मेरा तो दिल कर रहा था कि

Antarvasna 2013-09-17 Comments

अपने उरोज शरद के हाथों में थमा दूँ !

यार यह पैडेड ब्रा कौन से मैटिरियल से बनी है, अभी ली थी इतने जल्दी छोटी भी हो गई।

पिछले कुछ समय से टाइट पड़ रही थी तो मैं आखिरी हुक में लगा लेती थी, पर अब तो उसमें भी नहीं लग रही।

साला इतने पैसे बर्बाद हो गए यार, इससे अच्छी तो मेरी नार्मल वाली ब्रा थी जिसे मैं दसवीं से पहन रही थी।

अब फिर वही निकाल कर पहननी पड़ेगी यार !

कसम से, लगा था कि अब उनसे छुटकारा मिल गया पर फिर उन्हीं की शरण में जाना पड़ेगा।

ऐसे बड़बड़ाते हुए मैंने दीवान से वो झोला निकाला जिसमें वो पुरानी ब्रा पड़ी हुई थीं।

और उसे पहनते ही मेरी तो ख़ुशी का ठिकाना ही नहीं रहा।

मुझे वो भी फिट नहीं आई…

मेरा तो दिल कर रहा था कि अभी ले जाकर अपनी चूचियाँ शरद के हाथों में थमा दूँ और कहूँ कि मैं इन्हें तुम्हारे ही हाथों में फलता-फूलता देखना चाहती हूँ, क्यूंकि इन पर बस तुम्हारा हक़ है।

पर यार ! एक नया खर्चा सर पर आ गया। अब दो-तीन नई ब्रा लेनी पड़ेंगी।

मम्मी से क्या कहकर पैसे मांगूँगी कि मेरा साइज़ बढ़ गया है?

मेरे ख्याल से इतना तो वो खुद ही समझ जाएँगी…

ही… ही… थैंक्यू भगवान ! ऐसे खर्चे तो आप जितने कराओ, उतना चलेगा।

मैं आईने के सामने खड़ी होकर खुद में आए इस बदलाव को निहार रही थी तभी मुझे शीशे में कुछ दिखा…

ऐसा लगा जैसे रोशनदान से कोई झाँक रहा है।

मैंने पलटकर देखा तो वहाँ कोई नहीं था ! पर उस तरफ तो राहुल का कमरा है…?

शायद यह मेरा वहम था। तभी याद आया कि राहुल को भी समझाना है वरना वो फिर से देवदास बनकर दारू पिएगा, वो भी उस कमीनी नीना के लिए !

मैंने राहुल से कहा कि तुझसे ज्यादा वक़्त से नीना को मैं जानती हूँ, वो ऐसी ही है, तू उसके लिए अपना खून मत जला !

इतना सुनते ही उसके होश उड़ गए, वो बोला- प्रियंका, तुझे कैसे पता कि मैं प्रीती के बारे में सोच रहा था?

मैंने कहा ‘बहन हूँ मैं तेरी, मुझे नहीं पता होगा तो किसे पता होगा। उस नीना की मैं रग-रग जानती हूँ और मुझे तुम दोनों के बारे में भी सब पता है।’

हालांकि मैंने उसे वीडियो के बारे में कुछ नहीं बताया। बताती भी क्या कि मैंने तुम दोनों को सेक्स करके देखा है।

इतने में वो फिर बोला, ‘नहीं दीदी, वो ऐसी नहीं है, वी भी मुझसे बहुत प्यार करती है, शायद उसके बड़े भाई के कहने से उसने मुझसे ब्रेक-अप कर लिया।’

मैंने उससे कहा ‘जब तू पालने में था ना तबसे मैं जानती हूँ उस नीना को। तू मुझे उसके बारे में मत सिखा, भूल जा उसे, तुझसे उससे बेहतर लड़कियाँ मिल जाएँगी।

यह सुनकर वो थोड़ा शांत हुआ। मेरे ख्याल से एक-दो दिन में सही हो जायेगा।

फिलहाल तो नींद के मारे बुरा हाल हो रहा है।

आज के लिए गुडनाइट मेरी प्यारी सखी मेरी डायरी !

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