मेरे दिल की तमन्ना

आप सभी दोस्तों को मेरा नमस्कार मैं अमित नेहरा गाज़ियाबाद से फिर से आप सभी के लिए आज कुछ अपने दिल की ऐसी बात बताने जा रहा हूँ, जो आज तक किसी को नहीं बताई है। यह कहानी कोई वास्तविकता नहीं है, बस मेरे मन और दिल की तमन्ना है। आशा करता हूँ आपको पसंद आएगी। मेरी पहली कहानी सभी को पसंद आई ‘चुदाई का मौका और किस्मत’ मुझे जिनके मेल आए हैं उनका धन्यवाद। सेक्स सभी की जिन्दगी का एक अभिन्न हिस्सा है, जो बहुत सुख देता है।

इसमें सभी का मन अपने हिसाब से करने का होता है। किसी का मन कुछ अलग होने का या करने का मन होता है। मेरा भी कुछ यही हाल है।

मेरे जीवन में एक ऐसी लड़की या औरत आए जिसके नैन-नक्श तीखे हों, जिसे कोई इंसान देख कर ही मर जाए। बिना मरे ही उसका दिल घायल हो जाए, उसके होंठ तो जैसे आम से टपकता रस से भरे हों। सुर्ख गुलाबी रंग के अपने होंठों से जब वो मुझे चूमे, तो बस मैं उसके होंठों को चूसता रहूँ। जब तक उसका सारा रस खत्म ना हो जाए। अपनी जीभ उसके मुँह में डाल कर उसकी जीभ से अपनी जीभ की कुश्ती करता रहूँ।

उसके बाद उसकी सुराही जैसी गर्दन पर चुम्बन करूँ और फिर एक बार उसके कम्पकम्पाते हुए रसीले होंठों को अपने मुँह में भर लूँ। फिर धीरे से उसका पल्लू उसके सीने से हटाता हुआ नीचे जमीन पर गिरा दूँ, उसके बाद उसका ब्लाउज ऊपर उठाते हुए उसके सीने से अलग कर दूँ और उसे थोड़ा दूर हटा कर उसकी ब्रा में कैद उसकी दूध सी गोरी चूचियों को देखूँ और धीरे से उसके पास जाकर उसकी ब्रा में से झलकती हुईं चूचियों पर एक ज़ोरदार चुम्मी करूँ जिससे उसकी चूची पर मेरा चुम्बन का चिह्न बन जाए।

फिर उसके कान के पास जाकर उसे बोलूँ ‘खोल दो इन दोनों रसीले आमों को और पीने दो मुझे !’

जैसे ही उसके दोनों दूध मेरे सामने उछल कर आयें, मैं उन्हें तुरंत अपने मुँह में भर लूँ। उसे बिस्तर पर लिटा कर उसके ऊपर आकर चूसता रहूँ।

वो मेरे बालों में अपनी उँगलियाँ फिराती हुई मुझे ‘आई लव यू !’ बोले और मेरा सिर ऊपर उठा कर अपने लबों पर रख कर चूसना शुरू कर दे।

मैं उसके पेट पर चुम्बन करता हुआ नीचे उसका नाड़ा अपने होंठों से खोलता हुआ चलता रहूँ। उसकी सलवार को उसके पैरों से निकाल कर अलग फेंक दूँ। उसकी चमकती गोल जाँघों को देख कर उन पर अपने थरथराते होंठों से चूमना शुरू कर दूँ। उसकी पैन्टी के ऊपर से उसकी चूत को चाटना शुरू कर दूँ।

जब उसकी पैन्टी पूरी तरह से गीली हो चुकी हो और अपनी साँसें ऊपर-नीचे करती हुई बोले ‘जानू उतार दो मेरी पैन्टी, चाट लो मेरी चूत को।’

मैं अपनी एक उंगली से उसकी पेंटी की इलास्टिक में डाल कर एक झटके में अलग कर दूँ।

उसकी चूत किसी फूली हुई रोटी की तरह फूल चुकी हो और उसमें से उसका रस निकल कर बाहर रिसता हुआ आता रहे। उसकी चूत पर एक भी बाल ना हो ! चूत के होंठ लाल सुर्ख हों और वो मुझे अपने पास बुला रहे हों और मुझ से बोल रहे हों ‘खा लो हमें…’

उसकी चूत गुलाबी हो, चूत का दाना एकदम सुर्ख गुलाबी हो।

जैसे ही मैं उसकी चूत पर झुकूं, वो मुझे रोकते हुए सवालिया निगाहों से मेरी तरफ़ देखती हो, मेरी तरफ़ बढ़े और मेरे अधरों का चुम्बन करके मुझसे बोले- मेरा तो सब कुछ देख लिया अपना भी तो दिखाओ कुछ।

वो एक-एक करके मेरे सारे कपड़े निकाल दे और आखिर में मेरी चड्डी के ऊपर से मेरे लंड को पकड़ कर चूमते हुए उसे नीचे कर निकाल दे और मेरे खड़े लंड को बड़े प्यार से देखते हुए उसे अपना गुलाबी होंठों में भर कर चूसना शुरू कर दे।

कुछ देर चूसने के बाद मैं उसको खड़ा करके बिस्तर पर अपनी गोद में ले कर जाऊँ और बिस्तर पर लिटा कर उसकी दोनों टाँगों को अलग करते हुआ मैं बिस्तर से नीचे आकर, उसकी दोनों टाँगों के बीच में आ कर अपनी जीभ उसकी पनियाली चूत पर रख कर चाटना शुरू कर दूँ और वो एक हाथ से अपनी चूची दबाती आँखें बंद किए अपनी चूत चटवाती रहे और लंबी-लंबी सिसकारी उसके मुँह से निकलती हुई मेरे कानों में आती रहे।

जब वो मेरा मुँह में झड़ना शुरू करे, अपनी कमर को ऊपर तक उठा-उठा कर नीचे डाले और मैं उसकी बड़े प्यार से चूत चाटता रहूँ। जब वो शांत हो जाए, बिस्तर से उतर कर वो अपनी जाँघ पर मुझे लिटा कर वो मेरी टाँगों के बीच में आ जाए।

उसके बाद वो मेरा खड़े लंड को अपने प्यारे हाथों में ले कर लंड की चमड़ी को खोल कर लंड के टोपे को अपनी जीभ से चाटना शुरू करे। कुछ देर चाटने के बाद अपने होंठ का छल्ला बना कर लंड को अपना मुँह में ले कर चूसना शुरू कर दे। पूरा लंड मुँह में ले जाए जड़ तक और मैं उसकी तरफ़ देखूँ, तो उसके मुख पर वो ख़ुशी हो जिसकी उसे बरसों से तलाश थी और वो ख़ुशी उसे आज मिल रही हो और मैं उसे अपने ऊपर खींचता हुआ, अपने चेहरे के पास लाकर उसके होंठ चूसता हुआ 69 की अवस्था में हम दोनों आ जाएँ।

मेरा लंड उसके मुँह में हो और उसकी चूत मेरे मुँह में हो और उसकी चूत फिर से गीली हो जाए, उसका रिसता हुआ पानी मेरे मुँह में आ जाए और हम दोनों 15 मिनट तक एक-दूसरे को चूसने में निकाल दें और वो मेरे ऊपर से उतरती हुई, मेरे लंड की तरफ अपनी चूत करती हुई, मेरे दोनों तरफ़ अपना पर घुटने मोड़ती हुई, लंड को अपने हाथों में पकड़ कर चूत को निशाना बनाती हुई लंड पर धीरे से नीचे बैठती हुई लंड का टोपा चूत में ले ले और मेरे होंठों को चूमती हुई, मेरे होंठों पर अपने होंठ रख कर चूसती हुई, लंड को आगे अंदर जाने का निमंत्रण देती हुई नीचे हो जाए और लंड चूत में उतरता चला जाए और जब लंड चूत में पूरा फंस जाए, तब वो लंड पर ऊपर-नीचे होना शुरू करे।

सिसकारियों से माहौल पूरे कमरे में गर्म और मादक हो जाए, जिसे बस हम दोनों के अलावा और कोई ना महसूस कर सके।

फिर वो मेरा ऊपर से हट कर मुझे अपने ऊपर आने का इशारा दे, अपनी दोनों टाँगें खोल कर चूत को देखती हुई, अपनी आखों से बोले और मैं उसका इशारा समझता हुआ उसके ऊपर उसकी चिकनी-चमकती जाँघों पर अपना हाथ फिराता हुआ, उसकी एक चूची दबाता हुआ, उसके होंठों पर होंठ रख कर लंड को चूत पर टिका कर, एक ज़ोरदार धक्के के साथ लंड चूत में पेल दूँ और उसके मुख से ‘आ… आ… आह…’ की आवाज़ आए और फिर शुरू हो हम दोनों की जबरदस्त चुदाई, जिस में हम एक दूसरे में समा जाएँ और वो भी मेरे हर धक्के का जवाब नीचे से धक्के से ही दे।

इन धक्कों की दौड़ में जब वो झड़े और मैं भी उसके साथ ही उसकी चूत में अपना सारा पानी छोड़ दूँ। उसकी चूत मेरे लंड को निचोड़ना शुरू करे, जैसे कोई लंड को चूसता हो।

उसके बाद हम दोनों एक-दूसरे की बाँहों में बाँहें डाल, एक दूसरे से बात करते हुए, चूमते हुए लंड चूत में फंसाए हुए, एक दूजे में खोए रहें और जब अलग हों, एक साथ नहाना हो और एक-दूसरे को अच्छे से नहला कर एक चुम्बन करते हुए एक-दूजे से विदा लेते हुए अपने-अपने रास्ते आ जाएँ।

मेरी दिल की तमन्ना है।

आप सब को कैसी लगी, प्लीज़ मुझे बताइयेगा। आप सभी के मेल का इंतजार रहेगा।

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