहा था।

हम बहुत देर तक ऐसे ही लेटे रहे और आपस में बातें करते रहे।

बहुत देर बाद मैंने उसके लंड को फिर से मुँह में भर लिया और चूसने लगा।

उसने कहा, “अबकी बार मुझे मुँह से ही मजा दिलवाओ!”

मैं जी भरकर उसके लंड, अंडकोष, और गांड को चूसने लगा।
मैंने उसके नीचे के बदन को चूस-चूसकर एकदम गीला कर दिया था।

बहुत देर तक वह मुझसे ऐसे ही अपना लंड चुसवाता रहा।

फिर उसे मजा आने को हुआ, उसने फिर से सारा वीर्य मेरे मुँह में निकाल दिया।
मुझे उसका वीर्य पीकर बहुत अच्छा लगा।

फिर उसने कहा, “मुझे अब जाना होगा! मुझे बहुत दूर जाना है!”

मैं बहुत खुश था।
मैंने उसे उसके आने-जाने का खर्चा दे दिया और अपनी खुशी से उसे एक हजार रुपये और दे दिए।

कुछ ख्वाहिशें मेरी भी पूरी हुईं और कुछ उसकी भी।
फिर हम अपने-अपने रास्ते चले गए।

आपको मेरी गन्दी गांड चुदाई कहानी कैसी लगी?
कृपया ईमेल करके जरूर बताएँ।
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