बॉस को मिली नई हसीन असिस्टेंट- 3
(Mature Sex Kahani)
मेच्योर सेक्स कहानी में ऑफिस असिस्टेंट के कहने पर बॉस उसकी मम्मी का जन्मदिन मनाने उनके घर गया. वह असिस्टेंट की मम्मी को चोदना चाहता था तो बढ़िया उपहार भी ले गया था.
दोस्तो, मैं एक बार पुनः अपनी सेक्स कहानी के अगले भाग को लेकर आपकी सेवा में हाजिर हूँ.
कहानी के पिछले भाग
ऑफिस असिस्टेंट की मम्मी की जवानी
में आपने अब तक पढ़ लिया था कि टीना की हॉट एंड सेक्सी मॉम सुनीता के बर्थडे पर निखिल उनके घर आ गया था और उन्हें अपनी लाई गिफ्ट पहनने के लिए दे दी थी. उस गिफ्ट में साड़ी के अलावा सेक्सी ब्रा पैंटी का सैट था जो सुनीता ने पहन लिया था और वह निखिल के प्रति आसक्त हो गई थी. वह निखिल से इतनी सुंदर गिफ्ट के लिए शुक्रिया कह रही थी.
अब आगे मेच्योर सेक्स कहानी:
निखिल- अरे नहीं नहीं सुनीता जी, अब ऐसा भी नहीं है. खूबसूरत चीज खूबसूरत लोगों तक पहुंचा ही गई. आपने मेरी इस गिफ्ट को कुबूल किया और मेरे कहने पर पहना भी, यही मेरे लिए बहुत है.
सुनीता- अब तुम मेरे लिए इतने प्यार से लाये थे तो मुझे तो पहनना ही था!
निखिल- चलिए आइए अब केक कट करते हैं.
सुनीता- हां हां चलिए.
पहले निखिल ने केक पर कुछ मोमबत्ती लगाईं और उन्हें जला दीं.
सुनीता ने फूंक मार कर मोमबत्ती को बुझा दिया और वह केक कट करने लगी.
तभी निखिल हैप्पी बर्थडे सॉन्ग गाने लगा.
सुनीता ने केक कट करके केक का एक टुकड़ा निखिल को खिलाया और निखिल भी सुनीता को केक खिलाया.
सुनीता किचन से कुछ स्नेक्स और कोल्डड्रिंक ले आई और वे दोनों एक दूसरे से बात करते हुए बैठ गए.
तभी बातों बातों में निखिल सुनीता से कहा- क्या मैं आपसे एक बात और पूछ सकता हूँ?
सुनीता- हां जरूर पूछिये.
निखिल- वह मैंने आपको एक और दूसरा बॉक्स दिया था … क्या अपने उसे खोला?
सुनीता शर्माती हुई- हां.
निखिल- आपने देखा उसे, क्या था उसमें?
सुनीता- हां खोल भी और देखा भी.
निखिल- कैसा लगा वह आपको?
सुनीता बिना कोई संकोच के बोली- जितनी ये साड़ी खूबसूरत है, उससे कहीं ज्यादा तो तुम्हारी दी हुई ब्रा पैंटी है.
निखिल के चेहरे पर स्माइल आ गई.
सुनीता- पर एक बात बताओ निखिल?
निखिल- हां बोलिए?
सुनीता- तुम्हें कैसे पता चला मेरे साइज के बारे में … इतने परफेक्ट साइज की ब्रा पैंटी तुम कैसे लेकर आए मेरे लिए?
निखिल- मेरी नज़र बहुत ही पारखी है सुनीता जी … मैं औरत के जिस्म को देख कर पता कर लेता हूं कि उसका क्या साइज है. क्या आपने अभी उस ब्रा पैंटी को भी पहना है?
सुनीता ने हां में अपना सर हिला दिया.
निखिल खुश होते हुए बोला- कैसी है … आपको पसंद तो आई न?
सुनीता- हां मुझे तो बहुत ही पसंद आई. जब उस ब्रा पैंटी के पहन कर मैं आईने के सामने गई तो मैं तो अपने आपको देखती ही रह गई. तुम्हारी दी हुए ये ब्रा पैंटी बहुत ही सेक्सी है!
निखिल- अगर आप बुरा न माने तो क्या मैं भी देख सकता हूँ कि वाकयी में मेरी दी हुई ब्रा पैंटी इतनी सेक्सी है?
सुनीता शर्माती हुई उठ कर वहां से जाने लगी तो निखिल ने सुनीता को पकड़ने की कोशिश की, पर वह सुनीता को पकड़ नहीं पाया.
उसके हाथ में सुनीता की साड़ी का पल्लू भर आ गया.
पल्लू पकड़ कर निखिल ने फिर से सुनीता से कहा- प्लीज़ सुनीता जी, मुझे भी दिखाइये न कि आप उस ब्रा पैंटी में कितनी खूबसूरत और सेक्सी लग रही हो?
सुनीता शर्माती हुई फिर से थोड़ा आगे को बढ़ी तो निखिल सुनीता की साड़ी को खींच दिया.
इस झटके से उसकी पूरी साड़ी निकल गई.
अब सुनीता निखिल के सामने अधनंगी ब्लाउज और पेटीकोट पहनी खड़ी थी
सुनीता की सांसें थोड़ी तेज हो गई थीं.
माहौल इतना गर्म और सेक्सी हो गया था कि वह अपने आप पर कंट्रोल नहीं कर पा रही थी.
निखिल सोफे से उठ कर सुनीता के पास गया और उसे अपनी तरफ खींच लिया.
सुनीता निखिल की बांहों में आ गई.
निखिल सुनीता से फिर से बोला- सुनीता जी, मुझे दिखाइए न कि आप कितनी सेक्सी लग रही हो उस ब्रा पैंटी में?
सुनीता धीरे से बोली- निखिल तुम खुद ही देख लो न!
सुनीता की ये बात सुनते ही निखिल धीरे से सुनीता के ब्लाउज़ को खोलने लगा.
सुनीता का ब्लाउज़ खोलते समय उसने दूध दबाए तो सुनीता की मादक सिसकारी निकल गई.
यह संकेत था कि आज आंटी चुदने को मचल रही थीं.
ब्लाउज उतरते ही निखिल को वह ब्रा दिखाई दे गई.
उसे सुनीता के गोरे मम्मों पर कसा हुआ देख कर निखिल के मुँह से निकल पड़ा ‘आह क्या सेक्सी लग रही ये ब्रा तुम पर!’
निखिल अपनी आंखें फाड़ फाड़ कर सुनीता की ब्रा और ब्रा से बाहर निकलते उसके सेक्सी बूब्स को देखे जा रहा था.
उसके मुँह से तो जैसे लार टपकने लगी थी.
फिर उसने अपना एक हाथ सुनीता के एक बूब्स पर रखा और उसे जोर से दबा दिया.
निखिल की इस हरकत से सुनीता के शरीर में एक करंट सा दौड़ गया.
सुनीता को निखिल का इस तरह उसे बूब्स को दबाना अच्छा लग रहा था तो वह बिना कुछ बोले निखिल के बूब्स को दबाने के मज़े लेने लगी.
सुनीता अपने पति के मरने के बाद आज पहली बार किसी दूसरे मर्द के सामने इस अधनंगी अवस्था में थी.
उसे एक मर्द का इस तरह छूना बहुत अच्छा लग रहा था.
वह पूरी मदहोश हो चुकी थी.
अब उसे किसी बात की कोई परवाह नहीं थी.
वह अपनी आंखें बंद करके निखिल के हाथों से अपने मम्मों को दवबाने के मज़े लेने लगी.
जब सुनीता ने कुछ न कहा, तो निखिल भी बिंदास हो गया.
अब निखिल ने भी सुनीता को अपनी बांहों में ले लिया और उसकी गर्दन पर किस करते हुए उसके दोनों बूब्स को दबाने लगा.
निखिल कभी सुनीता की गर्दन पर किस करता तो कभी ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स को किस करके मसल देता.
काफी देर तक वे दोनों इस मदहोश में डूबे रहे.
फिर निखिल अपना एक हाथ नीचे करते हुए सुनीता के पेटीकोट पर ले गया.
निखिल ने सुनीता के पेटीकोट का नाड़ा पकड़ कर खींच दिया तो तुरंत ही पेटीकोट सरकता हुआ नीचे ज़मीन पर गिर पड़ा.
अब सुनीता निखिल के सामने सिर्फ और सिर्फ ब्रा पैंटी में थी.
सुनीता को सिर्फ ब्रा पैंटी में देख कर निखिल ने फिर से कहा- सुनीता जी, आपकी खूबसूरती का तो कोई जवाब ही नहीं है. आप तो बला की खूबसूरत और सेक्सी लग रही हो.
तब सुनीता ने लजाते हुए कहा- ये तो तुम्हारी ही देन है निखिल कि तुम इतनी सेक्सी साड़ी और ये ब्रा पैंटी मेरे लिए लेकर आए हो … ये सब तो बस उसी का कमाल है!
फिर निखिल ने सुनीता को अपने गोद में उठा लिया और सोफे पर ले जाकर बैठ गया.
निखिल ने टेबल पर रखे केक का एक पीस उठाया और सुनीता के गालों पर मल दिया और उसी केक को उसके बूब्स के क्लीवेज पर मलता हुआ नीचे नाभि तक लगा दिया.
फिर अपने होंठों से सुनीता के शरीर पर लगे उस केक को चाटने लगा.
निखिल का इस तरह सुनीता के शरीर पर लगे केक को चाटने से सुनीता को फिर से एक करेन्ट सा लगा.
सुनीता अपनी मदहोशी के आलम में गुम हो गई थी और निखिल उसके पूरे शरीर को चाट रहा था.
कुछ देर बाद सुनीता ने कोल्डड्रिंक का गिलास उठाया.
उसने वह गिलास निखिल को दे दिया और दूसरा गिलास खुद ले लिया.
अब वह अपने गिलास से कोल्डड्रिंक को निखिल को पिलाने लगी और निखिल अपने गिलास से सुनीता को पिलाने लगा.
वे दोनों एक दूसरे को कोल्डड्रिंक पिलाने के साथ साथ आंखों से आंखों को देखे जा रहे थे.
उन दोनों की आंखों में वासना की प्यास साफ झलक रही थी.
इस बीच सुनीता ने जानबूझ कर अपने गिलास से कोल्डड्रिंक को निखिल के ऊपर गिरा दी.
इससे निखिल की पूरी शार्ट गीली हो गई.
अपनी इस हरकत के लिए सुनीता निखिल को सॉरी बोली और उसकी शर्ट के बटन खोलने लगी.
जल्द ही सुनीता ने निखिल की शर्ट को निकाल दिया.
निखिल की छाती पर कोल्डड्रिंक की कुछ बूंदें चिपक गई थीं, यह देख कर सुनीता निखिल की छाती से उन कोल्डड्रिंक की बूंदों को चाटने लगी.
निखिल भी सुनीता के सिर को अपनी छाती पर दबाते हुए अपनी छाती को चटवाने लगा.
सुनीता के इस तरह छाती को चाटने से निखिल को बेहद सनसनी हो रही थी और उसकी चुदास जागने लगी थी.
एक मर्द की छाती को चाटते चाटते सुनीता नीचे को सरकने लगी और उसने निखिल की जींस का बटन खोल दिया.
निखिल समझ गया. सुनीता जींस को नीचे सरकाने लगी तो निखिल ने भी सुनीता का साथ दिया.
फिर सुनीता ने निखिल की जींस को निकाल दिया.
अब दोनों ही अधनंगे थे.
सुनीता सिर्फ ब्रा पैंटी में थी और निखिल सिर्फ अपनी छोटी सी फ्रेंची अंडरवियर में था.
उस छोटी सी फ्रेंची अंडरवियर में निखिल का लंड एकदम कड़क हो गया था.
सुनीता धीरे धीरे निखिल के लंड को अंडरवियर के ऊपर से ही मसलने लगी थी.
दोनों ही चुदाई के फुल जोश में आ गए थे.
कुछ देर बाद निखिल ने सुनीता को अपनी गोद में उठाया.
वह उसे अन्दर कमरे में ले गया और बिस्तर पर लिटा दिया.
फिर वह खुद सुनीता के ऊपर चढ़ गया और उसके पूरे बदन को चूमने चाटने लगा.
निखिल सुनीता की कभी चूचियों को मसलता तो कभी उसकी नाभि को चूमता चाटता.
अब सुनीता मस्त रंडी सी किलकने लगी थी, मेच्योर सेक्स की शुरूआत हो चुकी थी.
तभी निखिल ने धीरे से सुनीता की ब्रा का हुक खोल दिया और उसके मम्मों को आजाद कर दिया.
उसके फुदकते दूध निखिल को ललचाने लगे थे तो उसने अपना मुँह सुनीता के मम्मों पर लगा दिया.
वह एक दूध को अपने होंठों में दबा कर खींच खींच कर पीने लगा.
सुनीता मस्त होने लगी और वह निखिल के सर को अपने वक्ष में दबाने लगी.
काफी देर सुनीता के दोनों मम्मों को बारी बारी से पीने और मसलने के बाद अब वे दोनों अलग हुए तो उनकी वासना के न/शे में लाल आंखें साफ बता रही थीं कि अब जिस्म से जिस्म को रगड़ने का वक्त आ गया था.
सुनीता ने निखिल को धक्का देकर बिस्तर पर गिरा दिया और वह उसके ऊपर चढ़ गई.
उसने निखिल की अंडरविअर निकाल दी और उसके लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी.
सुनीता के इस तरह निखिल का लंड चूसने से निखिल भी मदहोशी में गुम हो चुका था.
उसके मुँह से मीठी आहें निकलने लगी थीं.
कुछ देर बाद निखिल ने सुनीता को अपने लंड से अलग किया और उसको फिर से बिस्तर पर चित लिटा दिया.
निखिल सुनीता के दोनों पैरों को खोल कर उसकी चूत के पास अपना मुँह ले आया.
पहले उसने चूत को पैंटी के ऊपर से ही सूंघा फिर एक झटके में उसने अपने दोनों हाथों से पैंटी की इलास्टिक को पकड़ा और खींच कर उतारने लगा.
सुनीता ने अपनी गांड उठा कर पैंटी निकालने में मदद की.
चूत नंगी हुई तो निखिल सुनीता की चूत को चाटने और चूसने लगा.
सुनीता को तो जैसे चैन पड़ गया था. वह अपनी कमर को उठा उठा कर अपनी चूत निखिल के मुँह में देने लगी.
‘आह आह चाट लो आह आह मस्त मजा आ रहा है निखिल आह!’
काफी देर तक चूत चूसने और चाटने के बाद निखिल बिस्तर पर लेट गया और उसने सुनीता को ऊपर आने का इशारा कर दिया.
सुनीता झट से उसके ऊपर आ गई और निखिल के तनतनाते लंड को अपनी चूत में सैट करने लगी. लंड एकदम कड़क था तो जल्द ही चूत के मुँह में सैट हो गया.
लंड को अपनी चूत में लेकर सुनीता एकदम से बैठ गई.
लंड एकदम से अन्दर घुसा तो सुनीता के कंठ से चीख निकल गई क्योंकि उसने पति के जाने के बाद चूत में उंगली तक नहीं की थी.
कुछ ही देर की पीड़ा के बाद सुनीता अपनी गांड को उछाल उछाल कर अपनी चुदाई का आनन्द लेने लगी.
काफी देर उस पोजीशन में करने के बाद अब निखिल ने सुनीता को घोड़ी बनने के लिए कहा, तो सुनीता ने वैसा ही किया.
अब निखिल ने पीछे से सुनीता की चूत में अपना लंड डाल दिया और दोनों फिर से संभोग क्रिया का आनन्द लेने लगे.
उस रात दो बार अलग अलग पोजीशनों में चुदाई का मजा लेने के बाद दोनों एक दूसरे से लिपट गए और थक कर सो गए.
इस मेच्योर सेक्स कहानी पर आपके विचार आमंत्रित हैं.
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